संजय पाटिल : नागपुर प्रेस मीडिया 7: 7: 2020 : नागपुर : पांढुर्णा निवासी शहजाद खान अपने वाहन क्र. एम.एच.30-पी.1171 पर मरीज और उसके परिजनों को लेकर नागपुर आया था. रामदासपेठ के मिडास हाईट्स में डाक्टर से जांच करवाने के बाद मरीज को लेकर वापस जा रहा था. 9 सीट वाली गाड़ी में शहजाद को मिलाकर 5 लोग बैठे थे. वैरायटी चौक के सिग्नल पर गाड़ी रुकी. बाहरी जिले की गाड़ी देखते ही ट्राफिक पुलिसकर्मी जांच के लिए आ गए. यहां 4 से 5 लोगों का दल तैनात था. शहजाद से जिले में प्रवेश लेने की अनुमति के दस्तावेज मांगे गए. उसने बताया कि वह मरीज को लेकर नागपुर आया था. अनलॉक की पक्रिया शुरु होने के कारण उसे लगा कि अब अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. बिना अनुमति नागपुर जिले में प्रवेश लेने सहित विविध धाराओं के तहत उसे 4,500 रुपये का चालान होने की जानकारी दी गई. शहजाद ने बताया कि गाड़ी में मरीज है.
पांढुर्णा से मरीज को लेकर नागपुर आए वाहन चालक को रास्ते में कोई दिक्कत नहीं हुई. न तो कहीं पुलिसकर्मी ने रोका और न कोई जांच हुई. डाक्टर से उपचार लेकर वापस निकले इस वाहन चालक को ट्राफिक पुलिस की टीम ने वैरायटी चौक पर रोका. अनुमति न होने के कारण बताते हुए चालक को 4,500 रुपये का चालान होने की जानकारी दी गई. इसके साथ ही बढ़िया ऑफर भी दिया. 500 रुपये देकर मामला निपटाने को कहा गया. मरता क्या न करता की स्थिति में चालक ने पुलिस को 500 रुपये दिए. रसीद मांगने पर पुलिसकर्मी ने केवल सीताबर्डी ट्राफिक जोन द्वारा पकड़े जाने की जानकारी देने को कहा. साथ ही यह भी गारंटी दी कि नाम बताने के बाद कोई और चालान नहीं करेगा. जांच के नाम पर किस तरह ट्राफिक पुलिस वसूली कर रही है इसका उदाहरण यहां देखने को मिला.
शहजाद ने कहा कि पुलिस चाहे तो अस्पताल के सारे दस्तावेज जांच कर सकती है. तभी एक पुलिसकर्मी ने उसके सामने 500 रुपये में मामले निपटाने का आफर दिया. शहजाद ने तुरंत 500 रुपये दे दिए, लेकिन रसीद मांगने पर पुलिसकर्मी मुकर गए. रास्ते में दोबारा पुलिस ने पकड़े जाने पर फिर चालान तो नहीं होगा पूछने पर पुलिसकर्मी ने सीताबर्डी ट्राफिक जोन नाम बताने को कहा. इससे साफ है कि ट्राफिक पुलिस बाहरी जिलों से आने वाले वाहनों की जांच के नाम पर तगड़ी वसूली कर रही है. नागपुर में मध्यप्रदेश, छत्तीसगड़ सहित आस-पास के जिलों से मरीज उपचार लेने आते है. ऐसे में पुलिस द्वारा इस प्रकार से जांच के नाम पर प्रताड़ित करना बेहद चिंताजनक बात है.
ट्राफिक रूल्स तोड़े जा रहे
लगता है सिटी में जबसे कोरोना लाकडाउन को ढील दी गई है तभी से कुछ युवाओं की मस्ती बढ़ गयी है. वे सड़कों पर ट्रिपल तो कहीं-कहीं चार सवारी भी बाइक पर मस्ती करते नजर आ रहे हैं. खासकर मानेवाड़ा रिंग रोड, सुपरहास्पिटल के सामने वाली सड़क, मानेवाड़ी सीमेंट रोड से बेसा रोड, रामेश्वरी, पश्चिम नागपुर में कुछ सड़कों पर यह मस्ती अधिक देखी जा रही है. ये युवा ट्राफिक रूल्स की धज्जियां उड़ाते हुए बाइक से फर्राटे भर रहे हैं. साथ ही शोर मचाते हुए ये किसी भी दूसरे वाहनचालकों के ठीक बगल से कट मारते हुए ओवरटेक करते हैं जिससे वाहनचालक हड़बड़ा जाता है. इतना ही नहीं लड़कियां भी ट्रिपल सीट नजर आ रही हैं. किसी को भय ही नहीं रह गया है.
कोरोना महामारी के चलते फिलहाल दोपहिया वाहन पर सिंगल सीट को ही अनुमति है. सिटी के कई चौराहों पर ट्राफिक पुलिस द्वारा डबल सवारी वाले दोपहिया वाहनचालकों के चालान काटने की कार्रवाई की जा रही है. दूसरी ओर सिटी के कई इलाकों में मस्तीखोर युवा बाइक पर 3-4 सवारी बैठकर हुड़दंग कर रहे हैं उन पर विभाग कार्रवाई करता नजन नही आ रहा. एक नागरिक ने बताया कि वे अपनी पत्नी के साथ जरूरी कार्य से बाइक पर निकले थे लेकिन पुलिस ने उनका चालान बना दिया. कोरोना के चलते सिंगल सीट ही अलाऊ है लेकिन उनकी पत्नी को गाड़ी चलानी नहीं आती इसलिए उन्हें साथ लेकर जाना पड़ा था. पुलिस फैमिली के चालान काट रही है लेकिन जो ट्राफिक रूल्स तोड़ रहे हैं. सड़कों पर हुड़दंग कर रहे हैं उन पर नजर ही नहीं है.
बाइक पर तीन सवारी किशोर व युवक का साथ ही एक्टिवा और स्कूटी में तीन सवारी लड़कियों को मस्ती करते कहीं भी देखा जा सकता है. जिन चौराहों पर ट्राफिक सिपाही तैनात नहीं हो वहां रेड सिगनल की परवाह किए बिना फुर्र से अपनी गाड़ी भगाते भी नजर आ रहे हैं. इनके कारण दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है. फर्राटे से बाइक भगाते युवक तो ट्राफिक सिपाहियों को चिढ़ाते हुए उनके सामने से फुर्र हो जाते हैं और सिपाही मुंह ताकता देखता रह जाता है. आगे निकलने की हड़बड़ी में रांग साइड से ओवरटेक करते वाहनों का नजारा तो शहर की सभी सड़कों पर अब आम हो गया है. रांग साइड ओवरटेकिंग से अनेक बार तो गंभीर दुर्घटना का शिकार भी वाहनचालक हुए हैं. कोरोना लाकडाउन के बाद अचानक मिली छूट के चलते ही सड़कों पर युवाओं की मस्ती बढ़ गई है. सिगनल तोड़कर गाड़ी भगा ले जाना तो मानों इन लोगों के लिए शान की बात हो गई है. 30 सेकंड सिगनल में रुकना भी उन्हें पसंद नहीं. उनकी हरकत से अन्य कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाए तो भी उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता.
कुछ चौराहों पर तो ट्राफिक पुलिस सिपाहियों को किनारे पर बैठकर अपने मोबाइलों में व्यस्त देखा जाता है. उनके सामने से कोई सिगनल जंप कर भाग जाए तो भी वह कुछ नहीं कर पाता. अगर ड्युटी पर तैनात कर्मी चौराहे के दर्शनीय स्थल में खड़ा भी रहे तो उसे देखकर कोई सिगनल तोड़ने या उसके सामने से ट्रिपल सीट गुजरने की हिम्मत नहीं करेगा लेकिन अमूमन चौराहों पर कर्मी किनारे बैठे मोबाइल में व्यस्त नजर आते हैं. इनमें महिला कर्मियों का भी समावेश है.
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