संजय पाटिल : नई दिल्ली : Agency : इस समय पूरी दुनिया में कोरोना (Coronavirus in India) का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। पूरे देश में अब तक करीब 14 हजार मामले सामने आ चुके हैं और करीब 500 लोगों की मौत हो चुकी है। जहां एक ओर हर रोज कोरोना वायरस से जुड़ी कोई बुरी खबर ही सुनने को मिलती है, वहीं अब कुछ अच्छे संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट (Coronavirus infection decreasing) दिखाई देने लगी है। अगर पिछले महीने के आखिरी दो सप्ताह से तुलना करें तो 1 अप्रैल से अब तक करीब 40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
5 दिनों में सबसे कम मामलेशुक्रवार को देश में 905 मामले सामने आए, जो पिछले 5 दिनों का न्यूनतम स्तर है। हालांकि, मौतों का आंकड़ा कम नहीं हुआ है और 38 मौतें रिपोर्ट हुई हैं। इसी के साथ मौतों की कुल संख्या 490 हो गई है।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में दिखी गिरावट
मध्य प्रदेश में एक दिन में सबसे अधिक 361 मामले सामने आने के बाद शुक्रवार को वहां सिर्फ 61 नए केस सामने आए हैं। यहां 14 मौतों का नया मामला सामने आया है। महाराष्ट्र में भी गिरावट देखी गई है, जहां देश में सबसे अधिक मरीज हैं। यहां शुक्रवार को 118 मामले सामने आए, जबकि गुरुवार को 286 मामले सामने आए थे। महाराष्ट्र में मौतों का आंकड़ा 7 और बढ़ गया है।
गुजरात-कर्नाटक में बढ़े मामले
कोरोना वायरस की वजह से गुजरात में मौतों का आंकड़ा 5 और बढ़ा है, जबकि इसके मामलों में 170 की बढ़ोत्तरी हुई है। बता दें कि शुक्रवार को किसी भी राज्य में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने का ये सबसे बड़ा आंकड़ा है। इन 170 मामलों के साथ गुजरात में कोरोना मामलों की संख्या 1000 का आंकड़ा पार कर चुकी है। इसके अलावा कर्नाटक में भी शुक्रवार को मामले बढ़े हैं। 44 नए मामलों के साथ कर्नाटक में कोरोना वायरस के संक्रमण का आंकड़ा 350 से अधिक हो गया है।
यूपी-दिल्ली में भी बढ़े मामले
शुक्रवार को दिल्ली में 4 मौतें हुईं और 67 नए मामले सामने आए, जो गुरुवार (62) से थोड़ा अधिक रहे। दिल्ली में चिंता की बात ये है कि 191 लोगों के सोर्स का पता नहीं चल सका है कि उन्हें कोरोना का संक्रमण कहां से हुआ। यूपी में भी मामले बढ़े हैं। शुक्रवार को यूपी में 100 नए मामले सामने आए।
सबसे बुरा हाल मध्य प्रदेश का
इन दिनों कोरोना से सबसे बुरा हाल मध्य प्रदेश का है, जहां पर करीब हफ्ते भर में कोरोना वायरस के मामले तीन गुना बढ़कर 1360 हो गए हैं। करीब 15 दिनों में यहां कोरोना मामलों में 1500 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। यह अकेले ऐसा राज्य है, जहां पर बिना स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री के ही कोरोना से जंग चल रही है। यहां पर करीब 90 स्वास्थ्य अधिकारी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। मध्य प्रदेश में मौतों की संख्या महाराष्ट्र के बाद सबसे अधिक है और मौतों की दर तो देश के सभी राज्यों से अधिक है। यहां पर हर 19वें मरीज की मौत हो रही है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में करीब आधे कोरोना मरीज तो हेल्थ वर्कर्स हैं।
भारत में मई के तीसरे हफ्ते तक ही जोर मारेगा कोरोना, उसके बाद मामले घटने के आसार
दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी भारत में मई के बाद कमजोर पड़ सकती है। एक स्टडी के मुताबिक, यह मई के मध्य तक भारत को तेजी से अपनी चपेट में लेगी। फिर मई के तीसरे हफ्ते में मामले अपने टॉप लेवल पर पहुंच सकते हैं। उसके बाद अगर लॉकडाउन और बचाव के दूसरे तरीकों का सही तरीके से पालन किया गया तो मामलों में कमी आनी शुरू हो जाएगी।
'टाइम्स फैक्ट - इंडिया आउटब्रेक रिपोर्ट' में भारत में कोरोना की कुछ संभावनाओं का अनुमान लगाया गया है, उनमें यह एक है। यह स्टडी ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म प्रोटिविटी और टाइम्स नेटवर्क ने की है। 16 अप्रैल की इस रिपोर्ट में यह पता लगाया गया कि देश में कोरोना की बीमारी किस रफ्तार से फैलेगी, इसका सबसे ऊंचा स्तर कब आएगा।
रिपोर्ट में 8 राज्यों और देश के टॉप 3 हॉटस्पॉट से मिले डेटा की मदद ली गई। इसमें केंद्र सरकार के आंकड़ों, सरकारी बुलेटिनों और स्वास्थ्य मंत्रालय के अपडेट का उपयोग किया गया है। विदेश के ट्रेंड को भी ध्यान में रखा गया। रिपोर्ट के तथ्यों में आगे बदलाव हो सकता है क्योंकि कोरोना पर डेटा रोज बदल रहे है।
ऐहतियात बरतने से तय होगा, कितने बढ़ेंगे केस
प्रोटिविटी के डेटा एंड अनालिसिस विंग के डायरेक्टर ध्रुवज्योति घोष ने कहा कि हमने स्टडी में अपनाए सभी मॉडलों को एक-दूसरे के साथ मिलाकर देखा और आंकड़े पेश किए। स्टडी में तीन मॉडलों को अपनाया गया। ये हैं : SEIR मॉडल और टाइम सीरीज के दो मॉडल। SEIR यानी Susceptible (बेहद संवेदनशील), Exposed (सामने आ चुके), Infectious (संक्रमण फैलाने वाले), Recovered (ठीक हो चुके)। उधर मेदांता के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहन ने कहा कि अभी लॉकडाउन है और 20 अप्रैल के बाद ही असली स्थिति सामने आएगी। हर देशवासी को ऐहतियात बरतनी जारी रखनी होगी और इसी से तय होगा कि केसों में कितनी कमी आएगी।
ऐहतियात बरतने से तय होगा, कितने बढ़ेंगे केस
प्रोटिविटी के डेटा एंड अनालिसिस विंग के डायरेक्टर ध्रुवज्योति घोष ने कहा कि हमने स्टडी में अपनाए सभी मॉडलों को एक-दूसरे के साथ मिलाकर देखा और आंकड़े पेश किए। स्टडी में तीन मॉडलों को अपनाया गया। ये हैं : SEIR मॉडल और टाइम सीरीज के दो मॉडल। SEIR यानी Susceptible (बेहद संवेदनशील), Exposed (सामने आ चुके), Infectious (संक्रमण फैलाने वाले), Recovered (ठीक हो चुके)। उधर मेदांता के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहन ने कहा कि अभी लॉकडाउन है और 20 अप्रैल के बाद ही असली स्थिति सामने आएगी। हर देशवासी को ऐहतियात बरतनी जारी रखनी होगी और इसी से तय होगा कि केसों में कितनी कमी आएगी।
0 comments: