Saturday, 28 March 2020

देश बंद, काम ठप, पैसा खत्म! अब पैदल नाप रहे गांव : संजय पाटिल

देश बंद, काम ठप, पैसा खत्म! अब पैदल नाप रहे गांव : संजय पाटिल

कोरोना: देश बंद, काम ठप, पैसा खत्म! अब पैदल नाप रहे गांव

 संजय पाटिल : अब सड़कों पर गहरा सन्नाटा है। कोरोना से रोजी-रोटी छिनने का शोर तस्वीरों के बाहर न जाने कैसे सुनाई दे रहा है। अब काम नहीं तो पैसा नहीं, पैसा नहीं तो चूल्हे पर रोटी कहां से आएगी। कितने परिवार जो गांव से तमाम रिश्तों की गांठ छुड़ाकर दूसरे शहरों में तिनकों से आशियाना बनाने का ख्वाब पाल रहे थे, सब खाक हो चुका है। वह नंगे पैर वापस लौट रहे हैं क्योंकि देश बंद है तो बसें, ट्रेन भी तो बंद हैं बाकी संचालन तो हवाई जहाज का भी ठप है लेकिन यह जरा ख्वाब से आगे की चीज थी। इन तस्वीरों को देख गहरी टीस पैदा होगी। आंखों में आंसू आ जाएं तो कुछ और नहीं बस निर्देशों का पालन करना शुरू कर दीजिएगा ताकि जल्द देश स्वस्थ हो क्योंकि इनकी जिंदगी उसी के सहारे है...
कुछ बच्चे पिता के कंधे और गोद पर लदे हैं तो कुछ सड़क पर हर कदम के साथ मां-बाप से पूछ रहे हैं कि हम घर कब पहुंचेंगे। दरअसल, कोरोना ने देश बंद करा दिया। देश बंद है तो काम भला कहां मिलेगा। काम नहीं तो पैसा भी कहां मिलता है। न खाना है, न पैसा है, न छत...गांव राजस्थान में है तो पैदल शहर नापा जा रहा है।
राजस्थान के एक मजदूर तेजभाई ने कहा, 'मैं अहमदाबाद के रानीप इलाके में काम कर रहा था और मेरे मालिक ने मुझे काम बंद करके वापस जाने को कह दिया। उन्होंने मुझे बस किराया दिया, लेकिन सभी सार्वजनिक परिवहन बंद हैं, इसलिए हम पैदल अपने गांव वापस जाने को मजबूर हैं।'
बुधवार को साबरकांठा जिले में हाईवे पर अपने बच्चों और सामान के साथ पैदल जाते हुए मजदूरों को देखा गया। इनमें से कई बुधवार दोपहर को इदर, हिम्मतनगर और प्रांतिज पहुंचे। भयंकर गर्मी के बीच इनके चेहरे पर थकान साफ झलक रही थी।
बुधवार को साबरकांठा जिले में हाईवे पर अपने बच्चों और सामान के साथ पैदल जाते हुए मजदूरों को देखा गया। इनमें से कई बुधवार दोपहर को इदर, हिम्मतनगर और प्रांतिज पहुंचे। भयंकर गर्मी के बीच इनके चेहरे पर थकान साफ झलक रही थी।
लॉकडाउन के बाद जयपुर में कोल्ड स्टोरेज में काम करने वाले 14 मजदूर वहां से पैदल बिहार अपने घर जाने के लिए निकल पड़े हैं। कई दिक्कतों का सामना करते हुए मंगलवार को ये आगरा पहुंचे। इनमें से एक बिहार के सिफॉल निवासी सुधीर कुमार ने बताया कि एक महीने पहले अपने 14 साथियों के साथ जयपुर के कोल्ड स्टोरेज में काम करने के लिए गया था। अभी 25 दिन ही हो पाए थे कि सरकार के आदेश पर कोल्ड स्टोरेज को बंद कर दिया गया। इसके बाद कोल्ड स्टोरेज मालिक ने दो हजार रुपये देकर उन्हें घर भेज दिया। मगर जयपुर में कर्फ्यू लगा हुआ है। इस कारण कोई वाहन नहीं चल रहा।
तीन दिन में जयपुर से आगरा पहुंचे
ये सभी 14 लोग अपने साथियों के साथ पैदल ही घर के लिए निकल गए हैं। 21 मार्च को ये सभी जयपुर से निकले थे और मंगलवार को आगरा पहुंच पाए हैं। रास्ते में खाने-पीने का सामान न मिल पाने की वजह से भूखे पेट चल रहे हैं। रास्ते में जो मिल जाता है, उसी से पेट भर लेते हैं। उन्हें करीब 1000 किलोमीटर दूर अपने जिले में जाना है। इस ग्रुप में प्रभास, संजीत, श्याम, विनोद, सुग्रीव, पवन, गुलशन, रंजीत, दीपनारायण, भूपेंद्र, मनोज, अर्जुन और सुधीर कुमार आदि चल रहे हैं। रास्ते में पुलिस रोकती है तो वे पैदल अपने घर जाने के लिए कह देते हैं।
महाराष्ट्र में, भारत के लॉकडाउन अवधि के दौरान बहुत से श्रमिक लोग अपने गृह नगर में प्रवास के लिए पैदल यात्रा कर रहे है. 
नागपुर-अमरावती हाइवे पर 'लॉक' हुई ट्रक ड्राइवरों की जिंदगी,नमक-रोटी खा रहे है  :संजय पाटिल

नागपुर-अमरावती हाइवे पर 'लॉक' हुई ट्रक ड्राइवरों की जिंदगी,नमक-रोटी खा रहे है :संजय पाटिल

लॉकडाउन: हाइवे पर 'लॉक' हुई ट्रक ड्राइवरों की जिंदगी, नमक-रोटी खाकर कर रहे गुजारा

संजय पाटिल : नागपुर:  महाराष्ट्र के नागपुर-अमरावती हाइवे में सामान पहुंचाने आए ट्रक ड्राइवर भी लॉकडाउन की वजह से फंस गए हैं। ये ड्राइवर गुजरात से सामान ढोने आए थे लेकिन 19 मार्च से हाइवे में ही फंसे हुए हैं। इन्हें यही उम्मीद है कि लॉकडाउन 21 दिन से आगे न बढ़े।

लॉकडाउन के दौरान घरों में कैद लोगों के लिए जरूरी सामान पहुंचाने लेकिन वापस अपने घर ही नहीं जा पा रहे... लॉकडाउन के चलते कई ट्रक डाइवर भी हाइवे में फंसे हुए हैं। महाराष्ट्र के नागपुर में माल ढोने वाले ट्रक वापस अपने शहरों को नहीं जा पा रहे हैं। उन्होंने अपने ट्रकों को ही शेल्टर बना लिया है और नमक-रोटी खाकर किसी तरह गुजारा करने को मजबूर हैं। मामला नागपुर का है, एक हफ्ते से भी अधिक समय से ट्रक ड्राइवर नागपुर-अमरावती हाइवे में रुके हुए हैं। इनके पास पैसा खत्म हो चुका है और एटीएम भी काम नहीं कर रहे हैं। हाइवे के ढाबे भी बंद हैं।
एक ट्रक ड्राइवर ने बताया, 'हम गुजरात से सामान पहुंचाने आए थे लेकिन 19 मार्च से यहीं फंसे हुए हैं। हर चीज के दाम भी बढ़ गए है। हम खिचड़ी और नमक-रोटी खाकर किसी तरह गुजारा कर रहे हैं।' एक दूसरे ड्राइवर बालकृष्ण पांडेय ने बताया, 'हमारा एक वाहन कलमेश्वर स्थित एक गोदाम में दवाइयों के खेप पहुंचाने आया था लेकिन अब वह वापस नहीं जा पा रहा है। इसके अलावा कुछ और खाली ट्रक भी हैं जो वापस नहीं जा पा रहे हैं।'
बालकृष्ण बताते हैं, 'खाना पकाने के लिए हम डीजल से आग जला रहे हैं। शुरुआत में हमने आसपास की दुकानों से सामान खरीदा लेकिन अब पैसा भी खत्म हो गया है।' बालकृष्ण पांडेय बस यही चाहते हैं कि लॉकडाउन 21 दिन से ज्यादा न बढ़े।प्रयागराज के रहने वाले माणिकचंद तिवारी कहते हैं कि पास के एटीएम में भी पैसा नहीं है। वह बताते हैं, 'हमारे पास पैसा नहीं बचा है और एटीएम में भी नहीं। यह इंतजार खत्म होता नजर नहीं आ रहा है।'
ट्रक में ग्रीस लगाने वाले नन्हे सोनी इन दिनों बेरोजगार हैं लेकिन किसी तरह मैनेज कर रहे हैं। वह बताते हैं कि उन्होंने नवरात्र का व्रत रखा हुआ है। नागपुर ट्रकर्स यूनिट के अध्यक्ष कुक्कू मारवा ने बताया, 'परडी नाका पर ट्रकों की लंबी लाइन लगी है। हमारे असोसिएशन के सदस्य वहां खाना बांटने गए थे लेकिन पुलिस ने एक किमी पहले ही रोक दिया और सिर्फ एक समय में एक ड्राइवर को ही खाना ले जाने की अनुमति दी।'

Friday, 27 March 2020

भारत में मई तक सामने आ सकते हैं कोरोना वायरस के 13 लाख केस, रिसर्चर्स ने जताई आशंका: संजय पाटिल

भारत में मई तक सामने आ सकते हैं कोरोना वायरस के 13 लाख केस, रिसर्चर्स ने जताई आशंका: संजय पाटिल

ICMR ने जारी किए देश में कोरोना के मरीजों के नए आंकड़े
संजय पाटिल : नई दिल्ली : कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर के देशों में देखने को मिल रहा है। भारत भी इस जानलेवा वायरस के संक्रमण की चपेट में है। अब तक कोरोना के 562 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, वहीं इस महामारी से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार की ओर से कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया है। बावजूद इसके जिस तरह से कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम की रिपोर्ट ने आशंका जताई गई है कि मई के दूसरे हफ्ते तक भारत में 13 लाख कोरोना के मामले आ सकते हैं।
मई के मध्य तक सामने आ सकते हैं 13 लाख केस: रिपोर्ट
भारत में कोरोना के मामलों की स्टडी करने वाले COV-IND-19 स्टडी ग्रुप के रिसर्चर्स ने मौजूदा आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद जारी रिपोर्ट में ये आशंका जताई है। शोधकर्ताओं ने रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने शुरुआती दौर में कोरोना के मामलों को नियंत्रित करने में इटली और अमेरिका जैसे दूसरे देशों की अपेक्षा अच्छा काम किया है। हालांकि, हमारा ये अनुमान भारत में शुरुआती चरण के आंकड़ों के आधार पर है। इसमें एक खास बात ये है कि देश में प्रभावित मामलों की असली संख्या स्पष्ट नहीं है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में इसको लेकरटेस्टिंग रेट बेहद कम हैं।
वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम की रिपोर्ट में आशंका
रिपोर्ट में रिसर्चर्स ने बताया है कि अब तक, भारत में कोरोना टेस्ट किए गए लोगों की संख्या अपेक्षाकृत कम रहा है। व्यापक टेस्ट नहीं होने से कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की भयावहता को निर्धारित करना असंभव है। दूसरे शब्दों में कहें तो टेस्ट की दरें कम होने की वजह से अभी ये अनुमान लगाना बेहद कठिन है कि अस्पताल और हेल्थकेयर सुविधाओं से अलग कितने लोग इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हैं। कोरोना से संक्रमित मामलों की पुष्टि इसके टेस्ट से ही स्पष्ट होता है।
टेस्टिंग रेट को लेकर उठाए हैं सवालरिपोर्ट में रिसर्चर्स ने कहा है कि हमारे मौजूदा अनुमान भारत में शुरुआती चरण के आंकड़ों के आधार पर सबसे कम आंक रहे हैं। अमेरिका और इटली जैसे दूसरे देशों में भी शुरुआती दौर में ऐसा ही पैटर्न देखा गया था हालांकि बाद में वहां COVID-19 धीरे-धीर फैलते हुए बहुत तेज हो गया। इन देशों में सामने आए आंकड़े इसके गवाह हैं कि इस वायरस ने वहां कितना लोगों को अपनी चपेट में लिया। कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में अबतक 18,915 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 4,22,900 लोग संक्रमित हैं।

रिसर्चर्स ने रिपोर्ट में कहा, 'भारत के लिए यह जरूरी है कि वह देश में कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से फैलने से पहले बेहद कड़े उपायों को अपनाए।' वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में 16 मार्च तक भारत में दर्ज मामलों से जुड़े आंकड़ों का इस्तेमाल किया। वैज्ञानिकों में दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, नयी दिल्ली और मिशिगन विश्वविद्यालय, अमेरिका के वैज्ञानिक भी शामिल हैं। उन्होंने विश्व बैंक के डेटा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में प्रति 1000 व्यक्ति बेड की संख्या सिर्फ 0.7 है, जबकि फ्रांस में यह 6.5, दक्षिण कोरिया में 11.5, चीन में 4.2, इटली में 3.4 और अमेरिका में 2.8 है।


कोरोना वायरस: देश के 27 राज्यों में 854 मरीज, कहां कितने पूरी लिस्ट

कोरोना वायरस का कहर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी कल पूरे देश में तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दीहै। अब तक 854 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसमें से 47 विदेशी हैं। 63 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं, 1 लोगों की मौत भी हो चुकी है। भारत सरकार की तरफ से लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है, फैलने से रोकने के लिए कई कदम भी उठाए गए हैं। विदेशों में फंसे भारतीयों को भी सरकार वापस ला रही है। अबतक कहां कितने मामले सामने आए, देखें राज्यवार लिस्ट...

कोरोना वायरस: देश के 27 राज्यों में 854 मरीज, कहां कितने पूरी लिस्ट

कोरोना वायरस के भारत में अबतक 854 कन्फर्म मामले सामने आए हैं। इनमें से 47 विदेशी हैं। 63 ठीक हो चुके हैं और 22 की मौत हो चुकी है। किस राज्य में कितने मामले सामने आए जानिए...






कोरोना वायरस का कहर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी कल पूरे देश में तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दीहै। अब तक 854 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसमें से 47 विदेशी हैं। 63 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं, 1 लोगों की मौत भी हो चुकी है। भारत सरकार की तरफ से लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है, फैलने से रोकने के लिए कई कदम भी उठाए गए हैं। विदेशों में फंसे भारतीयों को भी सरकार वापस ला रही है। अबतक कहां कितने मामले सामने आए, देखें राज्यवार लिस्ट...
ICMR ने जारी किए देश में कोरोना के मरीजों के नए आंकड़े
राज्यपॉजिटिव केस (भारतीय)पॉजिटिव केस (विदेशी)डिस्चार्जमौत
1.दिल्ली35161
2.हरियाणा161411
3.केरल12986
4.राजस्थान3923
5.तेलंगाना35101
6.उत्तर प्रदेश40111
7.लद्दाख13--
8.तमिलनाडु23611
9.जम्मू-कश्मीर13-1
10.पंजाब33--1
11.कर्नाटक55031
12.महाराष्ट्र127313
13.आंध्र प्रदेश12-1
14.उत्तराखंड41-
15.ओडिशा2--
16.प. बंगाल10--1
17.छत्तीसगढ़6--
18.गुजरात421-3
19.पुड्डुचेरी1---
20.चंडीगढ़7--
21.मध्य प्रदेश20--1
22.हिमाचल प्रदेश3--1
23.बिहार6--1
24.मणिपुर1---
25.मिजोरम1--
26.गोवा3---
27अंडमान एवं निकोबार1---
677 (राज्यवर अपडेट का इंतजार)474517

Thursday, 26 March 2020

"कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन पर्याप्त नहीं" -रघुराम राजन: संजय पाटिल

"कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन पर्याप्त नहीं" -रघुराम राजन: संजय पाटिल

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संजय पाटिल:नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि कोरोना जैसी महामारी को रोकने के लिए केवल देशव्यापी लॉकडाउन ही पर्याप्त नहीं है। राजन ने कहा कि यह एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि लॉकडाउन न केवल लोगों को काम पर जाने से रोकता है, बल्कि यह उन्हें घर पर ही रखता है और जरूरी नहीं कि ये घर पुरातन व्यवस्था के मुताबिक दूर-दूर हों, बल्कि यह झुग्गी-झोपड़ी भी हो सकता है, जहां लोग एक साथ मिलकर रहते हों।
रीबों के समक्ष बड़ी समस्या
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में राजन ने कहा, 'कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकना कठिन है।' उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से समाज के गरीब तबके के लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। केंद्र सरकार ने 21 दिनों के लंबे लॉकडाउन की घोषणा की है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। करोड़ों लोग अपने घर ही रहने को मजबूर हैं, जिसके कारण अधिकतर लोगों के समक्ष बुनियादी सुविधाओं जैसे भोजन और दवाओं की समस्या खड़ी हो गई है।
लड़ाई में कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर बाधा
राजन ने यह भी कहा कि सरकार की कोरोना संक्रमण से लड़ाई में देश की कमजोर बुनियादी संरचना बाधक है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्वास्थ्य संकट से निपटने में तमाम संसाधनों का इस्तेमाल करने की जरूरत है।

देशों में असमंजस, समन्वय में कमी
कोरोना वायरस से वैश्विक जंग पर आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि असमंजस तथा देशों के बीच समन्वय में कमी की बात से इनकार नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, 'हर देश घबराया हुआ है, इसलिए थोड़ा बहुत असमंजस की बात समझ में आती है। आपको बाकी दुनिया के बारे में सोचने से पहले अपने देश में चिकित्सकीय आपूर्ति के बारे में ध्यान देना चाहिए।'
600 से अधिक चपेट में
भारत में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है और अब तक 600 से भी अधिक लोगों को संक्रमित कर चुका है। गुरुवार दोपहर तक 609 मामले सामने आ चुकी है। कोरोना वायरस की वजह से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया भर में अब तक 2.65 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस संक्रमित हो चुके हैं और 21 हजार से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका : आर्थिक आपातस्थिति लागू करो : लॉकडाउन : संजय पाटिल

सुप्रीम कोर्ट में याचिका : आर्थिक आपातस्थिति लागू करो : लॉकडाउन : संजय पाटिल

अधिवक्ता विराग गुप्ता के माध्यम से सेन्टर फॉर अकान्टेबिलिटी एंड सिस्टेमेटिक चेंज नामक संगठन ने यह याचिका दायर की है।

संजय पाटिल : नई दिल्ली: कोरोनावायरस की महामारी की वजह से लॉकडाउन के मद्देनजर देश में आर्थिक आपात स्थिति लागू कराने के लिये सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है। याचिका में दावा किया गया है कि लॉकडाउन की वजह से देश में वित्तीय गतिविधियां ठहर गयी हैं। अधिवक्ता विराग गुप्ता के माध्यम से सेन्टर फॉर अकान्टेबिलिटी एंड सिस्टेमेटिक चेंज नामक संगठन ने यह याचिका दायर की है।
याचिका में दावा किया गया है कि कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिये अलग अलग प्राधिकारी अलग अलग कदम उठा रहे हैं जिसकी वजह से भ्रम की स्थिति है। याचिका के अनुसार ऐसी स्थिति में कानून के शासन की सुरक्षा के लिये संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत आर्थिक आपात स्थिति लगाने की आवश्यकता है। याचिका के अनुसार प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है और इस दौरान अनेक पाबंदियां लगायी गयी हैं।

याचिका में कहा गया है, ‘विभिन्न प्राधिकारियों द्वारा अलग अलग कदम उठाये जाने की वजह से भ्रम पैदा हो रहा है और अराजकता कोविड-19 जैसी गंभीर समस्या का समाधान नहीं हो सकती। लॉकडाउन की वजह से वित्तीय गतिविधियां ठहर गयी हैं। अत: संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत देश में आर्थिक आपात स्थिति लागू करने की आवश्यकता है।’
याचिका में लॉकडाउन के दौरान केन्द्र को बिजली, पानी, गैस, टेलीफोन, इंटरनेट जैसी आवश्यक सेवाओं के बिलों की वसूली और ईएमआई की अदायगी निलंबित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है । इसी तरह, राज्यों की पुलिस और संबंधित प्राधिकारियों को केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है ताकि देश में आवश्यक सेवाएं बाधित न हों।
याचिका के अनुसार कोविड-19 की वजह से देश की मौजूदा स्थिति हो सकता है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास की सबसे बड़ी आपात स्थिति हो और इसलिए इस पर केन्द्र तथा राज्य सरकारों के बीच एकीकृत कमान के माध्यम से संविधान के प्रावधानों के अंतर्गत विचार किया जाये। याचिका में दलील दी गयी है , ‘ऐसा करना सिर्फ कोरोनावायरस को इसके खिलाफ जंग में हराने के लिये ही आवश्यक नहीं है बल्कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये भी जरूरी है। इस लॉकडाउन की वजह से इस समय आवागमन की आजादी के अधिकार से संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त अधिकारों के साथ ही लगभग सारे मौलिक अधिकार इस समय निलंबित हैं।’
इस संगठन ने अपनी याचिका पर वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से तत्काल सुनवाई करने का न्यायालय से अनुरोध किया है। न्यायालय ने कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर अपना कामकाज सीमित करते हुये यह निर्णय किया था कि वह अत्यधिक जरूरी मामलों की वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से ही सुनवाई करेगा।
बैंक आपके घर पर पहुंचाएगा कैश : ATM नहीं जाना : संजय पाटिल

बैंक आपके घर पर पहुंचाएगा कैश : ATM नहीं जाना : संजय पाटिल

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संजय पाटिल : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप पर लगाम लगाने के लिए देशभर में अगले 21 दिनों के लॉकडाउन से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात अगले 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है। हालांकि, इस दौरान जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति जारी रहेगी। चूंकि लॉकडाउन में घर से बाहर निकलने पर रोक होती है, इसलिए घर में कैश की किल्लत हो सकती है।

घर बैठे मिलेगा कैश

वैसे एटीएम से कैश निकालने के लिए भी लॉकडाउन से छूट मिलती है। लेकिन अगर एटीएम आपके घर से दूर हो तो मुश्किल बढ़ सकती है। ऐसे में बैंक खुद आपको आपके घर पैसे देने आएगा। हम आपको बताने जा रहे हैं यह कैसे मुमकिन होगा।

ये बैंक करते हैं नकदी की होम डिलीवरी

लॉकडाउन के दौरान बैंक जरूरी सेवाओं को जारी रखेंगे। एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक तथा एक्सिस बैंक अपने ग्राहकों को घर पर कैश डिलीवरी की सुविधा प्रदान करते हैं।


SBI आपके घर तक पहुंचाएगा कैश

देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI आपके घर तक नकदी पहुंचाने की सुविधा प्रदान करता है। यही नहीं, आपके घर पर ही बैंक आपके पैसे जमा लेने की भी सुविधा प्रदान करता है।
मेडिकल इमर्जेंसी के दौरान एसबीआई का ग्राहक 100 रुपये का शुल्क चुकाकर बैंक की इस अनोखी सुविधा का फायदा उठा सकता है।
एचडीएफसी बैंक भी अपने खातधारक को घर पर नकदी पहुंचाने की सुविधा प्रदान करता है। कैश लिमिट 5,000-25,000 रुपये है और इसके लिए बैंक 100-200 रुपये का शुल्क लेता है।

एक्सिस, कोटक महिंद्रा भी देता है यह सुविधा

एक्सिस बैंक तथा कोटक महिंद्रा बैंक भी यह सुविधा प्रदान करता है।


1.70 लाख करोड़ का पैकेज : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण : संजय पाटिल

1.70 लाख करोड़ का पैकेज : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण : संजय पाटिल

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नई दिल्ली: संजय पाटिल
कोरोना वायरस से पस्त इकॉनमी को राहत देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.7 लाख करोड़ के स्पेशल पैकेज का ऐलान किया। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि गरीबों के लिए खाने का प्रबंध किया जाएगा। इसके अलावा डीबीटी के जरिए अकाउंट में पैसे ट्रांसफर भी किए जाएंगे। इसके अलावा, सरकार ने जो बड़ा ऐलान किया है, उसमें 3 महीनों तक एम्प्लॉयी और एम्प्लॉयर दोनों के हिस्से का योगदान सरकार करेगी। यह वहां लागू होगा जहां 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी 15 हजार से कम वेतन पाते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि जो लोग कोरोना की लड़ाई में साथ दे रहे हैं उनके लिए 50 लाख का इंश्योरेंस कवर सरकार देगी। इनमें आशा वर्कर्स और डॉक्टर आशा वर्कर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टॉफ शामिल हैं। इससे 20 लाख मेडिकल कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को मुख्य रूप से दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ गरीब लोगों को कवर किया जाएगा। इस योजना के तहत अगले तीन महीने तक पांच किलो चावल/गेहूं मुफ्त में दिया जाएगा। इसके अलावा एक किलो दाल हर परिवार को मुफ्त में मिलेगा।

योजना के तहत आठ कैटिगरीज में किसान, मनरेगा, गरीब विधवा-पेंशनर्स-दिव्यांग, जनधन योजना-उज्ज्वला स्कीम, सेल्फ हेल्प ग्रुप (वुमन), ऑर्गनाइज्ड सेक्टर वर्कर्स (EPFO), कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को मिलेगा डीबीटी का लाभ मिलेगा। बुजुर्ग, दिव्यांग और विधवा को एकमुश्त 1000 रुपये दो किस्तों मे दी जाएगी। यह अगले तीन महीने में दिया जाएगा। यह राशि अलग से मिलेगी।

8.7 करोड़ किसानों के अकाउंट में अप्रैल के पहले हफ्ते में 2000 रुपये की किस्त डाल दी जाएगी, ताकि उनको तुरंत फायदा मिलना शुरू हो जाए।

देश में मनरेगा योजना का लाभ 5 करोड़ परिवारों को मिलता है। मनरेगा दिहाड़ी अब 182 से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गई है।

जनधन योजना वली करीब साढ़े 20 करोड़ महिलाओं के खाते में अगले 3 महीने तक डीबीटी के जरिए हर महीने 500 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे।

कोरोना वायरस की चिंता से मुक्त करने के लिए सरकार के बड़े ऐलान। अन्न-धन और गैस की चिंता खत्म होगी। करीब 8.3 बीपीएल करोड़ परिवारों को उज्जवला स्कीम के तहत 3 महीोनं तक फ्री एलपीजी सिलेंडर दिए जाएंगे।

सरकार एम्प्लॉयी और एम्प्लॉयर दोनों के द्वारा किया जाने वाला ईपीएफ योगदान अगले तीन महीनों के लिए ऐसा करेगी सरकार। ये उन सभी ऑफिसेस के लिए है जिनमें 100 से ज्यादा एम्प्लॉयी हैं। उनमें से 90% जो 15000 रुपये से कम सैलरी लेते हैं, उनको फायदा मिलेगा। इससे 80 लाख मजदूरों को और 4 लाख संगठित इकाइयों को फायदा मिलेगा।

वित्त मंत्री के इस बड़े ऐलान के बाद शेयर बाजार में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखाई दे रहा है। पैकेज के ऐलान की आस में बाजार ज्यादा ऊपर था। फिलहाल सेंसेक्स दिन के हाई से काफी नीचे है।
देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 600 पार कर गई है। 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है। आज दोपहर एक बजे वित्त मंत्री मीडिया को संबोधित करने वाली हैं। मंगलवार को उन्होंने उद्योग जगत और आम आदमी को कई राहत देते हुए ऐलान किया था कि बहुत जल्द राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी। राहत पैकेज को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

कई रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि मोदी सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए देश के करीब 8-10 करोड़ परिवार को 5000-6000 रुपये देने के बारे में विचार कर रही है।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि निर्मला सीतारमण आज 1.5 लाख करोड़ रुपये के कोरोना वायरस स्पेशल फंड की घोषणा कर सकती हैं। इस फंड के अलावा वर्तमान में जिन लोगों पर कर्ज है, उनको भी राहत दी जा सकती है। वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक को इस बाबत चिट्ठी लिखी है कि क्या EMI और लोन री-पेमेंट में फिलहाल कुछ महीने के लिए राहत दी जा सकती है। मंगलवार को हुई बैठक में सरकार ने हेल्थकेयर और इंफ्रा सेक्टर के लिए 15000 करोड़ रुपये की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा था कि आर्थिक पैकेज से कोरोना के संकट से पार पाने में मदद मिलेगी। सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने को लेकर ‘लॉकडाउन’ के कारण उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव तथा नौकरियां जाने को लेकर प्रोत्साहन पैकेज की बात कही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक आर्थिक टास्क फोर्स का गठन किया था।