Friday, 8 May 2020

दर्द : जयपुर से वैशाली भूखे पेट पत्नी और बच्चों को लेकर पैदल : संजय पाटिल

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संजय पाटिल  NBT: नीलकमल, वैशाली : बिहार के वैशाली जिला के रहने वाले 35 वर्षीय महेश अपनी पत्नी और दो बच्चों को लेकर कुछ महीने पहले राजस्थान के जयपुर गये थे। सोचा था वहां मेहनत से काम पर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण ढ़ंग से कर सकेंगे। कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन लागू कर दिया गया। महेश राय का पूरे परिवार के सामने भूखमरी की नौबत आ गयी। इस स्थिति में पूरे परिवार ने वापस बिहार लौटने की ठानी और परिवार के साथ पैदल चलकर राजस्थान से बिहार पहुंच गये।


खाली पेट ही छह दिन में नाप दी 1100 किलोमीटर की दूरीजयपुर में शटरिंग का काम करने वाले महेश राय जब लॉकडाउन की वजह बेरोजगार हो गये। पत्नी और दो बच्चों को बेहतर जिन्दगी देने की कोशिश करने वाले महेश के पास जब जमा पूंजी भी खत्म हो गयी। उनके परिवार के लोगों के सामने भूखमरी की स्थिति आ गयी। तब महेश राय ने ठान लिया कुछ भी हो वह किसी भी तरह अपने गांव वापस जाएंगे। वह छह दिन पहले खाली जेब और भूखे परिवार के साथ पैदल ही अपने वैशाली स्थित गांव के लिए चल पड़े। महेश राय के मुताबिक वे डेढ़ महीने तक बिना काम धंधा के बैठे रहे। इसलिए वे अपने परिवार के साथ वैशाली के लिए पैदल आने को मजबूर हुए।


महेश की पत्नी और बच्चों ने क्या कहा

जेब में फूटी कौड़ी तक नहीं थी, लेकिन विकट परिस्थिति में महेश की घर वापसी के फैसले में उनकी पत्नी और दो भूखे बच्चों का भी पूरा सहयोग मिला। हालांकि अब यह परिवार बिहार पहुंच चुका है। प्रशासन के लोग इन्हें क्वारंटीन सेंटर में पहुंचा चुके हैं। राजस्थान से बिहार तक के इनके पैदल यात्रा की कहानी काफी दर्दनाक है।

पानी पीकर भूख मारते रहे पति-पत्नी

महेश राय की पत्नी और दो मासूम बच्चो की मां विभा देवी के अनुसार पैदल चलते-चलते उनके और बच्चों के पैरे में छाले पड़ गए। चलते वक्त बच्चे दर्द से कराहते थे। उन्होंने कहा कि वो और उनके पति तो अपने पेट की आग की पानी से बुझाते हुए चल रहे थे। लेकिन उनके दोनों बच्चे पैरों में पड़े छाले और भूख की वजह से निढाल हो रहे थे। फिर रास्ते में किसी से बिस्किट लेकर बच्चों को खिलाया, लेकिन बच्चों की भूख नहीं मिटी।

गोपालगंज पहुंचकर ली राहत की सांस

उन्होंने बताया कि पूरा परिवार पांच दिन तक पानी के सहारे ही राजस्थान के जयपुर से चलकर यह परिवार शुक्रवार को यूपी की सीमा से सटे गोपालगंज के जलालपुर चेकपोस्ट पर पंहुचा। तब जाकर इस मासूम परिवार ने राहत की सांस ली।

बिहार में बिरयानी खाकर खिल उठा पांच दिन के भूखे रघुवीर का चेहरा

जब महेश का परिवार बिहार की सीमा में कुचायकोट के जलालपुर चेकपोस्ट पर पहुंचा, तब उन्हें खाना नसीब हो सका। पांच दिन के भूखे 6 साल के रघुवीर ने अपनी तोतली आवाज में बताया कि 5 दिन पैदल चलते-चलते उसके पैर दर्द करते रहे। पैर में छाले पड़ गये, लेकिन वह रोते-रोते चलता रहा। रास्ते में उसे भूख भी लग रही थी, लेकिन उसे पता था कि उनके मां-बाप के पास पैसे नहीं है, इसलिए वह अपने छोटे भाई का हाथ पकड़कर भूखे पेट ही चलता रहा। उसने बिहार के बॉर्डर पर मिले बिरयानी खाने के बाद बताया कि पांच दिन बाद वह और उसका भाई खाना खा रहे हैं।
NBT

गावाकडं निघालेल्या १४ मजुरांचा अपघाती मृत्यू; पायी जाणाऱ्यांना बसनं चिरडलं

लॉकडाउनच्या काळात पायी निघालेल्या मजूरांच्या एका जत्थ्याला भरधाव बसने उडवल्यानं ६ जणांचा जागीच मृत्यू झाल्याची घटना उत्तर प्रदेशात घडली आहे. तर दुसऱ्या एका घटनेत महाराष्ट्रातून उत्तर प्रदेशकडे निघालेल्या मजुरांच्या ट्रकला झालेल्या भीषण अपघातात झाल्याने त्यात ८ जणांना आपला जीव गमवावा लागला. तर ५० जण गंभीररित्या जखमी झाले आहेत. बुधवारी रात्री या दोन्ही घटना घडल्या.
करोनाच्या महामारीपासून बचावासाठी करण्यात आलेल्या लॉकडाउननं सर्वात मोठा फटका स्थलांतरीत मजूर आणि कामगारांना बसला आहे. गेल्या सुमारे ५० दिवसांपासून देशभरात विविध ठिकाणी स्थलांतरीत कामगार अडकून पडले आहेत. उद्यापही लॉकडाउन संपण्याची चिन्हे नसल्याने त्यांनी कोणत्याही प्रकारे घरी जाण्याचा मार्ग निवडला आहे. यातील काही पायी तर काही एकत्रित वाहनांची व्यवस्था करुन निघाले आहेत.
नागपूर
पैशांच्या तणावातून ६७वर्षीय ज्येष्ठाने सातव्या माळ्यावरून उडी घेऊन आत्महत्या केली. ही घटना वर्धा मार्गावरील शिव टाउनशिप येथे मंगळवारी घडली. शशिकांत बिपिनचंद सूद असे मृताचे नाव आहे. ते सिंचन विभागाचे निवृत्त अधिकारी आहेत.

पैशांच्या तणावातून घेतली सातव्या माळ्यावरून उडी

पोलिसांनी दिलेल्या माहितीनुसार, निवृत्तीनंतर शशिकांत यांनी टाउनशिपमध्ये ७०२ क्रमांकाचा फ्लॅट खरेदी केला. ते दोन मुलींसह येथे राहायचे. निवृत्तीनंतर मिळालेल्या पैशांतून त्यांनी ओपन सिटी येथे फ्लॅट खरेदीसाठी सहा लाख रुपये व एका क्लबमध्ये सदस्यत्वासाठी ७१ हजार रुपये जमा केले. मात्र, त्यांना रक्कम जमा करण्याची कोणतीही पावती देण्यात आली नाही. त्यांनी संचालकांना पैसे परत मागितले असता लॉकडाउनचे कारण पुढे करण्यात आले. त्यांना पैसे परत देण्यात आले नाहीत. त्यामुळे ते तणावात होते. मंगळवारी सकाळी शशिकांत यांनी सातव्या माळ्यावरून उडी घेतली. आवाजाने शेजारी जमले. नातेवाइकांनी त्यांना खासगी हॉस्पिटलमध्ये दाखल केले. डॉक्टरांनी शशिकांत यांना मेडिकलमध्ये दाखल करण्यास सांगितले. उपचारादरम्यान त्यांचा मृत्यू झाला. याप्रकरणी बेलतरोडी पोलिसांनी आकस्मिक मृत्यूची नोंद करून तपास सुरू केला आहे.

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I AM POST GRADUATED FROM THE NAGPUR UNIVERSITY IN JOURNALISM

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