संजय पाटिल:नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि कोरोना जैसी महामारी को रोकने के लिए केवल देशव्यापी लॉकडाउन ही पर्याप्त नहीं है। राजन ने कहा कि यह एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि लॉकडाउन न केवल लोगों को काम पर जाने से रोकता है, बल्कि यह उन्हें घर पर ही रखता है और जरूरी नहीं कि ये घर पुरातन व्यवस्था के मुताबिक दूर-दूर हों, बल्कि यह झुग्गी-झोपड़ी भी हो सकता है, जहां लोग एक साथ मिलकर रहते हों।
रीबों के समक्ष बड़ी समस्या
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में राजन ने कहा, 'कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकना कठिन है।' उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से समाज के गरीब तबके के लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। केंद्र सरकार ने 21 दिनों के लंबे लॉकडाउन की घोषणा की है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। करोड़ों लोग अपने घर ही रहने को मजबूर हैं, जिसके कारण अधिकतर लोगों के समक्ष बुनियादी सुविधाओं जैसे भोजन और दवाओं की समस्या खड़ी हो गई है।
लड़ाई में कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर बाधा
राजन ने यह भी कहा कि सरकार की कोरोना संक्रमण से लड़ाई में देश की कमजोर बुनियादी संरचना बाधक है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्वास्थ्य संकट से निपटने में तमाम संसाधनों का इस्तेमाल करने की जरूरत है।
देशों में असमंजस, समन्वय में कमी
कोरोना वायरस से वैश्विक जंग पर आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि असमंजस तथा देशों के बीच समन्वय में कमी की बात से इनकार नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, 'हर देश घबराया हुआ है, इसलिए थोड़ा बहुत असमंजस की बात समझ में आती है। आपको बाकी दुनिया के बारे में सोचने से पहले अपने देश में चिकित्सकीय आपूर्ति के बारे में ध्यान देना चाहिए।'
600 से अधिक चपेट में
भारत में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है और अब तक 600 से भी अधिक लोगों को संक्रमित कर चुका है। गुरुवार दोपहर तक 609 मामले सामने आ चुकी है। कोरोना वायरस की वजह से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया भर में अब तक 2.65 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस संक्रमित हो चुके हैं और 21 हजार से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।