संजय पाटिल : नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर-अमरावती हाइवे में सामान पहुंचाने आए ट्रक ड्राइवर भी लॉकडाउन की वजह से फंस गए हैं। ये ड्राइवर गुजरात से सामान ढोने आए थे लेकिन 19 मार्च से हाइवे में ही फंसे हुए हैं। इन्हें यही उम्मीद है कि लॉकडाउन 21 दिन से आगे न बढ़े।
लॉकडाउन के दौरान घरों में कैद लोगों के लिए जरूरी सामान पहुंचाने लेकिन वापस अपने घर ही नहीं जा पा रहे... लॉकडाउन के चलते कई ट्रक डाइवर भी हाइवे में फंसे हुए हैं। महाराष्ट्र के नागपुर में माल ढोने वाले ट्रक वापस अपने शहरों को नहीं जा पा रहे हैं। उन्होंने अपने ट्रकों को ही शेल्टर बना लिया है और नमक-रोटी खाकर किसी तरह गुजारा करने को मजबूर हैं। मामला नागपुर का है, एक हफ्ते से भी अधिक समय से ट्रक ड्राइवर नागपुर-अमरावती हाइवे में रुके हुए हैं। इनके पास पैसा खत्म हो चुका है और एटीएम भी काम नहीं कर रहे हैं। हाइवे के ढाबे भी बंद हैं।
एक ट्रक ड्राइवर ने बताया, 'हम गुजरात से सामान पहुंचाने आए थे लेकिन 19 मार्च से यहीं फंसे हुए हैं। हर चीज के दाम भी बढ़ गए है। हम खिचड़ी और नमक-रोटी खाकर किसी तरह गुजारा कर रहे हैं।' एक दूसरे ड्राइवर बालकृष्ण पांडेय ने बताया, 'हमारा एक वाहन कलमेश्वर स्थित एक गोदाम में दवाइयों के खेप पहुंचाने आया था लेकिन अब वह वापस नहीं जा पा रहा है। इसके अलावा कुछ और खाली ट्रक भी हैं जो वापस नहीं जा पा रहे हैं।'
बालकृष्ण बताते हैं, 'खाना पकाने के लिए हम डीजल से आग जला रहे हैं। शुरुआत में हमने आसपास की दुकानों से सामान खरीदा लेकिन अब पैसा भी खत्म हो गया है।' बालकृष्ण पांडेय बस यही चाहते हैं कि लॉकडाउन 21 दिन से ज्यादा न बढ़े।प्रयागराज के रहने वाले माणिकचंद तिवारी कहते हैं कि पास के एटीएम में भी पैसा नहीं है। वह बताते हैं, 'हमारे पास पैसा नहीं बचा है और एटीएम में भी नहीं। यह इंतजार खत्म होता नजर नहीं आ रहा है।'
ट्रक में ग्रीस लगाने वाले नन्हे सोनी इन दिनों बेरोजगार हैं लेकिन किसी तरह मैनेज कर रहे हैं। वह बताते हैं कि उन्होंने नवरात्र का व्रत रखा हुआ है। नागपुर ट्रकर्स यूनिट के अध्यक्ष कुक्कू मारवा ने बताया, 'परडी नाका पर ट्रकों की लंबी लाइन लगी है। हमारे असोसिएशन के सदस्य वहां खाना बांटने गए थे लेकिन पुलिस ने एक किमी पहले ही रोक दिया और सिर्फ एक समय में एक ड्राइवर को ही खाना ले जाने की अनुमति दी।'
नारी ते शिवणी पैदल जाताना मजदूर ,मजबूर !
ReplyDeleteशीर्षक:नारी ते शिवणी पैदल जाताना मजदूर , मजबूर !
तपशील:कोरोना वायरस चे थैमान शूरू असताना नागपूर ला आलेले मजदूर नारी ते शिवणी पैदल 140 किलोमीटर पायीच जात आहेत, तरी शासन या लोंकाची सोय करील काय? असे संपूर्ण भारतात कोटयाधिश मजदूर आहेत , त्याची त्यांच्या घरी पोहोचण्यासाठी शासन कधी जागृत होणार, ते लोग लांब पट्ट्यावर जात असतांनाच जर मृत झालेत तर त्याची शासन दखल घेणार काय , या रोड वरून दररोज 5 ते I0 लोकांचा जत्था जात आहे? शासन नुसत्या घोषणा करतात परंतू वास्तविकता वेगळी आहे , आज पर्यंत कोणालाचा मोफत राषण, गॅस , आणि वैद्यकिय सुविधा ऊपलब्ध झाल्या नाहीत. सरकारच्या तिजोरीत दान दात्यांनी कोटयवधी रुपये दानानी भरत आहे परंतु या पैशांच्या फायदा जरूरत मंदाना होत नाही ही शोकांकिका आहे.
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