संजय पाटिल : नागपुर प्रेस मीडिया : 7 जून 2020 : नागपुर. हाईप्रोफाइल महिला ठग प्रीति दास के खिलाफ 2 थानों में एफआईआर होने के बाद शनिवार को पूरे सिटी में वाइट कालर समाजसेवकों में हड़कम्प मच गया. विशेष रूप से ऐसे लोग जो समाजसेवा की आड़ में सरकारी दफ्तरों में धन-उगाही में लगे रहते हैं, उनके पैरों तले जमीन खिसक गई है. इधर प्रीति के खोज के लिए पुलिस ने कई जगह तलाशी ली, लेकिन उसका कोई अता-पता नहीं है. पुलिस विभाग में प्रीति के दबदबे का अलग ही आलम था और उसका चुटकी बजाकर सबसे चर्चित डायलाग यह था कि ’33 थाने के 66 पीआई मेरे जेब में हैं, मैं चाहू उसका गेम कर सकती हूं.’
4 इंस्पेक्टरों से थी काफी ‘करीब’
प्रीति के रैकेट का पुलिस आयुक्त डा.बी.के. उपाध्याय द्वारा पर्दाफाश किये जाने के बाद पुलिस विभाग में कई अफसरों को पसीना छूट गया. विशेष रूप से ऐसे अफसरों को जो प्रीति से काफी ‘नजदीकी’ रखते थे. क्राइम ब्रांच का एक पीआई, पश्चिम नागपुर के जोन-2 का एक सीनियर पीआई, दक्षिण नागपुर के जोन-4 का एक सेकंड पीआई भी शामिल है. इनके अलावा उसके व्यक्तित्व से ‘प्रभावित’ होने वाले कई छोटे-बड़े अधिकारी भी हैं. कई अधिकारियों के साथ उसकी तस्वीरे सोशल मीडिया पर देखी जा सकती है. यहां तक कि कुछ इंस्पेक्टरों का थानों में जन्मदिन मनाने के वीडियो भी उसने सोशल मीडिया पर शेयर किये हैं. शनिवार को ऐसे अफसर इसी जुगाड़ में लगे रहे कि सोशल मीडिया पर जो भी तस्वीरें हैं, वह किसी तरह हट जाए, लेकिन बहुत कुछ अब भी बरकरार है.
प्रीति के रैकेट का पुलिस आयुक्त डा.बी.के. उपाध्याय द्वारा पर्दाफाश किये जाने के बाद पुलिस विभाग में कई अफसरों को पसीना छूट गया. विशेष रूप से ऐसे अफसरों को जो प्रीति से काफी ‘नजदीकी’ रखते थे. क्राइम ब्रांच का एक पीआई, पश्चिम नागपुर के जोन-2 का एक सीनियर पीआई, दक्षिण नागपुर के जोन-4 का एक सेकंड पीआई भी शामिल है. इनके अलावा उसके व्यक्तित्व से ‘प्रभावित’ होने वाले कई छोटे-बड़े अधिकारी भी हैं. कई अधिकारियों के साथ उसकी तस्वीरे सोशल मीडिया पर देखी जा सकती है. यहां तक कि कुछ इंस्पेक्टरों का थानों में जन्मदिन मनाने के वीडियो भी उसने सोशल मीडिया पर शेयर किये हैं. शनिवार को ऐसे अफसर इसी जुगाड़ में लगे रहे कि सोशल मीडिया पर जो भी तस्वीरें हैं, वह किसी तरह हट जाए, लेकिन बहुत कुछ अब भी बरकरार है.
एक इंस्पेक्टर को पत्नी ने बचाया
दावा किया गया कि पश्चिम नागपुर के जोन-2 के एक प्रमुख थाने के इंस्पेक्टर से तो प्रीति के घर जैसे संबंध थे. कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि जब बर्डी में दर्ज 18 लाख के ठगी के मामले प्रीति जेल गई थी, उसके पहले एक इंस्पेक्टर से उसका ‘गहरा-रिश्ता’ हो गया था. इस रिश्ते की बदौलत झूठे इल्जाम लगाकर थाने तक लाना और खुद ही बीच-बचाव करके मामले को निपटाना रोजमर्रा की बातें थी. सैयद नामक एक युवक को इस कथित ‘गहरे-रिश्ते’ की जानकारी भी थी. इस इंस्पेक्टर का परिवार नागपुर शहर में नहीं रहता था. नये रिश्ते के चक्कर में घर-परिवार भुला बैठा इंस्पेक्टर की पत्नी एक दिन नागपुर आ धमकी. प्रीति के सामने ही पत्नी ने इंस्पेक्टर की खटिया खड़ी कर दी. बहुत बड़ा तमाशा हुआ. इंस्पेक्टर की हालत सैंडविच जैसी हो गई थी. उस समय प्रीति ने 18 लाख वाले ठगी मामले में उसके सह-आरोपी इरशाद को वहां बुलाकर इंस्पेक्टर के साथ मारपीट भी की थी. लोकलाज के चक्कर में कोई पुलिस में शिकायत नहीं हुई थी. लेकिन इंस्पेक्टर को इस रिश्ते से छुटकारा पाने की काफी महंगी कीमत चुकानी पड़ी. इस सौदे के चक्कर में इंस्पेक्टर को अपना एक प्लाट, कुछ लाख रुपये, सोने के आभूषण से हाथ धोना पड़ा था.
दावा किया गया कि पश्चिम नागपुर के जोन-2 के एक प्रमुख थाने के इंस्पेक्टर से तो प्रीति के घर जैसे संबंध थे. कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि जब बर्डी में दर्ज 18 लाख के ठगी के मामले प्रीति जेल गई थी, उसके पहले एक इंस्पेक्टर से उसका ‘गहरा-रिश्ता’ हो गया था. इस रिश्ते की बदौलत झूठे इल्जाम लगाकर थाने तक लाना और खुद ही बीच-बचाव करके मामले को निपटाना रोजमर्रा की बातें थी. सैयद नामक एक युवक को इस कथित ‘गहरे-रिश्ते’ की जानकारी भी थी. इस इंस्पेक्टर का परिवार नागपुर शहर में नहीं रहता था. नये रिश्ते के चक्कर में घर-परिवार भुला बैठा इंस्पेक्टर की पत्नी एक दिन नागपुर आ धमकी. प्रीति के सामने ही पत्नी ने इंस्पेक्टर की खटिया खड़ी कर दी. बहुत बड़ा तमाशा हुआ. इंस्पेक्टर की हालत सैंडविच जैसी हो गई थी. उस समय प्रीति ने 18 लाख वाले ठगी मामले में उसके सह-आरोपी इरशाद को वहां बुलाकर इंस्पेक्टर के साथ मारपीट भी की थी. लोकलाज के चक्कर में कोई पुलिस में शिकायत नहीं हुई थी. लेकिन इंस्पेक्टर को इस रिश्ते से छुटकारा पाने की काफी महंगी कीमत चुकानी पड़ी. इस सौदे के चक्कर में इंस्पेक्टर को अपना एक प्लाट, कुछ लाख रुपये, सोने के आभूषण से हाथ धोना पड़ा था.
कामठी रोड के फ्लैट की चर्चा
प्रीति के कारनामों की सबसे खतरनाक चर्चा कामठी रोड पर एक फ्लैट को लेकर है. यह फ्लैट भी उसके एक पुलिसिया-मित्र का है. यह मित्र जब उत्तर नागपुर के एक थाने में पदस्थ था, तब वहां प्रीति का पूरा दिन उठना-बैठना था. थानेदार गश्त पर भी हो तो ‘मैडम’ वहां आने वाले मामलों में अपना दखल रखती थी. यहां तक थानेदार साहब जब रात 12-1 बजे ‘अपने-घर’ जाते थे, तब भी वह उनके साथ होती थी. बहरहाल इस फ्लैट में सिटी पुलिस के कई मामले सुलझाए और पुलिस-प्रशासन में दखल रखने वाले कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस फ्लैट के बारे में ‘गहरी’ जानकारी है. लकड़गंज थाने में प्रीति और उसके साथियों के खिलाफ आत्महत्या के उकसाने का जो मामला दर्ज हुआ भी है उसका भी इस फ्लैट से गहरा संबंध बताया जाता है.
प्रीति के कारनामों की सबसे खतरनाक चर्चा कामठी रोड पर एक फ्लैट को लेकर है. यह फ्लैट भी उसके एक पुलिसिया-मित्र का है. यह मित्र जब उत्तर नागपुर के एक थाने में पदस्थ था, तब वहां प्रीति का पूरा दिन उठना-बैठना था. थानेदार गश्त पर भी हो तो ‘मैडम’ वहां आने वाले मामलों में अपना दखल रखती थी. यहां तक थानेदार साहब जब रात 12-1 बजे ‘अपने-घर’ जाते थे, तब भी वह उनके साथ होती थी. बहरहाल इस फ्लैट में सिटी पुलिस के कई मामले सुलझाए और पुलिस-प्रशासन में दखल रखने वाले कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस फ्लैट के बारे में ‘गहरी’ जानकारी है. लकड़गंज थाने में प्रीति और उसके साथियों के खिलाफ आत्महत्या के उकसाने का जो मामला दर्ज हुआ भी है उसका भी इस फ्लैट से गहरा संबंध बताया जाता है.
बचाने में जी-जान से लगा कांग्रेस नेता
एक तरफ शनिवार को प्रीति से पीड़ित-प्रताड़ित कई लोग उसकी खिलाफ शिकायत करने की तैयारी में लगे रहे. दूसरी ओर, कांग्रेस का एक ‘पाटिल’ नामक का नेता उसको बचाने में जी-जान से लगा रहा. प्रीति के कई पुलिस-मित्रों को फोन के द्वारा संपर्क कर पाटिल इस कोशिश में लगा हुआ है कि कुछ भी करके उसे जमानत मिल जाए. पाटिल के कारण ही वह सिटी के एक बड़े अधिकारी तक पहुंच गई और वहां से उसका पुलिसवालों पर रौब जमाने का काम भी शुरू हो गया था. पुलिस थानों में प्रीति के साथ यह पाटिल भी लगातार चक्कर लगाता देखा गया. यह महोदय पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में भी सक्रिय रह चुके हैं. जिससे राकां के पश्चिम नागपुर के एक पूर्व प्रमुख पदाधिकारी से भी प्रीति की काफी नजदीकी बनी हुई है. इस परिवार के साथ कई बार प्रीति राजनीतिक मंच पर भी रही. वैसे देर रात यह खबर मिली थी कि बीजेपी की एक पश्चिम नागपुर के नेता के घर प्रीति ने शरण ली है लेकिन पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाई. प्रीति को उसके पुलिस और नेता मित्रों के कारण पांचपावली और लकड़गंज पुलिस शनिवार को देर रात तक नहीं खोज पाई.
एक तरफ शनिवार को प्रीति से पीड़ित-प्रताड़ित कई लोग उसकी खिलाफ शिकायत करने की तैयारी में लगे रहे. दूसरी ओर, कांग्रेस का एक ‘पाटिल’ नामक का नेता उसको बचाने में जी-जान से लगा रहा. प्रीति के कई पुलिस-मित्रों को फोन के द्वारा संपर्क कर पाटिल इस कोशिश में लगा हुआ है कि कुछ भी करके उसे जमानत मिल जाए. पाटिल के कारण ही वह सिटी के एक बड़े अधिकारी तक पहुंच गई और वहां से उसका पुलिसवालों पर रौब जमाने का काम भी शुरू हो गया था. पुलिस थानों में प्रीति के साथ यह पाटिल भी लगातार चक्कर लगाता देखा गया. यह महोदय पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में भी सक्रिय रह चुके हैं. जिससे राकां के पश्चिम नागपुर के एक पूर्व प्रमुख पदाधिकारी से भी प्रीति की काफी नजदीकी बनी हुई है. इस परिवार के साथ कई बार प्रीति राजनीतिक मंच पर भी रही. वैसे देर रात यह खबर मिली थी कि बीजेपी की एक पश्चिम नागपुर के नेता के घर प्रीति ने शरण ली है लेकिन पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाई. प्रीति को उसके पुलिस और नेता मित्रों के कारण पांचपावली और लकड़गंज पुलिस शनिवार को देर रात तक नहीं खोज पाई.
PI को भी लगा लाखों का फटका, नहीं मिल रहा प्रीति दास का सुराग
नागपुर. 09 जून 2020 : हाईप्रोफाइल ठग प्रीति दास के शिकार लोगों की सूची बहुत लंबी है. मामले दर्ज होने के बाद अब प्रीति का कच्चा-चिट्ठा बाहर आ रहा है. शहर पुलिस सरगर्मी से उसकी तलाश कर रही है, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. आईसीआईसीआई बैंक में रिसेप्शनिस्ट का काम करते हुए प्रीति ने कई बड़े कस्टमरों को अपने झांसे में लिया. उनमें से ही एक था प्रापर्टी डीलर इरशाद. उसके जरिए प्रीति ने शहर के कई व्यवसायियों से गोल्ड स्कीम के नाम पर लाखों रुपये निवेश करवाए. लोगों का पैसा डूबने के बाद विवाद शुरू हो गए. ऐसे में उसने एक पीआई को झांसे में लिया.
पीआई के साथ मंदिर में शादी कर फ्लैट में रहने लगी. जब पीआई की पत्नी को इसका पता चला तो जमकर बवाल हुआ. प्लाट, नकद और सोना लेने के बाद पीआई का पीछा छूटा. लोकलाज के डर से पीआई अपना दुखड़ा किसी को नहीं बता पाया और तभी से प्रीति ने पुलिस विभाग में अपना दबदबा बनाने का काम शुरू किया. बताया जाता है कि डेढ़ वर्ष पहले किसी व्यक्ति ने सीताबर्डी थाने में उसके खिलाफ ठगी की शिकायत दी थी, लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ.
सभी शिकायतों का लें संज्ञान
अब पुलिस कमिश्नर ने सभी पुलिस थानों को प्रीति के खिलाफ मिली शिकायतों का ब्यौरा निकालने को कहा है. कई ऐसे मामले हैं जो प्रीति ने पुलिस अधिकारियों से मित्रता की आड़ में दबवा दिए. एक टीम को उसके सेमिनरी हिल्स में होने की जानकारी मिली थी, लेकिन छापेमारी के बाद बैरंग लौटना पड़ा. 2 स्थानों पर और छापा मारा गया. अब प्रीति के खिलाफ पीड़ित लोग खुलकर सामने आ रहे हैं, वहीं उसके कुछ हितैशी भी बचाने में जुट गए हैं.
अब पुलिस कमिश्नर ने सभी पुलिस थानों को प्रीति के खिलाफ मिली शिकायतों का ब्यौरा निकालने को कहा है. कई ऐसे मामले हैं जो प्रीति ने पुलिस अधिकारियों से मित्रता की आड़ में दबवा दिए. एक टीम को उसके सेमिनरी हिल्स में होने की जानकारी मिली थी, लेकिन छापेमारी के बाद बैरंग लौटना पड़ा. 2 स्थानों पर और छापा मारा गया. अब प्रीति के खिलाफ पीड़ित लोग खुलकर सामने आ रहे हैं, वहीं उसके कुछ हितैशी भी बचाने में जुट गए हैं.
बताया जाता है कि सामाजिक संगठन प्रीति के सपोर्ट में उसके खिलाफ दर्ज मामले झूठे होने का दावा कर रहा है. कई पुलिस अधिकारी और राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोग अब उससे किसी प्रकार की मित्रता होने से इंकार कर रहे हैं. प्रीति के साथ अक्सर फोटो खिंचवाने वाले अधिकारी अब स्पष्टीकरण देते घूम रहे हैं.
'गवसेना प्रीती, ना तिचे दास'
नागपूर : 11 जून 2020 : पोलिस अधिकाऱ्याशी असलेल्या संबंधांचा वापर करून अनेकांची फसवणूक व ब्लॅकमेल करणारी प्रीती दास अद्यापही 'स्मार्ट व हायटेक' पोलिसांना गवसलेली नाही. 'पोलिसच तिची पाठराखण करीत आहेत. ती राजकीय आश्रयाला गेल्याने पोलिस तिच्या अटकेसाठी प्रयत्न करीत नाही,'अशी चर्चा शहरात सुरू आहे. तिचे साथीदारही मोकाटच आहेत. त्यामुळेच 'ना गवसेना प्रीती, ना तिचे दास' असा सूर शहरात उमटत आहे.
पोलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय यांनी तडकाफडकी प्रीती दासविरुद्ध गुन्हा दाखल करण्याचे निर्देश दिले. त्यानंतर तिच्याविरुद्ध तीन गुन्हे दाखल झालेत. मात्र, पोलिसांनी अद्यापही तिच्या अटकेसाठी तत्परता दाखविली नाही.
प्रीती ही अनेक पोलिस स्टेशनमधील शांतता समितीची सदस्य आहे. उत्तर नागपुरातील पोलिस स्टेशनमध्ये तिचा दबदबा आहे. या भागातील अनेक अधिकाऱ्यांसोबत तिचे संबंध आहेत. एका अधिकाऱ्याच्या वाढदिवसाच्या पार्टीतील प्रीतीची हजेरी चर्चेत आली होती.
पोलिस स्टेशनमधील शांतता समिती व भरोसा सेलच्या समितीची सदस्य असल्याचा लाभ प्रीतीने घेतला. प्रकरण मिटवून देण्यासाठी ती नागरिकांची फसवणूक करायला लागली. पैसे न मिळाल्यास पोलिस निरीक्षकाच्या मदतीने खोट्या गुन्ह्यात अडकविण्याची धमकी देऊन ती ब्लॅकमेलही करीत होती. तिची दहशत वाढत असल्याने एका नागरिकाने पोलिस आयुक्तांकडे तक्रार केली. या तक्रारीची दखल घेत पोलिस आयुक्तांनी प्रीती व तिच्या साथीदारांविरुद्ध गुन्हे दाखल करण्याचे निर्देश दिले. पोलिसांनी तिच्याविरुद्ध गुन्हेही दाखल केले. मात्र, तिला अटक केली नाही. तिच्या अटकेने आपले संबंध समोर येण्याच्या भीती पोलिस अधिकाऱ्यांना आहे. प्रीती एका राजकीय नेत्याच्या आश्रयाला असून, हा नेता तिला वाचविण्याच्या प्रयत्नात असल्याची चर्चा बुधवारीही शहरात होती.
Court rejects anticipatory bail plea of Preeti Das
Sessions Court turned down the anticipatory bail plea of self-styled social worker Preeti Jyotirmaya Das, who was booked by Pachpaoli Police for allegedly blackmailing a middle-aged man and extorting more than Rs 14.87 lakh from him, on Wednesday. A resident of Plot No 25, Priyadarshini Housing Society, Kamptee Road, Preeti Das (39) had allegedly targeted Umesh alias Guddu Devishankar Tiwari (50) on social media. Also a resident of Pachpaoli, Tiwari befriended Preeti on Facebook and fell into her trap.
By promising to tie the nuptial knot with Tiwari, she allegedly started blackmailing him. She allegedly extorted Rs 14, 87,600 from Tiwari by threatening to implicate him in a false criminal case. Facing charges under Sections 420 and 34 of the Indian Penal Code, Preeti moved an application through her lawyer Adv A P Raghute seeking anticipatory bail.
Adv Nitin Telgote, District Government and Special Public Prosecutor, strongly opposed to giving any relief to accused Preeti considering the seriousness of the case. Adv Telgote informed the court that similar offences were registered against her at different police stations in the city and adjoining districts. After hearing the arguments of the defence and grounds cited by prosecution, the court rejected her anticipatory bail application.
प्रीति दास को झटका, गिरफ्तारी का काम अब भी अटका
नागपुर. पांचपावली थाना में दर्ज फिरौती वसूलने के मामले में फरार हाईप्रोफाइल ठग प्रीति दास को न्यायालय से भी झटका मिला है. पुलिस अधिकारियों से मधुर संबंध रखने वाली प्रीति से अब सभी ने कन्नी काट ली है, लेकिन कुछ राजनीतिक लोग अब भी उसके समर्थन में खड़े है. उन्हीं की मदद से अब तक प्रीति फरार है. इसी बीच उसने न्यायालय में गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी दायर की, लेकिन कोर्ट ने उसकी अपील ठुकरा दी. इससे प्रीति को बड़ा झटका लगा है. मामला दर्ज हुए 1 सप्ताह बीत जाने के बावजूद अब तक प्रीति की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
डिटेक्शन और आरोपियों को पकड़ने में माहिर नागपुर पुलिस के हाथ अब तक खाली है. उमेश तिवारी की शिकायत पर पांचपावली पुलिस ने प्रीति के खिलाफ फिरौती वसूलने का मामला दर्ज किया था. प्रीति ने शादी का झांसा देकर उमेश को अपने जाल में फंसाया. बाद में उसे दुष्कर्म के मामले में फंसाने की धमकी देकर फ्लैट के लिए रकम वसूलती रही. इतना ही नहीं गाड़ी, सोने की चेन, मोबाइल और घरेलु उपयोगी सामान लिया.
खोज रही 3 थानों की पुलिस
प्रीति की गतिविधियों की जानकारी मिलने पर सीपी उपाध्याय ने उसके खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए. पांचपावली के बाद लकड़गंज थाने में और फिर जरीपटका थाने में मामला दर्ज किया गया. बताया जाता है कि शिकायत होते ही प्रीति के हितैशी अधिकारी ने उसे जानकारी दे दी और तब से प्रीति फरार है. अदालत में पांचपावली पुलिस ने उसे जमानत देने का कड़ा विरोध किया. उसपर दर्ज मामले गंभीर होने और जमानत मिलने पर जांच को प्रभावित होने का हवाला दिया. न्यायालय ने उसकी अपील ठुकरा दी. पांचपावली के थानेदार किशोर नगराले ने बताया कि प्रीति की तलाश जारी है. केवल पांचपावली ही नहीं अन्य 2 थानों में दर्ज मामलों में भी उसकी तलाश की जा रही है. जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. कुछ जगहों पर पुलिस ने दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं लगी.
प्रीति की गतिविधियों की जानकारी मिलने पर सीपी उपाध्याय ने उसके खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए. पांचपावली के बाद लकड़गंज थाने में और फिर जरीपटका थाने में मामला दर्ज किया गया. बताया जाता है कि शिकायत होते ही प्रीति के हितैशी अधिकारी ने उसे जानकारी दे दी और तब से प्रीति फरार है. अदालत में पांचपावली पुलिस ने उसे जमानत देने का कड़ा विरोध किया. उसपर दर्ज मामले गंभीर होने और जमानत मिलने पर जांच को प्रभावित होने का हवाला दिया. न्यायालय ने उसकी अपील ठुकरा दी. पांचपावली के थानेदार किशोर नगराले ने बताया कि प्रीति की तलाश जारी है. केवल पांचपावली ही नहीं अन्य 2 थानों में दर्ज मामलों में भी उसकी तलाश की जा रही है. जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. कुछ जगहों पर पुलिस ने दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं लगी.
प्रीति बिंदास पर लगाए मोका
स्वघोषित सामाजिक कार्यकर्ता प्रीति दास के समर्थन में कुछ राजनीतिक लोग खड़े है, वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण महिला सेना की अध्यक्षा मनीषा पापड़कर ने उसके खिलाफ मोका लगाने की मांग की है. उन्होंने डीसीपी क्राइम को दिए ज्ञापन में यह मांग की. मनीषा ने कहा कि समाज सेवा की आड़ में प्रीति बिंदास ने कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की. ब्लैकमेलिंग कर कई लोगों से रकम की उगाही की. ऐसी महिलओं की वजह से अब लोगों का समाजसेवियों को देखने का नजरिया बदल जाएगा. इसीलिए इस तरह की महिलाओं पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. पता चल रहा है कि कुछ थानेदारों के साथ उसके मधुर संबंध थे. वह थानेदारों के चेंबर में बैठकर अपनी दूकान चलाती थी. इसीलिए अब थानेदारों के चेंबर में भी सीसीटीवी कैमरे लगने चाहिए. केबिन के भीतर होने वाली गतिविधियों का रिकार्ड रहेगा. जिन अधिकारियों ने इन कामों में उसकी मदद की उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. शिष्टमंडल में संगीता सोनटक्के, मंजूषा पानबुड़े, स्वाति जायसवाल, कांता उमरे और पूनम चाड़गे भी शामिल थी.
स्वघोषित सामाजिक कार्यकर्ता प्रीति दास के समर्थन में कुछ राजनीतिक लोग खड़े है, वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण महिला सेना की अध्यक्षा मनीषा पापड़कर ने उसके खिलाफ मोका लगाने की मांग की है. उन्होंने डीसीपी क्राइम को दिए ज्ञापन में यह मांग की. मनीषा ने कहा कि समाज सेवा की आड़ में प्रीति बिंदास ने कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की. ब्लैकमेलिंग कर कई लोगों से रकम की उगाही की. ऐसी महिलओं की वजह से अब लोगों का समाजसेवियों को देखने का नजरिया बदल जाएगा. इसीलिए इस तरह की महिलाओं पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. पता चल रहा है कि कुछ थानेदारों के साथ उसके मधुर संबंध थे. वह थानेदारों के चेंबर में बैठकर अपनी दूकान चलाती थी. इसीलिए अब थानेदारों के चेंबर में भी सीसीटीवी कैमरे लगने चाहिए. केबिन के भीतर होने वाली गतिविधियों का रिकार्ड रहेगा. जिन अधिकारियों ने इन कामों में उसकी मदद की उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. शिष्टमंडल में संगीता सोनटक्के, मंजूषा पानबुड़े, स्वाति जायसवाल, कांता उमरे और पूनम चाड़गे भी शामिल थी.
वायरल हुआ प्रीति का वसूली वीडियो- भंडारा में दर्ज हुआ था धोखाधड़ी का मामला
नागपुर : 11 जून 2020 : सिटी पुलिस द्वारा हाईप्रोफाइल ठग प्रीति दास पर नकेल कसे जाने के बाद उसका कच्चा-चिट्ठा बाहर आ रहा है. पांचपावली में एक व्यक्ति को ब्लैकमेल करने, लकड़गंज में एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए मजबूर करने और जरीपटका में पुलिस अधिकारी के नाम पर वसूली करने का मामला दर्ज होने के बाद प्रीति फरार हो गई. उसके खिलाफ दर्ज हो रहे मामलों के सामने आने के बाद पुराने प्रकरण भी बाहर आने वाले हैं. प्रीति बिंदास का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह एक परिवार से 5 लाख रुपये की वसूली करते साफ दिखाई दे रही है. यह मामला है नौकरी लगाने के नाम पर वसूली का. इस प्रकरण में पुलिस ने प्रीति के अलावा मकसूद शेख और हीरानंद ठाकुर को भी आरोपी बनाया था.
प्रीति और उसके साथियों ने भंडारा के कटरे परिवार को चूना लगाया. उनके बेटे संदीप और व्यासकुमार कटरे को एक्सिस बैंक में नौकरी दिलाने के लिए 22.75 लाख रुपये की वसूली की. दोनों बैंक के फर्जी लेटर हेड पर ऑफर और ज्वाइनिंग लेटर भी दिया. पीड़ितों ने घर बेचकर उसे पैसे दिए थे, लेकिन नौकरी नहीं लगी. भंडारा पुलिस ने मामला दर्ज किया था. प्रीति और उसके साथी एक वीडियो में कटरे परिवार से पैसे लेते साफ दिखाई दे रहे हैं.
अब सवाल ये उठता है कि आपराधिक मामले दर्ज होने के बावजूद प्रीति ने पुलिस अधिकारियों से मधुर संबंध कैसे बना लिए. जो महिला ठगी के मामलों में जेल जा चुकी है, वह पुलिस अधिकारियों की करीबी कैसे बन गई. बड़े ही शातिर तरीके से उसने यह काम किया. राजनीतिक लोगों को अपना बनाकर उसने यह काम शुरू किया. खुद कार्यक्रम प्रायोजित करके अपना सत्कार करवाना शुरू किया और समाजसेवा की आड़ में वसूली का काम दोबारा शुरू किया.
होटल व्यवसायी भी हो चुका शिकारबताया जाता है कि सेंट्रल एवेन्यू का एक होटल व्यवसायी भी प्रीति का शिकार हो चुका है. उसने पहले होटल व्यवसायी से दोस्ती की. बाद में उसका इस्तेमाल करने लगी. होटल व्यवसायी की जगह पर उसने अपना कार्यालय शुरू किया और खुद को पार्टनर बताने लगी. जल्दी ही व्यापारी को उसकी कारगुजारियों का पता चल गया और उसने दूरी बना ली. तब तक प्रीति चूना लगा चुकी थी. ऐसे कई मामले हैं जो बदनामी के डर से पुलिस रिकार्ड में नहीं आए. सीताबर्डी थाने का एक प्रकरण भी चर्चा का विषय बना हुआ है. लगभग डेढ़ वर्ष पहले एक व्यक्ति ने पुलिस से धोखाधड़ी की शिकायत की थी.
अब हाईकोर्ट की शरण में जाने की तैयारीपांचपावली थाने में दर्ज ब्लैकमेलिंग कर फिरौती वसूलने के मामले में प्रीति को निचली अदालत से झटका मिला. कोर्ट ने उसकी जमानत अर्जी ठुकरा दी. बताया जा रहा है कि अब प्रीति उच्च न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी में है. गुरुवार की दोपहर पुलिस को जानकारी मिली थी कि वह हाईकोर्ट परिसर में आ सकती है. इसीलिए एक टीम ने हाईकोर्ट में जाल बिछाया था, लेकिन प्रीति हाथ नहीं लगी. अब पुलिस सरगर्मी से प्रीति की तलाश में जुट गई है. वहीं प्रीति के ‘दास’ भी उसे बचाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं.
प्रीती दासची पोलीस विभागात अनेकांशी संबंध
नागपूर :13 जून 2020 : प्रेमाच्या जाळ्यात ओढून एका व्यक्तीची फसवणूक केल्याप्रकरणी चर्चेत आलेली प्रीती दास हिची पोलीस विभागातील अनेक वरिष्ठ अधिकाऱ्यांशी गट्टी होती. या माध्यमातून तिने बलात्कार प्रकरणातील पीडित शोधून गुन्हा दाखल करवून आणि त्यातून अर्थकारण करण्यात ती तरबेज होती. त्यामुळे राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्षातील महिला पदाधिकाऱ्यांशी तिचे मतभेद निर्माण झाले, अशी माहिती समोर येत आहे.
प्रीती ज्योतिर्मय दास (३९) कामठी रोड हिच्याविरुद्ध काही दिवसांपूर्वी पाचपावली पोलीस ठाण्यात गुन्हा दाखल करण्यात आला. तेव्हापासून ती फरार आहे. उमेश ऊर्फ गुड्ड देविशंकर तिवारी (५०) यांना तिने फेसबुकवर फ्रेंड रिक्वेस्ट पाठवली. फेसबुकवरूनच संवाद साधून संपर्क क्रमांक घेतला. पत्नीशी फारकत घेऊन एकत्र राहण्याचे स्वप्न दाखवून घर विकत घेण्याच्या नावाने १४ लाख ८७ हजार ६०० रुपयांनी त्यांची फसवणूक केली.
सामाजिक कार्याच्या नावावर गोरखधंदा
शहरात अनेक महिला सामाजिक कार्यकर्त्यां असून त्या बलात्कार पीडितांच्या मदतीसाठी धावून जातात. पण, त्यामागे मोठे अर्थकारण असते. अनेकदा तक्रारदार महिला तयार नसताना त्यांना पैशांचे आमिष दाखवले जाते व बलात्काराची तक्रार द्यायला लावली जाते. यातून लाखो रुपये मिळाल्यानंतर ते आपापसात वाटून घेतले जातात. यात प्रामुख्याने देहविक्री होत असलेल्या क्षेत्रात सामाजिक कार्यकर्ता म्हणून कार्य करणाऱ्या अनेक महिलांचा समावेश असल्याची चर्चा पोलीस वर्तुळात आहे.
ठगबाज प्रीती दासची शरणागती
नागपूर :14 जून 2020 : खंडणी, फसवणुकीसह अनेक प्रकरणांत फरार असलेली ठगबाज प्रीती दास हिने अखेर पाचपावली पोलिस स्टेशनमध्ये शनिवारी शरणागती पत्करली. आत्मसमर्पण करताच पोलिसांनी अटक करून तिला न्यायालयात हजर केले. न्यायालयाने तिची १७ जूनपर्यंत पोलिस कोठडीत रवानगी केली.
प्रीतीच्या शरणागतीने तिचे 'दास' अडचणीत येण्याची शक्यता वर्तविण्यात येत असून, अनेक पोलिस अधिकारी व नेत्यांच्या हृदयाचे ठोके वाढले आहेत. आता पाचपावली पोलिस तिच्याकडून सत्य वदवून घेण्यात कितपत यशस्वी होतात, याकडेही लक्ष लागले आहे.
गेल्या आठवड्यात प्रीतीविरुद्ध पाचपावली पोलिस स्टेशनमध्ये खंडणीचा गुन्हा दाखल झाला. त्यानंतर लकडगंज व जरीपटका पोलिस स्टेशनमध्येही फसवणूक, खंडणीचे गुन्हे दाखल झाले. त्यानंतर लगेच प्रीती पसार झाली. तिला एका नेत्याने आश्रय दिला. या नेत्याने 'जुन्या' ओळखीच्या माध्यमातून प्रीतीची अटक टाळण्यासाठी प्रयत्न केले. मात्र, प्रकरण 'हायप्रोफाइल' असल्यामुळे या नेत्याला कोणीही मदत केली नाही. शिवाय, प्रीतीच्या अटकेसाठी पाचपावली पोलिसांनी चक्रव्यूह आखले होते. पोलिसांचा दबाव वाढल्याने शनिवारी सकाळी ११ वाजताच्या सुमारास प्रीतीने पाचपावली पोलिसांसमोर आत्मसमर्पण केले.
नागपुरातच होती दडून
गुन्हा दाखल झाल्यानंतर प्रीतीने सुरुवातीला मित्र-मैत्रिणींकडे आश्रय घेतला. जुन्या मैत्रीची शपथ देऊन तिने चार पोलिस निरीक्षकांना याप्रकरणातून वाचविण्याची विनंती केली. पोलिस निरीक्षकांनाही तिला अटकपूर्व जामीन मिळवून देण्यासाठी धावपळ केली. परंतु, तिच्याविरुद्ध कठोर कारवाईचे निर्देश पोलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय यांनीच दिल्याचे कळताच या निरीक्षकांनी हात वर केले. प्रीतीची कसून चौकशी झाल्यास व तिने पोलिस निरीक्षकांची नावे घेतल्यास अनेक पोलिस निरीक्षकांचा 'बुरखा' फाटण्याची शक्यता वर्तविण्यात येत आहे.
आणखी एक गुन्हा
प्रीतीविरुद्ध सीताबर्डी पोलिस स्टेशनमध्ये शनिवारी आणखी एक फसवणुकीचा गुन्हा दाखल करण्यात आला. आठवडाभरात तिच्याविरुद्ध दाखल झालेला हा चौथा गुन्हा होय. काही दिवसांपूर्वी प्रीतीने वर्धा येथील युवक नवल पांडे याला खासगी कंपनीत नोकरी लावून देण्याचे आमिष दाखवत दीड लाख रुपये घेतले. मात्र, नोकरी लावून दिली नाही व पैसेही परत केले नाही. पांडे याने सीताबर्डी पोलिसांत तक्रार केली.
ठग प्रीति दास पर तीसरी FIR
नागपुर : 14 जून 2020 : महाठग के नाम से चर्चित प्रीति दास के खिलाफ शनिवार को एक और एफआईआर दर्ज हुई है. पुलिस अधिकारियों के साथ कई लोगों को ठगने के बाद सीताबर्डी पुलिस डेढ वर्षों के प्रीति दास के खिलाफ शिकायतों को वेरिफाई कर रही है. शनिवार को वर्धा शिवाजी चौक निवासी नवल राधेश्याम पांडे (29) ने प्रीति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
गौर करने की बात यह है कि पुलिस ने स्वयम ही इस पीड़ित को खोज निकाला है जिसे प्रीति ने नौकरी दिलाने के नाम पर 1.50 लाख का चुना लगाया. इसके पहले प्रीति के खिलाफ पहली एफआईआर पांचपावली निवासी उमेश तिवारी ने की. दुसरी लकडगंज थाने में जूनी मंगलवारी निवासी वैशाली पौनीकर ने की. तीसरी जरीपटका और चौथी भंडारा में हुई है. शनिवार को सीताबर्डी में दर्ज मामले को मिलाकर प्रीति के खिलाफ कुल 5 एफआईआर दर्ज हो चुकी है. हालांकि महाठग स्वयम पुलिस को सरेन्डर कर दिया है.
1.50 लाख की थी मांग
प्राप्त जानकारी के अनुसार नवल पांडे यह परिवार के साथ वर्धा में रहता है और युनायटेड एग्रो कम्पनी में नौकरी करता है. नवल ने वर्ष 2015 में बीई इलेक्ट्रानिक्स की शिक्षा पुरी की. इसके बाद वह नौकरी के तलाश में भटकने लगा. मार्च 2017 को नवल को पता चला कि गलेक्सी कन्सलटंसी सर्विसेस, एनआईटी काम्प्लेक्स सिताबर्डी में बेराजगारों को नौकरी लगा देने का काम किया जाता है. इस दौरान नवल की मुलाकात प्रियदर्शनी अपार्टमेंट, इंदोरा निवासी प्रीति जोर्तीम्य दास (39) से हुई.
प्राप्त जानकारी के अनुसार नवल पांडे यह परिवार के साथ वर्धा में रहता है और युनायटेड एग्रो कम्पनी में नौकरी करता है. नवल ने वर्ष 2015 में बीई इलेक्ट्रानिक्स की शिक्षा पुरी की. इसके बाद वह नौकरी के तलाश में भटकने लगा. मार्च 2017 को नवल को पता चला कि गलेक्सी कन्सलटंसी सर्विसेस, एनआईटी काम्प्लेक्स सिताबर्डी में बेराजगारों को नौकरी लगा देने का काम किया जाता है. इस दौरान नवल की मुलाकात प्रियदर्शनी अपार्टमेंट, इंदोरा निवासी प्रीति जोर्तीम्य दास (39) से हुई.
उसने बताया कि उसके कार्यालय में युवओं को रोजगार उपलब्ध करवाने का काम किया जाता है. इस बीच उसने आरेंज सिटी वाटर सप्लाई एजंसी में नौकरी लगाने के लिए नवल से 1,50,000 रुपये की मांग की. इसके बाद पीड़ित ने प्रीति को 22 जुलाई 2017 को 1.50 लाख का चेक दिया. बावजूद इसके नौरकी नही लगी. उससे पुछने पर वह सिर्फ इसना ही कहती थी कि काम हो रहा है. नौकरी नहीं लगने पर उसने अपने पैसे मांगे तब प्रीति ने 1लाख का चेक दिया किंतु बैंक में विड्राल करने पर वह बाउंस हो गया. इस पर उसने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं है, नौकरी का काम हो रहा है. कुछ महिने बाद प्रीति ने उसके खाते में 30,000 रुपये जमा किये इसके बाद उसने 55,000 रुपये का चेक दिया, लेकिन वह भी बाउंस हो गया. इस प्रकार प्रीति ने नवल से नौकरी के नाम पर 1,20,000 रुपये की ठगी की. फरयादी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया दिया है.
प्रीती दास ठगबाजीत दहा वर्षांपासून
नागपूर :15 जून 2020 : प्रीती दासच्या अटकेनंतर तिने केलेल्या फसवणुकीचे अनेक किस्से आता समोर येत आहेत. गत दहा वर्षांपासून ती ठगबाजीमध्ये सक्रिय असून, पहिली फसवणूक तिने भिसीच्या नावे केल्याची माहिती आहे. यावेळी तिचे नाव स्नेहा दुबे होते. या भिसी घोटाळ्यात तिच्याविरुद्ध सीताबर्डी पोलिस स्टेशनमध्ये फसवणुकीचा गुन्हा दाखल झाला होता.
२०१०मध्ये बाबा दीपसिंगनगर परिसरात स्नेहा दुबे ऊर्फ प्रीती दासने भिसी सुरू केली. तिने परिसरातील रहिवाशांकडून लाखो रुपये गोळा केले. परिसरातील नागरिकांनी तिला पैसे परत मागितले. तिने नागरिकांना धनोदश दिले. हे धनादेश वटलेच नाहीत. त्यामुळे तिच्याविरुद्ध गुन्हा दाखल झाला. हा तपास आर्थिक गुन्हेशाखेकडे गेला. आर्थिक गुन्हेशाखा पोलिसांनी स्नेहा ऊर्फ प्रीतीला अटक केली होती. याप्रकरणात जामीन मिळाल्यानंतर प्रीतीने नाव बदलविले. तिने बुशारा खान असे नाव ठेवले. काही वर्षे ती बुशारा खान म्हणून वावरली. या नावानेही तिने अनेकांना गंडा घातला. त्यानंतर ती प्रीती दास झाली.
सामाजिक कार्यकर्ता म्हणून उपराजधानीत वावरू लागली. पोलिस निरीक्षकांसोबत मैत्री करून तिने आपला दबदबा निर्माण केला. गत तीन वर्षांत प्रीती दासचा संपूर्ण पोलिस विभागात दबदबा निर्माण झाला. तिचे अनेक दास तयार झालेत. चार पोलिस निरीक्षक तर तिचे एकदम खासमखास झालेत. तिच्या इशाऱ्यावर या निरीक्षकांनी खोट्या तक्रारी दाखल केल्याची चर्चा आहे.
दरम्यान, पाचपावली पोलिसांनी प्रीतीची रविवारी कसून चौकशी केली. तिने कोणा-कोणाची फसवणूक केली, याची माहिती घेण्यात आली. याशिवाय पोलिस तिच्या आवाजाचे नमुनेही घेणार असून, ते तपासणीसाठी न्यायवैद्यक प्रयोगशाळेकडे पाठविण्यात येणार आहे.
नोकरीच्या नावे अनेकांना गंडा
प्रीतीने नोकरी लावून देण्याच्या बहाण्याने अनेक युवकांना गंडा घातला. युवकांना नोकरी लावून देण्यासाठी तिने सीताबर्डीतील एनआयटी कॉम्प्लेक्समध्ये जॉब कन्सल्टन्सीचे कार्यालयही थाटले होते. ऑरेंज सिटी वॉटर वर्क्समध्ये नोकरी लावून देण्याचे आमिष दाखवून तिने नवल पांडे याच्यासह शेकडो बेरोजगारांची फसवणूक केली.
प्रीतीविरुद्ध स्थानबद्धतेची कारवाई
प्रीती दास, स्नेहा दुबे ऊर्फ बुशारा खानविरुद्ध पाचपावली, लकडगंज, जरीपटका व सीताबर्डी पोलिस स्टेशनमध्ये चार गुन्हे दाखल झाले आहेत. दाखल होत असलेल्या गुन्ह्यांची मालिका बघता ठगबाज प्रीतीविरुद्ध पोलिस एमपीडीएअंतर्गत स्थानबद्धेतची कारवाई करण्याची दाट शक्यता आहे.
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