संजय पाटिल : नागपुर प्रेस मीडिया : 28 जून 2020 : भंडारा. पहले ही लॉकडाउन से सर्वसामान्य व्यक्तियों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. उसमें पेट्रोल डीजल के आसमान छूते भाव किसानों तथा सामान्य जनता की कमर ही तोड़ दी है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने की मांग भारिप-बहुजन महासंघ के महासचिव दीपक गजभिये ने की है. गजभिये ने कहा है कि अगर शीघ्र उनकी इस मांग की ओर ध्यान नहीं दिया गया को तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा.
रोज हो रही वृद्धि
6 जून से हर रोज 60 से 70 पैसे प्रति लीटर पेट्रोल तथा डीजल के भाव में वृद्धि की जा रही है. 18 दिनों में पेट्रोल-डीजल के भाव में 7 से 8 रूपए की वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं तो एक माह की समयावधि में पेट्रोल, डीजल के भाव में 10 रूपए प्रति लीटर की वृद्धि तो नहीं होगी, ऐसा भय लोगों में व्याप्त है. पेट्रोल का भाव बढ़ने से किसानों को ट्रैक्टर का खर्च वहन करना भी मुश्किल हो रहा है. रासायनिक खाद, कीटनाशक दवाओं की कीमतें भी बहुत ज्यादा है.
6 जून से हर रोज 60 से 70 पैसे प्रति लीटर पेट्रोल तथा डीजल के भाव में वृद्धि की जा रही है. 18 दिनों में पेट्रोल-डीजल के भाव में 7 से 8 रूपए की वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं तो एक माह की समयावधि में पेट्रोल, डीजल के भाव में 10 रूपए प्रति लीटर की वृद्धि तो नहीं होगी, ऐसा भय लोगों में व्याप्त है. पेट्रोल का भाव बढ़ने से किसानों को ट्रैक्टर का खर्च वहन करना भी मुश्किल हो रहा है. रासायनिक खाद, कीटनाशक दवाओं की कीमतें भी बहुत ज्यादा है.
खर्च ज्यादा, उपज कम
खर्च ज्यादा और उपज कम ऐसी दयनीय हालत में किसान अपना जीवन व्यतित कर रहा है. सरकार की ओर से पूर्व में घोषित की गई मदद भी अभी तक किसानों के खाते में नहीं पहुंच पायी है, ऐसे में किसानों की हालत भी अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है. इस मांग की ओर अगर महाराष्ट्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो किसानों तथा सर्वलामान्य जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा. यह चेतावनी भारिप बहुजन महासंघ के लक्ष्मण तिरपुड़े, नरेंद्र बंसोड़, भीमराव बंसोड, कार्तिक तिरपुड़े, महावीर घोडेस्वार, नागोराव खोब्रागड़े आदि ने दी है.
खर्च ज्यादा और उपज कम ऐसी दयनीय हालत में किसान अपना जीवन व्यतित कर रहा है. सरकार की ओर से पूर्व में घोषित की गई मदद भी अभी तक किसानों के खाते में नहीं पहुंच पायी है, ऐसे में किसानों की हालत भी अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है. इस मांग की ओर अगर महाराष्ट्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो किसानों तथा सर्वलामान्य जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा. यह चेतावनी भारिप बहुजन महासंघ के लक्ष्मण तिरपुड़े, नरेंद्र बंसोड़, भीमराव बंसोड, कार्तिक तिरपुड़े, महावीर घोडेस्वार, नागोराव खोब्रागड़े आदि ने दी है.