संजय पाटील : नागपूर प्रेस मीडिया : १८ जुलै २०२० : लाखांदूर. राष्ट्रीय महामार्ग का निर्माण 2 वर्ष पहले ठप हो गया था. पिछले वर्ष से गति पकड़ चुकी है. हालांकि महामार्ग का निर्माणकार्य होते समय कुछ जगह पर मुरूम की बजाए लाल मिट्टी व धुल मिट्टी मिश्रित गिट्टी का इस्तेमाल करने से साकोली-पालांदूर सीमावर्ती राष्ट्रीय महामार्ग निर्माणकार्य पर सवाल उठाया जा रहा है. इस निर्माणकार्य की जांच करने की मांग लोगों की ओर से की गई है.
मुरुम की जगह लाल मिट्टी का इस्तेमाल
2 वर्षों पूर्व सरकार ने साकोली लाखांदूर इस सीमावर्ती क्षेत्र के तहत करीब 55 किमी लंबा करीब 226 करोड़ निधि का राष्ट्रीय महामार्ग निर्माण मंजूरी किया. करीब 2 वर्षों से अटके हुए राष्ट्रीय महामार्ग निर्माणकार्य को पिछले वर्ष से शुरुआत होने से नागरिकों में समाधान व्यक्त किया जा रहा था. हालांकि इस महामार्ग का निर्माणकार्य करते समय ठेकेदार कंपनी द्वारा कुछ जगह मुरुम की बजाए लाल मिट्टी का इस्तेमाल करने का आरोप है.
2 वर्षों पूर्व सरकार ने साकोली लाखांदूर इस सीमावर्ती क्षेत्र के तहत करीब 55 किमी लंबा करीब 226 करोड़ निधि का राष्ट्रीय महामार्ग निर्माण मंजूरी किया. करीब 2 वर्षों से अटके हुए राष्ट्रीय महामार्ग निर्माणकार्य को पिछले वर्ष से शुरुआत होने से नागरिकों में समाधान व्यक्त किया जा रहा था. हालांकि इस महामार्ग का निर्माणकार्य करते समय ठेकेदार कंपनी द्वारा कुछ जगह मुरुम की बजाए लाल मिट्टी का इस्तेमाल करने का आरोप है.
इस महामार्ग का खुदाई कार्य कर निर्माणकार्य करते समय अधिकतम क्षेत्र का सीमेंटीकरण रात्रि के दौरान भी करने की चर्चा है. लाखांदूर तहसील के चप्राड पहाड़ी समीप इस महामार्ग के सीमेंटीकरण के कार्य के लिए सड़क किनारे रखी काली गिट्टी धुल व मिट्टी मिश्रित होने का दिखाई दे रहा है. लगातार पिछले 2 वर्षों से विवाद में अटके इस महामार्ग के निर्माणकार्य निकृष्ट साहित्यों के इस्तेमाल से फिर से एक बार चर्चा में होने का दिखाई दे रहा है. इस मामले में सरकार प्रशासन ने शीघ्र दखल लेकर संबंधित महामार्ग निर्माणकार्य की जांच कर दोषी ठेकेदार व कंपनी पर कार्रवाई की मांग की गई है.
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