Thursday, 30 April 2020

निवडणूक आयोगाची विधान परिषद निवडणुकीला परवानगी: केंद्रीय निवडणूक आयोग निर्णय : संजय पाटील

निवडणूक आयोगाची विधान परिषद निवडणुकीला परवानगी: केंद्रीय निवडणूक आयोग निर्णय : संजय पाटील

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संजय पाटील : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यांच्या आमदारकीवरून महाराष्ट्रात निर्माण झालेला पेच आता संपुष्टात येत असून राज्यात विधान परिषद निवडणूक घेण्यास केंद्रीय निवडणूक आयोगाने परवानगी दिली आहे. ही परवानगी देताना आयोगाने करोनाबाबत काळजी घेण्याच्या महत्त्वपूर्ण सूचना केल्या आहेत.

नवी दिल्ली: महाराष्ट्रात विधान परिषद निवडणूक घेण्यास केंद्रीय निवडणूक आयोगाने परवानगी दिली आहे. ही परवानगी देताना आयोगाने करोनाबाबत काळजी घेण्याच्या महत्त्वपूर्ण सूचना केल्या आहेत. या निर्णयामुळे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यांच्या आमदारकीसंदर्भातला राजकीय पेच आता संपुष्टात येणार आहे.


केंद्रीय निवडणूक आयोगाच्या या निर्णयानुसार आता २० ते २२ मेपूर्वी या निवडणूका पार पडतील असे म्हटले जात आहे. मात्र, ही निवडणूक घेत असताना सोशल डिस्टन्सिंग आणि कोरनाबाबतच्या इतर सगळी काळजी घेणे बंधनकारक असणार आहे.



काँग्रेस, राष्ट्रवादी आणि शिवसेना या महाविकास आघाडीच्या पक्षांनी विधान परिषदेच्या रिक्त असलेल्या ९ जागांसाठी निवडणुका घेण्याबाबत आयोगाला विनंती करणारे पत्र पाठवले होते.धाडले. मुख्य सचिव अजोय मेहता यांनीही तशी विनंती केली, तर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यांनी या निवडणुका घेण्याबाबतची विनंती राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी यांच्याकडे एका पत्राद्वारे केली. शिवसेनेचे गटनेते आणि मंत्री एकनाथ शिंदे तसेच शिवसेना सचिव मिलिंद नार्वेकर यांनी ही पत्रे राज्यपालांपर्यंत पोहोचवली. राज्यपाल कोश्यारी यांनीही निवडणूक आयोगाला या विधानपरिषद निवडणूक घेणे किती आवश्यक आहे हे सांगितले होते. त्यानंतर आज सकाळी दिल्लीत केंद्रीय निवडणूक आयोगाची बैठक पार पडली. या बैठकीत निवडणुकीला परवानगी देण्याचा निर्णय घेण्यात आला.

राज्यपालांचं ठरेना; उद्धव ठाकरे यांचा पंतप्रधान मोदींना फोन?

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यांची राज्यपालांच्या कोट्यातून विधान परिषदेवर नियुक्ती होणार की नाही, याबाबत सस्पेन्स कायम असतानाच मुख्यमंत्र्यांनी मंगळवारी रात्री पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्याशी फोनवरून चर्चा केल्याचे वृत्त आहे. याबाबत अधिकृत दुजोरा मात्र अद्याप मिळू शकलेला नाही.


मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यांनी २८ नोव्हेंबर २०१९ रोजी मुख्यमंत्रिपदाची शपथ घेतली होती. उद्धव ठाकरे विधिमंडळाच्या दोनपैकी एकाही सभागृहाचे सदस्य नसल्याने सहा महिन्यांच्या कालावधीत कोणत्याही एका सभागृहाचे सदस्य होणे बंधनकारक आहे. त्यानुसार येत्या २८ मेच्या आधी उद्धव ठाकरे यांना विधिमंडळाचे सदस्य व्हावे लागणार आहे. या स्थितीत राज्यपालांच्या कोट्यातील रिक्त जागेवार उद्धव ठाकरे यांची नियुक्ती व्हावी म्हणून राज्यातील महाविकास आघाडी सरकार प्रयत्नशील आहे.



उपमुख्यमंत्री अजित पवार यांच्या अध्यक्षतेखाली ९ एप्रिल रोजी झालेल्या मंत्रिमंडळ बैठकीत महाराष्ट्र विधान परिषदेच्या एका रिक्त जागेवर उद्धव ठाकरे यांची नियुक्ती करण्याची शिफारस करण्याचा निर्णय घेण्यात आला व तशी शिफारस राज्यपालांकडे करण्यात आली. मात्र, त्यावर राज्यपालांनी कोणताच निर्णय न घेतल्याने राज्यपालांना काल पुन्हा एकदा विनंती करण्यात आली. मंत्रिमंडळाच्या शिफारशीवर राज्यपालांनी तातडीने कार्यवाही करावी अशी विनंती घेऊन आघाडीच्या नेत्यांनी राज्यपालांची भेट घेतली. दुसरीकडे काल रात्रीच उद्धव ठाकरे यांनी याबाबत पंतप्रधान मोदींशी चर्चा केल्याचे कळते.




उद्धव ठाकरे यांनी राज्यातील सद्यस्थिती पंतप्रधानांच्या कानावर घातली. सध्या राज्य करोनाशी लढा देत आहे. अशावेळी राज्यात राजकीय अस्थिरता निर्माण होणे योग्य नाही. त्यातून चुकीचा संदेश जाऊ शकतो. हे टाळायला हवे, असे उद्धव यांनी पंतप्रधानांना सांगितल्याचे कळते. याप्रश्नी आपण लवकरात लवकर लक्ष घालेन, अशा शब्दांत पंतप्रधानांनी मुख्यमंत्र्यांना आश्वस्त केल्याचेही सूत्रांचे म्हणणे आहे.


महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की कुर्सी का 'खेल', जानें MLC की क्या होती हैं शक्तियां


जिस प्रकार संसद को चलाने के लिए दो सदन होते हैं। ठीक उसी प्रकार कुछ राज्यों में भी दो सदन होते हैं:- विधानसभा और विधान परिषद (Legislative Council)। विधान परिषद को उच्च सदन कहा जाता है और विधानसभा को निचला सदन। महाराष्ट्र में इसी उच्च सदन की एक सीट अब यह तय करने वाली है कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सीएम बने रहेंगे या नहीं। दरअसल, उद्धव ठाकरे सीएम हैं लेकिन किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। सीएम बनने के छह महीने के अंदर उन्हें निर्वाचित होना है लेकिन कोरोना के कारण कोई चुनाव नहीं बचा है। ऐसे में अब उद्धव ठाकरे तभी सीएम रह सकते हैं, जब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी उन्हें विधान परिषद के लिए मनोनीत कर दें।
द्धव ठाकरे जनवरी में हुए विधान परिषद चुनावों में नहीं उतरे। उन्हें उम्मीद थी कि अप्रैल में होने वाले चुनाव में वह निर्वाचित हो जाएंगे। कोरोना के कारण विधान परिषद के चुनाव टल गए। ऐसे में अब उनके पास राज्यपाल का मनोनयन ही बचा है। कैबिनेट के प्रस्ताव के बावजूद अभी तक राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को मनोनीत नहीं किया है, ऐसे में गठबंधन सरकार की सांसें अटकी हुई हैं। उद्धव ठाकरे इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात कर चुके हैं। शुक्रवार को वह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मिलने पहुंचे।
अकसर मंत्री और मुख्यमंत्री बनाने के काम आता है विधान परिषद

संविधान राज्यों को अधिकार देता है कि वे चाहें तो अपने राज्य में विधान परिषद बना सकते हैं। इसी राज्य के तहत कई राज्यों ने विधान परिषद का गठन किया है। कभी भंग ना होने वाली इस सभा के सदस्य छह साल तक अपने पद पर रहते हैं। अकसर बिना चुनाव लडे़ मंत्री या मुख्यमंत्री इसी सदन के सहारे अपनी कुर्सी बचाते हैं। संविधान का नियम है कि मंत्री या मुख्यमंत्री की शपथ लेने के छह महीने के अंदर आपको किसी भी एक सदन का सदस्य बनना होता है।



विधानपरिषद और विधानसभा कुछ मामलों में बराबरी का हक रखते हैं। कुछ मामलों में विधानसभा के पास ज्यादा अधिकार हैं। सदस्यों की बात करें तो विधानसभा की तरह ही विधान परिषद का सदस्य भी मंत्री और मुख्यमंत्री बन सकता है। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधान परिषद के ही सदस्य हैं।
विधान परिषद के सदस्य की शक्तियां

विधानसभा और परिषद दोनों के ही सदस्यों को समान शक्तियां मिलती हैं।
1- सदन के सत्र के दौरान, सदन का सत्र शुरू होने के 40 दिन पहले या 40 दिन बाद तक सिविल मामलों में विधान सभा या परिषद के सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
2- सदन में कही गई बात के लिए कोई भी सदस्य किसी भी प्रकार के न्यायालय के प्रति जवाबदेह नहीं है। सदन में दिए गए वोट के संबंध में भी सदस्यों को किसी को जवाब नहीं देना होता है।
3- सदन के सत्र के दौरान किसी भी केस के संबंध में सदन का सदस्य कोर्ट में उपस्थित होने या कोई सबूत देने से इनकार कर सकता है।

विधान परिषद के कार्य
1-साधारण विधेयक विधानसभा या विधान परिषद में पेश किया जा सकता है लेकिन असहमति की स्थिति में विधानसभा प्रभावी है।
2. वित्त विधेयक को विधान परिषद में पेश नहीं किया जा सकता है। ना ही वह इसे नामजूर कर सकती है। विधेयक रोक लेने की स्थिति में 14 दिन में उसे अपने आप पारित मान लिया जाता है।
3. राज्यसभा चुनाव में भी विधान परिषद के सदस्य वोट नहीं दे सकते हैं।
4. विधान परिषद के माध्यम से उन लोगों को सदन का सदस्य बनाया जा सकता है, जो किसी कारणवश प्रत्यक्ष चुनाव ना जीत सके हों।
5- उच्च सदन होने के नाते विधान परिषद के सदस्य सत्तापक्ष की निरंकुशता पर अंकुश लगाने का काम करते हैं।
6. जन-कल्याण की योजनाओं और तमाम कानूनों पर बौद्धिक चर्चा के लिए इस सदन के योग्य सदस्य अपना बहुमूल्य योगदान देते हैं।




स्थायी सदन होता है विधान परिषद
विधान परिषद विधानमंडल का स्थायी सदन होता है। इसका मतलब है कि इसे भंग नहीं किया जा सकता है। इसके सदस्य दो वर्षों के रोटेशन के हिसाब से निर्वाचित और रिटायर होते रहते हैं। सदन के सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होता है। फिलहाल छह राज्यों में विधान परिषद है। हालांकि, आंध्र प्रदेश में विधान परिषद समाप्त करने के लिए प्रस्ताव पास किया गया है। इस पर संसद की मुहर लगने के बाद राज्य का विधान परिषद समाप्त कर दिया जाएगा।



महाराष्ट्र में विधान परिषद के लिए कुल सदस्यों की संख्या 78 है। इसमें से 30 सदस्यों को विधानसभा के सदस्य के चुनते हैं। 22 सदस्यों को स्थानीय निकायों की ओर से चुना जाता है। सात सदस्यों को प्रदेश के स्नातक चुनते हैं। सात सदस्यों को प्रदेश के शिक्षक चुनते हैं। बाकी बचे 12 सदस्यों को राज्यपाल शिक्षा, विज्ञान, कला और सामाजिक क्षेत्र में योगदान के आधार पर चुनते हैं।


"शराब से ठीक हो जाएगा गले का कोरोना", कांग्रेस विधायक भरत सिंह : संजय पाटील

"शराब से ठीक हो जाएगा गले का कोरोना", कांग्रेस विधायक भरत सिंह : संजय पाटील

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संजय पाटील : जयपुर : NBT: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) जारी है। इस बीच राजस्थान के सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने प्रदेश में शराब की दुकानें खोलने की अपील सूबे के सीएम अशोक गहलोत से की है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि जब कोरोना वायरस हाथों को अल्कोहल से धोने पर साफ हो सकता है तो इसे पीने से गले का वायरस भी जरूर साफ हो जाएगा।

सांगोद विधायक ने सीएम गहलोत को लिखा पत्र

कोटा के सांगोद से विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में अवैध शराब का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने लिखा है कि कोरोना लॉकडाउन के कारण शराब की दुकानें बंद हैं। आर्थिक घाटे से राज्य सरकार की कमर टूट रही है, वहीं शराब नहीं मिलने से इसका अवैध धंधा पनप रहा है। प्रदेश में लॉकडाउन के चलते सभी जिलों में अपराध पर काफी कमी आई, लेकिन अवैध शराब का धंधा काफी बढ़ा है।

अवैध शराब का उठाया मुद्दा

कांग्रेस विधायक ने कहा कि, अवैध शराब का धंधा करने वालों के लिए यह स्व-रोजगार योजना है और पैसा कमाने का सुनहरा अवसर भी है। हालांकि, इससे सरकार के राजस्व पर असर पड़ रहा है, वहीं अवैध शराब पीने वालों के स्वास्थ्य को भी खतरा है। उन्होंने भरतपुर में अवैध शराब से दो लोगों की मौत का जिक्र भी किया। साथ ही सरकार की ओर से बढ़ाई गई एक्साईज ड्यूटी की बात करते हुए कहा कि अच्छा तो यही होता कि सरकार शराब की दुकानें खोल दे। इस फैसले से पीने वालों को शराब मिलेगी और सरकार को राजस्व मिलेगा।

'अल्कोहल से गले में आया वायरस साफ होगा'

कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने पत्र में लिखा है, 'जब अल्कोहल से हाथों को धोने से कोरोना वायरस साफ हो सकता है, तो शराब पीने से निश्चित रूप से गले का वायरस साफ हो जाएगा। अवैध शराब पीकर जान गंवाने से तो ये कहीं अच्छा है।' दरअसल, भरतपुर के घटना वैर थाना इलाके में 27 अप्रैल को दो युवक चंद्रशेखर और विश्वेन्द्र सिंह की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई | लॉकडाउन के दौरान सरकार ने शराब की बिक्री को रोक रखा है। इस बीच गांव में अवैध शराब के सेवन से दो युवकों की मौत हो गई। जिसका जिक्र भी विधायक ने अपने पत्र में किया है।

लॉकडाउन में देशी शराब पीना पड़ा महंगा, दो लोगों ने जान गंवाई

भरतपुर : कोरोना वायरस (coronavirus) के संक्रमण को रोकने के मद्देनजर पूरा राजस्थान लॉकडाउन (lockdown in rajasthan) है। लॉकडाउन के कारण प्रदेश में सभी सरकारी ठेके बंद है। जिसके चलते अब प्रदेश में चोरी-छिपे अवैध शराब का कारोबार तेजी से फैल रहा है। देशी शराब पीने से लोगों की जान भी जा रही है। ऐसा ही एक मामला भरतपुर जिले के एक गांव से सामने आया है। यहां अवैध रूप से घरों में बनाई जा रही देशी शराब पीने से दो लोगोंं की मौत हो गई है। गांव वाले शराब को जहरीली बता रहे हैं।


जानकारी के अनुसार, घटना वैर थाना इलाके के गांव खरबेरा की है। यहां बीते 27 अप्रैल को गांव के दो युवक चंद्रशेखर व विश्वेन्द्र सिंह की जहरीली शराब पीने से मौत हो गयी | लॉक डाउन के दौरान जब सरकार ने शराब के ठेके बंद कर शराब की बिक्री को रोक रखा है। तब भी गांव में अवैध शराब बनाकर बिक्री की जा रही है। बताया जा रहा है कि उसके सेवन से दो युवकों की मौत हो गयी। जानकारी के मुताबिक, दोनों युवकों ने गांव के ही एक व्यक्ति से देशी शराब खरीदकर पी थी। जिसके बाद पेट में तेज जलन व दर्द होने से चंद्रशेखर को अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गयी।

वहीं, दूसरे दिन विश्वेन्द्र सिंह की तबीयत भी बिगड़ने लगी। आनन-फानन में उसके परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे । कुछ देर बाद उसकी भी मौत हो गई। मृतक के परिजन ने बताया की दोनों ने गांव के एक व्यक्ति से देशी शराब खरीदकर पी थी। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।


कर्नाटक सरकार ४ मेपासून मॉल्स, दारुची दुकाने सुरू करण्याच्या तयारीत

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बेंगळुरू: केद्र सरकार ३ मे नंतरही लॉकडाउन वाढवणार किंवा कसे याची वाट न बघता कर्नाटक सरकारने ४ मे पासून राज्यात सर्व व्यावसायिक आणि औद्योगिक कामे सुरू करण्याचे स्पष्ट संकेत दिले आहे. यात दुकानांसह मॉल्सही सुरू करण्याचा निर्णय कर्नाटक सरकारने घेतला आहे. मात्र, हा निर्णय कंटेनमेंट झोनसाठी लागू असणार नाही.


या निर्णयाद्वारे राज्यातील दारूची दुकाने, शॉपिंग मॉल्स उघडली जाणार आहेत. मात्र, भागाभागात जिथे कंटेनमेंट झोन जाहीर झालेले असतील, अशाच ठिकाणी लॉकडाउनचे नियम लागू करण्यात येणार आहेत. मात्र, ३ मे या दिवशी केंद्र सरकार काय गाइडलाइन्स जाहीर करणार हे पाहूनच आपल्या निर्णयाची अंमलबजावणी करायची की नाही हे कर्नाटक सरकार ठरवणार आहे.
या आठवड्याच्या सुरू होताच कर्नाटक सरकारने ग्रीन आणि ऑरेंज झोन जिल्ह्यांमध्ये आयटी सेक्टर, काही निवडक उद्योग, १५ शासकीय विभाग, शेती आणि शेतीशी संबंधित कामे आणि स्वतंत्र दुकाने सुरू केली आहेत.


येत्या २ ते ३ महिने करोनाचा संसर्ग सुरूच राहील असे वाटते, अशा परिस्थितीत एकीकडे करोनाशी सामना करत असताना दुसरीकडे रोजगार आणि व्यावसायिक क्षेत्रही सुरू करणे अत्यंत आवश्यक आहे, असे कर्नाटकचे मुख्यमंत्री बी. एस. येडियुरप्पा यांनी मंत्रिमंडळाच्या बैठकीनंतर म्हटले आहे. ४ मे पासून कंटेनमेंट झोन नसलेल्या भागात व्यावसायिक आणि औद्योगिक उपक्रम सुरू करण्याचा निर्णय आम्ही घेतला आहे, अशी माहितीही त्यांनी दिलीय.


Adopt ‘one nation, one ration card’ scheme during lockdown: SC to Centre : Sanjay Patil

Adopt ‘one nation, one ration card’ scheme during lockdown: SC to Centre : Sanjay Patil

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Sanjay Patil : NEW DELHI : THE Supreme Court has asked the Centre to consider the feasibility of “temporarily” adopting the “one nation, one ration card” scheme during the ongoing coronavirus lockdown period to enable the migrant workers and economically weaker sections (EWS) get subsidised foodgrains. The Central Government scheme is scheduled to be launched in June this year. A bench of Justices N V Ramana, Sanjay Kishan Kaul and B R Gavai, in an order passed on Monday said: “We direct the Union of India to consider whether it is feasible for it to implement the said scheme at this stage or not and take appropriate decision in this regard keeping in view the present circumstances.”
The top court disposed of a plea filed by advocate Reepak Kansal, who sought the launching of the scheme, for the benefit of migrant workers, beneficiaries and citizens of other States stranded in different places due to the nationwide lockdown. “The petitioner seeks the indulgence of this court to protect and safeguard right of migrant labourers /beneficiaries / citizens of other States/ UT/ tourists to get their entitlement of subsidised foodgrains and benefits of Government scheme etc introduced during the epidemic of coronavirus and nationwide lockdown in the State / UTs even if they are not in their respective home State / Union Territory by way of a mandamus to the concerned authorities to temporarily adopt One Nation One Umbrella Policy during the epidemic of corona due to absence of scheme of One Nation One Rashan Card,” the plea said on Tuesday.
He also sought direction to authorities for ensuring migrant labourers who are at present staying in rented premises or in transit camps do not go hungry for want of local identity cards or any identity cards. Kansal claimed that States and Union Territories have been giving preferences to its respective citizens and voters and denying benefits of subsidised grains / foods /shelter/ medical facilities to the migrant labourers or citizens of other States/ UTs due to absence of local identity proof like Ration card/residential proof or voter card even during the unprecedented nationwide lockdown due to COVID-19. “The scheme...Announced by Central Government is about to start... June, 2020. Due to lack of scheme of One Nation One Ration Card and another policy/ circular/notification by Central Government to protect the rights of migrant labourers in regard to protect the lives and health of above-said section. “The said section of the society has not been getting benefits of schemes of Central and State Government including subsidised foodgrains, shelter and medical facilities (except corona treatment),” the plea said.
प्रकाश आंबेडकर : "मुंबई, पुण्यातील लोकसंख्या कमी करा" : संजय पाटील

प्रकाश आंबेडकर : "मुंबई, पुण्यातील लोकसंख्या कमी करा" : संजय पाटील

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संजय पाटील : पुणे: राजस्थानातील कोटा येथे अडकलेल्या विद्यार्थ्यांना राज्य सरकारने परत महाराष्ट्रात आणले, हे एक चांगले काम झाले आहे. मात्र, यात काही नियोजन असल्याचे दिसून आले नाही, असं सांगतानाच राज्यातील करोनाचा प्रादुर्भाव रोखायचा असेल तर मुंबई, पुण्यासारख्या करोनाचा प्रचंड प्रादुर्भाव असलेल्या शहरातील लोकसंख्या ३० टक्के कमी करावी किंवा येथील नागरिकांचं गावाकडे स्थलांतर केल्यास करोनावरती नियंत्रण मिळवता येईल, असे मत वंचित बहुजन आघाडीचे अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर यांनी व्यक्त केले आहे.

राजस्थानातील कोटा येथे अडकलेल्या विद्यार्थ्यांना राज्य सरकारने परत महाराष्ट्रात आणले, हे एक चांगले काम झाले आहे. मात्र, यात काही नियोजन असल्याचे दिसून आले नाही, असं सांगतानाच राज्यातील करोनाचा प्रादुर्भाव रोखायचा असेल तर मुंबई, पुण्यासारख्या करोनाचा प्रचंड प्रादुर्भाव असलेल्या शहरातील लोकसंख्या ३० टक्के कमी करावी किंवा येथील नागरिकांचं गावाकडे स्थलांतर केल्यास करोनावरती नियंत्रण मिळवता येईल, असे मत वंचित बहुजन आघाडीचे अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर यांनी व्यक्त केले आहे.


राज्यातील दाट वस्ती असलेल्या अनेक भागात करोनाचे रुग्ण मोठ्या प्रमाणावर आढळत आहेत. या पार्श्वभूमीवर प्रकाश आंबाडेकर यांनी सरकारला काही महत्त्वपूर्ण सूचना केल्या आहेत. मुंबई आणि पुण्यात करोनाचे रुग्ण मोठ्या प्रमाणावर वाढत असून त्यासाठी या शहरातील ३० टक्के लोकसंख्या स्थलांतरित करण्याची गरज आहे. त्यासाठी किमान तीन दिवसांसाठी महाराष्ट्रापुरती रेल्वेसेवा सुरू करावी लागेल. भुसावळ, गोंदिया, नागपूर, नांदेड, लातूर, सोलापूर, कोल्हापूर आणि सिंधुदुर्गपर्यंत रेल्वे वाहतूक सीमावर्ती भागापर्यंत चालवण्याची गरज आहे. यातून प्रवास करणाऱ्या प्रवाशांना आपल्या गावी गेल्यावर जिल्हाधिकाऱ्यांनी या प्रवाशांना ताब्यात घेऊन क्वांरोनटाईन केल्यावरच त्यांना त्यांच्या मूळ गावी पाठवल्यास गावकऱ्यांमध्ये अशा लोकांप्रती भीती राहणार नाही. शिवाय ज्या लोकांकडे खासगी वाहने, बसेस आहेत या बसेसमधूनही अनेक लोकांना स्थलांतरित करण्यात यावे, ज्या ठिकाणी रेल्वे सुविधा नाही अशा ठिकाणी या बसेस पाठवून देणे गरजेचे आहे. असे नियोजन केल्यास दाट वस्ती असलेल्या शहरांमधील लोकसंख्या कमी करून करोनावर नियंत्रण मिळविता येईल. राज्य सरकारने असे नियोजन केले तर करोनावर मात करणं शक्य होईल, असंही आंबेडकर म्हणाले.

लॉकडाऊनला विरोध करण्यास आता सुरुवात झाली असून वांद्रे येथे जमलेली मजुरांची गर्दी हे त्याचे उदाहरण आहे. लॉकडाऊन वाढविल्याने हातावर पोट असणाऱ्या कामगारांना उपासमारीची वेळ येईल असे वाटू लागल्याने, त्यांनी आपला विरोध दर्शविला. शासनाकडे अन्नधान्याचा साठा असूनही त्याचे मोफत वाटप झाले नाही म्हणून त्याचा वांद्रे येथे उद्रेक झाला. शासनाने आता तरी जागं व्हावं. शासनाने योग्य ती पावलं उचलली नाही तर त्याचा उद्रेक देशभर होईल; असा इशारा वंचित बहुजन आघाडीचे नेते प्रकाश आंबेडकर यांनी दिला आहे.

पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी येत्या ३ मे पर्यंत लॉकडाऊन वाढवण्याची घोषणा केली आहे. त्यामुळे हातावर पोट असलेल्या कामगारांचा संयम सुटला. त्यांनी हजारोंच्या संख्येने वांद्रे टर्मिनस येथे गर्दी करून या लॉकडाऊनला विरोध केला. लॉकडाऊन वाढवल्याने आपल्यावर उपासमारीची वेळ येईल, अशी भीती या कामगारांना वाटली आणि त्यातूनच हा प्रकार घडला. यावेळी पोलिसांनी लाठीचार्ज करून जमाव पांगविला, असं सांगतानाच शासनाकडे अन्नधान्याचा प्रचंड साठा असल्याने सरकारने हातावर पोट असलेल्यांना दोन महिन्याचे धान्य मोफत वाटावे, अशी आम्ही विनंती केली होती. परंतु, त्याकडे दुर्लक्ष केल्याने वांद्रे येथे मजुरांचा उद्रेक झाला, असा दावा आंबेडकरांनी केला आहे.

शासनाने कृती करण्याऐवजी २१ दिवसांमध्ये करोना कसा थांबवला याचंच गुणगान करण्यात सरकार मश्गुल आहे.परंतु ज्यांचे हातावर पोट आहे, त्यांना काय सुविधा, मदत देणार, याबाबत प्रशासनाकडून काहीच अपेक्षित उत्तर देण्यात आलेलं नाही किंवा तसा खुलासाही झाला नाही. त्यामुळे वांद्रे सारखे उठाव आता महाराष्ट्रभर होतील आणि असे उठाव झाले तर देशभर उठाव व्हायला वेळ लागणार नसल्याचेही आंबेडकर म्हणाले. त्यामुळे जागे व्हा आणि कामाला लागा, असं आवाहनही त्यांनी सरकारला केलं आहे.'सीएम फंडातील योगदान CSR मध्ये ग्राह्य धरा'


दरम्यान, गुजरात राज्यातील सुरत या ठिकाणी कामगारांनी अशाच प्रकारे सरकार विरोधात आवाज उठवत रस्त्यावर आंदोलन केले. त्यामुळे प्रशासनावरील नाराजी आता दिसून येऊ लागली आहे. महाराष्ट्रापाठोपाठ आता गुजरातमध्येही लॉकडाऊनला विरोध करण्यास सुरुवात झाली आहे. असे उठाव देशभर होणार असल्याचे संकेत आंबेडकरानी दिल्यानंतर काही तासांतच सुरतमध्येही कामगारांनी आंदोलन केल्याचं समोर आलं आहे.

Wednesday, 29 April 2020

  नितीन गडकरी ,"सामाजिक व धार्मिक नेत्यांनी कोविड -19  परिस्थितीशी सामना करण्यासाठी सहकार्य करावे " : संजय पाटिल

नितीन गडकरी ,"सामाजिक व धार्मिक नेत्यांनी कोविड -19 परिस्थितीशी सामना करण्यासाठी सहकार्य करावे " : संजय पाटिल

Nitin Gadkari


संजय पाटिल : नागपूर : मंत्र्यांनी व प्रशासकीय अधिका  बुधवारी सामाजिक व धार्मिक नेत्यांनी कोविड -19  परिस्थितीशी सामना करण्यासाठी सहकार्याने सहकार्य करावे असे आवाहन केले. नितीन गडकरी, केंद्रीय रस्ते वाहतूक आणि महामार्ग मंत्री; नितीन राऊत, जिल्ह्याचे पालकमंत्री डॉ. सुनील केदार, पशुसंवर्धन मंत्री; संजीव कुमार, विभागीय आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय, पोलिस आयुक्त डॉ. तुकाराम मुंढे, मनपा आयुक्त; रवींद्र ठाकरे, जिल्हाधिकारी; राकेश ओला, पोलिस अधीक्षक (नागपूर ग्रामीण); सतीश चतुर्वेदी, माजी मंत्री डॉ. गिरीश गांधी, माजी आमदार, जिल्हाधिकारी कार्यालयातील बचत भवन सभागृहात झालेल्या बैठकीत मुफ्ती, मौलाना, सामाजिक कार्यकर्ते आणि विचारवंतांना संबोधित केले. यावेळी बोलताना डॉ राऊत म्हणाले की कोविड -19 च्या प्रसंगाला आळा घालण्यासाठी प्रशासन युद्धपातळीवर काम करीत आहे.

नागपूर ‘रेड झोन’ मध्ये असल्याने प्रत्येकाने योग्य काळजी घेणे आवश्यक आहे, असे ते म्हणाले. प्रशासनाने विविध उपायांची अंमलबजावणी सुरू केली आहे. नागरिकांनीही सहकार्य वाढविणे आवश्यक आहे. रमजानचा पवित्र महिना सुरू होताच मुस्लिम बांधवांनी घरी नमाज द्यावा, असे डॉ राऊत म्हणाले. कोरोनव्हायरस पॉझिटिव्ह रूग्ण आढळून आले आहेत अशा ठिकाणी न भेटू द्या आणि साबणाने व पाण्याने नियमितपणे हात धुवावेत असे त्यांनी आवाहन केले. गडकरी म्हणाले की, लोक सुरक्षित राहण्यासाठी पाच-मुद्द्यांचा फॉर्म्युला पाळला पाहिजे - घरी राहून, मुखवटा घाला, मार्गदर्शक तत्त्वांचे अनुसरण करा, एकमेकांपासून सुरक्षित अंतर राखले पाहिजे आणि लक्षणे आढळल्यास डॉक्टरांचा सल्ला घ्यावा. त्यांनी लोकांना घरी नमाज अर्पण करण्याचे आवाहन केले.

मुफ्तीस, मौलानास, सामाजिक कार्यकर्ते आणि विचारवंतांचा समाजात प्रभाव आहे आणि त्यांनी कोविड -19 च्या प्रसार रोखण्याच्या प्रयत्नात प्रत्येकाने किमान १०० लोकांना मोबाईल फोनद्वारे संदेश पाठवावेत आणि प्रशासनास सहकार्य करावे, असे ते म्हणाले. प्रत्येकाच्या सहकार्याने नागपूर कोरोनव्हायरसमुक्त होईल आणि शहर पुन्हा सामान्य होईल, अशी आशा त्यांनी व्यक्त केली. संजीव कुमार यांनी लोकांना घरीच राहून मार्गदर्शक सूचना पाळण्याचे आवाहन केले. मुंढे म्हणाले की, नागपूर महानगरपालिकेने रमजान कालावधीसाठी कृती आराखडा तयार केला होता, त्या अंतर्गत सर्व सुविधा कंटेंट झोनमध्ये पुरविण्यात येत होती.

मनपाने 23 लाख लोकांचे सर्वेक्षण पूर्ण केले असून आता शहरात गर्भवती महिलांची तपासणी सुरू आहे. त्यांनी लोकांना घरीच राहावे असे आवाहनही त्यांनी केले. कायदा व सुव्यवस्था कायम राखण्यासाठी शहरात साडेसात हजार पोलिस तैनात करण्यात आले असल्याची माहिती डॉ उपाध्याय यांनी दिली. ठाकरे म्हणाले की, घश्याच्या थैल्या घेण्याची गती वाढली असून दररोज 540 नमुन्यांची चाचणी घेण्यात येत आहे. आतापर्यंत 7,174 च्या नमुन्यांची चाचणी घेण्यात आली आहे. तसेच आरोग्य सेवा, गरजूंना अन्न, विविध उपाययोजनांसाठी वापरल्या जाणा  निधी इत्यादींसह विविध उपाययोजनांची माहिती त्यांनी उपस्थितांना दिली. निवासी उपजिल्हाधिकारी रवींद्र खजनजी यांनी ही कार्यवाही केली.

‘nagpurhealthsurveillance.apk (drive google.com)’

 ‘nagpurhealthsurveillance.apk (drive google.com) सुरू करण्यात आला प्रशासनाने नागपूर हेल्थ पाळत ठेवणे मोबाइल फोन applicationप्लिकेशन सुरू केले आहे ज्यामुळे पेरासिटामॉल, खोकला सिरप, आणि खोकला, सर्दी आणि ताप या विषयी डॉक्टरांचा सल्ला घेत असलेल्या औषधांच्या विक्रीची माहिती गोळा केली जात आहे. विभागीय आयुक्त डॉ.संजीव कुमार यांनी केमिस्ट आणि ड्रगिस्ट आणि डॉक्टरांनी सहकार्याने वाढविण्याचे आवाहन केले. केमिस्ट्स आणि ड्रगिस्ट्स आणि डॉक्टर्सनी ‘अॅप नागपुरहेल्थसुरव्हिलन्स.एपके (ड्राइव्ह गूगल डॉट कॉम)’ या अर्जावर नोंदणी करावी आणि वरील सशुल्क माहिती दररोज अपलोड करावी. या आकडेवारीच्या आधारे नागरिकांची पाळत ठेवली जाईल, असेही ते म्हणाले. या अर्जावर आतापर्यंत 651 औषधांची दुकाने व अनेक डॉक्टरांनी नोंदणी केली असल्याचे त्यांनी सांगितले.

पीएसयू बरोबर सहयोग करून  सरकार गृहनिर्माण संस्था विकतील: नितीन गडकरी

 दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी म्हणाले की, शहरांमध्ये विक्री न झालेल्या युनिटची मोठी यादी असल्याने रिअल इस्टेट क्षेत्राला सरकार आणि सार्वजनिक क्षेत्रातील उपक्रम (पीएसयू) यांच्याशी करार करून आवश्यक ती तरलता मिळू शकेल, ज्यात कर्मचा r्यांसाठी घरांची आवश्यकता आहे.रिअल इस्टेट क्षेत्र केंद्र, राज्य सरकार आणि पीएसयू यांच्याबरोबर काम करू शकते आणि त्यांचे विकले गेलेले युनिट त्यांच्या कर्मचार्‍यांच्या वापरासाठी पूर्ण किंवा अंशतः विकू शकेल,ते बुधवारी नॅशनल रिअल इस्टेट डेव्हलपमेंट कौन्सिलच्या (नरेडको)   : 
(NAREDCO)  ऑनलाइन सेमिनारमध्ये भाग घेत होते.

 “केंद्र सरकारने व राज्य सरकारांनी स्वत: च्या योजना बनविण्याऐवजी या योजना घेऊ आणि वाटाघाटी करू शकतील. आपल्यास [रिअल इस्टेट डेव्हलपर] तरलता मिळेल. सरकारांना लोकांसाठी स्वस्त घरं मिळतील. लोकांसाठी सर्व साठा साफ केला जाईल, ”केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी म्हणाले.

रिअल इस्टेट सेक्टरमध्ये स्वत: च्या नॉन-बँकिंग फायनान्सियल कंपन्या (एनबीएफसी) स्थापन केल्या जाऊ शकतात जसे ऑटोमोबाईल कंपन्यांकडे सरकारी आणि बँक इक्विटी तसेच विदेशी गुंतवणूकी होती. या कंपन्या कमी व्याजदर सक्षम करु शकतील, ज्यामुळे मागणीला चालना मिळेल.

रिअल इस्टेट डेव्हलपर्सना औद्योगिक कॉरिडॉरच्या शेजारी स्थापन करण्याचा प्रस्ताव असलेल्या स्मार्ट शहरे आणि खेड्यांमध्ये गुंतवणूक करण्यास सांगितले.


या क्षेत्राला मदत पॅकेजेससाठी नरेडको सदस्यांनी दबाव आणला असता ते म्हणाले की सरकार एकूणच पॅकेजवर काम करीत आहे.

रस्ते वाहतूक आणि महामार्ग आणि सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगांचे विभाग असलेले श्री. गडकरी म्हणाले की, गृहनिर्माण क्षेत्रासाठी ते संबंधित मंत्री नसले तरी या क्षेत्राला मदत करण्यासाठी त्यांच्याकडे काही सूचना आहेत.


यापूर्वी नरेडकोचे अध्यक्ष निरंजन हिरानंदानी यांनी गेल्या दीड वर्षात कमी मागणीची चिंता व्यक्त केली आणि असे म्हटले होते की, “अनेक रीअल इस्टेट कंपन्यांना तरलतेचे संकट येत आहे.”

आर्थिक संकट लढा

श्री. गडकरी म्हणाले, “आम्ही कोविड -19  विरुद्धचा लढा जिंकू. त्यानंतर, आम्हाला आर्थिक संकटाचा सामना करावा लागेल. कोविड -19 पूर्वी या क्षेत्राची स्थिती (रिअल इस्टेट) चांगली नव्हती. "


रस्ते पायाभूत सुविधांच्या प्रकल्पांचे उदाहरण देऊन त्यांनी गृहकर्जेची मुदत वाढवण्याची सूचनाही केली.

ऊर्जामंत्री डॉ. नितीन राऊत , "कमी वीजदरांनी व्यवसाय वृद्धी" : संजय पाटील

ऊर्जामंत्री डॉ. नितीन राऊत , "कमी वीजदरांनी व्यवसाय वृद्धी" : संजय पाटील

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 संजय पाटील : नागपूर : राज्यात वीज कंपन्या व नियामक आयोगाच्या समन्वयातून वीजदर कमी करण्यात आले आहेत. त्यामुळे उद्योग व व्यवसाय वृद्धीसाठी मोठा हातभार लागेल, असा दावा काँग्रेसचे प्रदेश कार्याध्यक्ष व राज्याचे ऊर्जामंत्री डॉ. नितीन राऊत यांनी केला.
डॉ. राऊत यांनी बुधवारी सायंकाळी व्हिडीओ कॉन्फरन्सिंगच्या माध्यमातून पत्रकार परिषद घेतली. राज्यातील वीजदर सरासरी सात टक्के कमी करण्यात आला आहे. वाणिज्यिक व औद्योगिक दर येणाऱ्या पाच वर्षांमध्ये वापर आकारानुसार सुमारे १० ते १५ टक्के कमी करण्यात आला आहे. घरगुती विजेचे दर हे वापर आकारानुसार पाच टक्के कमी करण्यात आले आहेत. औद्योगिक व व्यावसायिक वीज ग्राहकांना वाढीव वीज वापरांवर ७५ पैसे प्रति युनिट सवलत राहिल. औद्योगिक व व्यावसायिक ग्राहकांवर आगामी तीन महिने स्थिर आकार लागू होणार नाही. कृषी ग्राहकांना कोणतीही वीजदरवाढ करण्यात आलेली नाही. 'सोलर रूफ टॉप' वापरणाऱ्या ग्राहकांना कोणताही अतिरिक्त भार नाही, असा दावाही त्यांनी केला.
अदानी, टाटा, बेस्ट व महावितरण या चारही कंपन्यांचे दर कमी करण्यात आले आहेत. सौरउर्जा ग्रीड सपोर्ट चार्ज शून्य केला आहे. यामुळे सौरउर्जा क्षेत्राला प्रोत्साहन देणे शक्य होईल. मराठवाडा व विदर्भासाठी देण्यात आलेला अनुदानाचा कॅप वाढविण्यासाठी तसेच उर्वरित महाराष्ट्रासाठी देखिल पॅकेज देण्याबद्दल प्रयत्न सुरू आहे. घरगुती वापराच्या बिलांचे मीटर रिडींग घेण्यात येणार नाही. मागील महिन्याच्या सरासरी बिलावरून वीज देयक तयार करण्यात येईल. मार्च महिण्याचे बील १५ मे पर्यंत तर एप्रिल महिण्याचे बिल ३१ मे पर्यंत भरण्याची सवलत देण्यात आली आहे, असेही ऊर्जा मंत्र्यांनी स्पष्ट केले.
लॉकडाउन काळात २४ तास अखंड वीज पुरवठा सुरू ठेवण्यात मोलाचे योगदान देणाऱ्या कर्मचाऱ्यांचा गौरव करण्यात येईल. ग्राहकाशी थेट संपर्क होऊ नये यासाठी मिटर रिडिंग, विजबिल वितरित करणे, वीजबिल भरणा केंद्र, वीज चोरी मोहिम, वीज पुरवठा खंडित करणे आदी प्रक्रिया थांबविण्यात आली आहे, असेही डॉ. राऊत यांनी सांगितले.
३२ लाख नागरिकांना मदत
काँग्रेस पक्षाच्यावतीने रोज ६० हजाराहून अधिक नागरिकांना भोजन देण्यात येत अरहे. विविध केंद्राच्या माध्यमातून ३२ लाखांहून अधिक लोकांना थेट मदत करण्यात आली. १८ लाख नागरिकांना अन्नधान्याचे वाटप करण्यात आले. १६ लाख नागरिकांना औषध, मास्क व इतर आवश्यक साहित्य देण्यात आले आहे. डॉक्टर्स, पोलिस व प्रशासनाला ५ हजारहून अधिक पीपीई किट्सचे वाटप केले. प्रमुख शहरात मोबाइल क्लिनिक सेवा सुरू केली. युवक काँग्रेसने रक्तदान शिबिरातून १४ हजार ५१७ पिशव्या रक्त जमा केले. पक्षाच्य सर्व आघाड्या मदत कार्यात सहकार्य करण्यात असल्याची माहितीही डॉ. राऊत यांनी दिली.

अधिकारी संघटनेतर्फे दोन लाखांची मदत

महाराष्ट्र राज्य विद्युत मंडळ अधिकारी संघटनेतर्फे मुख्यमंत्री कोविड-१९ सहायता निधीसाठी दोन लाख रुपयांचा धनादेश राज्याचे ऊर्जामंत्री आणि नागपूरचे पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत यांना सोपविण्यता आला.
नागपूरचे जिल्हाधिकारी रवींद्र ठाकरे यांच्यामार्फत या निधीचा धनादेश पालकमंत्र्यांना सुपूर्द करण्यात आला. यावेळी पोलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय उपस्थित होते. धनादेश हस्तांतरित करताना अधिकारी संघटनेचे केंद्रीय कार्याध्यक्ष प्रवीण काटोले, पतसंस्थेचे सचिव नीलेश जुमळे, नागपूर परिमंडळाचे सचिव अतुल राऊत आदी उपस्थित होते. धनदेश सुपूर्द करण्यासाठी आलेल्या अधिकाऱ्यांचा यावेळी सुरक्षित वावर होता. तत्पूर्वी
महाराष्ट्र राज्य विद्युत मंडळ अधिकारी संघटनेतर्फे एक लाख रुपयांच्या निधीचा धनादेश मुख्यमंत्री कोविड-१९ सहायता निधीसाठी देण्यात आला. अधिकारी संघटनेकडून तीन लाख रुपयांच्या निधीचा धनादेश देण्यात आला आहे.
Serving humanity is their sole aim
Various organisations in city are continuing their humanitarian services in lockdown period.
MSEDCL Maharashtra State Electricity Board Officers Union has collected Rs two lakh for Chief Minister’s COVID 19 relief funds. The cheque of the same amount was handed over at the hands of Nagpur District Guardian Minister and Maharashtra Energy Minister, Dr Nitin Raut to District Collector Ravindra Thakre. Nagpur Commissioner of Police, Dr Bhushan Kumar Upadhyay was also present on this occasion. Central Working President, Pravin Katole; Patsanstha Secretary, Nilesh Jumale; Nagpur Circle Secretary, Atul Raut were also present. Before this an amount of Rs one lakh was also given to Chief Minister’s fund.

Ronel Michael and friends The group of friends of Ronel Michael served 100 families by donating essential kits. The friends including Priysheel Mate, Darshan Ambilduke, Devendra Mundle, Vicky Raut, Allahad Shriwaskar, Ritesh Ambhore, Abhinav Shrirao, Anurag Harne, Piyush Kale, Praveen Waghmare, Pratik Gadwe, Pratik Dhote and Shrikant Khandale donated the kits.
Maharashtra Pradesh Youth Congress Nagpur
National President of Youth Congress B V Shriniwas has informed that Youth Congress members are working continuously to help people. The campaign ‘Bharat Wear Masks’ started by Youth Congress in North Nagpur has received an overwhelming response. Youth congress has started a campaign to distribute food and masks to needy people in city. The youth congress members had started a kitchen to cook food and distributing the same to poor and needy persons. Under the guidance of Vice-President, Kunal Raut 5,500 masks, sanitisers, hand gloves were distributed by the members to sanitation workers, doctors and police in North Nagpur area. Mask Pehno Abhiyan was made successful by Corporator Dinesh Yadav, Tushar Nandagawali, Pradesh Ganeral Secretary, Ajit Singh, Durgesh pandey, Ram Yadav, Ajmal Ahmed, Sahebrao Sirsath, Ashish Wankhede, Shubham More, Amol Rangari, Adesh Rangari, Rakesh mate, Gautam Gajbhiye, Pavan Dhamgaye, Shramit Popare, Palash Lingayat, Sunny Sharma, Ashish Jambhore etc.
Maharashtra Association of Social Work Educators The members MASWE collected Rs 2.07 lakh for Chief Ministers Relief Fund and donated the cheque to the same amount to Nagpur District Collector, Ravindra Thakre. Vice-President, Dr Vijay Shingnapure, Secretary, Dr Anant Barde, Treasurer, Dr Dilip Barhate, members Dr Sanjay Fulkar and Dr Vilas Ghode handed over the cheque to District Collector for Chief Minister’s Fund. Founder President, Prof Ambadas Mohite, President Dr Deepak Walokar and other members thanked all members for contributing to the Chief Minister’s fund.
निम्मा विदर्भ ‘रेड झोन’मध्ये ! संजय पाटील

निम्मा विदर्भ ‘रेड झोन’मध्ये ! संजय पाटील

COVID-19: Maharashtra intends to give some relaxation to green ...

संजय पाटील : नागपूर : करोनाची रुग्णसंख्या दिवसागणिक वाढू लागल्याने निम्मा विदर्भ 'रेड झोन'मध्ये आला आहे. अकरापैकी नागपूर, यवतमाळ, अमरावती, अकोला आणि बुलडाणा या पाच जिल्ह्यांमध्ये पंधराहून अधिक रुग्णसंख्या झाल्याने धोकादायक यादीत गणले गेले आहेत. वाशीम, गोंदियानंतर भंडाऱ्यातही प्रत्येकी एक करोना पॉझिटिव्ह रुग्ण आढळल्याने हे जिल्हे 'ऑरेंज झोन'मध्ये तर वर्धा, गडचिरोली आणि चंद्रपूर जिल्ह्यांनी 'ग्रीन झोन'मधील आपले स्थान कायम राखले आहे. जिल्ह्यात रुग्णांची नोंद होऊ नये म्हणून प्रशासन नियमांची काटेकोर अंमलबजावणी करण्याचा प्रयत्न करीत आहे.
एप्रिलच्या पहिल्या आठवड्यात आयसीएमआरने करोनाच्या रुग्णसंख्येच्या अनुषंगाने झोन निर्धारित करीत देशातील हॉटस्पॉट जाहीर केले होते. विदर्भातील नागपूर आणि बुलडाणा हे दोन जिल्हे रेड झोनमध्ये होते. नागपुरात २७ तर बुलडाण्यात केवळ १७ रुग्णांची नोंद होती. दोन्ही जिल्ह्यांमध्ये १५हून अधिक रुग्ण असल्याने त्यांचा समावेश रेड झोनमध्ये करण्यात आला होता. पण, त्यानंतर तीन नवे जिल्हे रेड झोनमध्ये आले आहेत. यामध्ये यवतमाळ, अमरावती आणि अकोल्याचा समावेश आहे. या सर्व जिल्ह्यांत दिवसागणिक रुग्णसंख्या वाढू लागली आहे.
नागपुरात मंगळवारी सायंकाळपर्यंत १३३ रुग्णांची नोंद करण्यात आली होती. त्यातील एकाचा मृत्यू झाला आहे. बुलडाण्यात २६पैकी एकाचा एकाचा मृत्यू झाला आहे. या दोन्ही जिल्ह्यांमध्ये सातत्याने रुग्णांची संख्या वाढू लागली आहे. तरीही नागपूरनंतर यवतमाळात सर्वाधिक रुग्णसंख्या आहे. यवतमाळात १३ रुग्ण सापडले असतानाच 'रेड झोन'मध्ये याची नोंद करण्यात आली होती. नागपूर आणि पुण्यात आढळलेले पण मूळचे यवतमाळकर असलेल्यांची नोंदही जिल्ह्यात करण्यात आल्याने रुग्णसंख्या १५वर पोहचली होती. नंतर माहिती विभागाने या रुग्णांची नोंद वगळत आकडेवारी जाहीर केल्याने हे रुग्ण नेमके कुठले हा वादही निर्माण झाला होता. हा वाद कायम असतानाच २५ एप्रिलला एकाच दिवशी २० पॉझिटिव्ह रुग्ण आढळल्याने आकडा ४६वर पोहचला. २६ एप्रिला १६, २७ला १९ तर २८ एप्रिलला सहा नवे करोना पॉझिटिव्ह आढल्याने यवतमाळची वाटचाल शतकाकडे सुरू झाली. सध्या या जिल्ह्याची रुग्णसंख्या ८७ असून हे पवारपुरा आणि इंदिरानगर या दाट वस्तीतील असल्याने चिंता वाढली आहे.
करोनामुळे मृत्यू होणाऱ्या रुग्णांची संख्या बघता अमरावतीत परिस्थिती अधिक गंभीर असल्याचे दिसून येत आहे. २३पैकी सात रुग्णांचा आतापर्यंत मृत्यू झाला आहे. ही विदर्भातील सर्वाधिक नोंद मानली जात आहे. हे सातही रुग्ण मृत्यूनंतर करण्यात आलेल्या तपासणीत पॉझिटिव्ह आढळले होते. या जिल्ह्यात २५ करोना पॉझिटिव्ह आढळले आहेत. अकोल्यात ११ एप्रिलपर्यंत केवळ १२ रुग्णांची नोंद होती. त्यामुळे हा जिल्हा ऑरेंज झोनमध्ये होता. त्यानंतर सात नव्या रुग्णांची नोंद करण्यात आल्याने पॉझिटिव्हचा आकडा १९ वर पोहचला आहे. १५ एप्रिलला एकाचा मृत्यू तर एका करोना पॉझिटिव्ह आलेल्या रुग्णाने आत्महत्या केली.
भंडारा 'ऑरेंज झोन'मध्ये
भंडारा जिल्हा सोमवारपर्यंत ग्रीन झोनमध्ये होता. पण, गराडा येथील एक महिला करोना पॉझिटिव्ह आढळल्याने हा जिल्हा ऑरेंज झोनमध्ये गेला आहे. आजवर निर्धास्त असलेले जिल्ह्यातील लोक हादरले आहेत. गावांच्या सीमा अधिक कडक करण्यात आल्या आहेत. गराडा परिसरातील गावे सील करण्यात आली असली तरी त्याबाहेरील गावांनीही स्वत:च्या सुरक्षेसाठी उपाय योजले आहेत. मानेगाव बाजार हे या परिसरातील मुख्य बाजारपेठेचे गाव. या गावाने गराड्यात रुग्णाची नोंद होताच गाव पंचायत बोलावून इतर गावांमध्ये जाणाऱ्या लोकांना मज्जाव केला. सोबतच सकाळी बोरगाव किंवा इतर गावांत जाणाऱ्या शेतकऱ्यांना आता गावातच दूध विक्री करण्याचे निर्देश दिले. सोशल मीडियावरही यासंबंधीचे भावनिक पोस्ट केले जात आहेत. 'शेवटी नजर लागली आमच्या जिल्ह्याला' असे स्टेट्‌स ठेवले जात आहेत.
ग्रीन यादीत उरले तीन जिल्हे
पूर्व विदर्भातील भंडारा, गडचिरोली, चंद्रपूर आणि वर्धा या चार जिल्ह्यांनी करोनाला दूर राखत ग्रीन यादीत स्थान कायम राखले होते. या जिल्ह्यांमध्ये व्यवहार सुरळीत होण्याच्या मार्गावर असतानाच भंडाऱ्यात करोना पॉझिटिव्ह आढळल्याने ग्रीन झोनमधील जिल्ह्यांत केवळ तीनच जिल्हे उरले आहेत.
Barricades put up at Baje
Part of Bajeriya put under containment zone
Part of Bajeriya in Central Nagpur was put under containment zone by the civic authorities following emergence of one more COVID-19 positive patient on Friday. Municipal Commissioner Tukaram Mundhe issued a notification on Friday thereby putting curbs on movement of people in the area. The limits of the area is in an around Nageshwar Temple in Mahal part of Gandhibagh Zone no. 6. As per the limits to North East-upto Ganesh Temple, to North West-Nannumal building, to South West-Shitalamata Temple and to South East-Empress Mill Wall.
Civic officials put up barricades and police pickets were in place in all the four directions to strictly enforce regulated entry and exit. Only movement of essential goods and men engaged in allied activities is permitted while majority of the citizens of the area will have to stay inside the continament zone.