Thursday 21 May 2020

कांग्रेस को मायावती ने खूब सुनाया : संजय पाटिल

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मायावती (फाइल फोटो)
लखनऊ : संजय पाटिल :  नागपुर प्रेस मीडिया : 22 मई 2020 : (एजेंसी) :  उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और योगी सरकार के बीच बस पॉलिटिक्स ठंडी ही पड़नी शुरू हुई थी 
राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार को बसों का बिल थमाकर इसे फिर से तूल दे दिया। 36 लाख के इस बिल पर अब सियासत तेज होने लगी है। खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती भी खुलकर बीजेपी के समर्थन में उतरी हैं। मायावती ने ट्वीट करके कांग्रेस को जमकर खरी-खोटी सुनाई है।

मायावती ने राजस्थान पर घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'राजस्थान की कांग्रेसी सरकार द्वारा कोटा से करीब 12000 युवा-युवतियों को वापस उनके घर भेजने पर हुए खर्च के रूप में यूपी सरकार से 36.36 लाख रुपये और देने की जो मांग की है वह उसकी कंगाली और अमानवीयता को प्रदर्शित करता है। दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति-दुखःद है।'

इतना ही नहीं मायावती ने दूसरा ट्वीट करके कांग्रेस के कृत्य को अमानवीय बताया। उन्होंने लिखा, 'कांग्रेसी राजस्थान सरकार एक तरफ कोटा से यूपी के छात्रों को अपनी कुछ बसों से वापस भेजने के लिए मनमाना किराया वसूल रही है तो दूसरी तरफ अब प्रवासी मजदूरों को यूपी में उनके घर भेजने के लिए बसों की बात करके जो राजनीतिक खेल खेल कर रही है यह कितना उचित और कितना मानवीय?'

इससे पहले मायावती ने ट्वीट किया था कि कांग्रेस बस की राजनीति करने के बजाए श्रमिकों को ट्रेनों से भेजे। उन्होंने लिखा था कि कांग्रेस को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही घर भेजने में मदद करने पर अड़ने की बजाए, इनका टिकट लेकर ट्रेनों से ही इन्हें इनके घर भेजने में इनकी मदद करनी चाहिए तो यह ज्यादा उचित और सही होगा।


बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण बेरोजगार और बेआसरा हो गए करोड़ों प्रवासी श्रमिक परिवारों की जो दुःखद एवं शर्मनाक दुर्दशा हर जगह देखने को मिल रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस पार्टी ही मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद केन्द्र और राज्यों में कांग्रेस के लम्बे शासनकाल के दौरान अगर गांव एवं शहरों में लोगों की रोजी-रोटी की सही व्यवस्था की गई होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करने को मजबूर होना पड़ता
? यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भी कांग्रेसी नेताओं द्वारा कुछ श्रमिकों का दुःख-दर्द बांटने संबंधी जो वीडियो दिखाये जा रहे हैं वह इनकी हमदर्दी कम और नाटक ज्यादा लगता है। अगर कांग्रेस पार्टी इस समय यह बताती कि उसने उन पीड़ितों से मिलते समय कितने लोगों की असल में मदद की तो यह बेहतर होता। मायावती ने कहा कि ऐसे विकट समय में उनका भाजपा की केन्द्र तथा राज्य सरकारों से भी यह कहना है कि वे कांग्रेस पार्टी के पदचिन्हों पर न चलकर घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों तथा शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर अगर ईमानदारी से अमल करती है तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी।

उन्होंने बसपा के कार्यकर्ताओं से भी पुनः अपील की कि जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गाँवों से दूर अलग-थलग रखा गया है तथा उन्हें उचित सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है तो ऐसे लोगों की मानवीय मदद करने का प्रयास करें क्योंकि पीड़ित ही पीड़ित का दर्द समझ कर एक-दूसरे की सही मदद कर सकता है। 

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Author: verified_user

I AM POST GRADUATED FROM THE NAGPUR UNIVERSITY IN JOURNALISM

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