Wednesday, 27 March 2019

दीक्षाभूमि' की शान में दीक्षा भूमि का इतिहास : प्रा.डॉ. रवींद्र तिरपुडे की पुस्तक का प्रकाशन : संजय पाटील

SHARE


संजय पाटील नागपूर द्वारा:नागपूर--दीक्षाभूमि की गौरवगाथा ’पुस्तक का प्रत्येक लेख पाठक की पुस्तक का परिचय है। नागपुर के गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित करने के अलावा, यह पुस्तक इस दीक्षाभूमि के इतिहास को बताने वाली पुस्तक भी है। प्रथम अखिल भारतीय अम्बेडकर साहित्य सम्मेलन के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा इस पुस्तक का अध्ययन 'दीक्षाभूमि' के इतिहास में किया गया है। चंद्रपुर जिले के चिमूर में विश्व अम्बेडकरवादी साहित्य महामंडल द्वारा प्रस्तुत डॉ। रवींद्र तिरुपड़े ने 'दीक्षाभूमि की गौरवगाथा' नामक पुस्तक प्रकाशित की।

अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष डॉ। व्यासपीठ पर, डॉ। श्रीपाल सबनीस, वरिष्ठ नाटककार-लेखक प्रेमानंद गजवी, संगरंगिरी संघयक भिक्कू संघ भदंत ज्ञानज्योति महाथेरो, स्वागत कवि प्रसिद्ध कवि और लेखक एड। भूपेश पाटिल, सहसवान अध्यक्ष सुरेश डांगे, डॉ। धनराज खानकोर, झाड़ी में साहित्यकार बी थूट, आत्माराम ढोक, डॉ। विद्याधर बंसोड़, प्रा.शा. वामन शेलमके, किशोर गजभिए, शुद्धोद कांबले, महेश मोरे उपस्थित थे। माता के संपादक श्रीपाद अपराजित, अचल तम्बोली, प्राइवेट।, मुंबई में यूरो वर्ल्ड पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'दीक्षाभूमि की प्रतिवग्था' में। आनंद रायकवाड़, प्रीति भजीखाई, डॉ। अन्ना वैद्य, प्रा। अरविंद बा पाटिल, विभिन्न लेखकों के 36 लेखकों के साथ, जो दीक्षा का अध्ययन और ध्यान करते हैं। इस समय विभिन्न साहित्यिक प्रकाशनों की दस पुस्तकें जारी की गईं।
SHARE

Author: verified_user

I AM POST GRADUATED FROM THE NAGPUR UNIVERSITY IN JOURNALISM

0 comments: