संजय पाटील -द्वारा
नागपूर--याचिका नागपुर बेंच में दायर की गई
संविधान और लोकतंत्र विरोधी होने के कारण उत्तर प्रदेश में उन्नाव लोकसभा क्षेत्र से चुने गए भाजपा सांसद साक्षी महाराज से बंबई उच्च न्यायालयनागपूर खंडपीठ में याचिका दायर की गई थी।
पूर्व पार्षद जनार्दन मून ने साक्षी महाराज के खिलाफ याचिका दायर की । अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनावों के बाद देश में लोकसभा चुनाव नहीं होंगे। यह देश का आखिरी चुनाव होगा। उन्नाव में आयोजित एक कार्यक्रम में सांसद साक्षी महाराज द्वारा दायर याचिका में यह विवादित बयान कि यह चुनाव देश के नाम पर लड़ा जा रहा है। उनके द्वारा दिया गया बयान राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 की धारा 10 (2) (बी) और 1955 के नागरिकता अधिनियम के तहत प्रावधान के विपरीत है। पहला कानून तीन साल के लिए लगाया गया है और दूसरा कानून नागरिकता को हटाने के लिए प्रदान करता है। दोनों कानूनों के अनुसार, केंद्र सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
याचिका में, केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुख्य सचिव, नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त, नागपुर के पुलिस आयुक्त और सांसद, साक्षी महाराज को प्रतिवादी बनाया गया है। न्यायाधीश जेड.ए. न्यायमूर्ति हक और विनय जोशी की पीठ शुक्रवार को सुनवाई करने की संभावना है। याचिकाकारर्ततरफे अभिभाषक अश्विन इंगोले कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे।
It is the preach of Constitutional Articles . Court Should decided the matter, and what happened those three people who was burned the copy Of Indian Constitution before the gate of Sansad Bhawan . New Delhi.
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