संजय पाटील : नागपूर प्रेस मीडिया: 10 जून 2020 : नागपुर. बारिश का मौसम शुरू होने के साथ लॉकडाउन भी खुल चुका है. सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ने लगी है. लोगों ने अपने कामकाज पर जाना शुरू कर दिया है. इन सब के बीच नागरिकों को खराब सड़कों के साथ अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सिटी के कई अधूरे कामों में से अवस्थीनगर चौक पर भी सड़क का निर्माण कार्य अब भी अधूरा पड़ा हुआ है. कछुआ चाल से चल रहे निर्माण कार्य के कारण यह सड़क वाहन चालकों के लिए जानलेवा हो गई है. इस मार्ग पर लोगों को अब भी ट्राफिक जाम के साथ छोटी-मोटी दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है. जगह-जगह पड़े मलबे के कारण हादसों की गुंजाइश बढ़ गई है. निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की बजाय ठेकेदार काम में लापरवाही के साथ ढील बरत रहा है. बावजूद इसके विभागीय अधिकारी कुंभकर्णी नींद में हैं.
2 वर्ष में भी अधूरी सड़क
बता दें कि अवस्थीनगर चौक से लेकर राजनगर चौक तक सीमेंट सड़क निर्माण कार्य 2 वर्ष पहले शुरू किया गया था. गौर करने की बात यह है कि 2 वर्ष होने के बाद भी केवल एक ही साइड की सड़क का निर्माण हुआ है. वह भी अब तक पूरा नहीं हुआ है. इतने लंबे समय से लोगों को एक ही मार्ग से यातायात करना पड़ रहा था. इस बीच लोगों को ट्राफिक जाम की समस्या से हर दिन सामना करना पड़ता था. हालांकि नवनिर्मित मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया है, किंतु आंशिक रूप से, और अब भी डिवाइडर के साथ अन्य निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं. जगह-जगह निर्माण सामग्री पड़ी होने से वाहन चालकों को दिक्कत हो रही है.
बता दें कि अवस्थीनगर चौक से लेकर राजनगर चौक तक सीमेंट सड़क निर्माण कार्य 2 वर्ष पहले शुरू किया गया था. गौर करने की बात यह है कि 2 वर्ष होने के बाद भी केवल एक ही साइड की सड़क का निर्माण हुआ है. वह भी अब तक पूरा नहीं हुआ है. इतने लंबे समय से लोगों को एक ही मार्ग से यातायात करना पड़ रहा था. इस बीच लोगों को ट्राफिक जाम की समस्या से हर दिन सामना करना पड़ता था. हालांकि नवनिर्मित मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया है, किंतु आंशिक रूप से, और अब भी डिवाइडर के साथ अन्य निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं. जगह-जगह निर्माण सामग्री पड़ी होने से वाहन चालकों को दिक्कत हो रही है.
8 महीने बंद था काम
सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद ठाकुर ने बताया कि मानकापुर आउटर रिंग रोड इस परिसर के पास होने के कारण इस मार्ग पर भारी वाहनों के साथ अन्य वाहनों की आवाजाही दिन-रात जारी रहती है. निर्माण कार्य में पहले ही काफी देरी हो चुकी है. सीआईडी हेडक्वार्टर के पास स्थित नाले को बनाने के लिए ठेकेदार ने कई महीनों का समय लगा दिया. इस बीच 7 से 8 महीने तक निर्माण कार्य बंद रहा. ठेकेदार एवं अधिकारी से पूछने के बाद वे प्लान नहीं आया है, इसलिए काम में देरी हो रही है, ऐसा कहते थे. केवल यही मार्ग नहीं बल्कि आसपास के परिसर की कई ऐसी सड़कें हैं जो कि पैदल चलने लायक तक नहीं है. बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को पर्यायी मार्ग पर स्थित गड्ढों को जल्द से जल्द पाटना चाहिए.
सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद ठाकुर ने बताया कि मानकापुर आउटर रिंग रोड इस परिसर के पास होने के कारण इस मार्ग पर भारी वाहनों के साथ अन्य वाहनों की आवाजाही दिन-रात जारी रहती है. निर्माण कार्य में पहले ही काफी देरी हो चुकी है. सीआईडी हेडक्वार्टर के पास स्थित नाले को बनाने के लिए ठेकेदार ने कई महीनों का समय लगा दिया. इस बीच 7 से 8 महीने तक निर्माण कार्य बंद रहा. ठेकेदार एवं अधिकारी से पूछने के बाद वे प्लान नहीं आया है, इसलिए काम में देरी हो रही है, ऐसा कहते थे. केवल यही मार्ग नहीं बल्कि आसपास के परिसर की कई ऐसी सड़कें हैं जो कि पैदल चलने लायक तक नहीं है. बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को पर्यायी मार्ग पर स्थित गड्ढों को जल्द से जल्द पाटना चाहिए.
लॉकडाउन खुलते ही ट्राफिक जाम
बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और सड़क का केवल एक ही हिस्सा बना है. ऐसे में दूसरे मार्ग से जाने वाले वाहनों को दर्जनों गड्ढों से गुजरना पड़ रहा है. जाफरनगर की ओर जाने वाले मार्ग पर इतने गड्ढे हो गए हैं कि समझ नहीं आ रहा है सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क. वर्तमान में सड़क के एक ओर सब्जी भाजी की दूकानें लगती हैं, जहां खरीदारों की भीड़ लगी रहती है. सभी खरीदार सड़क किनारे अपनी गाड़ियां खड़ी रख सब्जियां खरीदते हैं. वहीं गड्ढों में बारिश का पानी जमा हो जाने से अधिकतर दोपहिया वाहन चालक किनारे वाहन चलाते हैं. ऐसे में ट्राफिक की समस्या बढ़ जाती है. इसी के साथ छोटी-मोटी दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं. कई वाहन चालकों को गड्ढे का अंदाज नहीं होने के कारण गाड़ी के पहिये गड्ढे में फंस जाने से गिर जाते हैं. यदि एक साइड की सड़क पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो जाती तो गड्ढे भरी सड़क का उपयोग करने की बजाय लोग नवनिर्मित सड़क से आवाजाही कर सकते हैं. समस्या से तंग आकर स्थानीय नागरिकों ने विभाग को 2 दिन में अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए कहा है, अन्यथा स्थानीय नागरिक सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे.
बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और सड़क का केवल एक ही हिस्सा बना है. ऐसे में दूसरे मार्ग से जाने वाले वाहनों को दर्जनों गड्ढों से गुजरना पड़ रहा है. जाफरनगर की ओर जाने वाले मार्ग पर इतने गड्ढे हो गए हैं कि समझ नहीं आ रहा है सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क. वर्तमान में सड़क के एक ओर सब्जी भाजी की दूकानें लगती हैं, जहां खरीदारों की भीड़ लगी रहती है. सभी खरीदार सड़क किनारे अपनी गाड़ियां खड़ी रख सब्जियां खरीदते हैं. वहीं गड्ढों में बारिश का पानी जमा हो जाने से अधिकतर दोपहिया वाहन चालक किनारे वाहन चलाते हैं. ऐसे में ट्राफिक की समस्या बढ़ जाती है. इसी के साथ छोटी-मोटी दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं. कई वाहन चालकों को गड्ढे का अंदाज नहीं होने के कारण गाड़ी के पहिये गड्ढे में फंस जाने से गिर जाते हैं. यदि एक साइड की सड़क पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो जाती तो गड्ढे भरी सड़क का उपयोग करने की बजाय लोग नवनिर्मित सड़क से आवाजाही कर सकते हैं. समस्या से तंग आकर स्थानीय नागरिकों ने विभाग को 2 दिन में अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए कहा है, अन्यथा स्थानीय नागरिक सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे.
0 comments: