संजय पाटिल : नागपुर, 14 मई (भाषा) बम्बई उच्च न्यायालय ने उस अर्जी पर केंद्र से जवाब मांगा है जिसमें कोविड-19 महामारी के बीच सरकार द्वारा गठित सार्वजनिक परोपकार ट्रस्ट ‘आपात स्थिति प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत कोष’ (पीएम केयर्स फंड) द्वारा प्राप्त राशि की घोषणा किये जाने का अनुरोध किया गया है। उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के न्यायमूर्ति माधव जामदार 12 मई को अधिवक्ता अरविंद वाघमारे द्वारा दायर एक अर्जी पर सुनवायी कर रहे थे। इस अर्जी में सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह प्राप्त धनराशि और किये गए खर्च को सरकारी वेबसाइटों पर समय समय पर जारी करे। अदालत ने केंद्र सरकार से अर्जी के जवाब में एक हलफनामा दायर करने को कहा और मामले की अगली सुनवायी की तिथि 15 मई तय की।
याचिका के अनुसार पीएम केयर्स ट्रस्ट की स्थापना कोरोना वायरस द्वारा उत्पन्न आपात स्थिति संकट से निपटने के मुख्य उद्देश्य से की गई थी। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जबकि रक्षा, गृह और वित्त विभाग के मंत्री उसके सदस्य हैं। इसमें कहा गया है कि ट्रस्ट की स्थापना कोविड-19 महामारी से प्रभावित लोगों को राहत और सहायता प्रदान करने के लिए देश और विदेशों से लोगों से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए की गई है। याचिका में दावा किया गया है, ‘‘पीएम केयर्स फंड के दिशानिर्देशों के अनुसार, चेयरपर्सन और तीन अन्य ट्रस्टियों के अलावा, चेयरपर्सन को तीन और ट्रस्टियों की नियुक्ति या नामित करना था। हालांकि, 28 मार्च, 2020 को ट्रस्ट के गठन के बाद से आज तक कोई नियुक्ति नहीं हुई है।’’याचिका में सरकार और ट्रस्ट से उचित जांच और पारदर्शिता के लिए विपक्षी दलों के कम से कम दो सदस्यों को नियुक्त करने या नामित करने के लिए एक दिशानिर्देश की मांग की गई है।अर्जी में कहा गया है, ‘‘आम जनता के विश्वास मजबूत करने के लिए, सरकार को पीएम केयर्स ट्रस्ट द्वारा आज तक एकत्रित धन के साथ ही यह घोषणा करने का निर्देश जारी करना जरूरी है कि कोरोना वायरस से प्रभावित नागरिकों के लिए इसका उपयोग कैसे किया गया है।’’
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