Wednesday, 1 May 2019

अधीक्षक कार्यालयाच्या टाकीत डेंग्यूच्या अळ्या

अधीक्षक कार्यालयाच्या टाकीत डेंग्यूच्या अळ्या


संजय पाटील द्व्वारा
नागपूर---शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व रुग्णालयातील (मेडिकल) वैद्यकीय अधीक्षक कार्यालय आणि इतरत्र सुरू असलेल्या बांधकाम आणि डागडुजीमुळे कृत्रिम पाण्याच्या टाक्या तयार करण्यात आल्या. मात्र, तेथील पाण्याने तळ गाठला आहे. ही जागा डासांची उत्पत्तीस्थळे झाल्याने संपूर्ण परिसर कीटकजन्य आजारांच्या विळख्यात अडकण्याची भीती व्यक्त होत आहे. त्याकडे मेडिकल प्रशासनासह महापालिकेच्या आरोग्य विभागाचे दुर्लक्ष होत असल्याने येथील रुग्णांचा जीव टांगणीला लागला आहे.
जिल्ह्यात गेल्यावर्षी एडिस इजिप्ती या डासांमुळे होणाऱ्या डेंग्यूचे रुग्ण मोठ्या संख्येने आढळले होते. आरोग्य विभागाच्या नोंदीनुसार, नागपूर शहरात यावेळी ५६२ तर ग्रामीण भागात १०३ रुणांची नोंद झाली होती. मेडिकल परिसरातील वसतिगृहात राहणाऱ्या मेडिकलच्या एमबीबीएस या पदवीसह पदव्युत्तरच्या विद्यार्थ्यांसह एम्स आणि दंतच्या बऱ्याच विद्याार्थ्यांनाही डेंग्यूने ग्रासले होते. महापालिकेच्या आरोग्य विभागाकडून त्यानंतर मेडिकलच्या काही भागात केलेल्या पाहणीत येथे डेंग्यूच्या अळ्या आढळल्या होत्या. फवारणी केल्यावर डेंग्यूचे रुग्ण कमी झाले होते. या घटनेची अद्यापही मेडिकलने दखल घेतलेली नाही. या कार्यालयाच्या शेजारी असलेल्या पाण्याच्या टाक्यातच मोठ्या संख्येने डासांची उत्पत्ती झाली आहे. मेडिकल परिसरातील निर्माणाधीन इमारत परिसरात केलेल्या इतरही कृत्रिम टाकीत हीच स्थिती आहे. हे डास वाढून डॉक्टरांसह रुग्णांना डेंग्यू, मलेरियासह इतर कीटकजन्य आजार झाल्यास जबाबदार कोण, हा प्रश्न उपस्थित झाला आहे. मेडिकलमध्ये रोज बाह्यरुग्ण विभागात उपचाराला येणारे सुमारे तीन हजार रुग्ण, दोन हजारावर खाटांवरील रुग्णांसह वर्ग एक ते चारपर्यंतचे कायम व कंत्राटी कर्मचारी अशी सुमारे २० ते २५ हजार नागरिकांची रेलचेल येथे असते. यांनाही या आजाराचा धोका आहे.

Monday, 8 April 2019

PM is A "Blackmailer" Remarks, Prakash Ambedkar

PM is A "Blackmailer" Remarks, Prakash Ambedkar

Prakash Ambedkar alleged that PM Modi blackmailed Sonia Gandhi and her party saying if she did not want her son-in-law Robert Vadra to be in jail, they should refrain from joining hands with any other party.
After Poll Body Remarks, Prakash Ambedkar Now Calls PM A 'Blackmailer'
By Sanjay Patil 
MUMBAI: Agency
A day after he was charged for his remarks against the Election Commission, Dalit leader Prakash Ambedkar Friday accused Prime Minister Narendra Modi of being a blackmailer.
Addressing a poll rally at Akola in Maharashtra, Mr Ambedkar alleged that PM Modi blackmailed the UPA chairperson Sonia Gandhi and her party saying if she did not want her son-in-law Robert Vadra to be in jail, they should refrain from joining hands with any other party.
"Can anyone tell me why Congress did not have an alliance with any other party across the country? Modi had put a condition that if Congress party wants Robert Vadra not to be in jail, then it should refrain from forging an alliance with any other party," he claimed.
"That is why Congress did not have an alliance with any party. Modi is a blackmailer. He is blackmailing Sonia Gandhi and everyone else.
"This is Modi's style of functioning that Congress party did not have an alliance with the Aam Aadmi Party (AAP) in Delhi and Mamata Banerjee in West Bengal," Mr Ambedkar alleged.
Prakash Ambedkar, grandson of Dr Babasaheb Ambedkar, is contesting the upcoming Lok Sabha election from Akola and Solapur constituencies in Maharashtra as a candidate of
Vanchit Bahujan Aghadi (VBA).
VBA is an alliance of Ambedkar-led Bharip Bahujan Mahasangh (BBA) and Asaduddin Owaisi's AIMIM. The VBA is contesting all 48 Lok Sabha seats in the state.
Mr Ambedkar was in talks with the Congress-NCP for the Lok Sabha elections. The Congress-NCP combine had been trying to bring Mr Ambedkar, who has pockets of influence in the state, in its ''maha agadhi'', a grand alliance of anti-BJP parties.
However, talks in this regard remained inconclusive.
On Thursday, Mr Ambedkar had said at an election rally at Digras in Maharashtra's Yavatmal district that he will jail the EC for two days if voted to power for not letting political parties speak about the Pulwama terror attack.

Sunday, 7 April 2019

आंबेडकर ने कहा :   सत्ता में आए तो चुनाव आयोग को दो दिन के लिए भेजेंगे जेल : बीजेपी के एजेंट के रूप में  चुनाव आयोग का  काम.

आंबेडकर ने कहा : सत्ता में आए तो चुनाव आयोग को दो दिन के लिए भेजेंगे जेल : बीजेपी के एजेंट के रूप में चुनाव आयोग का काम.





























संजय पाटिल द्वारा
 नागपुर-----तीन बार सांसद रहे वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए)चुनाव आयोग ने प्रकाश अंबेडकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैदर्ज की है करवाई है। यह एफआईआर उनके बयान के लिए दर्ज कराई गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार आ गई तो वह चुनाव आयोग को दो दिन के लिए जेल भेज देंगे। प्रकाश आंबेडकर ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी  के सहयोगी के रूप में काम कर रहा है। 
महाराष्ट्र के यवतमाल जिले की रैली में आंबेडकर के इस बयान पर संज्ञान लेते हुए राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय चुनाव अधिकारियों से मामले पर रिपोर्ट तलब की है। आंबेडकर ने गुरुवार को एक रैली में कहा था, ‘हमने अपने 40 जवान खो दिए (पुलवामा हमले में) लेकिन फिर भी चुप हैं। हमें कहा गया है कि पुलवामा हमले पर बात ना की जाए। चुनाव आयोग हमें चुप कैसे करा सकता है? हमारे संविधान में हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है। मैं भाजपाई नहीं हूं। अगर मैं सत्ता में आया तो चुनाव आयोग को दो दिन के लिए जेल भेजूंगा।’ ‘मैंने यह बात समान परिप्रेक्ष्य में की थी लेकिन मेरे चुनाव आयोग पर दिए बयान को ही मुद्दा बनाया गया।’ 
‘वंचित बहुजन आघाडी’ (वीबीए) आंबेडकर के नेतृत्व वाले भारिप बहुजन महासंघ और असदुद्दीन ओवैसी एआईएमआईएम का एक गठबंधन है। वीबीए ने राज्य में 48 लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारें हैं। महाराष्ट्र में 11, 18, 23 और 29 अप्रैल को चार चरण में मतदान होंगे। 
मोदी सरकार के ख़िलाफ़ 'चार्जशीट'

मोदी सरकार के ख़िलाफ़ 'चार्जशीट'

मेधा पाटकर
संजय पाटील 
 दिल्ली---2014 से लेकर अब तक कम से कम 75 लोगों की मौत भूख से हुई है.-मोदी सरकार में 1.1 करोड़ नौकरियां साल 2018 में ही ख़त्म हुईहैं.-एक करोड़ 33 लाख रुपये सरकारी ख़ज़ाने से लूटे गए हैं. 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान का 56% आवंटित फ़ंड सिर्फ़ प्रचार-प्रसार में ख़र्च हुआ.2015 तक इंदिरा आवास योजना में 74% दलितों को घर मिले और 2017-18 तक ये आंकड़ा सिमटकर 0.2% रह गया है.
ये मुद्दे शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में उठाए गए.
People's Agenda यानी जन सरोकार की बात करने के लिए यहां देशभर से लोग इकट्ठा हुए थे.
सैकड़ों सामाजिक संगठनों की अपील पर आए लोगों ने कामगारों, किसानों, दलितों और महिलाओं के अधिकार के लिए आवाज़ उठाई. कार्यक्रम में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी पहुंचे.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस मंच पर पहुंची और उन्होंने 'जन सरोकार' को अपना समर्थन देने का ऐलान किया. उन्होंने इशारों ही इशारों में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा.
सोनिया ने अपने भाषण में कहा कि मौजूदा सरकार अपने ही किए वादों को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है और ऐसे क़ानून बना रही है जिससे उसके चहेते उद्योगपतियों और कारोबारियों को फ़ायदा हो.
उन्होंने कहा कि आज ऐसे लोगों को देशभक्त बताया जा रहा है जो देश की विविधता को स्वीकार नहीं करते.
सोनिया ने कहा, "हमें ऐसी सरकार चाहिए जो देश के सभी नागरिकों के प्रति उत्तरदायी हो.''
उन्होंने कहा, "ख़ास ताक़तों ने हमारे संस्थानों को व्यवस्थित रूप से नष्ट कर दिया है. वर्तमान सरकार ने पिछले 65 सालों के कल्याणकारी ढांचे को कमतर कर दिया है. जाति धर्म और विचारधारा के आधार पर अपने नागरिकों से भेदभाव को उचित ठहराया जा रहा है. हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सम्मान के साथ जीने की संवैधानिक गारंटी को फिर से प्राप्त करने की आवश्यकता है."
सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार के शब्दों और कर्मों में बिलकुल अंतर नहीं होना चाहिए, उनकी सरकार ने यह पहले भी करके दिखाया है और अगर उनकी सरकार फिर बनती है तो फिर करके दिखाएगी.
इसके अलावा कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, अहमद पटेल और राजीव शुक्ला समेत कई और नेता भी यहां उपस्थित थे.
'जन सरोकार' के मोर्चे पर मौजूदा सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए एक 'चार्जशीट' पेश की गई जिसमें सरकार की कई विफल नीतियों और वादों की ओर ध्यान खींचा गया.
कार्यक्रम के आयोजकों में शामिल समाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर अरुणा रॉय ने बीबीसी को बताया, ''चार्जशीट में जो भी बातें कही गई हैं वो पूरी तरह तथ्यों पर आधारित हैं. आर्थिक विषमता के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है. देश के 73% धन के मालिक 10% लोग हैं. ऐसे कई सूचक हैं. आप बेरोज़गारी को ही ले लीजिए, हाल के दिनों में जितनी बेरोजगारी बढ़ी है उतनी कभी नहीं बढ़ी. इन सारी चीज़ों को मिलाकर देखें तो भारत की कोई ख़ास प्रगति नहीं हुई है."
अपनी बात पूरी करते हुए अरुणा रॉय कहती हैं, "इसके अलावा देश में लोकतांत्रिक मूल्यों पर अत्याचार हुआ, बोलने की आज़ादी का क्या हाल हुआ है, कितने लोगों को जेल में डाला गया है, हिंसा और नफ़रत कितनी बढ़ गई है. ये रिपोर्ट कार्ड (सरकार का) तो बहुत बुरा रिपोर्ट कार्ड है. लेकिन हम विपक्षी दलों से ये भी कहना चाहते हैं कि आप अगर सत्ता में आते हैं तो आप पर भी ऐसे ही नज़र रखी जाएगी."
कार्यक्रम में जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी मौजूद थीं.
उन्होंने बीबीसी से कहा, "आज देश में प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार करने की साज़िश रची जा रही है. हमारा एजेंडा उन 93% मज़दूरों के लिए है जिन्हें असुरक्षित रखा गया है. हमारी कोशिश है कि सरकार न्यायपालिका के काम में दख़ल न दें. न्यायाधीशों की नियुक्ति में सरकार का हस्तक्षेप जनतंत्र को ख़त्म कर रहा है और इसके ज़रिए सरकार तमाम क़ानून बदलने में लगी हुई है. ऐसी स्थिति में हम लोग एकजुट होकर सरकार से देश को बचाने का एजेंडा मांग रहे हैं.''
अंबेडकर समुदाय को कांग्रेस-भाजपा के साथ नहीं जाना चाहिए : एक आदर्श मंथन : संजय पाटील

अंबेडकर समुदाय को कांग्रेस-भाजपा के साथ नहीं जाना चाहिए : एक आदर्श मंथन : संजय पाटील

The Ambedkar community should not be interspersed with the Congress-BJP | आंबेडकरी समाजाने काँग्रेस-भाजपमागे फरफटत जाऊ नये
संजय पाटील द्वारा: नागपूर : 7 : 4 : 2019 : कांग्रेस और भाजपा दोनों एक ही हैं। अम्बेडकरवादी समुदाय उनके साथ नहीं जाना चाहिए । इसलिए, कांग्रेस और भाजपा की आवश्यकता के बिना समाज की आत्म-शक्ति को प्रदर्शित करने की आवश्यकता है,  सूर संविधान चौक में आयोजित चर्चा में निकाला ।
लॉर्ड बुद्ध टीव्ही  ने शनिवार को संविधान चौक में एक संगोष्ठी का आयोजन किया। 'लोकसभा चुनाव 2019 और अंबेडकर समाज' इस संगोष्ठी का विषय था। विभिन्न पार्टी प्रतिनिधियों को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। इसमें कांग्रेस से संजय मेश्राम, बीजेपी से धर्मपाल मेश्राम,  वंचित बहुजन आघाडीतर्फे रवी शेंडे  बसपाकडून उत्तम शेवडे  मौजूद थे। इसके अलावा, नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. पूरन चंद्र मेश्राम भी मंच पर थे।
 लॉर्डबुद्ध टीवी निर्देशक भय्याजी खैरकर ने इस भूमिका को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, नागपुर बौद्ध अम्बेडकररी समुदाय काबालेकिल्ला रहा है। लेकिन इस की ताकत हाल ही में हुए चुनावों में नहीं देखी गई। इस लोकसभा चुनावों में, अंबेडकर समुदाय की सटीक भूमिका होनी चाहिए, इस संबंध में चर्चा चल रही है।
इस समय विभिन्न दलों के विभिन्न प्रतिनिधियों ने अपनी पार्टी की भूमिका को स्पष्ट किया। नागरिकों ने भी कई मुद्दों पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उदाहरण के लिए, नागरिकों ने खैरलांजी मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। यह पूछे जाने पर कि क्या खैरलांजी मामले से संबंधित व्यक्ति को उम्मीदवारी दी गई थी, लोगों ने आरक्षण और संवैधानिक मुद्दों पर भाजपा को घेरा।
एक सांसद और एक विधायक पाने के लिए अन्य दलों के साथ गठबंधन नहीं होना चाहिए।
वह इस संगोष्ठी में  इस तरह के मुद्दों को आरक्षण, रोस्टर, पाली भाषा के विषयों, पदोन्नति को बढ़ावा देने, छात्रवृत्ति और अन्य मुद्दों के साथ अन्य दलों द्वारा नेतृत्व किया जाना चाहिए।
 सचिन मून , राजू मून, महेश नागपुरे, दत्ताजी गजभिए, अजय डोंगरे, दिनेश सोमकुन, कुणाल कांबले, सिद्धार्थ सोनारे द्वारा निर्देशित लॉर्ड मून भी उपस्थित थे।
डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर को रोकने के लिए काम कांग्रेस शुरू से ही कर रही है। बाबासाहेब ने बौद्ध भारत का सपना देखा था और समाज को शासक बनाने का सपना देखा था। इस पर चिंतन करने की वास्तविक आवश्यकता है।

 रवी शेंडे
वंचित बहुजन आघाडी
डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर ने हमें संविधान दिया। लेकिन समुदाय को संविधान का अधिकार नहीं मिला है। इतने सालों तक सत्ता में रही कांग्रेस  की वजह  से यह नहीं मिला। हर अधिकार प्राप्त करणे के लिये  के लिए आंदोलन  आंदोलन कारण पडा। सड़कों पर उतरना शुरू कर दिया। इसलिए अब आपको अपनी लड़ाई लड़नी होगी।

उत्तम शेवडे
बसपा
.डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को रोकने के लिए कांग्रेस शुरू से ही काम कर रही है। बाबासाहेब ने बौद्ध भारत का सपना देखा था और समाज को शासक बनाने का सपना देखा था। इस पर चिंतन करने की वास्तविक आवश्यकता है।
संजय मेश्राम
काँग्रेस
कांग्रेस पर आरोप लगाया गया है। लेकिन अगर कांग्रेस वास्तव में बहुजन समाज के खिलाफ थी, तो डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को संविधान लिखने का अधिकार क्यों दिया गया? आज की स्थिति को समझें। आज जो चल रहा है, उसके बारे में सोचें।

धर्मपाल मेश्राम
भाजपा
चुनाव के बारे में सोचे बिना सामाजिक मुद्दों के बारे में सोच जा सकता है। डॉ। बाबासाहेब अम्बेडकर को त्रिकुटी संविधान में समानता, स्वतंत्रता और भाईचारा बताया गया है। जब सभी विचारधारा द्वंद्व नहीं है, तो सभी विचारकों के लिए अपने हाथों को हाथ में रखना और मानव कल्याण के बारे में सोचना संभव है।

डॉ. पूरन चंद्र मेश्राम
अम्बेडकर विचारधारा
डॉ.बाबासाहेब अम्बेडकर ने हमें त्रिकुटी दी है, वह है रिपब्लिकन पार्टी, संविधान और बौद्ध धर्म। आज ये तीन  क्या हैं, इस बारे में सोचने की जरूरत है। यद्यपि अम्बेडकर आंदोलन के कुछ नेता या कार्यकर्ता विभिन्न दलों में उपस्थित हो सकते हैं, लेकिन उनके सामाजिक कार्य को कम नहीं किया जा सकता है। आंदोलन की एकता के लिए सभी को एकजुट होने की जरूरत है।

Friday, 5 April 2019

 शेरनी कि दहाड : चौकीदार की नौटंकी बंद करें:  मायावती

शेरनी कि दहाड : चौकीदार की नौटंकी बंद करें: मायावती




















संजय पाटील द्वारा : नागपूर-ाभाजप के 'मैं भी चौकीदार'’और कांग्रेस के 'चौकीदार चोर हैं'  दोनों राजनीतिक माहौल में आग उगल रहे , जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने दोनों मुख्य दलों पर ऐसे शब्दों में हमला किया,'चौकीदारकी  नौटंकी बंद करो ’। भाजपा और कांग्रेस अपनी घोषणा से देश को बेवकूफ बना रहे हैं,
बीएसपी ने शुक्रवार को नागपुर के कस्तूरचंद पार्क से महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव के लिए अभियान का उद्घाटन किया। मायावती ने भाजपा और कांग्रेस दोनों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, 'देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं। गरीबों, वंचितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों को पहरा देकर परेशान किया जा रहा है। घृणा और सांप्रदायिक राजनीति द्वारा झूठे समूह बनाए जा रहे हैं। किसान, बेरोजगार, छोटे व्यापारी, महिलाएं शुरू से ही दुखी हैं। नोटबंदी और जीएसटी लागू करने से देश की अर्थव्यवस्था सूनी हुई है, गरीबी बढ़ी है। मध्यम वर्ग के लोग प्रभावित हुए। आज भी देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं है। कांग्रेस ने बोफोर्स बनाया, भाजपा राफेल ने। सीबीआई, ईडी, आईटी का दुरुपयोग इसलिए, दोनों दल एक  मालाकेमनीं हैं। '
कांग्रेस के दौरान अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय हुआ। वे आज सत्ता से बाहर हैं क्योंकि उन्होंने अपनी नीतियों को खो दिया है। इस देश में पूंजीपतियों और उद्योगपतियों को सीढ़ी प्रदान की जाती है। उनके हित के निर्णय लिए जाते हैं। उत्तर प्रदेश की सत्ता में रहते हुए, हमने गरीब लोगों के लिए निर्णय लिए। गुंडों को जेल में अपना सही स्थान दिखाया है। यदि आपके हाथ में शक्ति है, तो आप धार्मिक अन्याय को समाप्त करेंगे। हम एक व्यापक समाज और भाईचारा बनाएंगे। मायावती ने यह भी आश्वासन दिया कि भ्रष्टाचार आम लोगों के लिए स्थायी रूप से समाप्त हो जाएगा।

इससे पहले, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आज़मी ने 'दिल्ली में  फेकू  सरकार को गिराने' की अपील की। सत्ता में बैठे लोग संविधान के महत्व को नहीं समझते हैं यदि आप देश को एक साथ रखना चाहते हैं, तो सुरक्षा संरक्षकों को शक्ति दें, ”उन्होंने कहा। बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, आकाश आनंद, बसपा सांसद प्रभारी डॉ। अशोक सिद्धार्थ, प्रदेश अध्यक्ष सुरेश सखारे, अधिवक्ता। संदीप तजाने, कृष्णा बेले, सपा महासचिव परवेज सिद्दीकीउत्तम शेवडे प्रसिद्धी  प्रमुख और बसपा के सभी उम्मीदवार उपस्थित थे।

Wednesday, 3 April 2019

बौद्ध धर्म का पुनर्जागरण वैचारिक क्रांति : पद्मश्री डॉ सुखदेव थोरात

बौद्ध धर्म का पुनर्जागरण वैचारिक क्रांति : पद्मश्री डॉ सुखदेव थोरात

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संजय पाटिल द्वारा : वर्धा--आधुनिक भारत में, बौद्ध धर्म का पुनर्जागरण 1956 से हुआ। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष  सोचते हैं कि बौद्ध धर्म का पुनर्जागरण एक वैचारिक और मनोवैज्ञानिक क्रांति है। पद्मश्री डॉ.सुखदेव थोराट ने व्यक्त किया।

महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, पाली सोसाइटी ऑफ इंडिया और डॉ। भदंत आनंद कौसल्यायन बौद्ध अध्ययन केंद्र के सहयोग से ग़ालिब हॉल में पाली दिवस के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वह इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। कार्यकारी कुलपति प्रो.मनोज कुमार कार्यकारी रजिस्ट्रार प्रो.ए ए डॉ.सिंह, पाली सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भिक्षु स्वरूपानंद महाथेरो, प्रो. बालचंद खांडेकर डॉ.सत्यपाल, भदंत सदानंद महाथेरो, प्रो.अंगराज चौधरी, प्रो. बालचंद खांडेकर, डॉ.एम एल कासरे, प्रो.भागचंद जैन, प्रो. रमेश चंद्र नेगी, रमेश प्रसाद, भिक्षु नंदराटन, भिक्षु धम्माचार्य मौजूद थे। संचालन डाॅ. भदंत आनंद कौशल बौद्ध अध्ययन केंद्र के प्रभारी और स्थानीय संयोजक डॉ. सुरजीत कुमार सिंह ने किया है। स्वागत कार्यकारी कुलसचिव प्रो. ए ए सिंह ने किया है।

डॉ.थोराट ने कहा, बौद्ध धर्म के पुनर्जागरण के संबंध में, इसे राइज, फॉल और ट्रांसफॉर्मेशन के तीन तथ्यों को ट्रैक करना चाहिए। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में धर्म महत्वपूर्ण है और यह नैतिक मूल्यों को सिखाता है। अपने व्यापक बयान में, उन्होंने बौद्ध धर्म में मूल्य, विकास और धर्म की आवश्यकता के लिए कई ऐतिहासिक और सामाजिक संदर्भ दिए।

अध्यक्षीय भाषण में कार्यकारी कुलपति प्रो.मनोज कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी और आचार्य विनोबा भावे का मानव धर्म मानव कल्याण के लिए उपयोगी है। मनुष्य का अवतार बनाना खतरनाक है। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म पर भ्रामक साहित्य की सच्चाई को उजागर करने के लिए अकादमिक स्तर पर शोध किए जाने की आवश्यकता है। इस समय डॉ. ज्ञानदित्य शाक्य, डॉ। नंदड़त थानवीर, नागपुर। राखी बडोले की मराठी पुस्तक 'पाली ग्रामर', अजय मौर्य की  Books 'डॉ. भीमराव अंबेडकर के सामाजिक संघर्ष ’की पुस्तकें प्रकाशित हुईं। कार्यक्रम में पाली सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ। भिक्षु स्वरूपानंद महतो डॉ. सुरजीत कुमार सिंह को महाराष्ट्र पाली सोसाइटी का अध्यक्ष घोषित किया गया। कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्र की अध्यक्षता में।

वर्धा----आधुनिक भारतात बौद्ध धर्माचे पुनर्जागरण १९५६पासून झाले. बौद्ध धर्माचे पुनर्जागरण एक वैचारिक आणि मानसिक क्रांती होय, असे विचार विद्यापीठ अनुदान आयोगाचे माजी अध्‍यक्ष पद्मश्री डॉ. सुखदेव थोरात यांनी व्‍यक्‍त केले.
महात्‍मा गांधी आंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालयात पाली सोसायटी ऑफ इंडिया आणि विश्‍वविद्यालयातील डॉ. भदन्त आनंद कौशल्‍यायन बौद्ध अध्‍ययन केंद्राच्‍या संयुक्‍त विद्यमाने गालिब सभागृहात पाली दिनानिमित्त आंतरराष्‍ट्रीय चर्चासत्र आयोजित करण्यात आले होते. उद्घाटनप्रसंगी मुख्‍य वक्‍ता म्‍हणून ते बोलत होते. कार्यक्रमाच्‍या अध्‍यक्षस्‍थानी कार्यकारी कुलगुरू प्रो. मनोज कुमार होते. व्यासपीठावर कार्यकारी कुलसचिव प्रो. के. के. सिंह, पाली सोसायटी ऑफ इंडियाचे अध्‍यक्ष डॉ. भिक्षु स्‍वरूपानंद महाथेरो, कोलकाताचे संघनायक डॉ. सत्‍यपाल, भदन्त सदानंद महाथेरो, प्रो. अंगराज चौधरी, प्रो. बालचंद खांडेकर, डॉ. एम. एल. कासारे, प्रो. भागचंद जैन, प्रो. रमेश चंद्र नेगी, रमेश प्रसाद, भिक्षु नंदरत्‍न, भिक्षु धम्‍मप्रिय उपस्थित होते. कार्यक्रमाचे संचालन डॉ. भदन्त आनंद कौसल्‍यायन बौद्ध अध्‍ययन केंद्राचे प्रभारी तथा स्‍थानिक संयोजक डॉ. सुरजित कुमार सिंह यांनी केले. स्‍वागत कार्यकारी कुलसचिव प्रो. के. के. सिंह यांनी केले.
डॉ. थोरात म्‍हणाले, बौद्ध धर्माच्‍या पुनर्जागरणा संदर्भात त्‍याचा उदय, पतन आणि परिवर्तन या तीन तथ्‍यांचा मागोवा घेतला पाहिजे. धर्म व्‍यक्तिगत आणि सामाजिक जीवनात महत्‍वाचा असून त्‍यातून नैतिक मूल्‍याची शिकवण मिळते. आपल्‍या सारगर्भित वक्‍तव्‍यात त्‍यांनी बौद्ध धर्मातील मूल्‍य, विकास आणि धर्माची गरज प्रतिपादित करत अनेक ऐतिहासिक आणि सामाजिक संदर्भ दिले.
अध्‍यक्षीय भाषणात कार्यकारी कुलपति प्रो. मनोज कुमार म्‍हणाले, महात्‍मा गांधी आणि आचार्य विनोबा भावे यांचा मानव धर्म मानवाच्‍या कल्‍याणाकरिता उपयोगी ठरतो. मनुष्‍याला अवतार बनविणे घातक आहे. धर्माविषयी भ्रामक साहित्‍याची सत्‍यता उलगडण्‍यासाठी शैक्षणिक पातळीवर संशोधनाची गरज आहे असेही ते म्‍हणाले. यावेळी डॉ. ज्ञानादित्‍य शाक्‍य, नंदरत्‍नस्‍थवीर, नागपूरच्‍या डॉ. रेखा बडोले यांचे मराठी पुस्‍तक 'पाली व्‍याकरण', अजय मौर्या यांचे 'डॉ. भीमराव आंबेडकर का सामाजिक संघर्ष' या पुस्‍तकांचे प्रकाशन करण्‍यात आले. कार्यक्रमात पालि सोसायटी ऑफ इंडियाचे अध्‍यक्ष डॉ. भिक्षु स्‍वरूपानंद महाथेरो यांनी डॉ. सुरजित कुमार सिंह यांना महाराष्‍ट्र पाली सोसायटीचे अध्‍यक्ष घोषित केले. चर्चासत्राचा समारोप कुलपति प्रो. गिरीश्‍वर मिश्र यांच्‍या अध्‍यक्षतेखाली झाला.