Thursday, 26 March 2020

सुप्रीम कोर्ट में याचिका : आर्थिक आपातस्थिति लागू करो : लॉकडाउन : संजय पाटिल

सुप्रीम कोर्ट में याचिका : आर्थिक आपातस्थिति लागू करो : लॉकडाउन : संजय पाटिल

अधिवक्ता विराग गुप्ता के माध्यम से सेन्टर फॉर अकान्टेबिलिटी एंड सिस्टेमेटिक चेंज नामक संगठन ने यह याचिका दायर की है।

संजय पाटिल : नई दिल्ली: कोरोनावायरस की महामारी की वजह से लॉकडाउन के मद्देनजर देश में आर्थिक आपात स्थिति लागू कराने के लिये सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है। याचिका में दावा किया गया है कि लॉकडाउन की वजह से देश में वित्तीय गतिविधियां ठहर गयी हैं। अधिवक्ता विराग गुप्ता के माध्यम से सेन्टर फॉर अकान्टेबिलिटी एंड सिस्टेमेटिक चेंज नामक संगठन ने यह याचिका दायर की है।
याचिका में दावा किया गया है कि कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिये अलग अलग प्राधिकारी अलग अलग कदम उठा रहे हैं जिसकी वजह से भ्रम की स्थिति है। याचिका के अनुसार ऐसी स्थिति में कानून के शासन की सुरक्षा के लिये संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत आर्थिक आपात स्थिति लगाने की आवश्यकता है। याचिका के अनुसार प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है और इस दौरान अनेक पाबंदियां लगायी गयी हैं।

याचिका में कहा गया है, ‘विभिन्न प्राधिकारियों द्वारा अलग अलग कदम उठाये जाने की वजह से भ्रम पैदा हो रहा है और अराजकता कोविड-19 जैसी गंभीर समस्या का समाधान नहीं हो सकती। लॉकडाउन की वजह से वित्तीय गतिविधियां ठहर गयी हैं। अत: संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत देश में आर्थिक आपात स्थिति लागू करने की आवश्यकता है।’
याचिका में लॉकडाउन के दौरान केन्द्र को बिजली, पानी, गैस, टेलीफोन, इंटरनेट जैसी आवश्यक सेवाओं के बिलों की वसूली और ईएमआई की अदायगी निलंबित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है । इसी तरह, राज्यों की पुलिस और संबंधित प्राधिकारियों को केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है ताकि देश में आवश्यक सेवाएं बाधित न हों।
याचिका के अनुसार कोविड-19 की वजह से देश की मौजूदा स्थिति हो सकता है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास की सबसे बड़ी आपात स्थिति हो और इसलिए इस पर केन्द्र तथा राज्य सरकारों के बीच एकीकृत कमान के माध्यम से संविधान के प्रावधानों के अंतर्गत विचार किया जाये। याचिका में दलील दी गयी है , ‘ऐसा करना सिर्फ कोरोनावायरस को इसके खिलाफ जंग में हराने के लिये ही आवश्यक नहीं है बल्कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये भी जरूरी है। इस लॉकडाउन की वजह से इस समय आवागमन की आजादी के अधिकार से संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त अधिकारों के साथ ही लगभग सारे मौलिक अधिकार इस समय निलंबित हैं।’
इस संगठन ने अपनी याचिका पर वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से तत्काल सुनवाई करने का न्यायालय से अनुरोध किया है। न्यायालय ने कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर अपना कामकाज सीमित करते हुये यह निर्णय किया था कि वह अत्यधिक जरूरी मामलों की वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से ही सुनवाई करेगा।
बैंक आपके घर पर पहुंचाएगा कैश : ATM नहीं जाना : संजय पाटिल

बैंक आपके घर पर पहुंचाएगा कैश : ATM नहीं जाना : संजय पाटिल

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संजय पाटिल : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप पर लगाम लगाने के लिए देशभर में अगले 21 दिनों के लॉकडाउन से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात अगले 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है। हालांकि, इस दौरान जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति जारी रहेगी। चूंकि लॉकडाउन में घर से बाहर निकलने पर रोक होती है, इसलिए घर में कैश की किल्लत हो सकती है।

घर बैठे मिलेगा कैश

वैसे एटीएम से कैश निकालने के लिए भी लॉकडाउन से छूट मिलती है। लेकिन अगर एटीएम आपके घर से दूर हो तो मुश्किल बढ़ सकती है। ऐसे में बैंक खुद आपको आपके घर पैसे देने आएगा। हम आपको बताने जा रहे हैं यह कैसे मुमकिन होगा।

ये बैंक करते हैं नकदी की होम डिलीवरी

लॉकडाउन के दौरान बैंक जरूरी सेवाओं को जारी रखेंगे। एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक तथा एक्सिस बैंक अपने ग्राहकों को घर पर कैश डिलीवरी की सुविधा प्रदान करते हैं।


SBI आपके घर तक पहुंचाएगा कैश

देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI आपके घर तक नकदी पहुंचाने की सुविधा प्रदान करता है। यही नहीं, आपके घर पर ही बैंक आपके पैसे जमा लेने की भी सुविधा प्रदान करता है।
मेडिकल इमर्जेंसी के दौरान एसबीआई का ग्राहक 100 रुपये का शुल्क चुकाकर बैंक की इस अनोखी सुविधा का फायदा उठा सकता है।
एचडीएफसी बैंक भी अपने खातधारक को घर पर नकदी पहुंचाने की सुविधा प्रदान करता है। कैश लिमिट 5,000-25,000 रुपये है और इसके लिए बैंक 100-200 रुपये का शुल्क लेता है।

एक्सिस, कोटक महिंद्रा भी देता है यह सुविधा

एक्सिस बैंक तथा कोटक महिंद्रा बैंक भी यह सुविधा प्रदान करता है।


1.70 लाख करोड़ का पैकेज : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण : संजय पाटिल

1.70 लाख करोड़ का पैकेज : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण : संजय पाटिल

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नई दिल्ली: संजय पाटिल
कोरोना वायरस से पस्त इकॉनमी को राहत देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.7 लाख करोड़ के स्पेशल पैकेज का ऐलान किया। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि गरीबों के लिए खाने का प्रबंध किया जाएगा। इसके अलावा डीबीटी के जरिए अकाउंट में पैसे ट्रांसफर भी किए जाएंगे। इसके अलावा, सरकार ने जो बड़ा ऐलान किया है, उसमें 3 महीनों तक एम्प्लॉयी और एम्प्लॉयर दोनों के हिस्से का योगदान सरकार करेगी। यह वहां लागू होगा जहां 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी 15 हजार से कम वेतन पाते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि जो लोग कोरोना की लड़ाई में साथ दे रहे हैं उनके लिए 50 लाख का इंश्योरेंस कवर सरकार देगी। इनमें आशा वर्कर्स और डॉक्टर आशा वर्कर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टॉफ शामिल हैं। इससे 20 लाख मेडिकल कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को मुख्य रूप से दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ गरीब लोगों को कवर किया जाएगा। इस योजना के तहत अगले तीन महीने तक पांच किलो चावल/गेहूं मुफ्त में दिया जाएगा। इसके अलावा एक किलो दाल हर परिवार को मुफ्त में मिलेगा।

योजना के तहत आठ कैटिगरीज में किसान, मनरेगा, गरीब विधवा-पेंशनर्स-दिव्यांग, जनधन योजना-उज्ज्वला स्कीम, सेल्फ हेल्प ग्रुप (वुमन), ऑर्गनाइज्ड सेक्टर वर्कर्स (EPFO), कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को मिलेगा डीबीटी का लाभ मिलेगा। बुजुर्ग, दिव्यांग और विधवा को एकमुश्त 1000 रुपये दो किस्तों मे दी जाएगी। यह अगले तीन महीने में दिया जाएगा। यह राशि अलग से मिलेगी।

8.7 करोड़ किसानों के अकाउंट में अप्रैल के पहले हफ्ते में 2000 रुपये की किस्त डाल दी जाएगी, ताकि उनको तुरंत फायदा मिलना शुरू हो जाए।

देश में मनरेगा योजना का लाभ 5 करोड़ परिवारों को मिलता है। मनरेगा दिहाड़ी अब 182 से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गई है।

जनधन योजना वली करीब साढ़े 20 करोड़ महिलाओं के खाते में अगले 3 महीने तक डीबीटी के जरिए हर महीने 500 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे।

कोरोना वायरस की चिंता से मुक्त करने के लिए सरकार के बड़े ऐलान। अन्न-धन और गैस की चिंता खत्म होगी। करीब 8.3 बीपीएल करोड़ परिवारों को उज्जवला स्कीम के तहत 3 महीोनं तक फ्री एलपीजी सिलेंडर दिए जाएंगे।

सरकार एम्प्लॉयी और एम्प्लॉयर दोनों के द्वारा किया जाने वाला ईपीएफ योगदान अगले तीन महीनों के लिए ऐसा करेगी सरकार। ये उन सभी ऑफिसेस के लिए है जिनमें 100 से ज्यादा एम्प्लॉयी हैं। उनमें से 90% जो 15000 रुपये से कम सैलरी लेते हैं, उनको फायदा मिलेगा। इससे 80 लाख मजदूरों को और 4 लाख संगठित इकाइयों को फायदा मिलेगा।

वित्त मंत्री के इस बड़े ऐलान के बाद शेयर बाजार में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखाई दे रहा है। पैकेज के ऐलान की आस में बाजार ज्यादा ऊपर था। फिलहाल सेंसेक्स दिन के हाई से काफी नीचे है।
देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 600 पार कर गई है। 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है। आज दोपहर एक बजे वित्त मंत्री मीडिया को संबोधित करने वाली हैं। मंगलवार को उन्होंने उद्योग जगत और आम आदमी को कई राहत देते हुए ऐलान किया था कि बहुत जल्द राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी। राहत पैकेज को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

कई रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि मोदी सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए देश के करीब 8-10 करोड़ परिवार को 5000-6000 रुपये देने के बारे में विचार कर रही है।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि निर्मला सीतारमण आज 1.5 लाख करोड़ रुपये के कोरोना वायरस स्पेशल फंड की घोषणा कर सकती हैं। इस फंड के अलावा वर्तमान में जिन लोगों पर कर्ज है, उनको भी राहत दी जा सकती है। वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक को इस बाबत चिट्ठी लिखी है कि क्या EMI और लोन री-पेमेंट में फिलहाल कुछ महीने के लिए राहत दी जा सकती है। मंगलवार को हुई बैठक में सरकार ने हेल्थकेयर और इंफ्रा सेक्टर के लिए 15000 करोड़ रुपये की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा था कि आर्थिक पैकेज से कोरोना के संकट से पार पाने में मदद मिलेगी। सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने को लेकर ‘लॉकडाउन’ के कारण उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव तथा नौकरियां जाने को लेकर प्रोत्साहन पैकेज की बात कही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक आर्थिक टास्क फोर्स का गठन किया था।


Dr. Nitin  Raut Guardian Minister  meets vendors, commuters; enquires: Sanjay Patil

Dr. Nitin Raut Guardian Minister meets vendors, commuters; enquires: Sanjay Patil

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 Sanjay Patil : Nagpur: With implementation of lockdown to prevent spread of coronavirus, Nagpur wore a deserted look. There is hardly any VIP movement visible in the city. People got bored and shopowners too are not very happy because of less number of visitors. But on Wednesday, on Nagpur’s street everybody witnessed the movement of convoy of Guardian Minister Dr Nitin Raut who reviewed the situation. He not only took stock of the lockdown but also met small vendors in market places, talked to people, enquired about them, encouraged them and wished them Gudhi Padwa.
 
The visit of Dr Raut gave solace to the people. Dr Raut was accompanied by Divisional Commissioner Dr Sanjeev Kumar, Commissioner of Police Dr Bhushan Kumar Upadhyay, Additional Commissioner Abhijit Bangar, Superintendent of Police (rural) Rakesh Ola and others. During his round, the convoy of Dr Raut stopped at several places. Dr Raut wearing mask got down from the car asked citizens whether they were moving unnecessary or had some work? He had conversation with people running grocery shop, vegetables, fruits stalls. He also asked them whether they were facing any problems.
 
He noticed the people staying under Shahid Gowari flyover and asked officials to take care of them, provide them food. Dr Raut told ‘The Hitavada’, “I have instructed officials to see to it that the supply of essential services like distribution of grocery, milk, vegetables, fruits, medicines should not hamper. Officials are asked to take stern action against those involved in hoarding of goods, black-marketing.” “People should not be panic as there will be no scarcity of essential items, services, health services. Citizens should not make rush in the shops, at petrol pumps. I applaud the work of district administration. At Government level everything is being done in a smooth manner.
 
People should have patience and support Government,” appealed Dr Raut. Dr Raut went through Samvidhan square, Automotive Square, Kalamna market, Pardi naka, Wardhman Nagar, Telephone exchange square, Gandhibag, Sarafa Line, Tinnal chowk, Golibar chowk, Timki Bazar, Mominpura, Geetanjali chowk, Mayo Hospital, railway station, Manas chowk, Sitabuldi, Variety chowk, Jhansi Rani square, Rahate colony, Chhatrapati chowk, Jaiprakash Nagar, Khamla chowk, Jaitala, Mangalmurty chowk, Subhash Nagar, Mate chowk, Abhyankar chowk, VNIT square, Bajaj Nagar, Shankar Nagar square, Laxmi Bhuvan square, Dharampeth, Civil Lines.
दारू न मिळाल्याने भाजीविक्रेत्याची आत्महत्या : संजय पाटील

दारू न मिळाल्याने भाजीविक्रेत्याची आत्महत्या : संजय पाटील

  Hanged till death
नागपूर : संजय पाटील 
राज्यासह नागपुरातही संचारबंदी असून, सर्वच दुकाने बंद आहेत. दारूदुकानांनाही कुलूप असल्याने मद्यपींची कमालीची गैरसोय होत आहे. दारू न मिळाल्यामुळे फळभाजी विक्रेत्याने गळफास घेऊन आत्महत्या केली. ही घटना प्रतापनगरमधील भामटी भागात बुधवारी पहाटे उघडकीस आली. संजय (वय ४८) असे मृताचे नाव आहे.
पोलिसांकडून मिळालेल्या माहितीनुसार, संजयला दारूचे व्यसन आहे. या व्यसनाला कंटाळूनच त्याची पत्नी दोन अपत्यांसह माहेरी गेली. संचारबंदीमुळे त्याला दारू मिळत नव्हती. त्यामुळे त्याची मानसिक स्थिती खालावली. बुधवारी पहाटे त्याने पंख्याला दोरी बांधून गळफास घेतला. त्याच्या नातेवाइकांकडून घटनेची माहिती मिळताच प्रतापनगर पोलिसांचा ताफा तेथे पोहोचला. पंचनामा करून मृतदेह मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटलकडे रवाना केला. याप्रकरणी प्रतापनगर पोलिसांनी आकस्मिक मृत्यूची नोंद केली आहे.
कामगारांचे वेतन कपात करु नये - पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत यांचे आवाहन :संजय पाटील

कामगारांचे वेतन कपात करु नये - पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत यांचे आवाहन :संजय पाटील



जीवनावश्यक वस्तुंचा पुरेसा पुरवठा सुरु राहील

· वैद्यकीय सुविधा अधिक सक्षम व बळकट करणार

· मेडीकलमध्ये 100 बेडचे स्वतंत्र अतिदक्षता कक्ष

संजय पाटील : नागपूर :
 कोरोना साथीच्या पार्श्वभूमीवर जीवनावश्यक वस्तुंची पुरेशी उपलब्धता असून, नागरिकांनी यासाठी गर्दी करु नये तसेच औद्योगिक तसेच खाजगी आस्थापनेवर असलेल्या कामगारांची वेतन कपात करु नये, असे आवाहन पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत यांनी केले आहे.

कोरोनासंदर्भात जनतेमध्ये पसरलेला गैरसमज दूर करतानाच वैयक्तिक स्वच्छतेच्या संदर्भात स्वयंसेवी (एनजीओ) संस्थांनी पुढाकार घेण्याचे आवाहनही यावेळी पालकमंत्र्यांनी केले.

विभागीय आयुक्त कार्यालयात आज पालकमंत्री डॉ. राऊत यांनी विविध घटकांशी संवाद साधला. त्यात खासगी वैद्यकीय व्यावसायिक, उद्योजक, व्यावसायिक आणि अशासकीय संस्थांच्या प्रतिनिधींचा समावेश होता. विभागीय आयुक्त डॉ. संजीव कुमार, जिल्हाधिकारी रवींद्र ठाकरे, अपर आयुक्त अभिजित बांगर, वनराई संस्थेचे विश्वस्त गिरीश गांधी, विदर्भ इंडस्ट्रीज असोसिएशनचे सुरेश राठी, प्रताप मोटवानी, संतोष अग्रवाल, श्री. वाधवानी, नंदू गौर, अजय पाटील, कौस्तुभ चटर्जी, लिना बुधे, रोटरी क्लबचे प्रतिनिधी प्रामुख्याने उपस्थित होते.

प्रशासनाच्या अथक प्रयत्नाने कोरोना रुग्णांची संख्या सद्या स्थिर असून, ही सकारात्मक बाब असल्याची माहिती देऊन पालकमंत्री म्हणाले. सध्या नागपूर शहरात जीवनावश्यक वस्तुंचा कोणताही तुटवडा नाही. त्यासाठी नागरिकांनी बाजारात गर्दी करु नये. जीवनावश्यक वस्तुंचा काळाबाजार करणा-यांवर कठोर कारवाई करण्याचे निर्देश डॉ. राऊत यांनी प्रशासनाला दिले.

कोरोनाला प्रतिबंध हे मानवी जातीशी विषाणूचे असलेले महायुद्ध आहे. त्यात विषाणूला हरवण्यासाठी प्रशासन सर्वतोपरी प्रयत्न करत आहे. कोरोनासाठी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालयात स्वतंत्र वॉर्ड तयार करणार असल्याचे सांगून पालकमंत्री राऊत म्हणाले

नागपुरातील महत्त्वाच्या स्वयंसेवी संस्थांनी कोरोना साथीविषयी जनजागृती व प्रचार-प्रसार करण्यासाठी काम करावे. उद्योजकांनी सॅनिटायझर, मास्क –गाऊनचे उत्पादन करुन पुरवठा करावा. निराधार, बेघर, आजारी व्यक्तीस मदतीचा हात द्यावा. जिल्हा प्रशासनातर्फे हेल्पलाईन जाहिरात प्रसिद्ध करण्यात येणार आहे. अशा कठीण प्रसंगी सर्वांनी मिळून काम करु या, असे आवाहन त्यांनी केले. समाजातील सर्व घटकांनी यथाशक्ती सहयोग दिल्यास कोरोनाविरुद्धची लढाई आपण जिंकू शकतो, असाही आशावाद त्यांनी व्यक्त केला.

शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालयात कोरोनासाठी स्वतंत्र सुविधा
कोरोना प्रतिबंधक उपाययोजनांसाठी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालयात तपासणीसह उपचारासाठी आवश्यक सर्व सुविधा उपलब्ध असल्यामुळे प्रभावी व परिणामकारक उपचार सुरु आहेत. भविष्यातील परिस्थिती लक्षात घेता शासनासोबत खासगी वैद्यकीय व्यावसायिकांचे सहकार्य आवश्यक आहे. या आपत्तीचा सामना करण्यासाठी सर्वांनी सतर्क राहण्याचे आवाहन पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत यांनी केले आहे.

शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालयात कोरोना उपचारासाठी विविध सुविधा निर्माण करण्यात येत आहेत. यामध्ये 100 खाटांचे स्वतंत्र अतिदक्षता कक्ष प्राधान्याने पूर्ण करण्यासोबतच दीड हजार खाटा यासाठी आरक्षित ठेवण्यासंदर्भात नियोजन करण्याच्या सूचना पालकमंत्र्यांनी यावेळी दिल्यात.

महाविद्यालयात येणा-या दैनंदिन रुग्णांच्या उपचारासाठी तसेच दाखल करण्यासाठी शहरातील रुग्णालयांचे सहकार्य आवश्यक असल्याचे सांगताना पालकमंत्री म्हणाले की, वैद्यकीय व्यावसायिकांनी सामाजिक भावनेतून यासाठी सहकार्य करावे. कोरोना रुग्णांवर उपचारासाठी वैद्यकीय क्षेत्रातील तज्ञांची तसेच साहित्याचीही आवश्यकता भासल्यास ती उपलब्ध करुन देण्यासाठी पुढाकार घेण्याचे आवाहन केले.

आमदार निवास येथे सुरु असलेल्या विलगीकरण केंद्रात स्वच्छतेसह आवश्यक सुविधा तात्काळ पुरविण्याच्या सूचना सार्वजनिक बांधकाम विभागाला यावेळी त्यांनी दिल्यात.

संचारबंदीदरम्यान सहकार्याचे आवाहन
कोरोनाचा प्रादुर्भाव टाळण्यासाठी राज्यात आजपासून संचारबंदी व जिल्हाबंदी लागू करण्यात आल्याची घोषणा मुख्यमंत्र्यांनी केली आहे. त्या पार्श्वभूमीवर नागपुरातही सद्यसि्थतीचा आढावा डॉ. नितीन राऊत यांनी घेतला. या कालावधीत सर्व धर्मियांची प्रार्थनास्थळे बंद राहतील. मात्र अत्यावश्यक सेवेतील वाहनांना सवलत दिली जाणार आहे. मात्र ही वाहने प्रशासनाकडून प्राधिकृत करुन घेणे आवश्यक आहे. जीवनावश्यक वस्तुंचा पुरवठा या कालावधीत नियमित सुरु राहणार आहे, असे पालकमंत्र्यांनी सांगितले. जीवनावश्यक वस्तू, औषधे, अन्न धान्य तसेच त्यांची ने आण करणारी वाहने सुरु राहतील. पशू खाद्य मिळेल, पशूंचे दवाखानेही उघडे राहतील. कृषीमालाशी सबंधित वाहतूक सुरु राहील, असेही ते म्हणाले.

Tuesday, 24 March 2020

'आपराधिक साजिश': राहुल गांधी : संजय पाटिल

'आपराधिक साजिश': राहुल गांधी : संजय पाटिल

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कोरोना वायरस महामारी के दौर में 19 मार्च तक मास्क और वेंटिलेटर के निर्यात को लेकर कांग्रेस ने सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने पीएम मोदी से पूछा है कि यह किसकी शह पर हुआ और क्या यह आपराधिक साजिश नहीं है।

संजय पाटिल : नई दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में वेंटिलेटर और मास्क के निर्यात को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने एक न्यूज रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए लिखा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों से वेंटिलेटर और सर्जिकल मास्क का पर्याप्त स्टॉक रखने को कहा था। कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी से पूछा कि WHO की सलाह के बावजूद इन चीजों को 19 मार्च तक निर्यात की इजाजत क्यों दी गई। उन्होंने इसे खिलवाड़ करार देते हुए पूछा कि यह किसकी शह पर हुआ और क्या यह आपराधिक साजिश नहीं है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इन्हीं आरोपों को दोहराते हुए पूछा कि कोरोना वायरस से निपटने में काम आने वाली सामग्रियों को निर्यात की इजाजत कैसे दी गई। उन्होंने कहा कि तमाम तरह के मास्क, वेंटिलेटर और मास्क बनाने में काम आने वाले रॉ टेक्स्टाइल मटीरियल्स को 19 मार्च तक निर्यात करने की इजाजत दी गई। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस संकट को देखते हुए इनका स्टॉक बनाकर रखने को कहा था। सुरजेवाला ने ट्वीट में आगे लिखा कि इन चीजों को निर्यात की अनुमति देना 'आपराधिक साजिश' थी।
सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने अपना विडियो भी ट्वीट किया, जिसमें वह प्रधानमंत्री से इन सामग्रियों के निर्यात को लेकर सवाल पूछ रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने एक ट्वीट में सरकार की तरफ से 19 मार्च को जारी एक नोटिफिकेशन को भी शेयर किया है, जिसमें मास्क, वेंटिलेटर और मास्क बनाने के कच्चे माल के निर्यात को प्रतिबंधित किया गया था।
भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। देश की आधी से ज्यादा आबादी अभी लॉकडाउन में है। अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 415 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। 7 लोगों की मौत भी हो चुकी है।