संजय पाटील : नागपूर प्रेस मीडिया : 26 जून 2020 : नागपुर. जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ती विभाग के पदस्थ एक्जिकिटव इंजिनियर को 2,00,000 रुपए का रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया. आरोपियों में इंजिनियर विजय किंष्णूजी टाकलीकर (55) और निजी ड्राईवर जयेंद्र विठोबाजी रेवतकर (62) शामिल है. काटोल निवासी 35 वर्षीय एक व्यक्ति की शिकायत पर एसीबी ने कार्रवाई कर रंगे हाथ आरोपियों को धरदबोचा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता ठेकेदारी का काम करता है. कामकाज करने पर मंजूर किये गए पूराने बिल के बदले में नये बिल को मंजूर कराने के लिए जिप के अधिकारी विजय टाकलीकर ने ठेकेदार से 6,00,000 रुपये रिश्वत की मांग की थी. पहले सप्ताह में 2,00,000 रुपये देने के लिए कहां गया. ठेकेदार ने इस अधिकारी के रिश्वत खोरी से तंग आकर , इसकी एसीबी से इसकी शिकायत की. इसके बाद एसीबी ने आरोपी टाकलीकर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई.
अपने ड्राईवर से कराता था काम
गुरुवार की रात करीब 8 बजे शिकायतकर्ता 2,00,000 रुपये लेकर आरोपी के बताए हुए पते पर पहुंचा. उसने अपने निजी ड्राईवर जयेंद्र विठोबाजी रेवतकर को पैसे लेने भेजा था. ड्राईवर को पैसे सौंपने पर ड्राईवर सीधे अधिकारी टाकलीकर के पास पहुंचा जहां उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया. जानकारी यह भी है टाकलीकर के खिलाफ जिला परिषद संगठन की ओर कई शिकायते की गई है.
यह अधिकारी अपने अधिकारों का फायदा उठाकर ठेकेदारों को अक्सर रिश्वत देने के लिए परेशान करता है. खास बात यह है कि रिश्वत का पैसा यह स्वयम नहीं बल्कि अपने निजी ड्राईवर से मंगावाता है. जिप के पास ठेकेदारों ने कई बार शिकायते की किंतू कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण अंत: एक ठेकेदार ने एसीबी से इसकी शिकायत की. एसपी रश्मि नांदेडकर और एएसपी राजेश दुद्दलवार के मार्गदर्शन में संदीप जगताप, पडोले, प्रभाकर बले, चालक वकील शेख ने कार्रवाई को अंजाम दिया.
ACB Planing to Arrest Executive Engineer Vijay Taklikar Zilla Parishad (ZP), Nagpur on March
ANTI-CORRUPTION Bureau (ACB) on Thursday caught Vijay Kishnuji Taklikar, Executive Engineer, Rural Water Supply Department, Zilla Parishad (ZP), Nagpur, and his private driver Jayendra Vithobaji Rewatkar red-handed while demanding and accepting a bribe of Rs two lakh cash from a contractor towards clearance of his bills. Taklikar (55) was trapped after he accepted the cash from the contractor through his driver Rewatkar (62) in Zilla Parishad office premises. It will be planing by March before Lockdown. but Taklikar not make phone call to the Contractor.
The 37-year-old contractor residing in Katol had approached Taklikar in March this year requesting him to clear his pending bills. Taklikar allegedly demanded Rs six lakh as commission to clear his previous and current bills. After the contractor negotiated with Taklikar, the latter asked him to give Rs two lakh as first installment. Fed-up of constant harassment by Taklikar, he lodged a complaint with the ACB.
The bureau officers verified the complaint on March 14 and laid a trap at ZP Office in Civil Lines on Thursday. Soon after driver Rewatkar accepted Rs two lakh on behalf of Taklikar, the bureau team caught him and seized the cash. The team also took Taklikar into custody. Separate teams bureau officers then conducted searches at Taklikar’s office and residential premises. ACB would assess the property amassed by the Executive Engineer through corrupt means.
Bureau officers registered an offence under relevant sections of the Prevention of Corruption Act against Taklikar and Rewatkar at Sadar Police Station. The trap was laid by DySP Sandeep Jagtap and his team comprising HC Padole, NPC Prabhakar Bele and NPC Vakil Sheikh under the supervision of Superintendent of Police (ACB) Rashmi Nandedkar and Addl SP Rajesh Duddalwar.
शेवटी विजय टाकळीकर निलंबित
नागपूर : १४ जुलै २०२० : पाणीपुरवठा विभाग जिल्हा परिषदेतील कार्यकारी अभियंता विजय टाकळीकर यांच्या अटकेनंतर पंधरा दिवसांनी त्यांना निलंबित केले आहे. विजय टाकळीकरावर एसीबीने लाचखोरीच्या प्रकरणात कारवाही केली होती. त्यांना लगेच अटक करण्यात आली होती , त्यांचा निलंबनाचा प्रस्ताव सुद्धा शासनाकडे पाठविला होता. परंतु पंधरा दिवस संपून झाल्यावर सुद्धा निलंबनाची कार्यवाही ना झाल्याने जिल्हापरिषदेचे वातावरण तापले होते. त्यांना अटकेच्या दिवसापासूनच निलंबित करण्यात आले. नीलांबनाची तारीख २६ जुन २०२० मुकरर करण्यात आली. हा निलंबनाचा आदेश १३ जुलै ला जिल्हापरिषदेला देण्यात आला. प्रशासकीय कामात कोणतेही अडथडे येऊ नये यासाठी तात्पुर्ती सेवा उपअभियंता निलेश काळबांडे यांच्याकडे सोपविण्यात आली आहे.त्यामुळे आता या विभागाचा प्रशासकीय आणि आर्थिक प्रभार कोणाकडे येणार याकडे समाजाचे लक्ष लागले आहे. कारण राज्य आणि केंद्राच्या अनेक महत्वपूर्ण योजना राबविणाऱ्या या विभागाचा प्रभाकडे सर्वांचे लक्ष केंद्रीत झाले आहे.
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