Wednesday, 15 July 2020

अमरावती के सभी जलाशय में झमाझम जलभंडार : संजय पाटील

SHARE
The reservoirs wait for the flood, only 32.99 prasha in the division

संजय पाटील : नागपूर प्रेस मीडिया : 16 जुलै 2020 : अमरावती. जून माह में भी संभाग के अनेक गांवों को जलसंकट से जुझना पड रहा है. 56 गांवों में टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है. गर्मी के दिनों में भूजलस्तर गिरने से कई कुएं भी सुख गए है. संभाग के पांचों जिलों के जलाशयों में भी केवल 32.99 प्रतिशत जलभंडार है. हालांकि राहत की बात है कि मानसून ने तय समय पर दस्तक दी है. लेकिन जलकल्लित से निजाद पाने तथा खरीफ बुआई के लिए प्रर्याप्त बारिश की आवश्यकता है.
अप्पर वर्धा प्रकल्प लबालब21 जून की सिंचाई रिपोर्ट के अनुसार संभाग के सबसे डैम अप्पर वर्धा प्रकल्प में 51.18 प्रतिशत जलभंडार है. 564.05 दशलक्ष घनमीटर (दलघमी) क्षमतावाले इस डैम में 288.68 दलघमी जलसंचय है. संभाग में कुल 9 बडे, 25 मध्यम तथा 477 लघु प्रकल्प है. 1319.91 दलघमी क्षमतावाले 9 बडे प्रकल्पों में 41.88 प्रतिशत याने 586.23  दलघमी जलभंडार है. जबकि 733.15 दलघमी क्षमतावाले मध्यम प्रकल्पों में 35.08 प्रतिशत याने 257.19 दलघमी जलसंचय है. लेकिन लघु प्रकल्पों में केवल 20.85 फिसदी ही पानी शेष है. 1150.54 दलघमी क्षमतावाले 477 लघु प्रकल्पों में 239.84 दलघमी जल है.
वाशिम में सबसे कमपांचों जिलों में सर्वाधिक जलसंचय 42.89 प्रतिशत संभागीय मुख्यालय अमरावती जिले में है. यवमताल जिले में 31.66 प्रतिशत, बुलढाणा जिले में 30.63 प्रतिशत तथा अकोला जिले में 28.71 प्रतिशत जलभंडार है. संभाग में सबसे कम जलसंचय वाशिम जिले में मात्र 19.86 प्रतिशत है.  
संभाग के सभी बड़े जलाशयों ने इस बार बड़ी राहत दी है, जिसके कारण मानसून से जलसंकट होने का दूर-दूर तक आसार नहीं है. पांचों जिलों में 509 जलाशयों में 34.74 फीसदी जलभंडार शेष है. ग्रीष्मकाल के दिनों में यह जलाशय प्यास बुझाने में तत्पर हैं. विशेष बात यह है, कि वर्ष 2020 में पहली बार संभाग का एक भी बडा व मध्यम डैम ड्राय नहीं हुआ. प्रकल्पों की ऐसी स्थिति 10 वर्ष पूर्व 2010 में थी. वर्ष 2010 में मई माह में भी डैम में 50 प्रतिशत तक जलभंडार था. जबकि इस वर्ष 2020 में भी ऐसी ही स्थिति है, केवल अरुणावती प्रकल्प का जलस्तर घटा है. वर्ष 2019 में हुई बारिश से अरुणावती डैम में मात्र 20 फीसदी जलभंडार जमा हो पाया था.
अप्पर वर्धा में 50 प्रतिशतजिले की बात करें तो इस वर्ष अमरावती जिले में सर्वाधिक जलभंडार है. अमरावती शहर की प्यास बुझा रहे सबसे बडे अप्पर वर्धा प्रकल्प में 50 प्रतिशत जलभंडार शेष है. प्रतिवर्ष अकोला व बुलड़ाना के बडे डैम भी सूख जाते हैं, लेकिन इस वर्ष अकोला के 2, बुलड़ाना के 3 और यवतमाल के 1 बडे प्रकल्प में 40 प्रतिशत से अधिक जलभंडार है. उसी तरह मध्यम प्रकल्प भी इस वर्ष सूखा नहीं है. अमरावती के 4 मध्यम प्रकल्पों में 50 प्रतिशत से अधिक, यवतमाल के 6 प्रकल्पों में 20 से 40 प्रतिशत तक, अकोला के 3 प्रकल्पों में 30 प्रतिशत से अधिक तथा बुलड़ाना के 7 प्रकल्पों में 30 से 50 प्रतिशत तक जलभंडार पर्याप्त है.
लघु प्रकल्पों में 22.38 प्रश21 मई तक 476 लघु प्रकल्पों में 22.38 फीसदी जलभंडार है, जिससे इस वर्ष आने वाली बारिश से निश्चित ही संभाग के सभी प्रकल्प लबालब होंगे. ऐसा अनुमान जताया जा रहा है.
Water harvesting of Kaiturna dam increased

मजीप्रा की मनमानी से आक्रोश

दर्यापुर. तहसील के शहानुर बांध में 45 प्रतिशत जलभंडार होने के बाद भी येवदा सर्कल के सैकड़ों लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. मजीप्रा के अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए नागरिकों ने तुरंत सुचारु जलापूर्ति की मांग की है. अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी है.
प्रहार के प्रदीप वडतकर ने बताया है कि शहानुर प्रकल्प में पर्याप्त जलभंडार होने पर भी येवदा के जलकुंभ में अत्यंत कम दाब वाली जलापूर्ति की जा रही है जिससे यह टैंक नहीं भरता.  गांववासियों को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है. येवदा सर्कल के लोग पानी के लिए भटक रहे हैं. डेली जलापूर्ति न किए जाने पर वडतकर के नेतृत्व में 18 जून को शोले आंदोलन करने की चेतावनी दी है. इस संदर्भ में मजीप्रा को पत्र भी दिया गया है. महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण (मजीप्रा) अब इस दिशा में क्या कदम उठाती है. इस ओर सर्कल में आने वाल गांववासियों का ध्यान लगा है. 
नागरिकों से छल का आरोपएक वर्ष से प्राधिकरण की मनमानी जारी है. एक दिन के अंतराल पर जलापूर्ति की जा रही है. लेकिन बिल पूरे माह का भरना पड़ता है. पिछले कुछ दिनों से तो नलों में अत्यंत कम दाब से जलापूर्ति होने से नागरिक परेशान है. मजीप्रा नागिरकों से छल कर रही है.  
शहरवासी पेयजल की समस्या को लेकर त्रस्त हैं. इस बात को लेकर विधायक रवि राणा जब महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के कार्यालय में पहुंचे तो अधिकारियों की टालमटोल जबाव सुनकर दंग रहे गये. भीषण गर्मी में शहरवासियों को जलापूर्ति में लापरवाही बरतने पर संतप्त राणा ने शाखा अभियंता पुरोहित की जमकर परेड ली. साथ ही इस शाखा अभियंता से उठक-बैठक लगवाई. राउंड टेबल पर शुरू बैठक के दौरान जमीन पर बिठाया. उन्होंने कहा कि अधिकारी लाखों रुपयों का वेतन लेते हैं. केवल ठेकेदारों के बिल निकालने हुए दिनभर एसी में बैठते है, जिससे अब आगे से एयरकंडीशन (एसी) ही फोड़ डालेंगे, ऐसी चेतावनी भी विधायक ने दी.
म्हाड़ावासियों की समस्या का निपटारा
एमएलए राणा का रुद्रावतार देखकर अन्य अधिकारी भी तोते की तरह जबाव देने लगे, लेकिन राणा ने किसी की एक नहीं सुनी. साफ कहा कि कई वर्षों से म्हाड़ावासियों के 465 मकानों की जलापूर्ति का प्रश्न अभी तक अधिकारियों ने नहीं निपटाया. एकात्मिक जलापूर्ति योजना, विंधन कुआ दुरुस्ती कर ग्रामीण क्षेत्र की जल समस्या तत्काल छुडाने के निर्देश दिये. दबाव से जलापूर्ति नहीं करने पर कई क्षेत्रों में जलसंकट निर्माण हुआ है. अमरावती शहर ही नहीं बल्कि बडनेरा, तिवसा, अंजनगांव सुर्जी, अचलपुर, धारणी, चांदूर बाजार का भी समावेश है. बैठक में अधीक्षक अभियंता सुरेश चारथल, कार्यकारी अभियंता सुरेंद्र कोपुलवार, उपकार्यकारी अभियंता किशोर रघुवंशी, तहसीलदार काकडे समेत सभी अधिकारी उपस्थित थे.
दर्यापूर. महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के ठेकेदार द्वारा जगह-जगह पाइपलाइन खोदी जाने से पाइपलाइन लिकेज हो गई है. जिससे लाखों गैलन पानी बर्बाद हो रहा है. साथ ही इस फुटी पाइपलाइन में से गटर का पानी लोगों के घरों तक पहुंच रहा है.
कोकाटे मार्केट में दूषित जलापूर्ति
पाइपलाइन से पानी बर्बाद होने से क्षेत्र में भीषण कृत्रिम जलसंकट फैला है. लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी न मिलने से लोग परेशान है. ग्रीष्मकाल के मई जैस महीने में भीषण जल संकट फैलने से लोगों में रोष है. ठेकेदार द्वारा कछुआ चाल से काम किया जा रहा है. कोकाटे मार्केट के पास की जगह पर खुदाई की गई है. इस फुटी पाइपलाइन में गटर का पानी जाने से कोरोना जैसे संकट काल में भी दूषित पेयजलापूर्ति हो रही है. कई बार नागरिकों द्वारा इस संदर्भ में शिकायत किए जाने के बावजूद मजीप्रा के अधिकारी अपने इस ठेकेदार की मनमानी पर नकेल नहीं कस रहे हैं. पाइपलाइन की मरम्मत हो या नई पाइपलाइन डालने का काम मजीप्रा युध्द स्तर पर इसे पूरा करे ऐसी मांग नागरिक कर रहे हैं. ऐसी मांग सामाजिक कार्यकर्ता अमोल पाटिल धर्माले, राजू पाटिल तराल, पूर्व पार्षद पप्पू पाटिल होले आदि ने की है.
आदिवासी बहुल क्षेत्र धारणी, चिखलदरा के साथ जिले के दर्जनों गांवों को जलंसकट का सामना करना पड़ रहा है. कई गांवों को अशुद्ध जलापूर्ति होने की शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं. जिसके चलते वाटर सैम्पल की जांच करने की सूचना सांसद नवनीत राणा ने जिलाधिकारी शैलेश नवाल को भेजे पत्र में दी है.
4-5 दिन बाद जलापूर्ति
ग्रीष्मकाल व लॉकडाउन के चलते दर्यापुर तहसील के सासन, रामापुर, सामदा, करतखेडा, सांगलूद के साथ अंजनगांव सुर्जी तहसील समेत भातकुली, आसरा, नांदेड, ऋणमोचन, भानखेडा, गोविंदपुर, मोगरा, मार्डी, कापूसतलणी, वडनेरगंगाई आदि गांवों में पेयजलसंकट मंडरा रहा है. 4-5 दिनों बाद नल से जलापूर्ति की जाती है. लॉकडाउन के कारण नागरिक भी अधिकारियों से संपर्क नहीं कर सकते और नहीं शिकायत कर पाते हैं, इसलिए सांसद होने के नाते शिकायतें प्राप्त हो रही है. आम नागरिकों को शुध्द जलापूर्ति करना प्रशासन का काम है इसलिए जल्द से जल्द नागरिकों को शुद्ध व नियमित जलापूर्ति उपलब्ध कराये ऐसी सूचना दी.
बिजली आपूर्ति सुचारु करें
उन्होंने पत्र में कहा है कि तूफानी बारिश के कारण पेड़ धराशाही होने के कारण बिजली आपूर्ति खंडीत हुई है. ग्रामीण क्षेत्र में भी बिजली पोल टूट चुके हैं. इसलिए बिजली आपूर्ति सुचारु कर लोगों भी जलापूर्ति उपलब्ध कराये. इतना ही नहीं तो जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा क्या एक्शन ली जाती है उसकी भी जानकारी उपलब्ध कराने की सूचना सांसद राणा ने दी है.

जलसंपदा के 15 साइट्स का काम शुरू

Water works started in 15 sites of water supply, 600 laborers getting work
अमरावती. जिले में लॉकडाउन के बाद से सभी काम काज बंद होने से मजदूरों के रोजगार छिन गए. जिससे 1 माह से उन पर गहरा आर्थिक संकट मंडरा रहा है. ऐसे में अब जलसंपदा विभाग ने कुल 15 साइट्स के कामों को मंजूरी हासिल कर इनमें से अधिकांश काम शुरू कर दिए है. जिससे लगभग 600 मजदूरों को रोजगार मिला है. आपत्ति व्यवस्थापन के अध्यक्ष व जिलाधिकारी शैलेश नवाल की अनुमति से यह काम शुरू हुई है.
कलेक्टर ने दी परमिशन
जलसंपदा विभाग की अधीक्षक अभियंता रश्मी देशमुख(ठाकरे) ने अपरवर्धा विभाग 15 साइट्स पर काम शुरू करने की अनुमति मांगी गई थी. जिसमें वरुड के पंढरी, मेलघाट में गडगा, वरुड के पाक प्रकल्प डैम अधूरे निर्माण कार्य को पुन: शुरू करने की अनुमति मिलने के बाद अब यह काम शुरू किए गए है. इनके साथ ही दर्यापुर के कामदा प्रकल्प, अचलपुर के वागाड़ी प्रकल्प, अचलपुर के ही चंद्रभागा बैरेज प्रकल्प, चांदूर बाजार के करजगांव प्रकल्प चांदूर रेलवे के रायगढ प्रकल्प, सोनगांव शिवनी प्रकल्प, नांदगांव खंडेश्वर के निम्न साखली प्रकल्प, तिवसा के गुरुकुंज उपसा सिंचन प्रकल्प, भातकुली के साखली कलान प्रकल्पों के काम भी शुरू करने की मंजूरी मिलने के बाद इन प्रकल्पों में पाइप लाईन व अन्य काम शुरू किए गए है.
नियमों का पालन जरूरी
इन कामों को शुरू करने के लिए सशर्त अनुमति दी गई है. जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखते हुए काम करने, मास्क लगाने व काम करने वाले मजदूरों को साइट्स के पास ही रहने की व्यवस्था का समावेश है. इन नियमों को ध्यान में रखते हुए संबंधित काम के ठेकेदारों को कड़े निर्देश अधीक्षक द्वारा देते हुए काम शुरू करने को कहा है. 15 में से अधिकांश काम ठेकेदार ने आरंभ किए है. इससे बंद पड़े कामों को रफ्तार मिलने के साथ ही रोजगार की समस्या भी कुछ कम हुई है.
अनुमति लेकर काम किया शुरू
हमने जिलाधिकारी से 15 साइट्स के काम शुरू करने की अनुमति मांगी थी. यह परमिशन मिलने के बाद संबंधित ठेकेदारों के माध्यम से यह काम शुरू करवाए गए है. जिन पर हमारे विभाग के संबंधित अभियंता पूरा ध्यान रखेंगे. कोविड 19 के सभी नियमों का पालन करते हुए यह काम करने के सख्त आदेश मैंने दिए है-रश्मी देशमुख (ठाकरे), अधीक्षक अभियंता
सशर्त दी अनुमति
जलसंपदा के 15 कामों को शुरू करने की हमने अनुतमति दी है. वर्क प्लेस पर कोविड-19 के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए यह काम करवाने होंगे. जिसकी जिम्मेदारी जलसंपदा के अधिकारियों की होगी.
शैलेश नवाल, जिलाधिकारी
SHARE

Author: verified_user

I AM POST GRADUATED FROM THE NAGPUR UNIVERSITY IN JOURNALISM

0 comments: