भंडारा. संजय पाटील : जिले में महिला अस्पताल का भूमिपूजन हुए कई वर्ष बीत जाने के बाद भी अस्पताल का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है. 7 वर्ष से इस अस्पताल के निर्माण को लेकर तरह-तरह के प्रयास किए गए. इसी दौरान कोरोना का संकट उत्पन्न होने से प्रस्तावित अस्पताल का निर्माण कार्य कब शुरू होगा, इस बात को लेकर चर्चाएं शुरू हैं.
विभाजन के बाद से शुरू हुई थी मांग
भंडारा जिले का विभाजन होने के बाद भंडारा तथा गोंदिया 2 जिले बने. जिले के विभाजन के बाद से ही भंडारा जिले में महिला अस्पताल का निर्माण करने की मांग शुरू हो गई थी और इस अस्पताल के निर्माण के लिए जगह देख कर भूमिपूजन भी किया गया. विधायक नरेंद्र भोंडेकर की ओर से लगातार की जा रही मांग के बाद आघाड़ी के शासन काल में भंडारा जिले में स्वतंत्र महिला अस्पताल को मंजूरी मिली. इसके लिए निधि भी मंजूर की गई, लेकिन अस्पताल के लिए उचित स्थान नहीं मिल रहा था.
जगह खोजने में लगा वक्त
अस्पताल के लिए जगह खोजने में काफी वक्त लग गया. सरकारी जगह पर नजरें गड़ानेवालों की ओर से लगातार जगह को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी रहा. अंतत: भारी खींचतान के बाद 2 वर्ष पूर्व नगर परिषद के जल शुद्धिकरण केंद्र के पास स्थित जगह पर महिला अस्पताल के लिए जगह को मंजूरी मिल गई. उसके बाद तत्कालीन पालक मंत्री डा. परिणय फुके के हाथों इस जगह का भूमि पूजन किया गया. उसके बाद निविदा प्रक्रिया को पूरा कर अस्पताल निर्माण कार्य के शुभारंभ की घोषणा भी की थी, लेकिन निर्माण कार्य के शुभारंभ की घोषणा सिर्फ घोषणा ही बनकर रह गई. बताया जा रहा है कि जिला महिला अस्पताल के निर्माण कार्य की प्रक्रिया अभी शुरू होने ही वाली थी कि कोरोना महामारी का संकट आ गया, जिस वजह से एक बार फिर जिला अस्पताल का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है.