Tuesday, 12 May 2020

'लॉकडाउन': "50 फीसदी ग्रामीण भारत नहीं खा रहा भरपेट खाना" : संजय पाटिल

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लॉकडाउन की वजह से भरपेट खाना भी नहीं खा रहे हैं लोग


संजय पाटिल : नई दिल्ली : NBT: 13 May :  लॉकडाउन (Lockdown India) के बीच देश के ग्रामीण इलाकों में लोग भरपेट भोजन नहीं कर रहे हैं। कोरोना वायरस (Coronavirus) और लॉकडाउन के प्रभाव के एक अध्ययन में यब बात सामने आई है। सिविल सोसायटी संगठनों ने 12 राज्यों के ग्रामीण इलाकों के 5 हजार से ज्यादा घरों में यह सर्वे किया है। इससे पता चला है कि इनमें से आधे लोग भोजन में कम चीजें खा रहे हैं। साथ ही उनके खाने की संख्या में भी कमी आई है।


सर्वे में शामिल हुए 68 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने अपने भोजन में शामिल चीजों की संख्या घटा दी है। वहीं, 50 फीसदी ने माना कि दिन में पहले के मुकाबले अब वे कम बार भोजन कर रहे हैं। 24 फीसदी लोगों का मानना है कि उन्हें अनाज दूसरों से मांगना पड़ा।


इन लोगों को नहीं मिल रहा है राशन



84 फीसदी लोगों ने बताया कि उन्हें पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के जरिए राशन मिल रहा है। सर्वे में शामिल 16 फीसदी लोगों को अब भी पीडीएस से राशन नहीं मिल रहा है। अध्ययन में पीडीएस के साथ-साथ आने वाले खरीफ सीजन के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से किए गए निवेश को भी पैमाना बनाया गया। 28 अप्रैल से 2 मई तक 12 राज्यों के 47 जिलों के 5162 घरों में यह सर्वे कराया गया। इनमें मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, असम और कर्नाटक को शामिल किया गया।


'अतिरिक्त अनाज नहीं मिला था'



सर्वे का नाम 'कोविड-19 से लॉकडाउन- देश के इलाके कैसे लड़ रहे हैं' रखा गया। इस अध्ययन को PRADAN, ऐक्शन फॉर सोशल अडवांसमेंट, ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया फाउंडेशन, ग्रामीण सहारा, साथी-यूपी और आगा खान रूरल सपोर्ट प्रोग्राम (इंडिया) के साथ ही विकास अन्वेश फाउंडेशन और संबोधि की मदद से पूरा किया गया। इस सर्वे में लोगों के घरों में खाद्यान्न के स्टॉक (संरक्षित अनाज) को लेकर भी गंभीर इशारा किया गया है। सर्वे में शामिल एक तिहाई से ज्यादा घरों ने माना कि उनका अनाज का स्टॉक तेजी से कम हो रहा है। उन्होंने ये भी माना कि पिछली बार खरीफ की फसल से उन्हें अतिरिक्त अनाज नहीं मिला था। वहीं एक तिहाई ने माना कि उनके पास मई आखिर तक का ही खरीफ का स्टॉक बचा हुआ है।



17 मई को पूरा हो जाएगा 56 दिनों का लॉकडाउन



अब बात की जाए भारत में लॉकडाउन की तो 17 मई को 56 दिनों की लॉकडाउन की अवधि पूरी हो जाएगी। हालांकि, यह लॉकडाउन अभी खत्म होने वाला नहीं है। लॉकडाउन 4.0 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिए अपने संबोधन में स्पष्ट कर दिया है। हां, यह जरूर है कि लॉकडाउन के बढ़ते चरणों के साथ सहूलियतों की, दिशा-निर्देशों की फेहरिस्त में इजाफा किया जा रहा है।


“मोदीजी तुम्ही देशातल्या मीडियाला ‘हेडलाइन’ तरदिली, पण देशाला…”

करोना संकटाविरोधातील लढ्यादरम्यान पंतप्रधान नरेंद्र मोदींनी देशाची अर्थव्यवस्था रुळावर आणण्यासाठी २० लाख कोटींची आर्थिक मदतीची घोषणा मंगळवारी केली. 20 लाख कोटी रुपयांच्या पॅकेजमुळे ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानाला गती येईल असे मोदी म्हणाले. आर्थिक सुधारणा वेगाने लागू करण्यात येतील आणि आधीच्या तीन टप्प्यांपेक्षा लॉकडाउनच्या चौथ्या टप्प्याचे स्वरूप नवे असेल, असेही पंतप्रधानांनी देशाला उद्देशून केलेल्या भाषणात स्पष्ट केले. मोदींच्या भाषणानंतर आता विरोधकांच्या प्रतिक्रिया यायला सुरूवात झाली आहे.
मोदींनी २० लाख कोटींच्या पॅकेजची घोषणा केली. मात्र, आपल्या भाषणादरम्यान गावाकडे, घराकडे परतणाऱ्या मजुरांच्या सद्य परिस्थितीबाबत ते बोलले नाहीत. यावरुन काँग्रेसने मोदींना लक्ष्य केले आहे. “पंतप्रधान मोदीजी, तुम्ही तुमच्या भाषणातून देशातील मीडियाला वृत्त छापण्यासाठी ‘हेडलाइन’ तर दिली, पण देशाला अद्यापही मदतीच्या ‘हेल्पलाइन’ची गरज आहे….घरी परतणाऱ्या मजूर, कामगार, गरिब वर्गातील नागरिकांना सर्वात प्रथम मदत मिळणे गरजेचं आहे… तुम्ही त्याबाबत काही घोषणा कराल अशी अपेक्षा होती… पण, देश आणि राष्ट्रनिर्मित्तीसाठी कार्यरत असलेल्या मजूर व श्रमिकांप्रति आपल्या निष्ठुरता आणि असंवेदनशीलतेमुळे निराश आहोत…”अशी टीका काँग्रेसचे प्रवक्ते रणदीपसिंग सुरजेवाला यांनी केली आहे. याशिवाय, जाहीर केलेलं पॅकेज सत्यात उतरण्याची वाट पाहात आहोत, असेही सुरजेवाला म्हणाले. ट्विटरद्वारे सुरजेवाला यांनी ही टीका केली.
 Hindi : कोरोना संकट के खिलाफ लड़ाई के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वित्तीय सहायता में 20 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की। मोदी ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से 'आत्मानबीर भारत' अभियान को गति मिलेगी। प्रधान मंत्री ने राष्ट्र को अपने संबोधन में यह भी कहा कि आर्थिक सुधारों को तेजी से लागू किया जाएगा और लॉकडाउन के चौथे चरण का प्रारूप पिछले तीन चरणों की तुलना में नया होगा। मोदी के भाषण के बाद विपक्ष की प्रतिक्रिया शुरू हो गई है।
मोदी ने घोषित किया 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज हालाँकि, अपने भाषण के दौरान, उन्होंने गाँव लौटने वाले मजदूरों की वर्तमान स्थिति के बारे में बात नहीं की। इसके साथ ही कांग्रेस ने मोदी पर निशाना साधा है। "प्रधान मंत्री मोदीजी, आपने अपने भाषण से समाचार को कवर करने के लिए देश के मीडिया को एक शीर्षक दिया, लेकिन देश को अभी भी एक हेल्पलाइन की आवश्यकता है," उन्होंने कहा। यह उम्मीद थी ... लेकिन, देश और राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने वाले श्रमिकों और मजदूरों के प्रति हमारी निष्ठा कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हम असंवेदनशीलता और असंवेदनशीलता से निराश हैं। सुरजेवाला ने कहा कि इसके अलावा, हम घोषित पैकेज के सही होने का इंतजार कर रहे हैं। सुरजेवाला ने यह टिप्पणी ट्विटर के जरिए की।
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Author: verified_user

I AM POST GRADUATED FROM THE NAGPUR UNIVERSITY IN JOURNALISM

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