Thursday, 2 April 2020

कोरोना वायरस: भारत को 76 अरब रुपये की आपात सहायता को मंजूरी दी वर्ल्ड बैंक ने : संजय पाटिल

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सांकेतिक तस्वीर
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को साफ-साफ कहा कि कंपनियां कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (CSR) के तहत इस फंड में दान कर सकती हैं। हर साल कंपनियों को अपने नेट प्रॉफिट का कुछ पर्सेंट सीएसआर के लिए खर्च करना होता है।



संजय पाटिल : वॉशिंगटन : वर्ल्ड बैंक ने बृहस्पतिवार को भारत को कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता के लिए मंजूरी दे दी। वर्ल्ड बैंक की सहायता परियोजनाओं के 1.9 अरब डॉलर के पहले सेट में 25 देशों की मदद की जाएगी और 40 से अधिक देशों में त्वरित गति से नए अभियान आगे बढ़ाए जा रहे हैं।
आपातकालीन वित्तीय सहायता का सबसे बड़ा हिस्सा भारत को दिया जाएगा जो एक अरब डॉलर का होगा। वर्ल्ड बैंक के कार्यकारी निदेशकों के मंडल ने दुनियाभर के विकासशील देशों के लिए आपात सहायता के पहले सेट को मंजूरी दी जिसके बाद वर्ल्ड बैंक ने कहा, 'भारत में एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता से बेहतर स्क्रीनिंग, संपर्कों का पता लगाने, प्रयोगशाला जांच, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण खरीदने और नए पृथक वार्ड बनाने में मदद मिलेगी।'

दक्षिण एशिया में वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान के लिए 20 करोड़ डॉलर, अफगानिस्तान के लिए 10 करोड़ डॉलर, मालदीव के लिए 73 लाख डॉलर और श्रीलंका के लिए 12.86 करोड़ डॉलर की सहायता को मंजूरी दी है। वर्ल्ड बैंक ने यह भी कहा कि उसने वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव सेॉनिपटने में देशों की मदद करने के लिए 15 महीने के लिहाज से 160 अरब डॉलर की आपातकालीन सहायता जारी करने की योजना को मंजूरी दी।
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I AM POST GRADUATED FROM THE NAGPUR UNIVERSITY IN JOURNALISM

1 comment:

  1. प्रधानमंत्री की अपील पर देश के तमाम उद्योगपति सामने आए और अब तक सैकड़ों करोड़ का फंड इकट्ठा हो चुका है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 500 करोड़ देने की घोषणा की है। इसके अलावा एल ऐंड टी ने 150 करोड़ और योगगुरु बाबा रामदीव ने 25 करोड़ देने का ऐलान किया है।
    रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पीएम केयर फंड में 500 करोड़ देने की घोषणा की है। इसके अलावा कंपनी 5-5 करोड़ रुपये महाराष्ट्र और गुजरात मुख्यमंत्री राहत कोष में भी देगी। कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि वह 5 लाख लोगों को अगले 10 दिनों तक खाना भी मुहैया कराएगी। यानी 50 लाख लोगों के खानों का इंतजाम किया जा रहा है।
    इन्फोसिस फाउंडेशन की तरफ से पीएम केयर्स फंड के लिए 100 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है।
    एल ऐंड टी (L&T) ने इस फंड में 150 करोड़ देने का फैसला किया है। कंपनी ने कहा कि वह हर महीने 500 करोड़ रुपये अलग से रख रही है ताकि लॉकडाउन के दौरान करीब 1.60 लाख कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को दिहाड़ी मिलने में कोई दिक्कत ना हो।
    कोरोना के खिलाफ लड़ाई में नैशनल मिनरल्स डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (NMDC) ने पीएम केयर्स फंड के लिए 150 करोड़ देने का ऐलान किया है। इस कंपनी में करीब 73 फीसदी हिस्सेदारी केंद्र सरकार की है। यह मिनरल्स का उत्पादन करती है।
    एसजेवीएन लिमिटेड (SJVN Limited) जो मिनिस्ट्री ऑफ पावर के अंतर्गत आती है, उसने 5 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है।
    योग गुरु बाबा रामदेव का पतंजलि ने इस फंड में 25 करोड़ देने का ऐलान किया है।
    हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिडे (HAL) ने पीएम केयर्स फंड के लिए 20 करोड़ रुपये की घोषणा की है। यह दान उसने अपने सीएसआर फंड से किया है। इसके अलावा एचएएल के सभी कर्मचारी अपनी एक दिन की सैलरी भी दान करेंगे जो रकम 6.25 करोड़ होगी। इस तरह एचएएल की तरफ से फंड के लिए 26.25 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
    कोरोना के खिलाफ लड़ाई में टाटा ट्रस्ट ने 500 करोड़ का दान किया है। टाटा संस ने अलग से 1000 करोड़ रुपये दिए हैं। कुल मिलाकर टाटा की तरफ से अब तक 1500 करोड़ रुपये आए हैं। टाटा संस ग्रुप की सभी कंपनियों को फंड करती है और टाटा ट्रस्ट का टाट संस में करीब 76 फीसदी हिस्सेदारी है। वैसे भी टाटा ट्रस्ट हर साल करीब 1200 करोड़ रुपये समाज सेवा में खर्च करता है। इसके अलावा टाटा ग्रुप का ताज होटल मुंबई के बीएमसी अस्पतालों में मरीजों, डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ को मुफ्त में खाना खिला रहा है।
    पेटीएम ने शनिवार को कहा कि उसका 'प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स) में 500 करोड़ रुपये का योगदान देने का लक्ष्य है। पेटीएम ने एक बयान में कहा कि पेटीएम का वॉलेट, यूपीआई और पेटीएम बैंक डेबिट कार्ड इस्तेमाल करके पेटीएम के जरिए दिए गए हर योगदान या अन्य किसी भी भुगतान के लिए कंपनी अतिरिक्त 10 रुपये का योगदान देगी।
    फोनपे ने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी अभियान में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के लिए 100 करोड़ रुपये जुटाने का अभियान शुरू किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यूपीआई का इस्तेमाल कर उसके ऐप से 30 अप्रैल 2020 तक पीएम केयर्स में जितने उपभोक्ता दान करेंगे, वह हर उपभोक्ता के बदले 10-10 रुपये का अपनी ओर से योगदान देगी। कंपनी ने कहा, 'कुल मिलाकर वह अधिकतम 100 करोड़ रुपये का योगदान देगी।' इससे पहले प्रतिस्पर्धी कंपनी पेटीएम ने शनिवार को इसी तरह की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री राहत कोष में 500 करोड़ रुपये के योगदान की बात की थी।
    अडाणी फाउंडेशन ने इस फंड के लिए 100 करोड़ रुपये का दान दिया है। ग्रुप की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि वह इसके अलावा भी अन्य रिसोर्स से सरकार और देश की जनता का मदद करेगी।
    जेएसडब्ल्यू समूह ने रविवार को कहा कि वह कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए 100 करोड़ रुपये की सहायता देगा। सज्जन जिंदल की अगुवाई वाला समूह इस वित्तीय सहायता के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जरूरी उपकरण भी मुहैया कराएगा और इसके कर्मचारी वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक दिन का वेतन दान करेंगे। जेएसडब्ल्यू समूह ने एक बयान में कहा, 'मौजूदा कोविड-19 संकट के मद्देनजर जेएसडब्ल्यू समहू 'आपातकालीन स्थिति में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष' (पीएम-केयर्स कोष) में 100 करोड़ रुपये देगा।
    कोटक महिन्द्रा बैंक और इसके चेयरमैन उदय कोटक ने 25-25 करोड़ रुपये का दान दिया है।
    Cello ग्रुप ने पीएम केयर्स फंड में 3.5 करोड़ रुपये का दान दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप और पंकज राठौड़ को शुक्रिया कहा।
    ओसवाल ग्रुप के मोतीलाल ओसवाल ने इस फंड के लिए 5 करोड़ रुपये दान में दिए हैं।

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