संजय पाटिल : नागपुर प्रेस मीडिया : 27 जून 2020 : अमरावती. महानगरपालिका के अंतर्गत बडनेरा जोन में 452 शौचालय निर्माण के बहाने 77 लाख रुपए के फर्जी बिल भुनाने के लिए अधिकारियों के जाली हस्ताक्षर किए जाने के मामले में निगमायुक्त प्रशांत रोडे के आदेश पर शुक्रवार की सुबह कार्यालय अधीक्षक ज्ञानेश्वर गोविंद आडुले ने कोतवाली थानेदार शिवाजी बचाटे के पास शिकायत दर्ज कराई, जिनके साथ कनिष्ठ लिपिक निचत तथा एक सेवानिवृत्त अधिकारी मौजूद थे. कोतवाली पुलिस ने फर्जीवाड़े की शिकायत को जांच में रखा है. जांच के बाद ही इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के साथ ही कार्रवाई की जाएगी. ऐसा थानेदार बचाटे ने जानकारी दी है.
वरिष्ठ अधिकारियों से की चर्चा
कोतवाली में रिपोर्ट मिलते ही थानेदार बचाटे संबंधित अधिकारियों व दस्तावेज लेकर शहर पुलिस आयुक्तालय पहुंचे. जहां सीपी संजय बाविस्कर व डीसीपी शशिकांत सातव के साथ चर्चा की. जिन्होंने दस्तावेज जांच करने के बाद पूरे प्रकरण की तहकीकात होने तक शिकायत को जांच में रखने के आदेश दिए, जिससे थानेदार बचाटे ने प्रकरण से संबंधित दस्तावेज कागजपत्र लेकर रिपोर्ट दर्ज कर जांच में रखा है. इस शिकायत में मनपा के स्थाई बाबू सारवन तथा ठेका पद्धति से कार्यरत बाबू रायकवार के नाम दिए गए हैं.
कोतवाली में रिपोर्ट मिलते ही थानेदार बचाटे संबंधित अधिकारियों व दस्तावेज लेकर शहर पुलिस आयुक्तालय पहुंचे. जहां सीपी संजय बाविस्कर व डीसीपी शशिकांत सातव के साथ चर्चा की. जिन्होंने दस्तावेज जांच करने के बाद पूरे प्रकरण की तहकीकात होने तक शिकायत को जांच में रखने के आदेश दिए, जिससे थानेदार बचाटे ने प्रकरण से संबंधित दस्तावेज कागजपत्र लेकर रिपोर्ट दर्ज कर जांच में रखा है. इस शिकायत में मनपा के स्थाई बाबू सारवन तथा ठेका पद्धति से कार्यरत बाबू रायकवार के नाम दिए गए हैं.
क्या है मामला
अगस्त 2018 में बडनेरा में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत 452 शौचालयों को बनाने का ठेका दिया गया. इन शौचालयों को पूर्ण करने के चलते ठेकेदार ने मनपा के अधिकारियों से सांठगांठ कर बिल निकालने के लिए फाइल तैयार की. लेकिन यह फाइल उपअभियंता, अभियंता, सहायक आयुक्त, तत्कालीन उपायुक्त के माध्यम से ना आते हुए फर्जी हस्ताक्षर कर सीधे निगमायुक्त के टेबल पर पहुंची. दौरान उपायुक्त बदल जाने से उनके हस्ताक्षर भी अनिवार्य थे. निगमायुक्त रोडे के यह बात ध्यान में आते ही उन्होंने सभी अधिकारियों को बुलाया तो सभी ने हस्ताक्षर उनके नहीं होने की बात कहते ही प्रशासन को 77 लाख रुपयों का चूना लगाने का षडयंत्र सामने आया. जिसके बाद निगमायुक्त ने उपायुक्त विजय खोराटे को इस मामले की जांच सौंपी.
अगस्त 2018 में बडनेरा में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत 452 शौचालयों को बनाने का ठेका दिया गया. इन शौचालयों को पूर्ण करने के चलते ठेकेदार ने मनपा के अधिकारियों से सांठगांठ कर बिल निकालने के लिए फाइल तैयार की. लेकिन यह फाइल उपअभियंता, अभियंता, सहायक आयुक्त, तत्कालीन उपायुक्त के माध्यम से ना आते हुए फर्जी हस्ताक्षर कर सीधे निगमायुक्त के टेबल पर पहुंची. दौरान उपायुक्त बदल जाने से उनके हस्ताक्षर भी अनिवार्य थे. निगमायुक्त रोडे के यह बात ध्यान में आते ही उन्होंने सभी अधिकारियों को बुलाया तो सभी ने हस्ताक्षर उनके नहीं होने की बात कहते ही प्रशासन को 77 लाख रुपयों का चूना लगाने का षडयंत्र सामने आया. जिसके बाद निगमायुक्त ने उपायुक्त विजय खोराटे को इस मामले की जांच सौंपी.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
मनपा के कार्यालय अधीक्षक ज्ञानेश्वर आडुले ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें स्थाई बाबू सारवन व ठेका पद्धति पर कार्यरत रायकवार समेत अन्य के नाम दिए गए हैं. जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी, फिलहाल यह प्रकरण जांच में रखा गया है.-शिवाजी बचाटे थानेदार, कोतवाली
मनपा के कार्यालय अधीक्षक ज्ञानेश्वर आडुले ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें स्थाई बाबू सारवन व ठेका पद्धति पर कार्यरत रायकवार समेत अन्य के नाम दिए गए हैं. जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी, फिलहाल यह प्रकरण जांच में रखा गया है.-शिवाजी बचाटे थानेदार, कोतवाली
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