Friday, 3 April 2020

बढ़ेगा लॉकडाउन ? 30 अप्रैल तक टिकट बुकिंग नहीं करेगी एयर इंडिया : मोदी सरकार का इनकार, देश में आगे नहीं बढ़ेगा लॉकडाउन: संजय पाटिल

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संजय पाटिल : नई दिल्ली : BY  Sources : कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए सरकार ने 21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किया है, जो 14 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है। लॉकडाउन को और आगे बढ़ाए जाने की आशंकाओं को बीते दिनों सरकार ने हालांकि खारिज किया था, लेकिन एयर इंडिया के शुक्रवार के एक बयान से ऐसा लग रहा है कि इसे और आगे बढ़ाया जाएगा। सरकारी एयरलाइंस ने शुक्रवार को कहा है कि आज से लेकर 30 अप्रैल तक तमाम डॉमेस्टिक तथा इंटरनैशनल रूट्स पर बुकिंग को बंद कर दिया गया है। 14 अप्रैल के बाद की बुकिंग के लिए हम फैसले का इंतजार कर रहे हैं। एयरलाइंस के इस बयान से यह स्पष्ट है कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाए जाने की पूरी आशंका है।

विस्तारा शुरू करने जा रही बुकिंग

वहीं, विस्तारा एयरलाइंस ने कहा है कि अब वह 15 अप्रैल और उसके बाद के लिए बुकिंग शुरू कर रही है। हालांकि, एयरलाइन ने यह भी कहा है कि इस बीच अगर मंत्रालय से कोई अधिसूचना आती है तो वह उसके मुताबिक चलेगी।

सरकार ने हालांकि किया था स्पष्ट

सोशल मीडिया में आई खबरों पर केंद्र सरकार ने साफ किया था कि कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में जारी 21 दिनों का लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। कैबिनेट सेक्रटरी राजीव गाबा ने 30 मार्च को साफ किया था कि सरकार की लॉकडाउन बढ़ाने की योजना नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं लॉकडाउन बढ़ाने की रिपोर्ट देखकर चौंक रहा हूं। सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।'

ढाई हजार पहुंची मरीजों की संख्या

भारत में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऐसी रिपोर्ट आ रही थीं कि सरकार लॉकडाउन बढ़ाने पर विचार कर सकती है। हालांकि, सरकार के स्पष्टीकरण के बाद लॉकडाउन पर संशय खत्म हो चुका है। भारत में कोरोना के अब तक 2,457 मरीज सामने आए हैं जबकि 62 लोगों की इस घातक बीमारी से मौत हुई है।

पीएम मोदी ने किया था लॉकडाउन का ऐलान

देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया था। पीएम ने लोगों से इस बीमारी से बचने के लिए अपने घर के आगे लक्ष्मण रेखा खींचने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि सोशल डिस्टेंसिंग से ही यह बीमारी रुकेगी। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने के लिए राज्यों को आदेश दिया है।


मोदी सरकार का इनकार, देश में आगे नहीं बढ़ेगा लॉकडाउन

संजय पाटिल : नई दिल्ली: BY  Sources : केंद्र सरकार ने साफ किया है कि कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में जारी 21 दिनों का लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। बता दें कि ऐसी चर्चा थी कि लॉकडाउन को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। सरकार ने साफ किया कि उसकी ऐसी कोई योजना नहीं है।
कैबिनेट सेक्रटरी राजीव गाबा ने आज साफ किया कि सरकार की लॉकडाउन बढ़ाने की योजना नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं लॉकडाउन बढ़ाने की रिपोर्ट देखकर चौंक रहा हूं। सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।'
भारत में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऐसी रिपोर्ट आ रही थीं कि सरकार लॉकडाउन बढ़ाने पर विचार कर सकती है। हालांकि सरकार के स्पष्टीकरण के बाद लॉकडाउन पर संशय खत्म हो चुका है। भारत में कोरोना के अब तक 1,024 मरीज सामने आए हैं जबकि 27 लोगों की इस घातक बीमारी से मौत हुई है।
पीएम मोदी ने किया था लॉकडाउन का ऐलान

देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया था। पीएम ने लोगों से इस बीमारी से बचने के लिए अपने घर के आगे लक्ष्मण रेखा खींचने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि सोशल डिस्टेंसिंग से ही यह बीमारी रुकेगी। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने के लिए राज्यों को आदेश दिया है।


15 अप्रैल से कुछ शर्तों के साथ खुल सकता है लॉकडाउन, जानें क्या है सरकार की तैयारी 

लखनऊ :BY  Sources कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन है। बाजार बंद हैं। ट्रेनें, बसें, हवाई जहाज, टैक्सियां कुछ भी नहीं चल रहा। ऐसे में सरकार ने लॉकडाउन खोलने की तैयारियों पर चर्चा शुरू कर दी  है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें कहा गया लॉकडाउन खुलने का मतलब पूरी छूट नहीं होगा। यूपी सरकार 14 अप्रैल के बाद लोकडाउन हटने की सूरत में कई बन्दिशें बरकरार रखेगी। इसका मकसद अफ़रातफ़री को रोकना व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का है। 

स्कूल कालेज बंद रहेंगे, फंसे लोगों को मिलेगी तरजीह

सूत्रों के मुताबिक, सरकार बेसिक  व माध्यमिक स्कूल व कॉलेज आगे भी एक निश्चित अवधि तक बंद रखेगी लेकिन टेक्निकल व व्यवसायिक कॉलेज खोलने की तैयारी है। लॉकडाउन जब खुलेगा तब पहले उन लोगों को आने जाने में तवज्जों दी जाएगी, जो कई दिनों से इधर उधर फंसे हुए हैं। और घर नहीं जा पा रहे हैं। इसके लिए सीमित दायरे में परिवहन सेवा शुरू होगी।


बाजार व मंडियां खुल सकती हैं, माल रह सकते हैं बंद

 बाजार व मंडियों को खोला जाएगा। माल में मल्टीपलेक्स को इस दायरे से बाहर रखने की योजना बन रही है। मुख्यमंत्री का कहना है कि डीएम व एसपी पहले लॉक डाउन हटाने के बाद के हालात का आकलन अभी कर लें, जिससे बाद की आने वाली मुश्किलों से निपटा जा सके। सरकार का जोर 15 के बाद भी कही भी किसी रूप में भीड़ न लगने देने का है। मौजूदा वक्त की सारी ऐहतियात बाद में भी सख्ती से बरती जाएगी। इसमें समूह में न निकलने से लेकर सैनिटाइजेशन तक शामिल हैं।

कम संक्रमण वाले जिलों में पहले हटेगा लाकडाउन

सरकार पहले उन जिलों से लॉकडाउन हटाएगी, जहाँ कोरोना वायरस संक्रमण अपेक्षा काफी  कम है। इसमे भी वायरस संक्रमण वाले हॉट स्पॉट चिन्हित किए जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि तब्लीगी जमात के संक्रिम त लोग कई जिलों में पहुँच चुके हैं और कोरोना वैरियर बन हुए हैं। ऐसे लोगो के कारण खास जिलों या उनके खास इलाको में जांच पूरी होने तक बंदिश रहेगी। सीएम ने पहले 15 जिलो में व बाद में पूरे यूपी में लॉकडाउन का एलान किया। 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में इसका ऐलान करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा था। पीएम ने हाल में 14 अप्रैल के बाद लॉक डाउन हटाने का संकेत दिया है।

लॉकडाउन खुलने पर सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल  करें 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर 15 अप्रैल से लॉकडाउन खुलता है तो हालात बहुत चुनौतीपूर्ण होंगे। सभी को इसका पूरा ख्याल रखना जरूरी है। ऐसे में जो जहां फंसा होगा, वहां से आने का प्रयास करेगा। इन हालातों में सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल कराना बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। इसके लिए अभी से कार्ययोजना तैयार करें। स्कूल, कॉलेज, अलग-अलग तरह के बाजार और मॉल कब और कैसे खुलेंगे इसकी कार्ययोजना तैयार करें। सीएम ने शुक्रवार को बैठक कर टीम-11 के ऑफिसर्स के साथ लॉक डाउन के खुलने की स्थिति की चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जरूरतमंद तक समय से भोजन पहुंचाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद लें। संबंधित जिलों के डीएम से समन्वय कर आंगनबाड़ी का पौष्टिक आहार भी घर-घर तक पहुंचाएं।

एक हजार करोड़ का कोरोना केयर फंड तैयार करेंगे

सरकार 1000 करोड़ रुपये का कोरोना केयर फंड तैयार करेगी। इस फंड से टेस्टिंग लैब की सुविधाएं बढ़ाने के साथ इलाज में जरूरी और उपकरणों मसलन वेंटीलेटर, मास्क, सेनिटाइजर, पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) आदि की व्यवस्था की जाएगी। इस फंड में सरकार तो मदद देगी ही, अन्य लोगों के अलावा कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबलटी के तहत औद्योगिक घरानों से भी मदद ली जाएगी। प्रयास होगा कि हर मंडल और सभी 24 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जांच की सुविधा हो।

15 अप्रैल से चलेंगी अधिकांश ट्रेनें, रेलवे ने ड्राइवर-गार्ड और टीटीई को भेजा टाइमटेबल

नई दिल्ली : :BY  Sources : रेलवे ने 21 दिन के लॉकडाउन के बाद आगामी 15 अप्रैल से अधिकांश यात्री ट्रेन चलाने के लिए कमर कस ली है। इसके तहत शुक्रवार को रेल प्रशासन ने ड्राइवर, गार्ड, स्टेशन मैनेजर व अन्य कर्मचारियों को ट्रेन का टाइमटेबल भी भेज दिया है। रेलवे बोर्ड ने सभी 17 जोनल रेलवे से रद्द ट्रेन को चलाने के लिए तैयार रहने को कहा है। इसके तहत उत्तर रेलवे ने 244 ट्रेन का टाइमटेबल संबंधित रेल अधिकारियों व कर्मचारियों को भेज दिया है।
उत्तर रेलवे के पास 77 रेक (ट्रेन) तैयार खड़े हैं। प्रशासन ने परिचालन से जुड़े ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, गार्ड, टीटीई, स्टेशन मैनेजर आदि को आगामी 15 अप्रैल से ट्रेन चलाने के आदेश जारी कर दिए हैं। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 80 फीसदी से अधिक ट्रेन को चलाने के आदेश दिए गए हैं। इसमें सभी राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, सुपरफास्ट, मेल-एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं। अधिकारी के मुताबिक कमोबेश सभी 17 जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों ने अपने यहां से चलने वाली ट्रेन तैयार कर ली हैं। ये ट्रेन 14 अप्रैल रात 12 बजे के बाद पटरियों पर दौड़ने लगेंगी। लंबी दूरी के अलावा जरूरत के अनुसार लोकल और पैसेंजर ट्रेन को भी चलाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि 21 दिन के लॉकडाउन के बाद रेल प्रशासन ट्रेन चलाने के लिए मुस्तैद है। इसके लिए केंद्र सरकार से हरी झंडी का इंतजार है। उन्होंने बताया कि 13,524 ट्रेन में से 3,695 लंबी दूरी की मेल-एक्सप्रेस ट्रेन हैं। केंद्र सरकार कोरोना के मद्दनेजर यदि कम संख्या में ट्रेन चलाने के लिए कहेगी तो इसका पालन किया जाएगा। 
स्टेशन, ट्रेन में थर्मल जांच होगी
रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेन में चढ़ते समय महामारी रोग अधिनियम का पालन किया जाएगा। इसमें यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग से लेकर अन्य जरूरी उपाय शामिल होंगे। इसके अलावा 21 दिन के लॉकडाउन के बाद स्टेशनों पर उमड़ने वाली भारी भीड़ से निपटने के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।

क्या देश में लॉकडाउन खत्म करने जैसे हालात हैं? समझें कुछ महत्वपूर्ण बातें

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार थामने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन का 14वां दिन है। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के मुताबिक 14 अप्रैल को 21 दिन की मियाद पूरी होने पर 15 अप्रैल से लॉकडाउन खत्म किया जा सकता है। हालांकि, कई विशेषज्ञों समेत कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी लॉकडाउन की मियाद और बढ़ाने की सिफारिश की है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या 15 अप्रैल को लॉकडाउन हटाना ठीक रहेगा? आइए जानें कि किन परिस्थितियों में लॉकडाउन हटाने पर विचार किया जा सकता है...
1. जब वैक्सीन मिल जाए
अगर कोरोना प्रभावित देश अपनी-अपनी 60% आबादी की रोग प्रतिरोधक क्षमता उस स्तर पर पहुंचा दे जिसमें कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका ही नहीं रहे तो संक्रमण की गति पर यूं ही कड़ा ब्रेक लग जाएगा। लेकिन, इसके लिए जिस वैक्सीन की जरूरत होगी, उसे सर्वसुलभ बनाने में साल से डेढ़ साल लग सकता है। इतना लंबा समय तो लॉकडाउन में नहीं रहा जा सकता।
2. जब ज्यादातर लोगों में वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाए
यह झुंड की रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफे का सिद्धांत है। इसके मुताबिक, अगर कोरोना वायरस बड़ी तादाद में लोगों को अपना शिकार बनाएगा और पीड़ित जब कोविड-19 की बीमारी से उबर जाएंगे तो उनमें वायरस से लड़ने की आंतरिक क्षमता विकसित हो जाएगी। ऐसे में वायरस के लिए नए-नए लोग मिलने ही कम हो जाएंगे क्योंकि ज्यादातर लोग संक्रमित होकर ठीक हो चुके होंगे। हालांकि, इस सिद्धांत की समस्या यह है कि इस प्रक्रिया से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने में सालों लग जाएंगे। इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि यह प्रक्रिया कब खत्म होगी।
3. किसी ठोस योजना के तहत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक (डीजी) टेडरोस अधानोम गेब्रिसस ने पिछले महीने के महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा, 'लोगों को घरों में रोककर अस्पतालों में अचानक भीड़ उमड़ने की समस्या से बचा जा सकता है... लेकिन महामारी को खत्म करने के लिए लिहाज से यह कदम अपने आप में पर्याप्त नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'इस तरह के कदमों का मकसद ट्रांसमिशन रोककर जिंदगियां बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा कारगर उपायों को धरातल पर उतारना है।'
4. जब हम तैयार हो जाएं
अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टिट्यूट ने पिछले महीने एक रिपोर्ट जारी करते हुए वो चार परिस्थितियां बताई थीं जिनमें कोई देश पाबंदियों में ढील देने पर विचार कर सकता है। इसके मुताबिक, पहली परस्थिति यह है कि 14 दिनों की पाबंदियों में कोविड-19 मरीजों की तादाद में कमी दिखने लगे। दूसरी- अस्पतालों की क्षमता इतनी बढ़ा दी जाए कि कोविड-19 से पीड़ित हर मरीज को बिना किसी कठिनाई के इलाज हो सके। तीसरी- उस देश में कोविड-19 के लक्षण वाले हरेक संदिग्ध की जांच संभव हो जाए और चौथी- जब उस देश में संक्रमित व्यक्तियों की गतिविधियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों की पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
5. जब लॉकडाउन हटाने का कोई खतरा नहीं हो
कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोकने की स्वास्थ्य मंत्रालय की योजना में कहा गया है कि बुरी तरह प्रभावित इलाके में आखिरी कोविड-19 मरीज मिलने के कम-से-कम चार हफ्तों तक कोई नया मामला सामने नहीं आए तो उस इलाके को पाबंदी से छूट दी जा सकती है। इसमें यह भी कहा गया है कि इन इलाकों में पाबंदियां तभी कम की जा सकती हैं जब कोविड-19 मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों पर लगातार 28 दिनों तक निगरानी रखी जाए और उन्हें स्वस्थ पाया जाए।
6. जब हम वायरस को ठीक से समझ लें
विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन उठाने के बाद कोविड-19 मरीजों की संख्या में अचानक इजाफे की आशंका पैदा हो सकती है। तब यह महामारी और खतरनाक रूप दिखा सकती है। खतरा यह है कि कोविड-19 बीमारी भी डेंगू-मलेरिया की तरह हर वर्ष वापस आ सकती है। हमें ऐसी परिस्थिति में समय-समय पर पाबंदियां लागू करनी होगी और जांच की प्रक्रिया जारी रखनी होगी।

१४ एप्रिलला लॉकडाउन संपणार का? नरेंद्र मोदी पुन्हा एकदा देशाला संबोधित करण्याची शक्यता

करोनाचा प्रादुर्भाव रोखण्यासाठी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी जाहीर केलेला २१ दिवसांचा लॉकडाउन १४ एप्रिलला संपत आहे. मात्र अद्यापही देशात परिस्थिती नियंत्रणात आली नसल्याने लॉकडाउन वाढवला जाण्याची शक्यता व्यक्त केली जात आहे. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी पुन्हा एकदा देशाला संबोधित करत आपला निर्णय जाहीर करण्याची शक्यता आहे. आपला निर्णय जाहीर करण्याआधी नरेंद्र मोदी व्हिडीओ कॉन्फरन्सिंगच्या माध्यमातून सर्व राज्यांच्या मुख्यमंत्र्यांशी चर्चा करणार आहेत.
एनडीटीव्हीने यासंबंधी वृत्त दिलं आहे. सूत्रांनी दिलेल्या माहितीनुसार, काही महत्त्वाचे निर्णय घेत लॉकडाउन वाढवला जाण्याची शक्यता आहे. राज्यांच्या सीमा बंद राहणार असून कोणालाही प्रवास करण्यास परवानगी नसेल. जीवनाश्यक वस्तूंसाठी मात्र राज्यांमधील वाहतूक सुरु असेल. शाळा, कॉलेज, धार्मिक स्थळे मात्र बंद राहतील.
लॉकडाउनमुळे मोठा आर्थिक फटका बसला असल्याने काही ठराविक क्षेत्रांना यामधून दिलासा दिला जाऊ शकतो. पण त्यांना काटेकोरपणे सोशल डिस्टन्सिंगचं पालन करावं लागणार आहे. विमान वाहतुकीला मोठा फटका बसला आहे. सूत्रांनी दिलेल्या माहितीनुसार, विमान कंपन्यांना उड्डाणासाठी परवानगी दिली जाण्याची शक्यता आहे. पण त्यांना काही नियम लावण्यात येतील. ज्याप्रमाणे दोघांच्या मधील सीट रिकामी ठेवणं बंधनकारक असेल.
नरेंद्र मोदी यांची बुधवारी सर्व पक्षांच्या नेत्यांशी बैठक झाली. या बैठकीत नरेंद्र मोदींनी एकत्र लॉकडाउन उठवणं शक्य नसल्याचं स्पष्ट सांगितलं होतं. “प्रत्येकाचा जीव वाचवणे ही सरकारची जबाबदारी आहे. तसंच करोनानंतरचं आयुष्य फार वेगळं असेल. वैयक्तीक आणि सामाजिक आयुष्यात फार मोठा बदल होईल,” असं नरेंद्र मोदींनी सांगितल्याची माहिती बैठकीत उपस्थित नेत्यांनी दिली होती.
अनेक राज्यांनी पंतप्रधान नरेंद्र मोदींकडे लॉकडाउन वाढवला जावा अशी मागणी केली आहे. ओडिशा राज्याने एप्रिल अखेपर्यंत लॉकडाउन जाहीर करुन टाकला आहे. कर्नाटकदेखील लॉकडाउन वाढवून मागण्याची शक्यता आहे. याशिवाय उत्तर प्रदेश, तेलंगणा, राजस्थान, आसाम, मध्य प्रदेश आणि छत्तीसगड ही राज्येदेखील लॉकडाउन वाढवण्याच्या समर्थनात आहेत. २५ मार्च रोजी नरेंद्र मोदींनी देशाला संबोधित करताना २१ दिवसांचा लॉकडाउन जाहीर केला होता. भारतात सध्या करोनाचे ६४१२ रुग्ण असून १९९ जणांचा मृत्यू झाला आहे. गेल्या २४ तासात ३३ मृत्यूंची नोंद झाली आहे.


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Author: verified_user

I AM POST GRADUATED FROM THE NAGPUR UNIVERSITY IN JOURNALISM

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