Tuesday, 14 April 2020

Lockdown 2.0 : जानें 20 अप्रैल से किसे-किसे मिलेगी छूट : संजय पाटील

Lockdown 2.0 : जानें 20 अप्रैल से किसे-किसे मिलेगी छूट : संजय पाटील

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Lockdown 2.0

दिल्ली : Agency :  केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को लॉकडाउन 2.0 के दौरान कम जोखिम वाले क्षेत्रों में छूट संबंधी गाइलाइन जारी की है। कोरोना मुक्त इलाकों में यह छूट 20 अप्रैल से लागू होगी। कटाई और आने वाले दिनों में नए बुवाई सीजन के शुरू होने के मद्देनजर खेती-किसानी से जुड़े कामों को खास छूट दी गई है। हालांकि, इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। कंस्ट्रक्शन ऐक्टिविटीज को भी शर्तों के साथ सीमित छूट दी गई है। लॉकडाउन 2.0 के दौरान इन गतिविधियों पर छूट रहेगी। इसके साथ ही कोरोना से मुक्त इलाकों में लॉकडाउन के मद्देनजर रोजमर्रा की दिक्कतों को दूर करने की कोशिशें भी की गई हैं।


 लॉकडाइन के पहले 21 दिनों की तरह 3 मई तक चलने वाले दूसरे चरण में भी हेल्थ सर्विसेज चालू रहेंगी।


कृषि और पशुपालन उद्योग को क्या-क्या छूट



- खेती से जुड़ी सभी गतिविधियां चालू रहेंगी, किसानों और कृषि मजदूरों को हार्वेस्टिंग से जुड़े काम करने की छूट रहेगी

 कृषि उपकरणों की दुकानें, उनके मरम्मत और स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खुली रहेंगी


- खाद, बीज, कीटनाशकों के निर्माण और वितरण की गतिविधियां चालू रहेंगी, इनकी दुकानें खुली रहेंगी



- कटाई से जुड़ी मशीनों (कंपाइन) के एक राज्य से दूसरे राज्य में मूवमेंट पर कोई रोक नहीं रहेगी



- मछली पालन से जुड़ी गतिविधियां, ट्रांसपोर्ट चालू रहेंगी



- दूध और दुग्ध उत्पाद के प्लांट और इनकी सप्लाई चालू रहेगी



- मवेशियों के चारा से जुड़े प्लांट, रॉ मटिरिलय की सप्लाई चालू रहेगी



इन इंडस्ट्री को लॉकडाउन 2.0 में छूट



- ग्रामीण क्षेत्रों में (जो म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन या म्यूनिसिपलिटी के तहत न हों) काम करने वाले उद्योगों को छूट



-स्पेशल इकनॉमिक जोन में मैन्यूफैक्चरिंग और दूसरे औद्योगिक संस्थानों, निर्यात से जुड़ी इकाइयों को शर्तों के साथ छूट। यहां ये उद्योग अपना काम शुरू कर सकते हैं लेकिन उन्हें वर्करों को अपने परिसर में ही ठहराने का भी इंतजाम करना होगा। वर्करों को वर्कप्लेस पर लाने की जिम्मेदारी नियोक्ता की होगी और उसे इस दौरान सोशल डिस्टेसिंग के मानकों का पालन करना होगा।



- दवा, फार्मा, मेडिकल डिवाइसेज समेत जरूरी सामानों के निर्माण और रॉ मटिरियल्स से जुड़ीं इकाइयों को छूट



-ग्रामीण क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को काम करने की इजाजत



-आईटी हार्डवेयर के निर्माण की छूट



-पैकेजिंग मरटिरियल्स की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स को छूट



-जूट इंडस्ट्री को छूट, अलग-अलग शिफ्ट में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए



-ग्रामीण इलाकों में ईंट भट्ठों को इस बार छूट



इन निर्माण गतिविधियों को छूट



- सड़क की मरम्मत और निर्माण को छूट, जहां भीड़ नहीं हो



- सड़क निर्माण, सिंचाई परियोजनाओं, बिल्डिंग निर्माण को छूट



- ग्रामीण क्षेत्र में सभी तरह के इंडस्ट्रियल प्रॉजेक्ट्स (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों समेत) को छूट



-रीन्यूएबल एनर्जी के निर्माण को छूट



-शहरी क्षेत्रों में भी कंस्ट्रक्शन वर्क को छूट लेकिन सिर्फ उन्हीं को जहां साइट पर ही वर्कर उपलब्ध हैं



बैंकिंग, पोस्टल सर्विसेज



- बैंक शाखाएं, एटीएम, पोस्टल सर्विसेज चालू रहेंगी


- ऑनलाइन टीचिंग और डिस्टेंस लर्निंग को प्रोत्साहित किया जाएगा



ग्रामीण रोजगार के लिए छूट



- मनरेगा के काम की इजाजत रहेगी, सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करते हुए



- मनरेगा के कामों को सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करते हुए किया जाएगा



- मनरेगा में सिंचाई और वॉटर कंजर्वेशन से जुड़े कामों को प्राथमिकता दी जाएगी



इमर्जेंसी में प्राइवेट गाड़ियों के मूवमेंट को शर्तों के साथ इजाजत



- इमर्जेंसी के हालात में फोर वीलर में ड्राइवर के अलावा केवल एक ही रहेगा



- दुपहिया पर सिर्फ एक ही शख्स यानी उसका चालक सवार हो सकता है, उल्लंघन करने पर जुर्माना



- कोई शख्स क्वारंटीन किया गया है मगर नियमों का उल्लंघन करता है तो आईपीईस की धारा 188 के तहत कार्रवाई



- तेल और गैस सेक्टर का ऑपरेशन चलता रहेगा, इनसे जुड़ीं ट्रांसपोर्टेशन, डिस्ट्रिब्यूशन, स्टोरेज और रिटेल से जुड़ी गतिविधियां चलती रहेंगी



इन-इन चीजों के ट्रांसपोर्टेशन को छूट



-गुड्स/कार्गो के लोडिंग-अनलोडिंग के काम को छूट



-जरूरी सामानों जैसे पेट्रोलियम और एलपीजी प्रोडक्ट्स, दवाओं, खाद्य सामग्रियों के ट्रांसपोर्टेशन को इजाजत रहेगी



-सभी ट्रकों और गुड्स/कैरियर वीइकल्स को छूट रहेगी, एक ट्रक में 2 ड्राइवरों और एक हेल्पर की इजाजत



- इस बार ट्रकों के मरम्मत की दुकानों को भी छूट, हाईवेज पर ढाबे भी खुले रहेंगे ताकि ट्रकर्स को दिक्कत न हो



-रेलवे की मालगाड़ियों को छूट बरकरार



- सभी जरूरी सामानों की सप्लाई चेन की इजाजत



दुकानें जिनको छूट



- किराना की दुकानों, राशन की दुकानों, फल, सब्जी, मीट, मछली, पोल्ट्री, खाद्यान्न, डेयरी और मिल्क बूथ, मवेशियों के चारे की दुकानों को छूट बरकरार



- प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को छूट, डीटीएच और केबल सर्विस को भी छूट



-आईटी से जुड़ी कंपनियों को वर्कफोर्स के 50 प्रतिशत स्ट्रेंथ के साथ काम करने की इजाजत (जोखिम वाले क्षेत्रों के रूप चिह्नित इलाकों में नहीं)



- ई-कॉमर्स कंपनियों की गतिविधियों, इनके ऑपरेटरों की गाड़ियों को छूट, इसके लिए इजाजत लेनी होगी



सरकारी काम में लगे कॉल सेंटरों को भी छूट



- सरकारी काम में लगीं डेटा और कॉल सेंटर सर्विसेज को इजाजत



-प्राइवेट सिक्यॉरिटी सर्विसेज को इजाजत

सुमित्रा देबरॉय/मालती अय्यर द्वारा: महाराष्ट्र में कोरोना की पहेली को उलझा रहे ये केस, जानें क्यों खतरनाक : संजय पाटील

सुमित्रा देबरॉय/मालती अय्यर द्वारा: महाराष्ट्र में कोरोना की पहेली को उलझा रहे ये केस, जानें क्यों खतरनाक : संजय पाटील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुंबई : Agency : महाराष्ट्र कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहा है। कोरोना के मामले एक अबूझ पहेली बनते जा रहे हैं, क्योंकि कई बार कोई लक्षण नहीं होते हैं। 2 हजार से ज्यादा कोरोना मरीजों और 160 मौतों के बाद एक्सपर्ट्स के विश्लेषण में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। वायरस के अटैक और बढ़ती मौतों को लेकर विशेषज्ञों ने एक डोजियर तैयार किया है। इसके नतीजे महाराष्ट्र में कोरोना की पहेली को उलझा रहे हैं।
अब यह एक सर्वसम्मत तथ्य है कि 85 से 90 फीसदी कोरोना मरीजों में बुखार-जुकाम और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण हल्के रूप में दिखाई देते हैं। पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट इस बात को लेकर भी चिंतित है कि कोरोना की मृत्यु दर महाराष्ट्र में 6.85 प्रतिशत है जो देश में सबसे ज्यादा है। डोजियर में कोरोना के सभी लक्षणों को शामिल करने की कोशिश की गई है। अगर 85-90 फीसदी मरीजों में वायरस सुप्तावस्था में रहता है तो बाकी में भी इसके लक्षणों का आसानी से पता नहीं चलता। वहीं दूसरी ओर उनकी सेहत में तेजी से बदलाव आता है।

'मौत से कुछ घंटे पहले नॉर्मल थे कई मरीज'

राज्य के मुख्य सचिव के टेक्निकल अडवाइजर डॉक्टर सुभाष सालुंखे का कहना है, 'पुणे में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब मरीज मौत से कुछ घंटों पहले तक सामान्य रूप से हंसते और बातचीत करते दिख रहे थे।' सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, चीफ सेक्रटरी, मेडिकल प्रमुखों और डॉक्टरों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मौतों के मामलों समेत इलाज के पहलू पर चर्चा हुई थी।
'90 फीसदी ऑक्सिजन सैचुरेशन फिर भी मौत'
एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'मीटिंग की जरूरत महसूस की गई क्योंकि हमें अपने ट्रीटमेंट प्लान के साथ मजबूती से कोरोना से लड़ना है। यह भी एक तथ्य है कि कोरोना पीड़ित स्थिर मरीज जिसका ऑक्सिजन सैचुरेशन 90 फीसदी से ज्यादा है, वह अचानक ऑक्सिजन की कमी से दम तोड़ देता है।' यह भी पाया गया है कि कोविड-19 के मामले रूटीन ARDS (अक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम) से अलग प्रकृति के होते हैं जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत होती है।
6 मृतकों के हार्ट टिश्यूज में सूजन दिखी
ARDS या श्वसन तंत्र का फेल होना कई बैक्टीरिया या वायरस की वजह से हो सकता है। लेकिन कोरोना के मामलों में सिर्फ एक ही वजह है। इसी वजह से कोरोना मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। डॉक्टरों ने ऐसे मामलों में कमजोर हार्ट और किडनी फंक्शन भी नोटिस किया है। डोजियर के मुताबिक छह मरीजों के शव परीक्षण में हार्ट टिश्यूज में सूजन देखी गई
मां से गर्भ में पल रहे बच्चे को कोरोना मुमकिन?
क्या गर्भवती मां से बच्चे को कोरोना हो सकता है? ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की नई गाइडलाइन के मुताबिक कई मामलों से पता चलता है कि कोरोना वायरस SARS-Cov-2 जोकि COVID-19 की वजह है, उससे एक गर्भवती मां से बच्चे को संक्रमण हो सकता है। हालांकि यह भी कहा गया है कि किस अनुपात में गर्भवती महिलाएं प्रभावित हो सकती हैं इसका पता चलना अभी बाकी है।
पिछले महीने जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल असोसिएशन (JAMA) में चीन के रिसर्चर्स ने वुहान के तीन ऐसे मामलों का जिक्र किया है, जिनमें कोरोना पॉजिटिव मां के पैदा हुए बच्चे को भी कोरोना संक्रमण था। हालांकि WHO इस बात पर कायम है कि कोरोना पीड़ित गर्भवती महिला से उसके पैदा हुए बच्चे में संक्रमण को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता।
गृहमंत्री अमित शहा‘ : अन्न, आवश्यक वस्तूंचा पुरेसा साठा, काळजी करण्याची गरज नाही’ : संजय पाटील

गृहमंत्री अमित शहा‘ : अन्न, आवश्यक वस्तूंचा पुरेसा साठा, काळजी करण्याची गरज नाही’ : संजय पाटील

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संजय पाटील : नवी दिल्ली  : गृहमंत्री अमित शहा यांनी मंगळवारी प्रत्येकाला आश्वासन दिले की अन्न, औषधे आणि इतर जीवनावश्यक वस्तूंचा पुरेसा साठा आहे आणि कोणीही लॉक-डाउनच्या मुदतीसाठी काळजी करू नये. हिंदीमध्ये ट्वीटच्या मालिकेत गृहमंत्र्यांनी श्रीमंत लोकांना जवळपास असलेल्या गरजूंना मदत करण्याचे आवाहनही केले. “देशाचे गृहमंत्री म्हणून मी जनतेला पुन्हा खात्री देतो की देशात अन्न, औषधे आणि इतर वस्तूंचा पुरेसा साठा आहे. कोणालाही याची चिंता करू नये. ते म्हणाले, “मी समृद्ध लोकांना पुढे येण्याची विनंती करतो आणि जवळपास  गरिबांना मदत करा.” राज्य सरकारांच्या भूमिकेचे कौतुक करताना शहा म्हणाले की, सर्व राज्य सरकार ज्या प्रकारे केंद्र सरकारबरोबर काम करत आहेत ते खरोखरच कौतुकास्पद आहेत.
शहा म्हणाले, “आता आम्हाला हे समन्वय अधिक तीव्र करणे आवश्यक आहे जेणेकरुन सर्व नागरिक लॉक-डाऊन योग्य प्रकारे पाळावेत आणि कोणत्याही नागरिकाला आवश्यक असलेल्या गोष्टींचा त्रास होऊ नये,” शाह म्हणाले. गृहमंत्री म्हणाले की, या लढाईत महत्वाची भूमिका बजावणारे डॉक्टर, आरोग्यसेवा कामगार, स्वच्छता कर्मचारी, पोलिस आणि सर्व सुरक्षा कर्मचारी यांचे योगदान अतिशय हृदयस्पर्शी आहे.
“या विचित्र परिस्थितीत तुमचे धैर्य व समज प्रत्येक भारतीयांना प्रेरणा देते. प्रत्येकाने मार्गदर्शक सूचना पाळल्या पाहिजेत आणि त्याना सहकार्य करायला हवे. ” पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी सध्या सुरू असलेल्या लॉकडाऊनला  मेपर्यंत मुदतवाढ देण्याच्या घोषणेनंतर काही दिवसांपूर्वीच गृहमंत्री यांचे विधान समोर आले. शहा म्हणाले, पंतप्रधानांच्या नेतृत्वात आज संपूर्ण जगाला सर्वत्र साथीच्या रोगांचा सामना करावा लागला आहे. ते कसे लढवायचे याचे उदाहरण दिले. ते म्हणाले, “सरकारने वेळेत घेतलेले सर्व निर्णय आणि त्यातील लोकांचा सहभाग यातून प्रतिबिंबित आहे,” ते म्हणाले.
गृहमंत्री म्हणाले की भारत आणि भारतीयांना संरक्षण आणि COVID-19 रोखण्यासाठी आणि दूर करण्यासाठी देशातील लॉकडाऊन  मे पर्यंत वाढवण्याचा निर्णय पंतप्रधानांनी घेतला आहे. ते म्हणाले, "मी पंतप्रधानांबद्दल याबद्दल मनापासून कृतज्ञता व्यक्त करतो," ते म्हणाले. भाजपचे माजी अध्यक्ष असलेल्या शाह यांनीही लॉक-डाउन दरम्यान गोरगरीबांना मदत करणाn्या भाजपा कार्यकर्त्यांचे कौतुक केले. “श्री. नरेंद्र मोदी आणि श्री  जे.पी.नाड्डा जी यांच्या नेतृत्वात गरीब आणि गरजू लोकांना मदत करणारे भाजपाचे कार्यकर्ते खरोखर कौतुकास्पद आहेत. ते म्हणाले, “मी सर्व कामगारांचे अभिनंदन करतो आणि आशा आहे की ते त्यांच्या आरोग्याचीही काळजी घेत आहेत.” कोरोनाव्हायरसच्या स्थानिक रोगाचा सामना करण्यासाठी पंतप्रधानांनी 24 मार्च रोजी प्रथम 21 दिवस लॉक-डाऊन जाहीर केले.

UNION Home Minister Amit Shah on Tuesday assured everyone that there is enough stock of food, medicines and other essential commodities and no one should worry for the extended period of lock-down. In a series of tweets in Hindi, the Home Minister also appealed to the affluent people to help the needy living nearby. “As the Home Minister of the country, I assure the public again that there is enough stock of food, medicines and other commodities in the country. No one should worry about that. “I also request the affluent people to come forward and help the poor living nearby,” he said. Praising the role of State Governments, Shah said the way all the State Governments are working with the Central Government is truly praiseworthy.
“Now, we have to intensify this coordination so that all citizens follow the lock-down properly and no citizen should have the problem for the things they need,” Shah said. The Home Minister said the contribution of the doctors, healthcare workers, sanitation workers, police and all the security personnel who are playing an important role in this fight is very touching.
“Your courage and understanding in this odd situation inspires every Indian. Everyone should follow the guidelines and cooperate with them,” he said. The Home Minister’s statement came hours after Prime Minister Narendra Modi announced the extension of the ongoing lockdown till May 3. Shah said, today, when the whole world is facing a global pandemic, under the leadership of the Prime Minister, the people of India have given an example on how to fight it. “All the decisions taken by the Government on time and the participation of the people in it are reflective of it,” he said.
The Home Minister said the Prime Minister has taken the decision to extend the lockdown in the country till May 3 to prevent and eliminate COVID-19 from spreading and to protect India and Indians. “I express my heartfelt gratitude to the Prime Minister for this,” he said. Shah, a former President of the BJP, also praised the BJP workers for their contribution in helping the poor during the lock-down. “The way the BJP workers are helping the poor and needy under the leadership of Shri @narendramodi ji and Shri @JPnadda ji is truly admirable. “I congratulate all the workers and hope that they are also taking good care of their health,” he said. The lock-down was first announced for 21 days by the Prime Minister on March 24 in a bid to combat the coronavirus endemic.

Monday, 13 April 2020

पीएम मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का किया ऐलान : संजय पाटिल

पीएम मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का किया ऐलान : संजय पाटिल

NBT

Lockdown extended till May 3: PM
 Sanjay Patil :  New Delhi, Apr 14 (PTI) Prime Minister Narendra Modi on Tuesday announced that the current lockdown will be extended till May 3, saying it is very necessary to contain the spread of the coronavirus pandemic in the country.

In a televised address to the nation, Modi said implementation of the lockdown will be strictly ensured in coming days to ensure that the virus does not spread to new areas,The prime minister said detailed guidelines on implementation of the new lockdown will be announced on Wednesday.
Some relaxations may be allowed after April 20 in places where there is no hotspot, he said.
He said India has managed to contain the spread of infection well due to its holistic approach in dealing with the crisis and sacrifices made by people of the country in the fight produced positive results.
Modi said India received huge benefits from the 21-day lockdown in checking the pandemic and added that the country has dealt with the situation better with limited resources.
The lockdown that came into effect on March 25 was to expire on midnight of April 14.
The drastic measure shone the spotlight on the miseries of lakhs of migrant workers whose journeys on foot from several urban centres to their villages hundreds of kilometres away grabbed headlines for many days last month.
The catastrophic effect of the lockdown on the overall economy and livelihoods of lakhs of migrant workers triggered severe concerns following which a number of chief ministers in their video conference with Modi on Saturday sought some kind of relaxation for a number of sectors.
Late last month, the government announced a Rs 1.7 lakh crore package aimed at providing relief to those hit hard by the lockdown as well as an insurance cover for healthcare professionals handling virus infected people.


संजय पाटिल : नई दिल्ली : देश-दुनिया पर छाए कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने आज खत्म होने जा रहे लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया है। पिछली बार उन्होंने 24 मार्च को अपने संबोधन में 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था। उससे पहले 19 मार्च को प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए 22 मार्च को एक दिन के 'जनता कर्फ्यू' का ऐलान किया था।
पीएम मोदी का पूरा भाषण

नमस्ते, मेरे प्यारेदेशवासियो
कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई बहुत ही मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। आपके त्याग की वजह से ही भारत अब तक कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा। आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है। हमारे इस भारत वर्ष को बचाया है। मैं जानता हूं कि आपको कितनी दिक्कतें आई हैं। किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने-जाने की परेशानी। कोई घर-परिवार से दूर है लेकिन आप देश की खातिर एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं। मैं आप सबको आदरपूर्वक नमन करता हूं।

हमारे संविधान में जिस वी द पीपल ऑफ इंडिया की शक्ति की बात कही गई है, यही तो है वो। बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर जी की जन्म जयंती पर हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन, यह संकल्प बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि है। बाबा साहब का जीवन हमें हर चुनौती को अपनी संकल्प शक्ति और परिश्रम के बलबूते पर पार करने की निरंतर प्रेरणा देता है। मैं सभी देशवासियों की तरफ से बाबा साहब को नमन करता हूं।

साथियो, ये देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग त्योहारों का भी समय है। वैसे भी भारत तो उत्सवों से भरा रहता है, हरा रहता है, खिलखिलाता रहता है। बैसाखी, पोहेला बैसाख, वीशू के साथ अनेक राज्यों में नए वर्ष की शुरुआत हुई है। लॉकडाउन के इन बंधनों के बीच देश के लोग जिस तरह नियमों का पालन कर रहे हैं, जितने संयम से अपने घरों में रहकर सादगीपूर्ण तरीके से त्योहार मना रहे हैं, यह बहुत ही प्रेरक और प्रशंसनीय है। मैं नए वर्ष पर आपके, आपके परिवारजन के उत्तम स्वास्थ्य की मंगल कामना करता हूं।

आज पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है, उससे हम सभी भली-भांति परिचित हैं। अन्य देशों के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी।

जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही भारत ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। कोरोना के मरीज 100 तक पहुंचे, उससे पहले ही भारत ने विदेश से आए हर यात्री के लिए 14 दिनों का आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया था। अनेक जगहों पर मॉल हों, थिअटर हों, क्लब हों, जिम हों बंद किए जा चुके थे। जब हमारे यहां 550 केस थे तभी भारत ने 21 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बहुत बड़ा कदम उठा लिया था। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी उसे तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का भरसक प्रयास किया।


देशभरात अजून १९ दिवस लॉकडाउन, ३ मेपर्यंत राहणार जैसे थे परिस्थिती; नरेंद्र मोदींची घोषणा

करोनाचा फैलाव वाढत असल्याने लॉकडाउन ३ मेपर्यंत वाढवण्याचा निर्णय घेण्यात आला आहे. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी ही घोषणा केली आहे. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी देशवासियांशी संवाद साधला. यावेळी बोलताना त्यांनी सांगितलं की, “करोनाचा फैलाव अद्यापही रोखण्यात यश आलेलं नाही. त्यासंबधी राज्यांच्या मुख्यमंत्र्यांशी चर्चा करण्यात आली. लॉकडाउन वाढवला जावा असा सल्ला देण्यात आला आहे. अनेक राज्यांनी आधीच हा निर्णय घेतला आहे. सर्व सूचना लक्षात घेता लॉकडाउन 3 मेपर्यंत वाढवण्याचा निर्णय घेत आहोत,” असं नरेंद्र मोदींनी सांगितलं आहे.
“करोनापासून होणारं नुकसान खूपच कमी ठेवण्यात भारताला यश मिळालं आहे. शिस्तबद्ध रितीनं भारतीयांनी कर्तव्याचं पालन केलं आहे. अनेकांना खूप त्रास भोगावा लागला. एखाद्या सैनिकाप्रमाणे प्रत्येकजण कर्तव्य निभावत आहे. बाबासाहेब आंबेडकरांना हीच आदरांजली की प्रत्येकजण आपलं कर्तव्य पार पाडत आहे. या काळात देशाच्या वेगवेगळ्या भागात विविध उत्सव होतात. अनेक राज्यांमध्ये लॉकडाउनच्या काळात नववर्षाचं स्वागत देशभऱात झालं, परंतु लोकांनी नियमांचं संयमानं पालन केलं. घरात राहून उत्सव लोकांनी साजरे केले ही गोष्ट प्रेरणादायी प्रशंसापूर्ण आहे,” असं यावेळी नरेंद्र मोदींनी सांगितलं.
“जगामध्ये करोनाची स्थिती सगळ्यांना माहिती आहे. अन्य देशांच्या तुलनेत भारताने करोनाला रोखण्याचा कसा प्रयत्न केला याचे आपण साक्षीदार आहात. करोनाचे बाधित १०० होण्याच्या आधीच भारतानं विदेशी नागरिकांसाठी १४ दिवसांचं विलगीकरण केले. करोनाचे फक्त ५५० बाधित भारतात होते तेव्हाच भारतानं २१ दिवसांचा लॉकडाउन केला. भारतानं समस्या वाढण्याची वाट न बघता जेव्हा समस्या दिसली तेव्हाच निर्णय घेऊन ती समस्या थांबवण्याचा प्रयत्न केला. हे असं संकट आहे की तुलना योग्य नाही, पण वास्तव हे आहे की जगातल्या बड्या देशांचे आकडे बघितले तर लक्षात येतं की भारत खूपच चांगल्या स्थितीत आहे,” असं नरेंद्र मोदींनी यावेळी सांगितलं.
“महिन्यापूर्वी जे देश भारताच्या बरोबरीत होते, त्या देशांमध्ये भारतापेक्षा २५-३० टक्के जास्त बाधित झालेत, हजारो लोकं प्राणास मुकलीत. भारतानं योग्य वेळी चांगले निर्णय घेतले नसते तर भारताची स्थिती काय असती याचा विचार करवत नाही. परंतु या अनुभवातून हे स्पष्ट झालंय की आपण जो रस्ता निवडला तोच बरोबर आहे. सोशल डिस्टन्सिंग व लॉकडाउनचा खूप फायदा झालाय. फक्त आर्थिक बाजू बघितलं तर खूप महाग पडल्याचं दिसू शकतं, खूप किंमत चुकवायला लागली, परंतु जिवितापेक्षा मोठं काही नाही,” असं नरेंद्र मोदींन यावेळी म्हटलं.
“कमी स्त्रोत असताना भारतानं, जो मार्ग निवडला त्याची जगभरात चर्चा होणं स्वभाविक आहे. देशातल्या राज्यांनी व स्थानिक स्वराज्य संस्थांनी अत्यंत चांगलं काम केलंय. या सगळ्या प्रयत्नांनंतरही करोना ज्याप्रकारे जसा पसरतोय, त्यानं सगळ्यांना सतर्क केलं आहे. भारतात पण करोनाच्या विरोधात आता लढाई कशी करायची, विजयी कसं व्हायचं, नुकसान कमी कसं होईल, लोकांचे हाल कमी कसे होतील यावर राज्यांबरोबर चर्चा होत आहे. सगळेजण हाच पर्याय देतात की लॉकडाउन वाढवायला हवा. अनेक राज्यांनी लॉकडाउन आधीच वाढवला आहे,” असं नरेंद्र मोदींनी यावेळी सांगितलं.
पीएम मोदी के संबोधन से 3 घंटे पहले कोरोना संकट पर सोनिया गांधी का राष्ट्र को संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज संबोधन से ठीक तीन घंटे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के नाम अपना एक वीडियो संदेश दिया है। कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से शेयर किए गए वीडियो में सोनिया ने कहा कि कोरोना संकट में डॉक्टर्स, सफाईकर्मियों, पुलिस सहित सरकारी अधिकारियों के डटे रहने से बड़ी देशभक्ति और कोई नहीं है। उन्होंने भरोसा जताया कि एकता, अनुशासन और आत्मबल के भाव से देश कोरोना को पराजित कर देगा।

मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए।
                                                                                                                            पीएम मोदी

यानि 3 मई तक हम सभी को हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं।- पीएम मोदी
-सभी का यही सुझाव है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं। साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा: पीएम मोदी













जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम उठा लिया था। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी उसे तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का प्रयास किया।
- पीएम मोदी
आज पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है, आप उसे भली-भांति जानते हैं। अन्य देशों के मुकाबले, भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी।- पीएम मोदी
लॉकडाउन के इस समय में देश के लोग जिस तरह नियमों का पालन कर रहे हैं, जितने संयम से अपने घरों में रहकर त्योहार मना रहे हैं, वो बहुत प्रशंसनीय हैः पीएम मोदी








रेशन कार्ड नसणाऱ्यांनाही स्वस्त दरात सरकारने धान्य द्यावे, मुनगंटीवार यांची मागणी : संजय पाटील

रेशन कार्ड नसणाऱ्यांनाही स्वस्त दरात सरकारने धान्य द्यावे, मुनगंटीवार यांची मागणी : संजय पाटील



संजय पाटील : नागपूर: आपल्या राज्यात शिधापत्रिका नसलेल्या गरजूंची संख्या सुद्धा बऱ्यापैकी मोठी आहे ही गोष्ट सुधीर मुनगंटीवार यांनी मांडली आहे.  तसंच “ज्यांच्याकडे रेशन कार्ड नाही त्यांना सुद्धा सरकारने किफायतशीर किमतीत धान्य विकत द्यावे,” असे त्यांनी लोकसत्ता डॉट कॉम शी बोलताना सांगितले.
टाळेबंदी सुरू असली तरीसुद्धा आज अनेक लोक घराबाहेर पडत आहेत ते धान्य आणि इतर अत्यावश्यक गोष्टींच्या खरेदीसाठी. यामुळे बऱ्याचदा बाजारपेठांमध्ये गर्दी होताना दिसते आणि त्यामुळे करोना व्हायरस च्या संसर्गाचा धोका वाढतो. जर रुग्णांची संख्या वाढली तर कदाचित सरकारला नाईलाजाने टाळेबंदीचा कालावधी वाढवावा लागेल अशी चिन्हे आहेत. तसे झाल्यास आधीच घरघर लागलेल्या अर्थव्यवस्थेची परिस्थिती अजूनच गंभीर होईल.
लॉकडाउन अजून वाढू नये यासाठी भाजपाचे ज्येष्ठ नेते आणि माजी अर्थमंत्री सुधीर मुनगंटीवार यांनी अशी सूचना केली आहे की ज्यांच्याकडे  रेशन कार्ड नाही ही त्यांना सुद्धा परवडणाऱ्या दरात धान्य देण्यात यावे. ज्या शिधापत्रिका धारकांकडे भगव्या रंगाचे रेशन कार्ड आहे त्यांना सरकारने घोषणा केल्याप्रमाणे १ मे पासून धान्य न देता त्याचे वाटप लगेच सुरू करवे, अशी मागणी त्यांनी केली.
सरकारने वेळप्रसंगी पाचशे ते हजार कोटीपर्यंत खर्च करून लोकांना स्वस्त दरात धान्य किंवा किराणा किट उपलब्ध करून द्यावे. असे केल्यास लोक अन्नधान्य खरेदी करायला घराबाहेर पडणार नाही आणि त्यामुळे करोनाच्या संसर्गाचा धोका सुद्धा कमी होईल. समजा लोक हा व्यवहार करायला बाहेर पडायला लागले, तर करोनाचा प्रादुर्भाव वाढण्याची शक्यता आहे. असं झाल्यास साहजिकच टाळेबंदी वाढवावी लागेल असंही त्यांनी स्पष्ट केलं.
राज्याचे सकल उत्पन्न हे साधारणपणे  तीस लाख कोटींच्या आसपास आहे हे लक्षात घेता सध्याची टाळेबंदी समजा पंधरा दिवसांनी जरी वाढवली तर राज्याचे साधारणपणे सव्वा लाख कोटी पर्यंत नुकसान होऊ शकते. हे टाळण्यासाठीच पाचशे ते एक हजार कोटी रुपये खर्च करून लोकांना परवडणाऱ्या दरात धान्य वाटप करणे हे अधिक फायद्याचे ठरेल असे मुनगंटीवार यांनी नमूद केले.
टीका करून राजकीय स्वार्थ साधण्यापेक्षा सरकारला सकारात्मक सूचना करून मानसिक समाधान मिळवणे अधिक गरजेचे आहे. सरकार कोणाचे आहे हे महत्त्वाचे नाही, सर्वांनी एकत्र येऊन या संकटावर मात करायला हवी, असे आवाहन मुनगंटीवार यांनी केले.
मुंबईमध्ये करोनाचा हॉटस्पॉट म्हणून पुढे आलेल्या धारावी मध्ये सरकारी यंत्रणेने घरोघरी जाऊन धान्याचे वाटप करावे अशी मागणी त्यांनी केली. ह्या रुग्णांसाठी आरक्षित करण्यात आलेली अतिदक्षता विभागातील बेडची आणि
व्हेंटिलेटर्सची संख्या वाढवावी, पीक कर्जाचे नियमित भरणा करणाऱ्या या शेतकऱ्यांच्या 31 मार्च ते ३० जून या कालावधीतील व्याज  सरकारने भरावे अशीही सूचना त्यांनी केली. तसेच वीज बिल माफी द्यावी अशीही मागणी त्यांनी केली.
बांधकाम व इतर क्षेत्रातल्या हातावर पोट असणाऱ्या कामगारांची टाळेबंदीमुळे खूप अडचण झाली आहे. राज्य सरकार बांधकामाला संमती न देता सेस जमा करुन घेते. सध्या राज्यसरकारकडे ९ हजार कोटींपर्यंतची रक्कम ही सेसच्या माध्यमातून जमा आहे. या रकमेतून साधारण ६०० कोटींचे व्याज मिळते. या व्याजाचा वापर करुन शासनाने नोंदणीकृत असलेल्या १२ लाख बांधकाम मजुरांना प्रत्येकी पाच हजार रुपये मदत म्हणून द्यावे असंही मुनगंटीवार यांनी म्हटलं आहे.