Monday 18 March 2019

सुशीला खोब्रागडे :आधुनिक भारत में नवीनतम झाँसी की रानी : अधिकारियों के अपराधों के लिए अनुमति के प्रावधान को चुनौती

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संजय पाटील--द्वारा--नागपुर
केंद्रीय,  राज्य  सरकार  को नोटिस

नागपुर--सरकार या संबंधित प्राधिकरण की अनुमति के बिना सार्वजनिक प्रतिनिधियों या सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक दंड संहिता में संशोधन को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के समक्ष चुनौती दी गई है।

सुशीला खोबरागड़े ने एक याचिका दायर कर आपराधिक दंड संहिता की धारा 9 की धारा 156 (3) को निरस्त करने और अनुच्छेद 196 को रद्द करने की मांग की है। हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को मामले की सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया है और 15 अप्रैल तक जवाब दाखिल करेगा। इसके अतिरिक्त, सरकारी अधिवक्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे राज्य के अधिवक्ताओं को जानकारी प्रदान करें।

याचिकाकर्ताओं के अनुसार, 2016 में आपराधिक दंड धारा 156 (3) और धारा 190 में संशोधन किया गया था। तदनुसार, कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी सरकार की पूर्व अनुमति के बिना अपराध दर्ज नहीं कर सकता है। इस प्रावधान के पीछे का उद्देश्य अधिकारियों को झूठी, नकली और राजनीतिक प्रेरित शिकायतों से बचाना है। हालांकि, याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीआरपीसी के प्रावधानों का फायदा उठाया जा रहा है।

केंद्र सरकार या राज्य   की अनुमति के बिना सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कोई आरोप नहीं है, इसलिए अधिकारी और कर्मचारी अधिक दुर्भावना और भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इस प्रावधान के अनुसार, न्यायिक अधिकारियों को अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है। हालांकि, यह दावा किया गया है कि अदालत का संवैधानिक अधिकार संदेह के घेरे में आ गया है। सीआरपीसी की संबंधित धाराओं में संशोधन के लिए सीधे सांसद या विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जाती हैं। इसलिए, राजनीतिक भ्रष्टाचार बढ़ने का जोखिम व्यक्त किया गया है। इस याचिका में संविधान संशोधन में संविधान की जांच की जानी चाहिए, यह प्रावधान अगर लोकतंत्र विरोधी है और जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार नागरिकों को जारी करने का अधिकार है।
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Author: verified_user

I AM POST GRADUATED FROM THE NAGPUR UNIVERSITY IN JOURNALISM

1 comment:

  1. This GR was came in the year 2016 for for the protection og corrupted officers and government employee . so many officer are get rid of this GR . you have done nice work congratulation for you and in future you did like this work forever . Congratulation
    जीआर 2016 व 2016 मध्ये प्रख्यात अधिकारी आणि सरकारी कर्मचारी यांच्यासाठी आले होते. या जीआरतून अनेक अधिकारी सुटका करतात. आपण आपल्यासाठी चांगले काम केले आहे आणि भविष्यात आपल्याला हे कार्य नेहमीसाठी आवडले आहे.अभिनंदन

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