Thursday, 16 April 2020

20 अप्रैल के बाद जाना है काम पर? समझ लें क्या-क्या है जरूरी : संजय पाटील

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नई दिल्लीऑफिस में काम करने का तरीका जल्द बदलने वाला है। गृह मंत्रालय ने आर्थिक गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने के लिए बुधवार को दिशानिर्देश जारी किए। 20 अप्रैल से कई काम शुरू हो सकते हैं, जिसके लिए कुछ शर्तें होंगी।


20 अप्रैल के बाद जाना है काम पर? समझ लें क्या-क्या है जरूरी

संजय पाटील नई दिल्ली : Agency : फ्रॉम ऑफिस (WFO)' को बड़े बदलावों से गुजरना होगा। अधिकतर कर्मचारियों का कहना है कि इन बदलावों को आराम से अपनाया जा सकता है। आइए जानें कि अगर 20 अप्रैल के बाद आप काम पर जाने वाले हैं तो आपको और आपकी कंपनी को क्या-क्या सुनिश्चित करना होगा...

मास्क के साथ काम, 6 फुट की दूरी

20 अप्रैल से जिन ऑफिसों को खुलने की इजाजत दी जाएगी, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके सभी कर्मचारी मास्क पहनें, दो कर्मचारियों के बीच 6 फुट की दूरी हो, किसी भी मीटिंग में 10 या उससे अधिक लोग शामिल न हों

शिफ्टों में होगा काम, लंच टाइम भी अलग-अलग

सभी के लंच का समय अलग-अलग हों ताकि एक ही समय पर अधिक लोग न इकठ्ठा हों, कर्मचारी शिफ्ट में काम करें और दो शिफ्ट के बीच में कम से कम एक घंटे का अंतर हो। इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी सेक्टर और इससे संबंधित सेवाओं वाले ऑफिसों को 50% कर्मचारी क्षमता के साथ काम करने को कहा गया है।

छोटे बच्चों वाले और बुजुर्ग करेंगे घर से काम

इतना ही नहीं, दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि सीढ़ियों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और अगर लिफ्ट का इस्तेमाल किया जाता है तो उसमें एक बार में 2-4 लोगों (साइज के आधार पर) से अधिक को जाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जिन कर्मचारियों के पांच साल से छोटे बच्चे हैं या जिनकी उम्र 65 साल से अधिक है, उन्हें घर से ही काम करने की सुविधा दी जानी चाहिए।

सैनिटाइजर, स्क्रीनिंग और गाड़ी में बैठना होगा ऐसा

पर्याप्त मात्रा में हैंड सैनिटाइजर्स, खासतौर से हैंड्स-फ्री सैनिटाइजर और सभी के लिए अनिवार्य थर्मल स्क्रीनिंग मुहैया कराने को लेकर कड़े नियम बनाए गए हैं। नियमों के मुताबिक जिन कर्मचारियों को ऑफिस आने-जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की जरूरत है, उन्हें लाने वाली गाड़ियों में सीटिंग कैपेसिटी का 30-40 पर्सेंट से अधिक का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

कोविड-19 अस्पतालों की लिस्ट होनी चाहिए

सभी ऑफिसों को नजदीकी कोविड हॉस्पिटलों की एक सूची रखनी होगी और सभी कर्मचारियों को आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

कोई गैरजरूरी शख्स न घुसे दफ्तर में

ऑफिस में किसी भी 'अनावश्यक' शख्स को आने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही तंबाकू खाने और इधर-उधर थूकने पर पूरी तरह प्रतिबंध होना चाहिए। इन नियमों को लागू कराने की जिम्मेदारी डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट की होगी। इसके लिए डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट 2005 के तहत निर्धारित जुर्माने और दंड का सहारा ले सकते हैं। कॉरपोरेट का मानना है कि हालात को देखते हुए ये नियम लंबे समय तक बने रह सकते हैं।
वृत्तपत्रांना टाळेबंदीतून सूट; घरोघर वितरणावर मात्र बंदी

मुंबई: राज्यात कोविड १९ या विषाणूच्या नियंत्रणासाठी निश्चित उपाययोजनांविषयी प्रसिद्ध करण्यात आलेल्या मार्गदर्शक सूचनांमध्ये सुधारणा करण्यात आली असून नव्या सुधारणेनुसार, २० एप्रिल २०२० पासून मुद्रित माध्यमांना टाळेबंदीतून (लॉकडाऊन) सूट देण्यात आली आहे मात्र वृत्तपत्रांचे घरोघर वितरण करण्यावर निर्बंध घालण्यात आले आहेत.
सर्व विभागाच्या आयुक्तालयातील आयुक्तांना तसेच संचालनालयातील संचालकांना कार्यालयात उपस्थित राहण्यास नव्या सुधारणेनुसार सांगण्यात आले आहे. करोना अर्थात कोविड १९ चा प्रादुर्भाव कमी करण्यासाठी केंद्र शासनाने ३ मेपर्यंत टाळेबंदी जाहीर केली आहे. मात्र, जनतेची अडचण लक्षात घेऊन २० एप्रिलपासून काही बाबींना या टाळेबंदीतून सूट देण्यात आली आहे. त्यासंबंधिची एकत्रित मार्गदर्शक सूचना १७ एप्रिल २० रोजी जाहीर करण्यात आली आहे. यामध्ये आज दुरुस्ती करण्यात आली. त्यामध्ये काही बाबींचा नव्याने समावेश करण्यात आला आहे. यासंबंधीचे परिपत्रक आज काढण्यात आले आहे.
मार्गदर्शक सूचनामधील सुधारणांनुसार राज्यातील प्रिंट मीडियाला टाळेबंदीतून वगळण्यात आले आहे. मात्र, कोविड १९ च्या प्रादुर्भावाचे प्रमाण पाहता वर्तमानपत्रे व मासिकांचे घरोघरी वितरण करण्यास मनाई करण्यात आली आहे. तसेच मंत्रालयीन सर्व विभागांच्या आयुक्तालयातील आयुक्त, संचालनालयातील संचालक यांनी १० टक्के कर्मचाऱ्यांसह कार्यालयात उपस्थित रहावे, असे निर्देश देण्यात आले आहेत.

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Author: verified_user

I AM POST GRADUATED FROM THE NAGPUR UNIVERSITY IN JOURNALISM

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