Saturday, 28 March 2020

देश बंद, काम ठप, पैसा खत्म! अब पैदल नाप रहे गांव : संजय पाटिल

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कोरोना: देश बंद, काम ठप, पैसा खत्म! अब पैदल नाप रहे गांव

 संजय पाटिल : अब सड़कों पर गहरा सन्नाटा है। कोरोना से रोजी-रोटी छिनने का शोर तस्वीरों के बाहर न जाने कैसे सुनाई दे रहा है। अब काम नहीं तो पैसा नहीं, पैसा नहीं तो चूल्हे पर रोटी कहां से आएगी। कितने परिवार जो गांव से तमाम रिश्तों की गांठ छुड़ाकर दूसरे शहरों में तिनकों से आशियाना बनाने का ख्वाब पाल रहे थे, सब खाक हो चुका है। वह नंगे पैर वापस लौट रहे हैं क्योंकि देश बंद है तो बसें, ट्रेन भी तो बंद हैं बाकी संचालन तो हवाई जहाज का भी ठप है लेकिन यह जरा ख्वाब से आगे की चीज थी। इन तस्वीरों को देख गहरी टीस पैदा होगी। आंखों में आंसू आ जाएं तो कुछ और नहीं बस निर्देशों का पालन करना शुरू कर दीजिएगा ताकि जल्द देश स्वस्थ हो क्योंकि इनकी जिंदगी उसी के सहारे है...
कुछ बच्चे पिता के कंधे और गोद पर लदे हैं तो कुछ सड़क पर हर कदम के साथ मां-बाप से पूछ रहे हैं कि हम घर कब पहुंचेंगे। दरअसल, कोरोना ने देश बंद करा दिया। देश बंद है तो काम भला कहां मिलेगा। काम नहीं तो पैसा भी कहां मिलता है। न खाना है, न पैसा है, न छत...गांव राजस्थान में है तो पैदल शहर नापा जा रहा है।
राजस्थान के एक मजदूर तेजभाई ने कहा, 'मैं अहमदाबाद के रानीप इलाके में काम कर रहा था और मेरे मालिक ने मुझे काम बंद करके वापस जाने को कह दिया। उन्होंने मुझे बस किराया दिया, लेकिन सभी सार्वजनिक परिवहन बंद हैं, इसलिए हम पैदल अपने गांव वापस जाने को मजबूर हैं।'
बुधवार को साबरकांठा जिले में हाईवे पर अपने बच्चों और सामान के साथ पैदल जाते हुए मजदूरों को देखा गया। इनमें से कई बुधवार दोपहर को इदर, हिम्मतनगर और प्रांतिज पहुंचे। भयंकर गर्मी के बीच इनके चेहरे पर थकान साफ झलक रही थी।
बुधवार को साबरकांठा जिले में हाईवे पर अपने बच्चों और सामान के साथ पैदल जाते हुए मजदूरों को देखा गया। इनमें से कई बुधवार दोपहर को इदर, हिम्मतनगर और प्रांतिज पहुंचे। भयंकर गर्मी के बीच इनके चेहरे पर थकान साफ झलक रही थी।
लॉकडाउन के बाद जयपुर में कोल्ड स्टोरेज में काम करने वाले 14 मजदूर वहां से पैदल बिहार अपने घर जाने के लिए निकल पड़े हैं। कई दिक्कतों का सामना करते हुए मंगलवार को ये आगरा पहुंचे। इनमें से एक बिहार के सिफॉल निवासी सुधीर कुमार ने बताया कि एक महीने पहले अपने 14 साथियों के साथ जयपुर के कोल्ड स्टोरेज में काम करने के लिए गया था। अभी 25 दिन ही हो पाए थे कि सरकार के आदेश पर कोल्ड स्टोरेज को बंद कर दिया गया। इसके बाद कोल्ड स्टोरेज मालिक ने दो हजार रुपये देकर उन्हें घर भेज दिया। मगर जयपुर में कर्फ्यू लगा हुआ है। इस कारण कोई वाहन नहीं चल रहा।
तीन दिन में जयपुर से आगरा पहुंचे
ये सभी 14 लोग अपने साथियों के साथ पैदल ही घर के लिए निकल गए हैं। 21 मार्च को ये सभी जयपुर से निकले थे और मंगलवार को आगरा पहुंच पाए हैं। रास्ते में खाने-पीने का सामान न मिल पाने की वजह से भूखे पेट चल रहे हैं। रास्ते में जो मिल जाता है, उसी से पेट भर लेते हैं। उन्हें करीब 1000 किलोमीटर दूर अपने जिले में जाना है। इस ग्रुप में प्रभास, संजीत, श्याम, विनोद, सुग्रीव, पवन, गुलशन, रंजीत, दीपनारायण, भूपेंद्र, मनोज, अर्जुन और सुधीर कुमार आदि चल रहे हैं। रास्ते में पुलिस रोकती है तो वे पैदल अपने घर जाने के लिए कह देते हैं।
महाराष्ट्र में, भारत के लॉकडाउन अवधि के दौरान बहुत से श्रमिक लोग अपने गृह नगर में प्रवास के लिए पैदल यात्रा कर रहे है. 
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Author: verified_user

I AM POST GRADUATED FROM THE NAGPUR UNIVERSITY IN JOURNALISM

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