संजय पाटील : मुंबई : सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ ही मुंबई एक दूसरे संकट की ओर बढ़ रहा है। मेडिकल स्टाफ और अस्पताल की नर्सों के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद मुंबई के कई बड़े निजी अस्पताल बंद होते जा रहे हैं। शुक्रवार को शहर के अस्पतालों के 19 हेल्थ वर्कर कोरोना संक्रमित पाए गए। इसी के साथ मेडिकल स्टाफ के संक्रमित होने का आंकड़ा लगभग 100 हो गया है।
कोरोना के फ्रंटलाइन मेडिकल वर्करों के बीच संक्रमण बढ़ने के चलते मुंबई में प्राइवेट अस्पतालों से तत्काल रूप से सेफ्टी किट, अतिरिक्त वेतन और ट्रांसपोर्ट मुहैया कराने को कहा गया है। भाटिया अस्पताल के 14 कर्मियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई जिसमें 10 नर्सें, दो डॉक्टर और एक फिजियोथेरपिस्ट शामिल हैं। इसके बाद अस्पताल को सील कर दिया गया।
जसलोक, भाटिया अस्पताल सील
दादर के शुश्रूषा अस्पताल में दो नर्स कोरोना संक्रमित पाई गईं जिसके बाद अस्पताल में मरीजों की भर्ती रोक दी गई है। इसी के साथ 48 घंटे के अंदर सभी मरीजों को डिस्चार्ज करने का आदेश दे दिया गया। मुंबई के बड़े अस्पताल जैसे जसलोक, वॉकहार्ट और भाटिया अस्पताल सील हो चुके हैं। इसके चलते अस्पतालों में सेफ्टी प्रोटोकॉल पर सवाल उठने लगने हैं।
सही प्रोटोकॉल का पालन जरूरी
एक सिविक अधिकारी ने बताया कि सही प्रोटोकॉल के साथ कुछ हद तक संक्रमण को रोका जा सकता है। उन्होंने बताया, 'उदाहरण के लिए कस्तूरबा अस्पताल जहां अभी तक डॉक्टर या स्टाफर में संक्रमण का केस नहीं आया है।' प्राइवेट अस्पताल के एक वरिष्ठ मैनेजमेंट अधिकारी ने बताया, 'अस्पतालों में संक्रमण के कुछ मामले का अनुमान था क्योंकि हम कोविड-19 के सक्रिय मामलों को देख रहे हैं। हालांकि पीपीई किट की कमी और अधिक संक्रमित मरीजों के चलते अस्पतालों की स्थिति चिंताजनक हो गई है।'
डॉक्टर, नर्सें, टेक्निशियन भी संक्रमित
ब्रीच कैंडी अस्पताल में दो और नर्सें कोरोना पॉजिटिव पाई गईं, जहां कुछ दिन पहले 180 नर्सों को क्वारंटीन करने के बाद सिर्फ इमर्जेंसी और आईसीयू सेवाएं दी जा रही थीं। 100 संक्रमित हेल्थकेयर वर्करों में 60 से अधिक नर्सें, 10 डॉक्टर और बाकी कार्डिऐक या पैथोलॉजी लैब के टेक्निशियन और सफाईकर्मी हैं।
प्राइवेट अस्पतालों की जरूरत
प्राइवेट अस्पतालों की स्थिति पर बीएमसी कमिश्नर प्रवीन परदेसी कहते हैं कि प्राइवेट अस्पतालों की इस समय सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा, 'कुछ मरीज प्राइवेट अस्पताल में जाना प्रिफर करते हैं और इनमें से कुछ कोविड-19 के केसों में अच्छा काम भी कर रहे हैं।' वह कहते हैं, 'अगर एक अस्पताल संक्रमित होता है तो उसे प्रोटोकॉल के तहत टेस्टिंग और परिसर को डिसइंफेक्टेड करना जरूरी है। यह सब होने के बाद अस्पताल फिर से काम शुरू कर सकते हैं।'
सभी को नहीं मिले पीपीई किट
साउथ मुंबई के एक अस्पताल की नर्स ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'हमारी दशा के बावजूद पीपीई किट केवल कोविड-19 वार्डों में काम करने वालों को दिए गए। यहां तक कि जिनमें वायरस के लक्षण दिख रहे थे उनकी भी शिफ्ट लगा दी गई। जब वे बहुत बीमार हो गए, तब छुट्टी मिली।' यूनाइडेट नर्स असोसिएशन की एक सदस्य ने कहा, 'अधिकतर नर्सें केरल से हैं, 8 से 12 लोगों के बीच हॉस्टल और अपार्टमेंट में रहती हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने की बहुत संभावना है। अधिकतर को न क्वारंटीन किया गया और न टेस्ट हुआ।'
मुंबई में सबसे तेजी से बढ़े संक्रमित मरीज
मुंबई के साउथ में पूर्वी और पश्चिमी दोनों उपनगरों के पांच इलाकों को कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट चिन्हित किया गया है। यहां के मोहल्लों को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया है। कोविड-19 वायरस ने गति पकड़ ली और अब यह समुदायों में फैलने लगा है। इसे रोकने के लिए मुंबई के हॉटस्पॉट चिन्हित करके बीएमसी से पुलिस की मदद से उन्हें पूरी तरह बंद किया है। जी साउथ इलाका, डी वार्ड, ई वार्ड के इलाके कोरोना हॉटस्पॉट बन गए हैं।
मुंबई के 24 वॉर्ड में से 4 वॉर्डों में सर्वाधिक 209 कोरोना मरीज पाए गए हैं। इसमें जी साउथ वॉर्ड में सर्वाधिक 78 कोरोना मरीज हैं। इसके बाद ई वॉर्ड में 48 और तीसरे नंबर पर डी-वार्ड है, जहां 43 मरीज मिले हैं।
इसमें मुंबई का जी-साउथ इलाका टॉप पर है। लेकिन ई-वॉर्ड में 48 घंटे के भीतर सबसे तेजी से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी है। इस वॉर्ड में 48 घंटों के भीतर 29 नए कोरोना मरीज मिले हैं। यहां 4 अप्रैल को कोरोना के 19 मरीज थे।
मुंबई के जी साउथ वॉर्ड के अंतर्गत वरली, प्रभादेवी और दादर के कुछ इलाके आते हैं। यहां 48 घंटों में 20 कोरोना के पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इन इलाकों में 4 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 58 थी, जो 24 घंटे में बढ़कर 5 अप्रैल को 68 तक पहुंच गई। अगले 24 घंटे यानी 6 अप्रैल को इन इलाकों में मरीजों की संख्या में 10 की वृद्धि हुई और यहां कोरोना मरीजों की संख्या 78 तक पहुंच गई।
वॉर्ड मरीजों की संख्या के आधार पर पांचवें नंबर पर था। इसमें 5 अप्रैल को 25 मरीज और जुड़ गए। इस वॉर्ड में 24 घंटे में 25 नए मरीज सामने आए। 5 अप्रैल को मरीजों की संख्या 44 तक पहुंच गई। हालांकि अगले 24 घंटे में इसके रफ्तार में कमी आई और 6 अप्रैल को इसमें 4 नए कोरोना मरीज जुड़े। ई वॉर्ड के अंतर्गत भायखला, चिंचपोकली, रानीबाग और मजगांव एरिया आते हैं।
इसके बाद डी वॉर्ड का नंबर आता है। यहां कोरोना के 43 मरीज मिले हैं। इसके अंतर्गत मालाबार हिल्स, महालक्ष्मी, रेसकोर्स, ओपेरा हाउस और खेतवाडी का एरिया आता है।
जी साउथ वॉर्ड में कोरोना मरीजों की संख्या मुंबई में सबसे ज्यादा है। बीएमसी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है कि इसकी रफ्तार पर ब्रेक लगे। इसके लिए दवाओं का छिड़काव हो रहा है और मरीजों की जांच की जा रही है।
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के निजी निवास 'मातोश्री' के बाहर एक चायवाले के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद से दहशत फैल गई है। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को हटाकर क्वारंटीन किए जाने के बाद घर के कामों में लगे जरूरी स्टाफ को छोड़कर बाकी को छुट्टी दे दी गई है।
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। 48 घंटों के भीतर महानगर में कोरोना के 157 नए मामले सामने आने के साथ ही मुंबई में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 590 हो गई है। मुंबई में 40 लोगों की मौत भी हो चुकी है। वहीं महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक हजार को पार कर गई है और राज्य में 64 लोग दम तोड़ चुके हैं।
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