संजय पाटील : नागपूर प्रेस मीडिया : 19 मे 2020 : ‘अम्फान’ (super cyclone amphan live status) तूफान का नाम थाईलैंड ने दिया है। इस तरह का सुपर साइक्लोन अपने पीछे बर्बादी छोड़ जाता है। यह तूफान साल 2014 में आए 'हुदहुद' तूफान (Cyclone hudhud) से काफी भयावह और विध्वंसक हो सकता है। 2014 में 'हुदहुद' ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे तटीय राज्यों के अलावा उत्तर प्रदेश समेत कई मैदानी राज्यों में भी भयंकर तबाही मचाई थी।
सुपर साइक्लोन 'अम्फान' बंगाल से टकराएगा
अम्फान 19-20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच तट से टकराएगा। इसका असर गुरुवार तक रहेगा। जानमाल के नुकसान रोकने के लिए NDRF की 53 टीमें तैनात की हैं। तटीय गांव खाली कराए जा रहे हैं। समुद्र के किनारे न जाने की सलाह है। रेल और बस सेवाओं के रूट बदले गए हैं। ओडिशा के तट के नजदीक पहुंचा तूफान 'अम्फान', अगले 6 घंटे में प्रचंड रूप लेने की आशंका
यहां से भी गुजरेगा 'अम्फान'
इस तूफान के सोमवार रात ही आंध्रप्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों से गुजरने के आसार हैं। इस दौरान ओडिशा, प. बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में 21 मई तक भारी बारिश और आंधी-तूफान की चेतावनी जारी की गई है।
'अम्फान' मचा सकता है बड़ी तबाही
NDRF के महानिदेशक एस.एन. प्रधान ने सोमवार को बताया कि ‘अम्फान’ को हल्के में नहीं लिया जा रहा है क्योंकि ऐसा दूसरी बार हुआ है जब भारत बंगाल की खाड़ी में आये प्रचंड चक्रवातीय तूफान का सामना कर रहा है। कच्चे मकान, मकानों की कच्ची छतों , नारियल के पेड़ों, टेलीफोन और बिजली के खंभों को गंभीर क्षति पहुंच सकती है। 1999 के सुपर साइक्लोन ने 9,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी।
195-200 किलोमीटर की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक एम. महापात्र ने कहा कि 1999 में ओडिशा तट पर आए प्रचंड चक्रवातीय तूफान के बाद यह उस श्रेणी का दूसरा तूफान है। उन्होंने बताया कि ‘अम्फान’ के तट से टकराने के दौरान हवा की गति 195 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा रहने का अनुमान है और यह आबादी वाले इलाके को प्रभावित करेगा।
सेना, वायुसेना भी अलर्ट
एयरफोर्स के सी-131 विमानों को भी तैयार रहने को कहा गया है। जरूरत पड़ने पर सेना की भी मदद ली जाएगी। NDRF की टीमें राज्यों में अलर्ट मोड में है।
20 लाख लोगों को हटा रहा है बांग्लादेश.
‘अम्फान’ के बांग्लादेश के दक्षिणी तट की ओर बढ़ने के बीच यहां की सरकार ने सोमवार को करीब 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया है। आपदा प्रबंधन मंत्रालय के सचिव शाह कमाल ने कहा कि दक्षिण-पश्चिमी अति प्रभावित 19 जिलों के प्रशासन को लोगों की जान बचाने के लिए सभी तैयारियां करने को कहा गया है।
ओडिशा में भारी नुकसान की आशंका
IMD के महानिदेश मृत्युंजय महापात्रा ने ने कहा, अम्फान ओडिशा में 1999 में तूफान के बाद दूसरा सुपर साइक्लोन (चक्रवाती तूफान) है। वह ऐतिहासिक रूप से सबसे तीव्र चक्रवाती तूफान था। 1999 के सुपर साइक्लोन ने 9,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी। मौसम विभाग ने तटीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां इससे व्यापक नुकसान होने की आशंका है।
तूफान के पहुंचने से पहले बंगाल में बारिश
IMD ने बताया है कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर परगना, पश्चिम और पूर्व मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा और कोलकाता जैसे पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में बारिश 19 मई से शुरू होगी और 55 से 65 कि. मी. प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी। ज्वार की लहर खगोलीय ज्वार से चार से छह फीट ऊपर होने की उम्मीद है। सुपर साइक्लोन के आने के बाद भारी बारिश से लेकर बेहद भारी बारिश का कारण बनेगा और साथ ही 165 से 195 कि. मी. प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी। इस हवा की गति बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकती है।
'अम्फान' से यहां सबसे ज्यादा नुकसान
अम्फान तूफान पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर, दक्षिणी एवं 24 उत्तरी परगना, हावड़ा में भारी तबाही मचा सकता है। इसके अलावा ओडिशा के मयूरभंज, बालासोर, भद्रक जैसे जिले में तूफान कहर मचा सकता है।
चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ ने लिया विकराल रूप
नई दिल्ली : चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ सुपर साइक्लोन में बदल चुका है और यह 20 मई को गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट को पार कर सकता है। इसके चलते ओडिशा के तटीय इलाकों और पश्चिम बंगाल की गंगा नदी के पास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अम्फान’ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के लिए आज एक उच्च स्तरीय बैठक की।
PMO ने एक बयान में बताया कि अम्फान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की तरफ से की गयी तैयारियों, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की समीक्षा की। गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक शाम चार बजे से शुरू हो गई थी, जो एक घंटे से ज्यादा चली। इसमें गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। सरकार ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकारों को जारी परामर्श में कहा है कि ‘अम्फान’ सोमवार सुबह दक्षिणी बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्सों और बगल की मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर मौजूद है।
सुपर साइक्लोन में बदल चुका है
मौसम विभाग के मुताबिक ‘अम्फान’ सुपर साइक्लोन में बदल चुका है और यह 20 मई को गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट को पार कर सकता है। भुवनेश्वर स्थित मौसम विभाग ने कहा है कि अम्फान अगले 6 घंटे में सुपर साइक्लोन तूफान में बदल सकता है। ओडिशा के गजपति, पुरी, गंजाम, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। कल बालासोर, भद्रक, जाजपुर, मयूरभंज, खुर्जा और कटक में बारिश में तेजी आ सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक ‘अम्फान’ सुपर साइक्लोन में बदल चुका है और यह 20 मई को गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट को पार कर सकता है। भुवनेश्वर स्थित मौसम विभाग ने कहा है कि अम्फान अगले 6 घंटे में सुपर साइक्लोन तूफान में बदल सकता है। ओडिशा के गजपति, पुरी, गंजाम, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। कल बालासोर, भद्रक, जाजपुर, मयूरभंज, खुर्जा और कटक में बारिश में तेजी आ सकती है।
मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात से तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में गंगा से लगने वाले क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होगी। ओडिशा सरकार जहां संवेदनशील इलाकों में रह रहे 11 लाख लोगों को निकालने की तैयारी कर रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने तटीय जिलों के लिए अलर्ट जारी किया और राहत टीमें भेजी हैं।
11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी
अधिकारियों ने बताया कि त्वरित प्रतिक्रिया बल और जरूरी उपकरणों के साथ वाहन पहले ही जिलों में पहुंच चुके हैं। राज्य सचिवालय से काम कर रहे राज्य आपदा संचालन केंद्र जिले के आपदा संचालन केंद्रों के साथ लगातार संपर्क में हैं। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि गंजाम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुर्दा और नयागढ़ के जिलाधिकारियों से जरूरत पड़ने पर संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने के लिए तैयार रहने को कहा है।
उन्होंने कहा कि 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयारियां कर ली गई हैं लेकिन लोगों को किन स्थानों से निकालना है यह फैसला सही समय पर किया जाएगा। जेना ने कहा कि 12 तटीय जिलों में 809 चक्रवात शिविरों में से 242 को फिलहाल कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों से लौट रहे लोगों के लिए अस्थायी चिकित्सा शिविर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
एनडीआरएफ की इकाइयां भेजी गईं
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस एन प्रधान ने कहा कि 10 इकाइयों को ओडिशा के विभिन्न जिलों में भेजा गया है जबकि 10 अन्य इकाइयों को तैयार रखा गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों को लोगों को संवेदनशील इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना बनाने का निर्देश दिया है।
साथ ही सड़क मार्ग, पेयजल आपूर्ति, बिजली आपूर्ति और अस्पतालों के ढांचे एवं वहां बिजली-पानी की आपूर्ति को जल्द बहाल करने की भी तैयारी करने को कहा है। चक्रवात ‘अम्फान’ से एक साल पहले पिछले साल तीन मई को ओडिशा में तूफान फणी ने कहर बरपाया था और 64 लोगों की जान लेने के साथ ही बिजली,दूरसंचार, पानी एवं अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की अवसंरचना को तबाह कर दिया था।
अधिकारियों ने बताया कि त्वरित प्रतिक्रिया बल और जरूरी उपकरणों के साथ वाहन पहले ही जिलों में पहुंच चुके हैं। राज्य सचिवालय से काम कर रहे राज्य आपदा संचालन केंद्र जिले के आपदा संचालन केंद्रों के साथ लगातार संपर्क में हैं। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि गंजाम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुर्दा और नयागढ़ के जिलाधिकारियों से जरूरत पड़ने पर संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने के लिए तैयार रहने को कहा है।
उन्होंने कहा कि 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयारियां कर ली गई हैं लेकिन लोगों को किन स्थानों से निकालना है यह फैसला सही समय पर किया जाएगा। जेना ने कहा कि 12 तटीय जिलों में 809 चक्रवात शिविरों में से 242 को फिलहाल कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों से लौट रहे लोगों के लिए अस्थायी चिकित्सा शिविर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
एनडीआरएफ की इकाइयां भेजी गईं
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस एन प्रधान ने कहा कि 10 इकाइयों को ओडिशा के विभिन्न जिलों में भेजा गया है जबकि 10 अन्य इकाइयों को तैयार रखा गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों को लोगों को संवेदनशील इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना बनाने का निर्देश दिया है।
साथ ही सड़क मार्ग, पेयजल आपूर्ति, बिजली आपूर्ति और अस्पतालों के ढांचे एवं वहां बिजली-पानी की आपूर्ति को जल्द बहाल करने की भी तैयारी करने को कहा है। चक्रवात ‘अम्फान’ से एक साल पहले पिछले साल तीन मई को ओडिशा में तूफान फणी ने कहर बरपाया था और 64 लोगों की जान लेने के साथ ही बिजली,दूरसंचार, पानी एवं अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की अवसंरचना को तबाह कर दिया था।
पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया के बीच चक्रवात अम्फान की लैंडफॉल प्रकिया शुरू हो चुकी है। खबर है कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तेज हवाओं की वजह से काी नुकसाना हुआ है
हाइलाइट्स
- पश्चिम बंगाल के नॉर्थ परगना जिले में अम्फान की वजह से 52,00 घरों के क्षतिग्रस्त होने की खबरः अधिकारी
- 20 मई को बंगाल की खाड़ी में दबाव बनने से लेकर चक्रवात के लैंडफॉल, समय और रास्ते को लेकर मौसम विभाग के अनुमान सही साबित हुए हैंः मत्युंजय महापात्र, डायरेक्टर जनरल, भारतीय मौसम विभाग
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बुधवार को कहा कि चक्रवाती तूफान अम्फान इस समय सुंदरबन के पास पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र से गुजर रहा है और शाम तक कोलकाता के पास पहुंच जाएगा।
- बांग्लादेश ने अम्फान तूफान के खतरे को देखते हुए अपने 20 लाख लोगों को सुरक्षित आश्रयस्थलों तक पहुंचाया है। सेना को राहत एवं बचाव कार्य की जिम्मेदारी दी गई है।
- ओडिशा में अम्फान चक्रवात ने मचाई तबाही, 2 की मौत। (IANS)
- चक्रवात अम्फान आज शाम तक कोलकाता पहुंच जाएगा। पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में असर दिख सकता है। साउथ और नॉर्थ सेंट्रल परगना से रिपोर्ट मिल रही है कि 160 तक रफ्तार हो सकती है। अनुमान है कि कोलकाता, हुगली और हावड़ा आदि जिलों में भी हवा की रफ्तार 110 से 135 किलोमीटर तक रह सकती है। ओडिशा में 106 से 107 की रफ्तार से भारी नुकसान हुआ है।
- पश्चिम बंगाल में अबतक करीब 5 लाख लोगों को और ओडिशा में 1.5 लाख लोगों को बाहर निकाल लिया गया हैः डीजी एनडीआरएफ
- सुपर साइक्लोन अम्फान का असर दिखना शुरू हो गया है। भुवनेश्वर में तेज हवाएं चल रही हैं और बारिश हो रही है।
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