Tuesday, 31 March 2020

Search for hundreds of people after Delhi prayer meeting of Tablighi Jamaat : Sanjay Patil

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Meghalayans who Attended Tablighi Jamaat Meet Yet to Return; 7 in ...


Sanjay Patil  : by the  Sources : At least six regions have reported cases that can be directly traced to the days-long congregation at a mosque.
Delhi officials are now clearing the building, where more than 1,000 people have been stranded since the government imposed a lockdown last week.
At least 24 have tested positive so far, the state health minister said.
They are among some 300 people who showed symptoms and have been moved to various hospital to be tested, he told the media. Another 700 have been shifted into quarantine centres, he added.
It is believed that the infections were caused by preachers who attended the event from Indonesia.
State officials have called for action to be taken against mosque officials, but they have denied any wrongdoing.
Local media reports say that Nizamuddin - the locality where the mosque is located - has been cordoned off and more than 35 buses carrying people to hospitals or quarantine centres.
The congregation - part of a 20th Century Islamic movement called Tablighi Jamaat - began at the end of February, but some of the main events were held in early March.
It's unclear if the event was ticketed or even if the organisers maintained a roster of visitors as people attended the event throughout, with some staying on and others leaving. Even overseas visitors, some of them preachers, travelled to other parts of the country where they stayed in local mosques and met people.
So officials have no easy way of finding out how many people attended the event or where they went. But they have already begun to trace and test.
The southern state of Telangana reported on Sunday night that six people who had attended the event died from the virus. The state's medical officer told the  that more than 40 of Telangana's 71 cases were either directly or indirectly linked to the event.
Indian-administered Kashmir reported its first death from the virus last week - a 65-year-old who had been in Delhi for the congregation. Officials told   that more than 40 of the region's 48 cases could be traced back to that one patient.
A cluster has even appeared in the distant Andaman and Nicobar Islands, where six of the nine who have tested positive, had returned from the Delhi event.
The southern states of Tami Nadu, Telangana and Andhra Pradesh have said more than 3,000 people from their states had attended the event, and Tamil Nadu has traced 16 positive patients to it.
States have also asked other people who attended to come forward for testing.
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal has asked for a police complaint to be registered against the head of the mosque.
However, the event's organisers have issued a statement, saying they had suspended the event and asked everyone to leave as soon as Prime Minister Narendra Modi announced that there would be a day-long national curfew on 22 March.
While many were able to leave, they say, others were stranded because states began to seal their borders the following day, and two days later, India imposed a 21-day lockdown, suspending buses and trains.
The mosque's premises include dormitories that can house hundreds of people.
The organisers say they informed the local police about all of this and continued to cooperate with medical officers who came to inspect the premises.
The mosque, the statement says, "never violated any provision of law, and always tried to act with compassion and reason towards the visitors who came to Delhi from different states. It did not let them violate the medical guidelines by thronging ISBTs (bus stops) or roaming on streets."
This is not the first time religious congregations have been blamed for the spread of coronavirus.
Tablighi Jamaat events have also been blamed for spreading cases in Indonesia and Malaysia.
And in South Korea, many positive cases were linked to the Shincheonji church, a secretive religious sect, that has since apologised for its role in the outbreak.

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Author: verified_user

I AM POST GRADUATED FROM THE NAGPUR UNIVERSITY IN JOURNALISM

2 comments:

  1. निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के करीब 1500 लोग भले अबतक अपने आप को वहां फंसा हुआ बता रहे हों, लेकिन जमात के मुखिया का एक वायरल ऑडियो अलग ही कहानी बयां कर रहा है। एक ऑडियो अब सामने आया है, इसे तबलीगी जमात के मौलाना साद का बताया जा रहा। इसमें वह कोरोना का जिक्र करते हुए कहते हैं कि मरने के लिए मस्जिद से अच्छी जगह नहीं हो सकती। इससे साफ है कि उन्हें पहले से पता था कि ऐसे जुटने से कोरोना का खतरा है।
    वायरल ऑडियो में मरकज के चीफ मौलाना साद कई बातें कहते सुनाई दे रहे। इस दौरान वहां कुछ लोग पीछे से खांस भी रहे हैं। ऐसे में लगता है कि वहां कोरोना पहले ही पहुंच चुका था, लेकिन उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया गया।
    मस्जिद से बेहतर मरने की जगह नहीं: मौलाना
    मौलाना साद ऑडियो में कहते सुनाई देते हैं कि ये ख्याल बेकार है कि मस्जिद में जमा होने से बीमारी पैदा होगी, मैं कहता हूं कि अगर तुम्हें यह दिखे भी कि मस्जिद में आने से आदमी मर जाएगा तो इससे बेहतर मरने की जगह कोई और नहीं हो सकती।
    कुरान पढ़ते नहीं, अखबार पढ़ते हैं: मौलान साद
    वायरल ऑडियो में साद आगे कहते हैं कि अल्लाह पर भरोसा करो, कुरान नहीं पढ़ते अखबार पढ़ते हैं और डर जाते हैं, भागने लगते हैं। साद आगे कहते हैं कि अल्लाह कोई मुसीबत इसलिए ही लाता है कि देख सके कि इसमें मेरा बंदा क्या करता है। साद आगे कहते हैं कि कोई कहे कि मस्जिदों को बंद कर देना चाहिए, ताले लगा देना चाहिए क्योंकि इससे बीमारी बढ़ेगी तो आप ख्याल को दिल से निकाल दो।
    तबलीगी जमात से 19 राज्यों तक पहुंचेगा कोरोना!
    तबलीगी जमात की दिल्ली मरकज में भारत के 19 राज्यों से लोग पहुंचे थे। देश में कोरोना से 10 मौतों और 80 के करीब मामले इससे जुड़े हैं। इनमें से 45 बीमार तो तमिलनाडु में मंगलवार को मिले।
    दिल्ली में जमात के मुख्यालय में 1 से 15 मार्च के बीच मरकज में 2000 लोग ठहरे थे। रविवार से अब तक 1,548 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है। इनमें से 441 में कोरोना के लक्षण मिले हैं। सभी तरह के कार्यक्रमों पर रोक के सरकारी आदेशों को न मानकर मरकज में सैकड़ों लोगों को रखने के मामले में क्राइम ब्रांच ने तबलीगी जमात के मौलाना साद समेत कई लोगों पर FIR दर्ज की है।

    मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक जगह बड़ी संख्या में लोगों को जमा करने को बेहद गैर-जिम्मेदाराना हरकत करार दिया। उन्होंने कहा कि यहां से बहुत सारे लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचे। उनसे किन-किन को इससे नुकसान पहुंच चुका होगा। मरकज में जुटे लोगों को देशभर में तलाशा जा रहा है। बताते हैं तेलंगाना से 1000, यूपी से 157 लोग पहचाने गए हैं।

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  2. पिछले कुछ दिनों में भारत का कोरोना ग्राफ तेज़ी से बढ़ा है.

    गुरुवार सुबह पूरे देश में अब तक कोविड19 के कुल 1965 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 400 मामले ऐसे हैं जो तबलीग़ी जमात के आयोजन में या तो गए थे या वहां जाने वालों के संपर्क में आए थे.

    यानी भारत में जितने पॉज़िटिव केस सामने आए हैं उसमें से तकरीबन 20 फ़ीसदी इस जमात से ताल्लुक़ रखते हैं.

    स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी बुधवार को अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोरोना के मामलों में वृद्धि की वजह तबलीग़ी जमात है.

    ये हाल तब है जब सभी राज्यों में ऐसे सभी लोगों की शिनाख़्त नहीं हो पाई है, जो वहां मार्च के महीने में मौजूद थे.

    अब भी तकरीबन 20 से ज़्यादा राज्यों में ऐसे लोगों की खोज की जा रही है.

    ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ये एक मामला भारत के कोरोना ग्राफ को बदल देगा?भारत के कोरोना ग्राफ़ पर ब्रुकिंग्स इंडिया ने लगातार नज़र बनाई है. ब्रुकिंग्स इंडिया की रिसर्च डायरेक्टर शमिका रवि के मुताबिक़ इस एक मामले ने कोरोना की लड़ाई में देश को कई दिन पीछे धकेल दिया है.

    ब्रुकिंग्स इंडिया के ताज़ा रिसर्च के मुताबिक़

    • भारत में कोराना के केस 23 मार्च से पहले 3 दिन में दोगुने हो रहे थे.

    • 23 मार्च से 29 मार्च तक 5 दिन में दोगुने हो रहे थे

    • 29 मार्च के बाद से कोरोना के मामले 4 दिन में दोगुना हो रहे है.

    शमिका और उनके साथी मोहित पिछले कई दिनों से भारत में कोरोना के ट्रेंड पर स्टडी कर रहे हैं.

    शमिका इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी की इकोनॉमिक एडवाइज़री काउंसिल यानी आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य भी रह चुकी हैं.

    रिसर्च के आंकड़ों के पीछे शमिका वजहें भी गिनाती है. बीबीसी से उन्होंने बताया कि 23 मार्च से 29 मार्च कोरोना के मामले बढ़ने की रफ़्तार में कमी आ रही थी उसके पीछे की बहुत बड़ी वजह केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उठाए क़दम थे.

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