संजय पाटील: नागपूर प्रेस मीडिया: 13 जुलै 2020 : नागपुर. कोरोना लाकडाउन की अवधि के 3 महीने के मनमाने बिजली बिल के विरोध में नागरिकों में रोष देखा जा रहा है. कुछ युवाओं ने तो उत्तर नागपुर में ऊर्जामंत्री की तस्वीरों को जलाकर अपना गुस्सा उतारा. समाजसेवक कार्तिक लारोकर के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन किया गया. लारोकर ने कहा कि हजारों रुपये के बिजली बिल गरीबों को भेजे गए हैं जो वे चुकाने में असमर्थ हैं. क्योंकि बीते 4 महीनों से उनका कामधंधा बंद पड़ा हुआ है.
आय के स्रोत ही बंद हैं और उस पर हजारों रुपये का बिजली बिल इस निर्दयी सरकार ने भेज दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों का 2 लाख रुपये का कर्ज माफ किया, केन्द्र सरकार ने हजारों रुपये जरूरतमंदों के खाते में जमा करने का काम किया. इसी तर्ज पर कोरोना लाकडाउन की अवधि के बिजली बिल को माफ करना चाहिए.
300 यूनिट बिजली माफ हो
इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने 300 यूनिट बिजली बिल सरसकट माफ करने की मांग भी की. लारोकर ने बताया कि ऊर्जामंत्री नितिन राऊत को गरीबों, मध्यमवर्ग परिवारों के बिजली बिल में राहत देने की मांग का निवेदन दिया गया था लेकिन सुनवाई नहीं होने के कारण आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ रहा है. इस दौरान कुणाल सोमकुंवर, मंगेश चहांदे, गणेश बहोरिया, सुजल फ्रांसिस, आकाश कोत्रे, राजेन्द3 साहू, रामदास जनभरे सहित अन्य युवा उपस्थित थे.
जनता पर अन्याय,मनमानी बिजली बिल का किया विरोध
नागपुर. कोरोना लाकडाउन की अवधि में एक ओर जहां लोगों के कामधंदे बंद रहे. निजी सेक्टर में नौकरीपेशा लोगों के वेतन में भारी कटौती हुई. कोरोना संक्रमण के भय से लोगों ने गर्मी में एसी-कूलर का उपयोग नहीं किया, ऐसे में महावितरण द्वारा लोगों को तीन महीने का नियमित बिल से कई गुना व हजारों रुपयों का बिल थमा दिया है. इन बिलों को रद्द कर सुधारित बिल भेजने की मांग को लेकर भाजपा ने पूरे शहर के चौराहों पर नगाड़ा बजाओ आंदोलन किया. गोलीबार चौक में शहर अध्यक्ष प्रवीण दटके के नेतृत्व में हुए आंदोलन में बड़ी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए.
उन्होंने कहा कि ऊर्जामंत्री नितिन राऊत गलतियों को सुधार कर नागरिकों को राहत देने की बजाय केन्द्र सरकार की ओर उंगली उठाते हैं. राज्य के किसानों की उपज खरीदने के लिए राज्य की महाविकास आघा़ड़ी सरकार केन्द्र की और मुंह देखती है. उन्होंने कहा कि अगर हर काम के लिए ये सरकार केन्द्र का मुंह ताकती है तो उसे राज्यपाल को इस्तीफा दे देना चाहिए. इस दौरान महापौर संदीप जोशी, विधायक गिरिश व्यास, अनिल सोले, कृष्णा खोपड़े, विकास कुंभारे, मोहन मते, मण्डल अध्यक्ष किशोर पलांदुरकर, विनोद कन्हेरे, संजय अवचट, देवेन दस्तूरे, संजय चौधरी, भोजराज डुम्बे, संजय ठाकरे, संजय बंगाले, राम अम्बूलकर, सुनील मित्रा उपस्थित थे.
सत्ता में बैठने का अधिकार नहीं
दटके ने कहा कि ऐसी सरकार को सत्ता में बैठने का अधिकार नहीं है जो संकटकाल में भी नागरिकों को लूटने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि गलत बिल रदद् कर उसमे सुधारकर जनता को भेजे. इन बिलों में अप्रैल में जो 7 प्रतिशत बिजली के रेट बढ़ाए गए उसे एक वर्ष के लिये रद्द करे, अधिभार व ब्याज रद्द करे, आनलाइन बिल भरे हैं उनकी रकम जमा दिखाकर सुधारित बिल भेजे. जब तक अन्यायकारक बिल सुधारा नहीं जाता तब तक जनाआंदोलन शुरू रहेगा.
दूकानें-आफिस बंद तो बिल कैसा…
भाजयुमो अध्यक्ष वेराइटी चौक पर शिवानी दानी के नेतृत्व में नगाड़ा बजाकर सरकार का विरोध जताया गया. उन्होंने कहा कि तीन महीने लाकडाउन में सारी दूकानें, आफिस, कारखाने, उद्योग बंद रहे बावजूद इसके इस दौरान का हजारों रुपयों का बिल महावितरण द्वारा भेजा गयाहै. यह कैसे संभव है कि दूकानें बंद हैं और बिजली का उपयोग नहीं हो रहा फिर भी आम समय की अपेक्षा कई गुना बिजली बिल भेजा गया. उन्होंने कहा कि राज्य के ऊर्जामंत्री सिटी के हैं लेकिन शहरवासियों की ही सुनवाई नहीं है यह दुर्भाग्यजनक है. उनके कान खोलने के लिए ही नगाड़ा बजाया जा रहा है. इस दौरान राहुल खंगार, कमलेश पांडे, सारंग कदम, आलोक पांडे, दिपांशू लिंगायत, वैभव चौधरी, सचिन करारे, नेहल खानोरकर, रितेश रहाटे, सुबोध आचार्य, जितेंद्र सिंग ठाकूर उपस्थित थे. कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार व ऊर्जामंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की.
जनता पर अन्याय
भाजपा अजा मोर्चा की ओर से कमाल चौक में धर्मपाल मेश्राम के नेतृत्व में नगाड़ा बजाओ आंदोलन किया गया. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के संकटकाल में एक ओर जहां मध्यमवर्ग, गरीब परिवारों के सामने विकट आर्थिक हालात पैदा हो गए हैं. ऐसी संकट की घड़ी में सरकार को राहत देने की बजाय जनता को लूटने का काम किया जा रहा है. मनमाना बिजली बिल भेजकर नागरिकों के साथ अन्याय किया जा रहा है. महाविकास आघाड़ी सरकार के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि लाकडाउन काल के 3 महीनों का बिजली बिल नहीं भेजा जाएगा लेकिन यह सरकार तो लूट कर रही है. इस दौरान मिलिंद माने, संदीप जाधव, अशोक मेंढे, सुभाष पारधी, भोजराज डुंबे, संजय चौधरी, प्रभाकर येवले, अमर बागडे, संदीप गवई, विजय चुटेले, लखन येरवार, महेंद्र धनविजय, हरीश दिकोंडवार, उषा पैलेट, निरंजना पाटील, सतीश शिरसवान, राहुल झांबरे, विशाल लारोकर, मनीष मेश्राम, राहुल मेंढे, शंकर मेश्राम, अजय करोसिया, संदीप बेले, बंडू गायकवाड, इंद्रजीत वासनिक, विजय फुलसुंगे सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए.
बड़ी संख्या में जुटे कार्यकर्ता
शहर के कई मुख्य चौराहों पर नगाड़ा बजाओ आंदोलन किया गया जहां बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए. गोलीबार चौक पर श्याम चांदेकर, ला कॉलेज चौक पर कल्पना पांडे, प्रदीप बिबटे, अवस्थी चौक पर अजय पाठक, गिट्टीखदान चौक पर माया इवनाते, शेखर येटी, नंदनवन चौक पर रमेश वानखेड़े, दोसर भवन चौक पर लाला कुरैशी, शाहिद चौक पर भाजपा व्यापारी आघाड़ी के शहर अध्यक्ष संजय वाधवानी, बैधनाथ चौक पर जयसिंग कछवाह, प्रतापनगर चौक पर भोलेनाथ सहारे, कॉटन मार्किट चौक पर राम कोरपे, पुंडलिक सावंत, सक्करदरा चौक पर संभाजी भोसले, पीयूष अम्बूलकर, गड्डीगोदाम चौक पर विकास फ़्रांसिस, रामनगर चौक पर पीएसएन मूर्ति, संदीप पिल्ले, संविधान चौक पर नचिकेत व्यास ने जनआंदोलन का नेतृत्व किया.