संजय पाटिल : नागपुर प्रेस मीडिया : 28 मई 2020 : नागपुर. मनपा की ओर से कचरा संकलन का ठेका दिए जाने के बाद भारतीय विकास ग्रुप (बीवीजी) कम्पनी की ओर से किए जा रहे कचरा घोटाले को लेकर शिवसेना के शहर समन्वयक नितिन तिवारी की ओर से गत कुछ दिनों से लगातार तथ्य और सबूत पेश किए जाने के बावजूद भले ही मनपा प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही हो, लेकिन घोटाले की वास्तविकता उस समय उजागर हो गई, जब प्रतिदिन 600 टन कचरा संकलन का दावा करनेवाली कम्पनी की ओर से बुधवार को भांडेवाड़ी में केवल 365 टन कचरा ही लाया गया. कम्पनी द्वारा घोटाला किए जाने का मामला तूल पकड़ते ही अचानक 250 टन कचरा कम संकलित कैसे हो गया. इसे लेकर भी अब तिवारी ने प्रशासन पर निशाना साधते हुए खुलासा करने की मांग की.
मनपा के अधिकारी की अधिकृत जानकारी
तिवारी ने कहा कि आम तौर पर लोगों पर इस तरह के आरोप लगाने के बयान कम्पनी और प्रशासन की ओर से दिए जाते हैं, लेकिन कचरा घोटाले की वास्तविकता का आलम यह है कि भांडेवाड़ी कचरा डंपिंग यार्ड के इंचार्ज मनपा के अधिकारी राठोड़ की ओर से ही बुधवार की शाम 6 बजे तक बीवीजी कम्पनी द्वारा केवल 365 टन कचरा लाए जाने की अधिकृत जानकारी दी गई, जबकि अब तक प्रतिदिन 600 टन कचरा लाने का दावा किया जा रहा था. उन्होंने कहा कि वीएनआईटी के अध्ययन के अनुसार प्रतिदिन एक व्यक्ति द्वारा लगभग 350 ग्राम कचरा उत्पादित किया जाता है. एक घर में औसतन 5 व्यक्ति के अनुसार एक घर से 1750 ग्राम कचरा प्रतिदिन निकलता है. यदि 250 टन (25 करोड़ ग्राम) कचरा नहीं उठाया गया, तो 1,42,857 घरों से कचरा संकलन नहीं किया गया है.
तिवारी ने कहा कि आम तौर पर लोगों पर इस तरह के आरोप लगाने के बयान कम्पनी और प्रशासन की ओर से दिए जाते हैं, लेकिन कचरा घोटाले की वास्तविकता का आलम यह है कि भांडेवाड़ी कचरा डंपिंग यार्ड के इंचार्ज मनपा के अधिकारी राठोड़ की ओर से ही बुधवार की शाम 6 बजे तक बीवीजी कम्पनी द्वारा केवल 365 टन कचरा लाए जाने की अधिकृत जानकारी दी गई, जबकि अब तक प्रतिदिन 600 टन कचरा लाने का दावा किया जा रहा था. उन्होंने कहा कि वीएनआईटी के अध्ययन के अनुसार प्रतिदिन एक व्यक्ति द्वारा लगभग 350 ग्राम कचरा उत्पादित किया जाता है. एक घर में औसतन 5 व्यक्ति के अनुसार एक घर से 1750 ग्राम कचरा प्रतिदिन निकलता है. यदि 250 टन (25 करोड़ ग्राम) कचरा नहीं उठाया गया, तो 1,42,857 घरों से कचरा संकलन नहीं किया गया है.
50 लाख जुर्माने का प्रावधान
उन्होंने कहा कि इस तरह से डेढ़ लाख घरों से कचरा संकलन नहीं होने से शहर में कचरा संकलन की अव्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है. तमाम खामियों के बावजूद साधी गई, यह खोज का विषय बना हुआ है. इसके अलावा अब टेंडर की शर्तों के अनुसार कचरा संकलन नहीं किए जाने के लिए रखी गई 50 लाख रु. जुर्माना की शर्त का पालन मनपा द्वारा किया जाएगा या नहीं, यह प्रश्न भी उपस्थित हो रहा है.
उन्होंने कहा कि इस तरह से डेढ़ लाख घरों से कचरा संकलन नहीं होने से शहर में कचरा संकलन की अव्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है. तमाम खामियों के बावजूद साधी गई, यह खोज का विषय बना हुआ है. इसके अलावा अब टेंडर की शर्तों के अनुसार कचरा संकलन नहीं किए जाने के लिए रखी गई 50 लाख रु. जुर्माना की शर्त का पालन मनपा द्वारा किया जाएगा या नहीं, यह प्रश्न भी उपस्थित हो रहा है.
बीवीजी को बचाने मनपा की बड़ी लीपापोती
नागपुर. 29 मई 2020 : कचरा घोटाला को लेकर बुरी तरह आरोपों में घिरी महानगरपालिका ने निजी ठेकेदार बीवीजी को बचाने के लिए बड़ी लीपापोती कर दी है. मई-2020 में जो घोटाला हुआ है, उसको छिपाने के लिए ठेकेदार से सफाई मांगने के बजाय मनपा के अधिकारी खुद ही क्लीन चिट बांटने में लग गये हैं. गुरुवार को मनपा की ओर से ड्रोन की एक तस्वीर जारी की गई जो अगस्त 2019 में ली गई थी. इस तस्वीर के हवाले से कहा गया कि जिस गड्ढे से कथित मिट्टी की तस्करी की बात कही गई है, वह बीवीजी को जमीन देने से पहले से ही खुदा हुआ था.
मुंढे के रहते घपला करने की हिम्मत
जानकारों का कहना है कि ऐसे अफसरों के हिम्मत की दाद देनी होगी कि मुंढे जैसे मनपा आयुक्त के पद पर रहते ही कचरा घोटाला को अंजाम दिया गया. मुंढे ने जब पदभार ग्रहण किया था, उसी समय उनको भांडेवाड़ी डम्पिंग यार्ड में चल रही बहुत सारी धांधलियों के बारे में जानकारी मिल गई थी. उन्होंने एक बार औचक कार्रवाई भी की थी, जिसके बाद काफी बातों पर कंट्रोल हो गया था. सर्वदलीय राजनेताओं की पहुंच वाली बीवीजी कम्पनी के अधिकारी मात्र इससे अछूते रहे. वे जानते हैं कि राजनेताओं का आश्रय होने के कारण उनपर कोई आंच नहीं आएगी.
जानकारों का कहना है कि ऐसे अफसरों के हिम्मत की दाद देनी होगी कि मुंढे जैसे मनपा आयुक्त के पद पर रहते ही कचरा घोटाला को अंजाम दिया गया. मुंढे ने जब पदभार ग्रहण किया था, उसी समय उनको भांडेवाड़ी डम्पिंग यार्ड में चल रही बहुत सारी धांधलियों के बारे में जानकारी मिल गई थी. उन्होंने एक बार औचक कार्रवाई भी की थी, जिसके बाद काफी बातों पर कंट्रोल हो गया था. सर्वदलीय राजनेताओं की पहुंच वाली बीवीजी कम्पनी के अधिकारी मात्र इससे अछूते रहे. वे जानते हैं कि राजनेताओं का आश्रय होने के कारण उनपर कोई आंच नहीं आएगी.
मनपा में बीजेपी की सत्ता और राज्य में महाविकास आघाड़ी की सत्ता होने के कारण सभी दलों में उनके शुभचिंतकों की भरमार है. पुणे कनेक्शन होने के कारण भी बीवीजी के बारे में कोई भी सहज ही बोलने की हिम्मत नहीं जुटाता. मात्र यह अनुमान लगाया जा रहा था कि जब शिवसेना की ओर से पार्टी समन्वयक नितिन तिवारी ने इस घोटाले को उजागर किया और उसकी शिकायत मुंढे से की तो मनपा के अधिकारी मिलीभगत से चल रहे इस गोरखधंधे को रोक पाएंगे. इसके विपरीत अधिकारियों ने जांच के नाम पर डा. प्रदीप दासरवार को कथित गड्ढे का निरीक्षण करने की औपचारिकता निपटाई और 72 घंटे के भीतर ही बीवीजी को क्लीन चिट दे दी. उल्लेखनीय है कि शिवसेना की ओर से इस घोटाले में डा.दासरवार के भी मिलीभगत होने का आरोप लगाया था.
अब तैनात किये दो कर्मचारी
मनपा की ओर से बताया गया कि यह शिकायत मिलने के बाद अब कचरा संकलन पर बारीक नजर रखी जाएगी. एनडीएस के दो कर्मचारी तुरंत तैनात कर दिये गये हैं. यह कर्मचारी वजन के साथ-साथ कचरे पर भी नजर रखेंगे. जो कचरा बीवीजी द्वारा एकत्र किया जाएगा, उसे अलग रखा जाएगा और यदि उसमें मिट्टी या किसी भी तरह की दूसरी मिलावट पाई गई तो उस दिन का वजन रद्द कर ठेकेदार की कार्रवाई की जाएगी. मनपा की इस कार्रवाई पर भी शिवसेना की ओर से हैरानी व्यक्त की गई है. 70 दिनों तक रोज सैकड़ों टन मिट्टी मिश्रित कचरा जमा करने का गोलमाल करने वाले मामले की जांच को लेकर कोई आदेश नहीं दिया गया. मुंढे के निर्देश पर अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने डा.दासरवार से ही छानबीन कराकर फटाफट मामले को निपटा दिया गया. शिवसेना का दावा है कि यदि 1950 रुपये प्रति टन का हिसाब लगाया जाए तो मनपा को औसत 15 से 20 लाख रुपये प्रतिदिन का नुकसान हो रहा है. एक तरफ मनपा की तिजोरी में कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं है. दूसरी ओर निजी ठेकेदार मनपा का खून चूस रहे हैं और उसके ही कुछ अधिकारी कुम्भकर्णी नींद में हैं.
मनपा की ओर से बताया गया कि यह शिकायत मिलने के बाद अब कचरा संकलन पर बारीक नजर रखी जाएगी. एनडीएस के दो कर्मचारी तुरंत तैनात कर दिये गये हैं. यह कर्मचारी वजन के साथ-साथ कचरे पर भी नजर रखेंगे. जो कचरा बीवीजी द्वारा एकत्र किया जाएगा, उसे अलग रखा जाएगा और यदि उसमें मिट्टी या किसी भी तरह की दूसरी मिलावट पाई गई तो उस दिन का वजन रद्द कर ठेकेदार की कार्रवाई की जाएगी. मनपा की इस कार्रवाई पर भी शिवसेना की ओर से हैरानी व्यक्त की गई है. 70 दिनों तक रोज सैकड़ों टन मिट्टी मिश्रित कचरा जमा करने का गोलमाल करने वाले मामले की जांच को लेकर कोई आदेश नहीं दिया गया. मुंढे के निर्देश पर अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने डा.दासरवार से ही छानबीन कराकर फटाफट मामले को निपटा दिया गया. शिवसेना का दावा है कि यदि 1950 रुपये प्रति टन का हिसाब लगाया जाए तो मनपा को औसत 15 से 20 लाख रुपये प्रतिदिन का नुकसान हो रहा है. एक तरफ मनपा की तिजोरी में कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं है. दूसरी ओर निजी ठेकेदार मनपा का खून चूस रहे हैं और उसके ही कुछ अधिकारी कुम्भकर्णी नींद में हैं.
रिमोट सेंसिंग से करें गड्ढे की जांच : शिवसेना
मनपा की लीपापोती को खारिज करते हुए शिवसेना की ओर से कहा गया कि यदि बीवीजी को क्लीन चिट ही देना है तो रिमोट सेंसिंग के द्वारा गड्ढे की जांच होनी चाहिये. अगस्त 2019 के गड्ढे का व्यास और मई 2020 के गड्ढे का व्यास में जमीन-आसमान का अंतर है. तिवारी ने कहा कि सिर्फ एक जगह ही नहीं सिटी में कई जगह पर बीवीजी द्वारा मिट्टी जमा की जा रही है. डिप्टी सिग्नल में हरीओम कोल्ड स्टोरेज के पास खाली मैदान भी इसी तरह की खुदाई है. इसके अलावा मानसून पूर्व नाला सफाई के द्वारा जो मिट्टी-कीचड़ निकल रही है, उसे भी बीवीजी कौड़ी के मोल पर खरीद कर कचरे में मिलाया जा रहा है. शिवसेना की ओर एक बार फिर महापौर संदीप जोशी और निगमायुक्त मुंढे से इस मामले की गहराई से जांचकर मनपा को हो रहे आर्थिक नुकसान से बचाने की अपील की है.
मनपा की लीपापोती को खारिज करते हुए शिवसेना की ओर से कहा गया कि यदि बीवीजी को क्लीन चिट ही देना है तो रिमोट सेंसिंग के द्वारा गड्ढे की जांच होनी चाहिये. अगस्त 2019 के गड्ढे का व्यास और मई 2020 के गड्ढे का व्यास में जमीन-आसमान का अंतर है. तिवारी ने कहा कि सिर्फ एक जगह ही नहीं सिटी में कई जगह पर बीवीजी द्वारा मिट्टी जमा की जा रही है. डिप्टी सिग्नल में हरीओम कोल्ड स्टोरेज के पास खाली मैदान भी इसी तरह की खुदाई है. इसके अलावा मानसून पूर्व नाला सफाई के द्वारा जो मिट्टी-कीचड़ निकल रही है, उसे भी बीवीजी कौड़ी के मोल पर खरीद कर कचरे में मिलाया जा रहा है. शिवसेना की ओर एक बार फिर महापौर संदीप जोशी और निगमायुक्त मुंढे से इस मामले की गहराई से जांचकर मनपा को हो रहे आर्थिक नुकसान से बचाने की अपील की है.
साजिशन किया गया कचरा घोटाला
नागपुर. 5-6-2020 शिवसेना शहर समन्वयक नितिन तिवारी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने मेयर संदीप जोशी और अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी से मुलाकात कर मनपा स्वास्थ्य अधिकारी व उपायुक्त घनकचरा प्रदीप दासरवार को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर उनकी नियुक्ति व कचरा घोटाले की जांच की मांग की है. तिवारी ने कहा कि कोरोना के समय में नागपुर जैसे महानगर में ऐसे स्वास्थ्य अधिकारी के पास प्रभार है जिसके पास नियमानुसार शैक्षणिक पात्रता नहीं है.
महाराष्ट्र शासन के नियमानुसार मनपा में नियुक्त स्वास्थ्य अधिकारी एमबीबीएस, डीपीएच, एमडी होना चाहिए, परंतु सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान स्वास्थ्य अधिकारी की शैक्षणिक पात्रता एसएससी, डीएचएमएस मात्र है जो कि अयोग्य है. साथ ही दासरवार के पास उपायुक्त घनकचरा का अतिरिक्त प्रभार है जो कि महाराष्ट्र शासन के परिपत्रक दिनांक ५/९/२०१८ का उल्लघंन है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित मनपा में दासरवार जैसे अयोग्य अधिकारी को जानबूझकर तैनात कर कचरा घोटाले को अंजाम दिया गया है. शिवसेना द्वारा बीवीजी कम्पनी का कचरा मिट्टी घोटाला उजागर किया गया और मनपा आयुक्त तुकाराम मुंडे से प्रदीप दासरवार व डम्पिंग नियंत्रण अधिकारी राठौड़ की भी जांच की मांग की गई थी.
दोषी ने ही की जांच, दे दी क्लीन चिट
तिवारी ने बताया कि मामले के दोषी अधिकारी दासरवार ने खुद ही जांच अधिकारी के रूप में संबंधित कचरे घोटाले की जांच कर बिना तथ्यों के ही बीवीजी को प्रेस नोट जाहिर कर क्लीन चिट दे दी, जबकि बीवीजी के पार्किंग में खोदे हुए गड्ढे की तहसीलदार के पंचनामा अनुसार, पुनः ड्रोन द्वारा वास्तविकता की जांच करानी चाहिए थी. मामला राजस्व चोरी, बिना रॉयल्टी मिट्टी खुदाई का था. ऐसे ही बिना तथ्यों कि जांच-पड़ताल किए कम्पनी की तरफ से एकतरफा फैसला दासरवार द्वारा लिया गया. कचरे में मिट्टी मिलाने के वीडियो व फोटोग्राफ रूपी सबूत अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी को देने के बावजूद इस पर पर्दा डालकर लीपापोती की गई.
तिवारी ने बताया कि मामले के दोषी अधिकारी दासरवार ने खुद ही जांच अधिकारी के रूप में संबंधित कचरे घोटाले की जांच कर बिना तथ्यों के ही बीवीजी को प्रेस नोट जाहिर कर क्लीन चिट दे दी, जबकि बीवीजी के पार्किंग में खोदे हुए गड्ढे की तहसीलदार के पंचनामा अनुसार, पुनः ड्रोन द्वारा वास्तविकता की जांच करानी चाहिए थी. मामला राजस्व चोरी, बिना रॉयल्टी मिट्टी खुदाई का था. ऐसे ही बिना तथ्यों कि जांच-पड़ताल किए कम्पनी की तरफ से एकतरफा फैसला दासरवार द्वारा लिया गया. कचरे में मिट्टी मिलाने के वीडियो व फोटोग्राफ रूपी सबूत अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी को देने के बावजूद इस पर पर्दा डालकर लीपापोती की गई.
4 टन की गाड़ी में 12 टन कचरा
तिवारी ने आरोप लगाया कि कचरे के वाहन की क्षमता ४ टन है तो उसमें १२ टन कचरा कहां से लाया. कचरा में ऐसा कौनसा पदार्थ मिलाया गया कि उसका वजन ४ टन से बढ़कर १०-१२ टन हो गया. मनपा के जगह की मिट्टी चोरी होने पर मामला पुलिस में क्यों दर्ज नहीं कराया गया. कम्पनी के वाहनों का जीपीएस रिकॉर्ड चेक क्यों नहीं किया गया. अर्थात इस पूरे कचरा भ्रष्टाचार में दासरवार की सक्रिय भूमिका व मिलीभगत है. शिष्टमंडल ने तत्काल दासरवार को पदमुक्त कर मामले की जांच की मांग की. अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने मामले की खुद जांच करने का आश्वासन दिया. इस दौरान मुन्ना तिवारी, अक्षय मेश्राम, अब्बास अली, आशीष हाडगे, अभिषेक धुर्वे, निशा मुंडे उपस्थित थे.
तिवारी ने आरोप लगाया कि कचरे के वाहन की क्षमता ४ टन है तो उसमें १२ टन कचरा कहां से लाया. कचरा में ऐसा कौनसा पदार्थ मिलाया गया कि उसका वजन ४ टन से बढ़कर १०-१२ टन हो गया. मनपा के जगह की मिट्टी चोरी होने पर मामला पुलिस में क्यों दर्ज नहीं कराया गया. कम्पनी के वाहनों का जीपीएस रिकॉर्ड चेक क्यों नहीं किया गया. अर्थात इस पूरे कचरा भ्रष्टाचार में दासरवार की सक्रिय भूमिका व मिलीभगत है. शिष्टमंडल ने तत्काल दासरवार को पदमुक्त कर मामले की जांच की मांग की. अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने मामले की खुद जांच करने का आश्वासन दिया. इस दौरान मुन्ना तिवारी, अक्षय मेश्राम, अब्बास अली, आशीष हाडगे, अभिषेक धुर्वे, निशा मुंडे उपस्थित थे.
कचरा घोटाले का पर्दाफाश
नागपुर : 29 जून 2020 : कचरा घोटाले को लेकर कुछ दिनों पूर्व शिवसेना की ओर से उजागर की गई जानकारी के बाद मनपा प्रशासन की ओर से केवल समिति बनाकर जांच की लिपापोती कर फाईल तो बंद कर दी गई, लेकिन रविवार को उस समय कचरा घोटाले का पर्दाफाश हो गया, जब विधायक विकास ठाकरे ने स्वयं छापामारी कर भांडेवाडी डम्पिंग यार्ड में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया. छापामारी के दौरान कचरा लेकर पहुंचे ट्रकों में आधे से अधिक मिट्टी होने की वास्तविकता उजागर हुई.
उल्लेखनीय है कि मनपा की ओर से हाल ही में 2 नई कम्पनियों को कचरा संकलन का कार्य सौंपा गया. बीवीजी और एजी एन्वायरो नामक इन कम्पनियों की शुरूआत से ही कार्यप्रणाली पर अनेक स्तर पर आपत्ति जताई जा रही है. विशेषत: इस संदर्भ में स्वास्थ्य समिति सभापति वीरेन्द्र कुकरेजा की ओर से भी दिशा निर्देश जारी किए गए थे, किंतु मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
वाहनों में कैसे आ रहा 13 टन कचरा
भ्रष्टाचार उजागर करते हुए विधायक ठाकरे ने बताया कि गत कुछ दिनों से कचरा संकलन कर रही कम्पनी के खिलाफ प्रतिदिन कई कर्मचारी शिकायत लेकर आ रहे थे. कर्मचारियों की ओर से भांडेवाडी में हो रही धांधली की जानकारी भी दी. जिसे लेकर मनपा प्र्रशासन को कई पत्र भेजे गए. लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. अत: स्वयं ही इस भ्रष्टाचार को उजागर करने की ठान ली. उन्होंने कहा कि जहां से इन ट्रकों में मिट्टी भरी जाती है, वहां से लेकर डम्पिंग यार्ड तक जा रहे वाहनों और काटा करने तक के स्थल तक विडियो तैयार किया गया.
भ्रष्टाचार उजागर करते हुए विधायक ठाकरे ने बताया कि गत कुछ दिनों से कचरा संकलन कर रही कम्पनी के खिलाफ प्रतिदिन कई कर्मचारी शिकायत लेकर आ रहे थे. कर्मचारियों की ओर से भांडेवाडी में हो रही धांधली की जानकारी भी दी. जिसे लेकर मनपा प्र्रशासन को कई पत्र भेजे गए. लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. अत: स्वयं ही इस भ्रष्टाचार को उजागर करने की ठान ली. उन्होंने कहा कि जहां से इन ट्रकों में मिट्टी भरी जाती है, वहां से लेकर डम्पिंग यार्ड तक जा रहे वाहनों और काटा करने तक के स्थल तक विडियो तैयार किया गया.
साथ ही इन ट्रकों के चालकों और कर्मचारियों के बयान भी दर्ज कराए गए. जिसमें उन्होंने कम्पनी के निर्देशों पर कचरे के साथ मिट्टी मिलाने की जानकारी दी. आश्चर्यजनक यह है कि ट्रकों ने काटा किया, उसमें एक-एक ट्रक में 13 टन कचरा भरा हुआ था. जबकि एक ट्रक में 3 टन से अधिक कचरा नहीं आ सकता है. जिससे खाली किए जा रहे ट्रक के स्थल पर जाकर इसका जायजा लिया गया. उस समय सभी भौंचक्के रह गए, जब ट्रकों में आधे से अधिक मात्रा में केवल मिट्टी और मलबा भरा हुआ था.
एफआईआर करें, अन्यथा गृह मंत्री से शिकायत
विधायक ठाकरे ने कहा कि इस तरह से कम्पनियों द्वारा कचरे के नाम पर की गई धांधली से कुछ ही दिनों में लगभग 20 करोड़ का भ्रष्टाचार किया है. घटनास्थल पर स्वास्थ्य विभाग प्रमुख प्रदीप दासरवार को भी बुलाया गया था. लेकिन उन्होंने मौन साध रखा था. कम्पनी और अधिकारियों के आपसी सांठगांठ के चलते ही भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मनपा को इन कम्पनी और भ्रष्टाचार में शामिल संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं.
पुख्ता सबूत देने के बावजूद यदि मनपा की ओर से एफआईआर दर्ज नहीं की गई, तो इसकी शिकायत गृह मंत्री अनिल देशमुख से की जाएगी. यहां तक कि आवश्यकता पड़ने पर विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा. छापामारी के दौरान पार्षद संजय महाकालकर, प्रशांत धवड और प्रमोदसिंह ठाकुर उपस्थित थे.
कचरा घोटाला विधायक ठाकरे ने की कार्रवाई की मांग
कचरा घोटाला विधायक ठाकरे ने की कार्रवाई की मांग
संजय पाटीलः नागपूर प्रेस मीडिया: 3 जुलै 2020 : नागपुर. मनपा की ओर से कचरा संकलन के लिए एजी एनवायरो और बीवीजी कम्पनी को ठेका आवंटित किया. कचरे के नाम पर कम्पनियों द्वारा मिट्टी मिलाकर किए जा रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए छापामारी कर पुख्ता सबूत देने के बावजूद मनपा की ओर से कार्रवाई नहीं होने से अब विधायक विकास ठाकरे की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से शिकायत कर सम्पूर्ण मामले की जांच करने और कम्पनी तथा अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की. मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि प्रतिदिन कम्पनियों की ओर से 250 मेट्रीक टन कचरे में 300 टन मिट्टी मिलाई जाती है. जिसका वजन कर कचरे के लिए मिलनेवाली निधि प्राप्त की जाती है.
अधिकारियों को प्रतिमाह 15 लाख की रिश्वत
एजी एनवायरो कम्पनी पर कड़ा आरोप लगाते हुए पत्र में उन्होंने बताया कि अक्षय नाम के कम्पनी के कर्मचारी की ओर से मनपा अधिकारियों को प्रति माह 15 लाख रु. की रिश्वत देने की जानकारी मिली है. कम्पनी व्यवस्थापन द्वारा कचरा संकलन में भारी भ्रष्टाचार करने के लिए 5 से 7 अधिकारियों की विशेष नियुक्ति कर रखी है. गत 7-8 माह से अबतक एजी एनवायरो और बीवीजी कम्पनी की ओर से मनपा अधिकारियों से सांठगांठ कर लगभग 20 करोड़ की मनपा को चपत लगाई है. कर के रूप में जनता से प्राप्त इस निधि तथा विकास के लिए मनपा को आवंटित निधि का दुरुपयोग हो रहा है. अत: कम्पनी और अधिकारियों द्वारा कचरा संकलन में किए गए भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.
एजी एनवायरो कम्पनी पर कड़ा आरोप लगाते हुए पत्र में उन्होंने बताया कि अक्षय नाम के कम्पनी के कर्मचारी की ओर से मनपा अधिकारियों को प्रति माह 15 लाख रु. की रिश्वत देने की जानकारी मिली है. कम्पनी व्यवस्थापन द्वारा कचरा संकलन में भारी भ्रष्टाचार करने के लिए 5 से 7 अधिकारियों की विशेष नियुक्ति कर रखी है. गत 7-8 माह से अबतक एजी एनवायरो और बीवीजी कम्पनी की ओर से मनपा अधिकारियों से सांठगांठ कर लगभग 20 करोड़ की मनपा को चपत लगाई है. कर के रूप में जनता से प्राप्त इस निधि तथा विकास के लिए मनपा को आवंटित निधि का दुरुपयोग हो रहा है. अत: कम्पनी और अधिकारियों द्वारा कचरा संकलन में किए गए भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.
शिकायत की जांच करें प्रशासन : महापौर
एक ओर विधायक ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री को शिकायत कर जांच करने की मांग की गई, वहीं दूसरी ओर महापौर संदीप जोशी ने भी ठाकरे की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अति. आयुक्त के माध्यम से सघन जांच करने के निर्देश मनपा आयुक्त मुंढे को दिए. उन्होंने कहा कि कचरा संकलन करने के बाद इसे भांडेवाडी ले जाया जाता है. कचरे का वजन करते समय इसमें मिट्टी मिलाकर अधिक वजन दिखाकर मनपा से पैसे वसूलने की शिकायत ठाकरे द्वारा की गई है. विधायक द्वारा की गई शिकायत की विस्तृत जांच होनी चाहिए. जांच कर विस्तृत रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर देने के आदेश भी उन्होंने दिए.
एक ओर विधायक ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री को शिकायत कर जांच करने की मांग की गई, वहीं दूसरी ओर महापौर संदीप जोशी ने भी ठाकरे की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अति. आयुक्त के माध्यम से सघन जांच करने के निर्देश मनपा आयुक्त मुंढे को दिए. उन्होंने कहा कि कचरा संकलन करने के बाद इसे भांडेवाडी ले जाया जाता है. कचरे का वजन करते समय इसमें मिट्टी मिलाकर अधिक वजन दिखाकर मनपा से पैसे वसूलने की शिकायत ठाकरे द्वारा की गई है. विधायक द्वारा की गई शिकायत की विस्तृत जांच होनी चाहिए. जांच कर विस्तृत रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर देने के आदेश भी उन्होंने दिए.
20 करोड़ का कचरा घोटाला
नागपुर : 12 जुलै 2020 : मनपा में कचरा घोटाला करने वाली एजी एनवायरो कंपनी के संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग कांग्रेस विधायक विकास ठाकरे ने की है. उन्होंने गृहमंत्री अनिल देशमुख को मामले की पूरी जानकारी देते हुए निवेदन किया है कि मामले में लिप्त कंपनी के संचालकों और मिलीभगत करने वाले अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि 28 जून को खुद उन्होंने स्टिंग कर भांडेवाड़ी में कचरा घोटाले का पर्दाफाश किया था. कंपनी के दो कचरा गाड़ियों में कचरा की जगह मिट्टी, पत्थर, निर्माण कार्य का मलबा भरकर डंपिंग यार्ड में खाली किया गया था. मनपा कंपनी को कचरे की वजन के अनुसार भुगतान करती है. कंपनी द्वारा वजन बढ़ाने के लिए पत्थर-मिट्टी भरकर यार्ड में खाली किया जा रहा है. इसमें मनपा के संबंधित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है जिसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने अब तक 20 करोड़ रुपयों के घोटाले की जानकारी गृहमंत्री को दी.
अब तक मामला दर्ज नहीं
ठाकरे ने कहा कि एजी एनवायरो कंपनी के कार्यकारी संचालक जोस जैकब, संचालक शिजू जैकब, शिजू एंथोनी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना था लेकिन मनपा के स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की इसमें लिप्तता के चलते प्रशासन ने मामला अब तक दर्ज नहीं किया है. ठाकरे ने कहा कि कंपनी के कर्णधारों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डा. दासरवार व डा. राठोड़ के खिलाफ मामला दर्ज कर घोटाले की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दें. मनपा की तिजोरी को करोड़ो का चूना लगाया गया है. यह रकम शहर के नागरिकों से टैक्स के रूप में वसूला जाता है.
ठाकरे ने कहा कि एजी एनवायरो कंपनी के कार्यकारी संचालक जोस जैकब, संचालक शिजू जैकब, शिजू एंथोनी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना था लेकिन मनपा के स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की इसमें लिप्तता के चलते प्रशासन ने मामला अब तक दर्ज नहीं किया है. ठाकरे ने कहा कि कंपनी के कर्णधारों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डा. दासरवार व डा. राठोड़ के खिलाफ मामला दर्ज कर घोटाले की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दें. मनपा की तिजोरी को करोड़ो का चूना लगाया गया है. यह रकम शहर के नागरिकों से टैक्स के रूप में वसूला जाता है.
हैं सारे सबूत
ठाकरे ने गृहमंत्री को लिखा है कि भांडेवाड़ी स्टिंग में उन्होंने खुद घोटाला उजागर किया जिसकी पूरी विडियो रिकार्डिंग उनके पास बतौर सबूत उपलब्ध है. कचरा गाड़ी के ड्राइवर संघदीप रंगारी ौर अरविंद बोरकर व दिलीप सोनारे ने अपने बयान में घोटाले को कबूल किया है. वे सारे सबूत जांच एजेंसी को उपलब्ध करवा देंगे.
ठाकरे ने गृहमंत्री को लिखा है कि भांडेवाड़ी स्टिंग में उन्होंने खुद घोटाला उजागर किया जिसकी पूरी विडियो रिकार्डिंग उनके पास बतौर सबूत उपलब्ध है. कचरा गाड़ी के ड्राइवर संघदीप रंगारी ौर अरविंद बोरकर व दिलीप सोनारे ने अपने बयान में घोटाले को कबूल किया है. वे सारे सबूत जांच एजेंसी को उपलब्ध करवा देंगे.
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