Thursday, 7 May 2020

16 लाशें, रोटियां और सामान....औरंगाबाद में रेल पटरी पर कटकर मजदूरों की मौत : संजय पाटिल

16 लाशें, रोटियां और सामान....औरंगाबाद में रेल पटरी पर कटकर मजदूरों की मौत : संजय पाटिल

औरंगाबाद हादसाः पटरी पर बिखरीं पड़ी हैं रोटियां

संजय पाटिल : मुंबई : जिस रोटी की तलाश में घर से निकले थे, वह उनके बेजान शरीर के पास बिखरी पड़ी हैं। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मालगाड़ी से 16 मजदूरों के कटने का मंजर दिल को चीर रहा है। खामोश पटरियों पर मौत का सन्नाटा पसरा है। लॉकडाउन के चलते ये सभी मजदूर अपने घर जाने के लिए 40 किलोमीटर चलकर आए थे। थकान ज्यादा लगी, तो पटरी पर सो गए। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका सफर यही खत्म हो जाएगा।
पटरी पर सोए और उठे ही नहीं
18 मजदूर महाराष्ट्र की एक स्टील फैक्ट्री में काम करते थे। लॉकडाउन की वजह से काम बंद था। इन्होंने सोचा होगा ऐसे में घर ही चले जाएं। लॉकडाउन में यातायात के साधन बंद हैं और इन्हें औरंगाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचना था। ये सभी मजदूर मध्य प्रदेश के बताए जा रहे हैं, मध्य प्रदेश के लिए औरंगाबाद से ट्रेन चल रही थी। इसलिए पटरी-पटरी स्टेशन के लिए निकल पड़े। खबरों के मुताबिक, ये लोग जालना से औरंगाबाद पैदल जा रहे थे। दोनों के आपस की दूरी कुल 60 किलोमीटर है।
सोचा होगा....ट्रेन नहीं आएगी
कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच ट्रेनें नहीं चल रही। हो सकता पैदल चलते वक्त इन लोगों को कोई ट्रेन मिली भी न हो। ऐसे में रात में थककर इन्होंने पटरी पर ही बिस्तर लगा लिया। यही इनकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई। सुबह-सुबह वहां से एक ट्रेन (माल गाड़ी) गुजरी और इन्हें मौत की नींद सुला गई।

पटरी पर बिखरी थीं रोटियां, सामान और लाश
पटरी के पास का सुबह का मंजर डरानेवाला था। पटरी पर हर तरफ लाशें पड़ी थीं। पटरी पर ही इन लोगों का सामान और रोटियां बिखरी थीं जो ये लोग सफर के लिए लाए होंगे। आसपास के लोग दूर से ही वीडियोज बना रहे थे। इतने भयानक मंजर के पास जाने की कोई हिम्मत नहीं कर पाया।
औरंगाबाद
महाराष्ट्र के औरंगाबाद (Aurangabad Train Accident) में पटरी पर सोये प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) के ऊपर से मालगाड़ी गुजरने से 16 की मौत हो गई है। मरने वालों में मजदूरों के बच्चे भी शामिल है। घटना शुक्रवार तड़के करमाड पुलिस स्टेशन थाने के अंतर्गत की है। घटना के बाद मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र ने मृतकों के परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा की है।
दक्षिण मध्य रेलवे के सीपीआरओ ने बताया, 'घटना करमाड के नजदीक हुई। खाली मालगाड़ी प्रवासी मजदूरों के ऊपर से गुजर गई।' औरंगाबाद ट्रेन हादसे में एसपी मोक्षदा पाटिल ने एनबीटी को बताया कि इस हादसे में अब तक 16 लोगों की मौत हुई है जबकि 3 लोग इस हादसे से सुरक्षित बच गए हैं जो पटरी के पास में बैठे हुए थे।
घटना पर रेलवे की सफाई
हादसे पर रेलवे ने बयान जारी कहा, 'ट्रैक पर कुछ मजदूरों को देखकर लोको पायलट ने ट्रेन रोकने की कोशिश की लेकिन तब तक मजदूर उसकी चपेट में आ चुके थे। घटना बदनारपुर और करमाड स्टेशन के बीच परभानी-मनमाड़ सेक्शन की है। घायलों को औरंगाबाद सिविल अस्पताल ले जाया गया है। जांच के आदेश दिए गए हैं।'

शिवराज-उद्धव ने किया मुआवजे का ऐलान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने औरंगाबाद घटना पर दुख जताते हुए मृतक मजदूरों के परिवार को 5-5 लाख रुपए देने की घोषणा की है। मध्य प्रदेश सरकार एक विशेष विमान और टीम औरंगाबाद भेज रही। यह टीम घायल मजदूरों के उपचार सहित मृतक मजदूरों की समुचित व्यवस्था करेगी। शिवराज सिंह चौहान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संपर्क में है और घायल मजदूरों के उपचार संबंधी व्यवस्थाओं की जानकारी ले रहे हैं। मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हादसे पर दुख जाहिर किया। राजनाथ ने ट्वीट किया, 'महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल दुर्घटना अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। इस हादसे में अपनों को खोने वालों के प्रति मेरी संवेदना है। मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।'

रेल मंत्री ने ट्वीट किया
वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा, 'आज 5:22 AM पर नांदेड़ डिवीजन के बदनापुर व करमाड स्टेशन के बीच सोये हुए श्रमिकों के मालगाड़ी के नीचे आने का दुखद समाचार मिला। राहत कार्य जारी है, और इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं। दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।' उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी शोक व्यक्त किया।

ट्रैक पर बिखरीं रोटियां

हादसे के बाद ट्रैक पर मजदूरों के शवों के साथ रोटियां भी बिखरी हुई हैं जो उन्होंने खाने के लिए अपने पास रखी थीं। बताया जा रहा है कि प्रवासी मजदूर रेल की पटरियों पर सोये और अचानक उनके ऊपर मालगाड़ी गुजर गई। नींद में होने की वजह से किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला। घटनास्थल पर कुछ पुलिस अधिकारी और आरपीएफ मौजूद हैं।

थककर ट्रैक पर ही सो गए थे मजदूर
सभी मजदूर एक स्टील फैक्ट्री में काम करते थे। हादसा बदनापुर और करमाड के बीच हुआ। सभी मजदूर औरंगाबाद से गांव जानेवाली ट्रेन पकड़ने के लिए जालना से औरंगाबाद पैदल जा रहे थे। रात अधिक होने के चलते सभी ने सटाना शिवार इलाके में पटरी पर ही अपना बिस्तर लगा लिया। सुबह इसी पटरी से एक माल गाड़ी गुजरी और 15 मजदूर उसकी चपेट में आ गए।

भुसावल से ट्रेन पकड़ने वाले थे मजदूर

औरंगाबाद की एसपी मोक्षदा पाटिल ने बताया कि सभी लोग जालना में कंपनी में काम करते थे। भुसावल जाकर ट्रेन पकड़ने वाले थे। सभी लोग 45 किलोमीटर का सफर तय कर चुके थे। सभी लोग मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। तड़के करीब 5:15 बजे की घटना हुई है। भुसावल से स्पेशल ट्रेन के जरिए मध्य प्रदेश लौटने की प्लानिंग थी।

“देशातील कायदा व न्यायव्यवस्था मोजक्या श्रीमंत आणि शक्तीशाली व्यक्तींच्या बाजूने” : सर्वोच्च न्यायलयाचे न्यायमूर्ती दीपक गुप्ता

“देशातील कायदा व न्यायव्यवस्था मोजक्या श्रीमंत आणि शक्तीशाली व्यक्तींच्या बाजूने” : सर्वोच्च न्यायलयाचे न्यायमूर्ती दीपक गुप्ता

न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता जो सेवा में ...
संजय पाटील : न्यूजसंस्था : सर्वोच्च न्यायलयाचे न्यायमूर्ती दीपक गुप्ता यांनी आपल्या निवृत्तीच्या भाषणामध्ये भारतीय न्याय व्यवस्थेवर ताशेरे ओढले आहेत. बुधवारी (६ मे) रोजी सर्वोच्च न्यायलयाच्या बार काऊन्सीलच्या वतीने आयोजित व्हच्यूअल फेअरवेल पार्टीमध्ये न्या. गुप्ता यांनी “देशातील कायदा आणि न्यायव्यवस्था ही काही मोजक्या श्रीमंत आणि शक्तीशाली लोकांच्या मुठीमध्ये आहे,” असे मत व्यक्त केलं. “एखादी व्यक्त श्रीमंत आणि शक्तीशाली असेल आणि ती तुरुंगामध्ये असेल तर आणि प्रकरण प्रलंबित होत असेल तर तो सतत खटला सुरु असणाऱ्या न्यायालयांपेक्षा उच्च न्यायलयांमध्ये अर्ज करणार. जोपर्यंत त्या व्यक्तीच्या खटल्याची सुनावणी तातडीने व्हावी असे आदेश येत नाही तोपर्यंत अशापद्धतीने तो अर्ज करत राहणार,” असं न्या. गुप्ता म्हणाले. “सध्याच्या परिस्थितीमध्ये न्यायाधीश या सर्व गोष्टींपासून अलिप्त राहू शकत नाही. जगात त्यांच्या आजूबाजूला काय सुरु आहे याबद्दल त्यांना नक्कीच माहिती असायला हवी,” असंही न्या. गुप्ता म्हणाले.
न्यायालयामध्ये न्याय मागण्यासाठी येणारी व्यक्ती गरीब असेल आणि तिचा खटला पुढे ढकलण्यात आला तर पैशांच्या कमतरतेमुळे ती व्यक्ती वरील न्यायलयामध्ये दाद मागण्यासाठी जात नाही, असं निरिक्षण न्या. गुप्ता यांनी नोंदवलं. “एखादी श्रीमंती व्यक्ती जामीनावर बाहेर आहे आणि त्याला प्रकरणाची सुनावणी टाळायची असेल तरी तो वरील न्यायलयामध्ये जातो. जोपर्यंत विरोधात असणारा समोरचा पक्ष कंटाळत नाही तोपर्यंत ही व्यक्ती सुनावणी अशाच पद्धतीने पुढे पुढे ढकलत राहते,” असं न्या. गुप्ता म्हणाले आहेत. सध्या आपण ज्या संकटाच्या प्रसंगाला तोंड देत आहोत अशा संकटसमयी न्यायालयाने गरिबांना न्याय मिळण्यासाठी प्रयत्नशील राहिले पाहिजे. कारण संकटांमध्ये सर्वाधिक फटका याच वर्गाला बसतो, असं निरिक्षणही न्या. गुप्ता यांनी नोंदवलं.
अशा परिस्थितीमध्ये समाजातील वंचित आणि गरिबांना न्याय मिळून देण्यासाठी मदत करणे ही न्यायालयातील खंडपीठे तसेच बार काऊन्सीलची जबाबदारी असते. केवळ एखादी व्यक्ती गरीब असल्याने तिचा खटला प्रलंबित राहता कामा नये यासंदर्भात खंडपीठे आणि बार काऊन्सीलला लक्ष ठेवता येतील, अशी अपेक्षा न्या. गुप्ता यांनी व्यक्त केली. खरोखरच न्याय करायचा असेल तर गरिबांचाही विचार करायला हवा, असंही न्या. गुप्ता म्हणाले. स्वातंत्र्य, निर्भयता आणि प्रामिणकपणा हे न्यायव्यवस्था व न्यायाधीश यांचे सर्वात महत्त्वाचे गुण आहे. ज्या देशामध्ये कायद्याचे पालन होते आणि न्यायव्यवस्था ही सत्ताकेंद्रापासून लांब असल्याचे सांगितले जाते अशा देशामध्ये न्यायव्यवस्थेचे स्वातंत्र्य कायम ठेवणे गरजेचे असल्याचे मतही न्या. गुप्ता यांनी नोंदवलं.
“बार काऊन्सील पूर्णपणे स्वतंत्र असायला हवी. तसेच न्यायलयांमध्ये प्रकरणांबद्दल वादविवाद करताना बार काऊन्सीलच्या सदस्यांनी आपले राजकीय तसेच इतर संबंधांचा विचार करु नये. प्रकरणाचे मोजमाप हे कायद्यानुसार करण्यात यावे,” अशी सूचना न्या. गुप्ता यांनी केली.
Various bodies celebrate Buddha Pournima : Sanjay Patil

Various bodies celebrate Buddha Pournima : Sanjay Patil



Sanjay Patil : Nagpur : Universal Human Rights Association Nagpur On the occasion of Vaishakh Pournima, the 2582nd birth anniversary of Lord Gautam Buddha was celebrated at Home A- 28, Kapil Nagar. Nari Road, Nagpur  on Thursday. A special Buddha Vandana was organised on this occasion.  Sanjay Patil,  Kunal Patil, Kunal Mesharam, Bhaskar Kawade, Ashish Shende, Parag Shende, Harish Patil , Bahujan Vanchi Aghadi Ward  Adhyaksh Nagpur  Meshram Saheb, Kalpana Newhare, and all their  families were present and participated in the Buddha Vandana. They all pay Maitri Bhawana to the Wolrd's People for peace.    

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On the occasion of Vaishakh Pournima, the 2582nd birth anniversary of Lord Gautam Buddha was celebrated at Dragon Palace temple in Kamptee on Thursday. A special Buddha Vandana was organised on this occasion. Founder of Dragon Palace Temple and member of National Minorities Commission, Adv Sulekha Kumbhare participated in the Buddha Vandana. In the background of COVID-19 pandemic, entry was not allowed in the temple premises. With selected staff members of the temple a special Buddha Vandana was held. Adv Sulekha Kumbhare stated, Tathagat Bhagwan Gautam Buddha had given Dhamma to the entire world which is based on the principles of peace, non-violence, love, compassion and humanity. People should follow these principles and celebrate Buddha Pournima at their residences, she added. The campaign to distribute one lakh masks was also concluded on Buddha Pournima.
On the occasion of Dr Babasaheb Ambedkar’s Jayanti, Adv Sulekha Kumbhare had started the campaign to distribute one lakh masks. The masks are prepared by the women in Dadasaheb Kumbhare Bahuuddeshiya Training Centre. The masks were distributed to doctors, nurses, sanitation workers, police personnel, and 10,000 masks for each institution were distributed to Government Medical College and Hospital (GMCH); Mayo Hospital, Police Commissioner’s office, etc., on the occasion of Maharashtra Day.
The campaign was concluded after completing the target of one lakh masks. Deekshabhoomi Smarak Samiti Samiti President, Bhadant Arya Nagarjun Shurei Sasai conducted a special Buddha Vandana at Deekshabhoomi premises and delivered discourses. Member of committee, Vilas Gajghate said that the Buddha Dhamma had a strong foundation of science. The scientific advancements are helping us to fight against the COVID-19 pandemic.
The compassion of Buddha Dhamma would help the society to get rid of coronavirus, he added. Bhante Sugat Bodhi, Siddhartha Mhaiskar, Nilu Bhagat, Papa Moon, Vijay Gajbhiye and others were also present. Nagpur City District Congress Committee Ajay Godbole, General Secretary of block no 12 of Congress committee conducted Buddha Vandana programme at Faras Chowk in Zingabai Takli. The members also distributed food grain kits to needy and poor. Rajesh Mahalle, Yogesh Pete, Pavan Dhone, Avinash Bansod, Vinod Ambadare, Rahul Chauhan worked hard for the success. Dr Ambedkar and Gautam Buddha Sanyukta Jayanti Samiti On the occasion of Buddha Jayanti, members of Dr Babasaheb Ambedkar and Tathagat Gautam Buddha Sanyukta Jayanti Samiti garlanded the statue of Gautam Buddha and Dr Babasaheb Ambedkar at Untkhana. Panchsheel flag hoisting was also held followed by distribution of sweets and Buddha Vandana. Rajendra Sathe, Nalanda Ganveer, Sanjay Ambhore, Sahadev Bhagat, Chandu Khobragade, Arun Sakharkar, Vitthalrao Kombade, Rajesh Dhengre, Nitin Shambharkar, Anusaya Dhakne and others were also present.

Wednesday, 6 May 2020

Buddha's Message Of Unity, Service To Others Important: UN Chief On COVID-19 Fight : Sanjay Patil

Buddha's Message Of Unity, Service To Others Important: UN Chief On COVID-19 Fight : Sanjay Patil


Buddha's Message Of Unity, Service To Others Important: UN Chief On COVID-19 Fight

Sanjay Patil  : PTI Agency  : United Nations: As millions of Buddhists around the world celebrate the sacred occasion of Vesak, the UN chief called on all nations to celebrate Lord Buddha's wisdom by taking action for others with compassion and solidarity, "and by renewing our commitment to build a peaceful world."

  Lord Buddha's message of unity, service to others is more important today as humanity suffers from the COVID-19 pandemic and it is only by working together that nations can stop the spread, recover from the deadly coronavirus, the UN chief said in his message for the Day of Vesak. Vesak marks the birth, enlightenment, and death of Gautama Buddha. It is the most sacred day to millions of Buddhists around the world.

"As we honour the birth, enlightenment, and passing of Lord Buddha, we can all be inspired by his teachings. And as the human family suffers the impacts of the COVID-19 pandemic, we are reminded of the sutra: ''Because all living beings are subject to illness, I am ill as well''," Secretary-General Antonio Guterres said in a message for the Day of Vesak, observed on May 7.
Antonio Guterres said Buddha's timeless message of unity and service to others is more important than ever. "It is only together that we will stop the spread of the coronavirus and recover," Antonio Guterres said. As millions of Buddhists around the world celebrate the sacred occasion of Vesak, the UN chief called on all nations to celebrate Lord Buddha's wisdom by taking action for others with compassion and solidarity, "and by renewing our commitment to build a peaceful world."
Vesak is the Day of the Full Moon in the month of May. It was on the Day of Vesak two and a half millennia ago, in the year 623 B.C., that the Buddha was born. On this day, Buddha attained enlightenment and passed away in his 80th year. In 1999, the UN General Assembly adopted a resolution in which it recognised the International Day to acknowledge the contribution that Buddhism, one of the oldest religions in the world, has made for over two and a half millennia and continues to make to the spirituality of humanity.
Guterres spoke by video conference at a closed council meeting on COVID-19’s impact on the council’s mandate, which is the preservation of international peace and security. It was the first discussion by its 15 ambassadors on the pandemic. While the meeting was closed, the U.N. spokesman released Guterres’ briefing and a number of ambassadors released their remarks to the media.
The U.N. chief said the engagement of the Security Council will be “critical to mitigate the peace and security implications of the COVID-19 pandemic.” He added that “a signal of unity and resolve from the Council would count for a lot at this anxious time.”
Diplomats said the Security Council was initially blocked from issuing a statement or adopting a resolution by U.S. insistence that the origin of the virus in China or Wuhan be included, which China objected to, but Belgium’s U.N. Ambassador Marc Pecsteen de Buytswerve, an elected council member, said that was not mentioned on Thursday. He and the nine other elected council members had been pressing for a meeting and succeeded in getting the secretary-general to brief on Thursday.
According to diplomats, French President Emmanuel Macron and U.S. President Donald Trump agreed to organize a video conference of leaders of the five permanent council members, also including China, Russia and Britain, and France wanted that before a council meeting, but it couldn’t be arranged. Meanwhile, the 10 elected members had been pressing for a council meeting and briefing from Guterres — and they had the nine votes needed for it to happen on Thursday.
Pecsteen de Buytswerve said even though the press statement from the council was “very minimal” it is an expression of support for the secretary-general and his call for peace and a cease-fire “and that’s the most important thing at this stage.”

U.N. chief Antonio Guterres warns COVID-19 threatens global peace and security

Secretary-General Antonio Guterres warned the U.N. Security Council on Thursday that the coronavirus pandemic is threatening international peace and security — “potentially leading to an increase in social unrest and violence that would greatly undermine our ability to fight the disease.”
The U.N.’s most powerful body, which has been silent on COVID-19 since it started circling the globe sickening and killing tens of thousands, issued its first brief press statement after the closed meeting. It expressed “support for all efforts of the secretary-general concerning the potential impact of the COVID-19 pandemic to conflict-affected countries and recalled the need for unity and solidarity with all those affected.”
Guterres, who called for a cease-fire for all global conflicts on March 23, said the crisis has “hindered international, regional and national conflict resolution efforts, exactly when they are needed most.”
He cited other pressing risks to global security from the pandemic: terrorists seeing an opportunity to strike, groups seeing how a biological terrorist attack might unfold, the erosion of trust in public institutions, economic instability, political tensions from postponing elections or referenda, uncertainty sparking further division and turmoil in some countries, and COVID-19 “triggering or exacerbating various human rights challenges.”
The secretary-general reiterated that the United Nations faces “its gravest test” since the organization was founded 75 years ago from the pandemic and concluded saying: “This is the fight of a generation — and (the reason for) the United Nations itself.”

बुद्ध पूर्णिमा पर पीएम मोदी का संबोधन

पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आज देश को संबोधित किया। इस अवसर पर पीएम ने कहा कि हताशा और निराशा के दौर में भगवान बुद्ध की सीख और ज्यादा प्रासंगिक हो जाती है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण वह तकनीक के माध्यम से जुड़ रहे हैं। पीएम ने कहा कि दुनिया मुश्किल वक्त से गुजर रही है।


NEW DELHI : PRIME Minister Narendra Modi on Thursday said that while India is making every effort to save the life of every citizen from coronavirus, it is also taking its global obligations during the pandemic very seriously. Speaking at a virtual global Buddha Pournima event, Modi said, “People world over working selflessly for others in these difficult times are worthy of praise.” “While India is making every effort to save the life of every Indian today, it is also taking its global obligations equally seriously.
India is standing strong and selflessly in these difficult times with those facing trouble in India or abroad,” he said. The Prime Minister also asserted that India’s growth will always be aiding global growth. Buddha Pournima celebrations this year are being held virtually due to the COVID-19 pandemic. The event has been organised in the honour of coronavirus victims and frontline warriors. The Prime Minister further said that the teachings of Buddha stated that human beings should constantly strive to overcome difficult situations and urged everyone to work together during this pandemic.

“The goals and standards of our success change with time, but we need to keep in mind is that our work should be done with a sense of compassion and service for mankind,” he said. The Ministry of Culture, in collaboration with the International Buddhist Confederation (IBC), a global Buddhist umbrella organisation, organised the virtual prayer event with the participation of all the supreme heads of the Buddhist Sanghas from around the world.
चंद्रशेखर बावनकुळे "तीनशे युनिट वीज बिलमाफीवर कारवाई नाही" : संजय पाटील

चंद्रशेखर बावनकुळे "तीनशे युनिट वीज बिलमाफीवर कारवाई नाही" : संजय पाटील

धर्मा पाटील यांची सरकारी यंत्रणेने ...

संजय पाटील : नागपूर : करोनाच्या वाढत्या संसर्गामुळे गेल्या दोन महिन्यांपासून संचारबंदी आहे. संपूर्ण व्यवहार ठप्प झाले आहेत. आर्थिकदृष्ट्या गरीब आणि मध्यमवर्गीय कुटुंबांची आर्थिक कुचंबणा होत आहे. अशा स्थितीत ३०० युनिटपर्यंत वीज वापर करणाऱ्या ग्राहकांना वीज बिल माफ करण्याची मागणी आपण केली होती. पण ऊर्जा मंत्र्यांनी यावर अजूनही कोणतीच कारवाई केली नाही. उर्जामंत्र्यांनी ऊर्जा विभागाला त्वरित निर्देश देऊन ३०० युनिटपर्यंतचे वीज बिल माफ करण्याचे आदेश काढावे, अशी मागणी माजी ऊर्जामंत्री व माजी पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे यांनी एका स्मरणपत्राद्वारे ऊर्जामंत्री नितीन राऊत यांच्याकडे पुन्हा केली आहे.
संचारबंदीमुळे अर्थव्यवस्था पार कोलमडली आहे. अशा वेळी गरीब कुटुंबाना वीज बिल माफ केले तर तेवढाच दिलासा मिळेल. परिस्थिती सामान्य होण्यास आणखी दोन ते तीन महिन्यांचा काळ लागू शकतो. त्यामुळे मुंबईसह राज्यातील शून्य ते शंभर व शून्य ते तीनशे युनिट प्रतिमाह वीज वापर करणाऱ्या गरीब ग्राहकांना संपूर्ण वीज बिल माफ केले पाहिजे. संचारबंदीच्या काळातील हे बिल असेल. कृपया ऊर्जामंत्री राऊत यांनी त्वरित कारवाई करावी, अशी विनंती माजी ऊर्जामंत्री व माजी पालकमंत्री बावनकुळे यांनी केली आहे.
BJP nominates Datke as candidate for MLC polls
Pravin Datke, former Mayor, and President of Bharatiya Janata Party’s (BJP) city unit has been named as candidate for the biennial election of Maharashtra State Legislative Council. He is among the four candidates whose names were declared by BJP on Friday. The election will be held on May 21.
The nine council seats remained vacant since April 24. The elections were pending because of coronavirus lockdown. With the issuance of guidelines by election committee the path of election got cleared.
While talking to ‘The Hitavada’ Datke expressed his happiness over his nomination. He extended his gratitude towards Leader of Opposition in Maharashtra Devendra Fadnavis, Union Minister Nitin Gadkari and others. Two years ago his name was almost declared for the same seat. But in a last minute development BJP had declared name of Girish Vyas who is now an MLC.
Pravin Datke, former Mayor has many things as first in his name. Basically a staunch volunteer of Bharatiya Janata Yuva Morcha (BJYM), Datke later took reigns of BJYM Chief. A three-time Corporator Datke became ruling party leader in Nagpur Municipal Corporation and later on was crowned as Mayor. He is known for his straightforward and fiery approach. His image is like a man next door as he is very open to everybody inside party and outside too. The popularity of Datke is always on rise, reason being his accessibility to people. In his 10X10 room office in Mahal, he makes himself available to the people of his constituency all the time.
Late Prabhakarrao Datke, was an influential politician. His son Pravin who has attained just 40 years of age, has earned his name in the political circles. Bharatiya Janata Party has appointed him as City Unit Chief in June, 2019, in the footsteps of his late father.
Like his late father Prabhakarrao Datke, Pravin too is known as fiery leader. Probably it was the first occasion when father and son both adorning the City head’s post of the party in different times.
While talking to ‘The Hitavada’ a humble Datke said, “With BJP’s victory in the country everybody is already charged. I have bigger role to play. But I am confident that Union Minister Nitin Gadkari and Leader of Opposition Devendra Fadnavis will always be there whenever I need their guidance.” His father Prabhakarrao Datke had contested the election of State Assembly from Central Nagpur but had to face defeat at the hands of Anees Ahmed by a slender margin. Political pundits have predicted, this time the young Datke will have a smooth sailing.

दटकेंची बाजी बावनकुळेंचा गेम

नागपूर : विधान परिषदेच्या निवडणुकीसाठी भाजपने धक्कातंत्र कायम ठेवले. भाजपचे शहराध्यक्ष व भाजयुमोचे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रवीण दटके यांना संधी देत माजी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे यांचा परत गेम केला.
या निवडणुकीत विदर्भातून एका व्यक्तीला संधी मिळेल, असे सांगितले जात होते. नितीन गडकरी आणि देवेंद्र फडणवीस दोघांनीही आपला कौल माजी ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे यांच्या पारड्यात टाकला होता. त्यामुळे त्यांना संधी मिळेल, असे दिसत होते. प्रत्यक्षात, केंद्रीय नेतृत्वाचा बावनकुळे यांच्यावरील रोष पुन्हा एकदा स्पष्ट झाला. त्यांना पुन्हा धक्का देत एका तरुण ओबीसी नेत्यास भाजपने संधी दिली. उमेदवारांची यादी बघता, फडणवीसांचे वर्चस्व पुन्हा एकदा अधोरेखित झाल्याचे दिसते.
नितीन गडकरी आणि देवेंद्र फडणवीस यांच्याशी जवळीक असलेले दटके कार्यकर्त्यांमध्ये फडणवीस यांचे विश्वासू म्हणून ओळखले जातात. तरुण, आक्रमक व धडाडीचे कार्यकर्ते अशी त्यांची प्रतिमा आहे. भाजयुमोतून त्यांची राजकीय वाटचाल सुरू झाली. २००२ साली ते पहिल्यांदा नगरसेवक म्हणून निवडून आले. सलग तिसऱ्यांदा निवडून आल्यानंतर त्यांनी २०१४-१७ यादरम्यान महापौरपद भूषवले. तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस व केंद्रीय नितीन गडकरी या दिग्गज नेत्यांमुळे त्यांच्या कामगिरीची फारशी चर्चा झाली नाही. सद्यस्थितीत भाजयुमोचे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व भाजपच्या शहराध्यक्षपदाची धुरा त्यांनी सांभाळली आहे. नागपुरात भाजपची पाळेमुळे घट्ट रोवण्यात ज्यांनी महत्त्वाची भूमिका बजावली, त्या प्रभाकरराव दटके यांचे ते चिरंजीव आहेत.
गमावले, कमावले
स्थानिक स्वराज्य संस्थेतून विधान परिषदेवर जाण्याची संधी दटके यांना चार वर्षांपूर्वी चालून आली होती. पक्षाने त्यांना हिरवी झेंडी दाखविली होती. प्रत्यक्षात अर्ज दाखल करण्याच्या वेळी त्यांना डावलून गिरीश व्यास यांना संधी दिली. विधानसभा निवडणुकीत त्यांनी मध्य नागपुरातून दावा केला होता. उमेदवारी न मिळाल्याने त्यांच्या कार्यकर्त्यांनी नाराजी व्यक्त केली होती. तेथील भाजपची जागा काठावर निवडून आली होती. दोनवेळा हुकलेली संधी त्यांना यावेळी मिळाली.
कारणांचा शोध
बावनकुळे यांना लवकरच मोठी जबाबदारी दिली जाईल, असा दावा भाजपने विधानसभा निवडणुकीदरम्यान केला होता. त्यामुळे यावेळी त्यांना संधी मिळेल, अशी अपेक्षा वर्तविली जात होती. दोन्ही नेते सोबत असताना आता त्यांना का डावलले, यावरून जोरदार चर्चा सुरू झाली आहे.
कार्यकर्ताच राहील!
सर्वसामान्यांचे प्रश्न सोडवण्यासोबतच पक्षाच्या विस्तारासाठी या संधीचा सदुपयोग करेन. या वाटचालीत ज्येष्ठ नेते नितीन गडकरी, देवेंद्र फडणवीस, अजय संचेती यांच्यासह सर्वांचे सहकार्य लाभल्याने काम करण्याची प्रेरणा व बळ मिळाले. आधीही कार्यकर्ता होतो व यापुढेही कार्यकर्ताच राहील, अशी प्रतिक्रिया प्रवीण दटके यांनी दिली.

Tuesday, 5 May 2020

नागपुर : पाँच ज़ोन में नौ क्षेत्रों को सील कर दिया गया: संजय पाटिल

नागपुर : पाँच ज़ोन में नौ क्षेत्रों को सील कर दिया गया: संजय पाटिल

All industrial constructi

संजय पाटिल : नागपुर : नागपुर में पाँच ज़ोन में नौ क्षेत्र हैं जिन्हें कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए नागपुर नगर निगम द्वारा अब तक सील कर दिया गया है। जोन में जोन 4 गांधीबाग, जोन 7 सतरंजीपुरा, जोन 9 असिनगर, जोन 2 धरमपेठ, जोन 1- मंगलवारी शामिल हैं। सभी दस क्षेत्रों के सभी क्षेत्रों को सील नहीं किया गया है और पांच क्षेत्रों के सभी क्षेत्रों को भी सील नहीं किया गया है। नौ ऐसे क्षेत्र हैं जहां कोरोना पॉजिटिव या उनके करीबी संपर्क पाए गए हैं।
कोरोनावायरस की बढ़ती संख्या को सकारात्मक रूप से संज्ञान में लेते हुए, नागरिक प्रशासन ने नौ क्षेत्रों को सील कर दिया है। इन नौ क्षेत्रों में मोमिनपुरा, सतरंजीपुरा, शांति नगर, बैरागीपुरा, राजीव नगर, कुंदनलाल गुप्ता नगर, भलदरपुरा, संगम नगर, डोबीनगर शामिल हैं। उप-क्षेत्रों में गांधीबाग क्षेत्र शामिल हैं: किशोर खंबा चौक, नालसाहब चौक, भगवान नगर चौक, ज़ामा मस्जिद, मोमिनपुरा चौक, मोतीबाग रेलवे पुल, पचपौली रेलवे पुल, अग्रसेन चौक, पोद्दारेश्वर राम मंदिर, एएमए कंपनी मालदक्का रोड, टेलीफोन एक्सचेंज चौक, टेलीफोन एक्सचेंज चौक , टाटा पारसी स्कूल के पास, चिटनीस पार्क (घाटे का रेस्तरां), तारेकर भवन डाकघर।

सतरंजीपुरा: सरकार द्वारा संचालित पिछड़ा वर्ग गर्ल्स हॉस्टल, राचना कॉम्प्लेक्स, पुराना मोटर स्टैंड चौक, मारवाड़ी चौक टी-पॉइंट, होटल मदीना मालधक्का रोड, बोधिसत्व बौद्धा मंदिर, सुनील होटल, मस्कसथ चौक, चकना चौक, महाजन किराणा, शिवशक्ति एन्क्लेव पुलिया, रोकड भवन, शांति नगर घाट चौक, मुदलियार चौक, शांति नगर यूनिवर्सल चौक, कलमना गेट नंबर 1 कोराडी लाइन, कवरापेठ शांतिनगर रेलवे फाटक, कांजी हाउस बिनाकी। असिनगर: इटाभट्टी चौक रिंग रोड, पिली नाड़ी वंदेवी नगर। मंगलवारी: गिट्टीखदान पुलिस स्टेशन, पारसी कब्रिस्तान प्रवेश बिंदु, पारसी कब्रिस्तान दक्षिण बिंदु। धरमपेठ: ताज किरण, निर्मल गंगा परिसर, गिट्टीखदान चौक, कटोल रोड, विल्किन मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, कैप्स रीजेंसी, श्री रामदेवबाबा मंदिर।
नौ सील क्षेत्रों में मोमिनपुरा, सतरंजीपुरा, शांति नगर, बैरागीपुरा, राजीव नगर, कुंदनलाल गुप्ता नगर, भलदरपुरा, संगम नगर, डोबीनगर पाँच ज़ोन में आते हैं- सतजीपुरा, धरमपेठ, गंधीबाग, असिनगर, मंगलवारी।

सर्वेक्षण सर्वेक्षण की रिपोर्ट कुल टीमों की आबादी दैनिक कवर किए गए घर दैनिक 295 1,70,976 27,373 पूर्ण सर्वेक्षण सर्वेक्षण रिपोर्ट 312 37,177 1,45,621

There is a good news for all Nagpurians as far as coronavirus cases is concerned. A haul of 106 samples of the close contacts of the young man resident of Parvati Nagar who died two days ago tested negative. On Friday only one person, a resident of Pachpaoli tested positive.
The 22-year old youth, a resident of Parvati Nagar died two days ago. His sample upon examination after his death tested positive. This has sent waves of panic among the residents of Parvati Nagar and other adjoining areas like Rameshwari, Bhagwan Nagar, Ekatmata Nagar, Vishwakarma Nagar, etc. In last two days, Nagpur Municipal Corporation has quarantied around 150 people from the area including the close contacts of the deceased.
All the five Government and one private laboratories in city were busy in conducting examinations of samples of the persons mostly residents of Mominpura who were put under quarantine at various centres. Last three days, city witnessed a big number of people testing positive.
The rise in number of corona positive cases in city still could not create panic as most of those cases were from quarantine centres and people were of a particular area. But Parvati Nagar case made all the difference and everybody was awaiting the result of the samples of residents of Parvati Nagar.
Examinations of all these samples began in the laboratory of Government Medical College and Hospital (GMCH). Till two days back the laboratory at GMCH had some issues which were sorted out and it started giving faster results. By afternoon the results of first lot of 59 samples released. Everybody heaved a sigh of relief when all samples tested negative. Afterwards the results of 49 samples too were out. Their results too were satisfactory as they came negative. In one single day all the samples of close contacts including close relatives of the deceased of Parvati Nagar tested negative.
Meanwhile, a resident of Pachpaoli who was at quarantine centre tested positive. This has added in the cumulative total number of corona positive making it to 264. If one takes a look at the figures given by Nagpur Municipal Corporation the picture is very optimistic. There are only three deaths -- two are of pneumonia and one is of cardiac arrest, which means all are not out of corona. Till now 3,014 people have tested negative in city.
Condition of 3 very critical The three persons who tested positive on Thursday late night are very critical and under treatment at GMCH. Out of those three positive, one stays at Pandharabodi, one at Mominpura and third one is the resident of Shatabdi Nagar. All three have serious respiratory problems admitted at GMCH. Their samples were examined at the laboratory of Centre for zonosis, Nagpur Veterinary College affiliated to Maharashtra Animal and Fisheries Sciences University (MAFSU). They were already critical and were brought under that condition to GMCH. Team of doctors are endeavoring to treat them.

With new cases of coronavirus springing up in city, Nagpur Municipal Corporation (NMC) machinery swung into action and locked down Sudamnagari (Ambazari), and Kashi Nagar localities (Rameshwari) on Friday. In Kashi Nagar a youth who voluntarily went for test at Government Medical College and Hospital (GMCH) ended up getting admitted.
The youth was close to the youth of Parvati Nagar who had succumbed to death due to coronavirus. Hence his friend from Kashi Nagar opted for self test and his result came positive as priority is given for testing samples of Parvati Nagar close contacts.
The GMCH authorities shared the details with NMC which then moved in and sealed area around Kashi Nagar Tekade School under Prabhag No 34 under Hanuman Nagar Zone-3. As per the details from civic body the boundaries of containment zone is to North East-Shyam Bar and Restaurant; East-Abhay Nagar (from Shyam Bar to Abhay Nagar garden), South-West-Abhay Nagar; South-Shatabdi Nagar; South-West-Sai Kirana Stores, Beltarodi Road; West-Beltarodi Road (Shatabdi Square to Sai Kirana Stores), North West-Shatabdi Square; North--Ring Road (Shatabdi Nagar to Shyam Bar and Restaurant).
Trust Layout: In case of Trust Layout, a youth with history of jaundice tested positive for COVID-19 on Friday. Following
this, the area called Trust Layout, Sudam Nagari, near Ambazari Hill Top was put under containment zone and barricades were put up at various points to prevent entry and exit in the area by NMC.
The area falls under Prabhag No 13 in Dharampeth Zone and five members were promptly put under quarantine by the administration. The boundary of containment zone includes North-Nelson Mandela Hostel, North West-Madrasi Temple Square, East-Baji Prabhu Square overhead water tank, South East-Hill Top Public School, South-Om Sales Corporation, Fuke Road, South-West-Ambazari Garden Square and to West-Varsity compound wall.
Self janata curfew being enforced in Jaripatka
At Jaripatka locality the self janata curfew being enforced by some social leaders creating problem in functioning of shops dealing in essential commodities. A fiat has been issued to shopkeepers that they should close their shops by 7 pm daily, which per se is illegal as NMC has permitted them to continue operations till 9 pm. The closure of shops by 7 pm is affecting the people at large, especially those who are busy at work places during day time, and make urgent purchases while heading home.
A few shopkeepers said that due to early closure the next day they were witnessing crowding at their establishments which is defeating the very purpose of early closure.
The reason of advancing closure of shops early in night is to prevent movement of people from adjoining localities for making purchases. The businesspersons demanded that NMC should intervene and ensure rule of law prevails.
Shops to remain open from 10 am to 4 pm in Mominpura For Mominpura containment area, Nagpur Municipal Corporation (NMC) has issued a separate order as to timings of shops to be effective from May 9 onwards. As per the release from civic body, Municipal Commissioner Tukaram Mundhe has fixed timings for Mominpura from 10 am to 4 pm and after that people are advised to remain confined to their homes.
Municipal Commissioner later held a meeting with city police officials and Zonal Assistant Commissioners from containment zone and asked them to strictly implement the guidelines.
At Mominpura, city police were directed to prevent any cross movement from small by-lane to main road as this is defeating the purpose of isolation. There has been a big spike in number of coronavirus positive cases from Mominpura that is disturbing the current situation in city.
Mundhe in his appeal to Nagpurians said, “Next fortnight, 15-days is most crucial in stopping further spread of COVID-19. If during the next 15-days citizens do not obey and restrain from moving out of their homes and spread of virus is not halted then people of city will have to stay put with confinement and restrictions for next 15-months”.
The lockdown has still not lifted and citizens need to avoid moving out of their houses, unless it is utmost necessary.

पांढराबोडी, काशीनगर, जयभीमनगरही ‘प्रतिबंधित’

नागपूर : शहरातील विविध भागात करोनाबाधित रुग्णांची संख्या वाढत असल्याने गुरुवारी महापालिकेने तीन झोनमध्ये तीन प्रतिबंधित क्षेत्र  जाहीर केले होते. त्यापाठोपाठ आज शुक्रवारीही धरमपेठ झोनअंतर्गत पांढराबोडी, हनुमानगर झोनअंतर्गत काशीनगर व धंतोली झोनअंतर्गत जयभीमनगर प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करण्यात आले.
शुक्रवारी पार्वतीनगरला लागून असलेल्या जयभीमनगर व काशीनगर या भागातूनही करोनाग्रस्त समोर आले. याशिवाय पांढराबोडी या परिसरात एक रुग्ण आढळून आला. त्यामुळे  परिसर बंद करण्यात आला आहे.  याशिवाय मंगळवारी झोनअंतर्गत गौतम नगर प्रभाग क्रमांक १० चा परिसरही बंद करण्यात आला आहे. या सर्व भागांमध्ये जीवनावश्यक वस्तूंच्या खरेदीस मुभा आहे. मात्र, टाळेबंदीच्या काळात अनावश्यक कामांसाठी घराबाहेर  पडल्यास कारवाई करण्याचा इशारा प्रशासनाने दिला आहे.  प्रभाग क्रमांक १० मध्ये गौतम नगर गिट्टीखदान पोलीस ठाणे, पारसी सिमेंटरी एंट्री पॉईंट, पारसी सिमेंटरी साऊथ पॉईंट, ताज किराणा, निर्मला गंगा कॉम्पलेक्स, गिट्टीखदान चौक काटोल रोड, वेल्कीन मल्टीस्पेशालिटी रुग्णालय, कॅप्स रिजेन्सी, रामदेव बाबा टेम्पल हा भाग बंद करण्यात आला आहे.
भीमनगर व द्वारकापुरी या परिसरातील  ३० तर पांढराबोडी परिसरातील १६ लोकांना विलगीकरणासाठी नेण्यात आले आहे.
पुन्हा चार करोनाबाधितांची नोंद
गुरुवारी मध्यरात्रीनंतर आलेल्या तपासणी अहवालात तीन तर शुक्रवारी दिवसभरात एक असे एकूण चार करोनाग्रस्त आढळले आहेत. त्यामुळे नागपुरात करोनाबाधितांची संख्या २६९ झाली आहे. गुरुवारी मध्यरात्री आलेल्या अहवालात रामेश्वरी भागातील आणखी दोन रुग्ण आढळले असून त्यापैकी एक जयभीमनगर येथील असून तो पार्वतीनगर येथील दगावलेल्या करोनाबाधिताचा मित्र आहे. काशीनगर येथील रुग्ण कोणाच्या संपर्कातील आहे याचा तपास सुरू आहे. या दोन्ही रुग्णांनी स्वत: मेडिकलमध्ये जाऊन करोनाची चाचणी केली असता दोघांचाही अहवाल सकारात्मक आला. पांढराबोडी या नव्या भागातही आता करोनाने शिरकाव केला आहे. येथे देखील एक रुग्ण आढळला आहे. पार्वतीनगर येथील दगावलेल्या रुग्णाच्या थेट संपर्कातील सुमारे ३० जणांचे नमुने नकारात्मक आले आहेत. विलगीकरण कक्षातील अणखी काही संशयितांच्या नमुन्यांची तपासणी सुरू आहे. नागपुरात आतापर्यंत ६८ करोनाबाधित बरे झाले असून त्यांना घरी पाठवण्यात आले आहे.
२० बसद्वारे ५३५ स्थलांतरित रवाना
स्थलांतरित मजुरांना स्वगावी परत पाठवण्याचा खर्च उचलण्यावरून सध्या केंद्र आणि राज्य सरकार यांच्यात वादविवाद सुरू आहे. मध्यप्रदेश सरकारने मात्र जिल्हा प्रशासनाशी संपर्क साधून तुम्ही आमची माणसे पाठवण्याची व्यवस्था करा आम्ही खर्च देऊ असे सांगितले. त्यानुसार शुक्रवारी जिल्हाधिकारी कार्यालयाच्या माध्यमातून २० खासगी बसेसद्वारे सुमारे ५३५ स्थलांतरितांना मध्यप्रदेशमध्ये पाठवण्यात आले. सीमावर्ती नाक्यांवर या मजुरांची मोठय़ा प्रमाणात गर्दी वाढली होती. जिल्हा प्रशासनाने मध्यप्रदेश सरकारशी संपर्क साधून मजुरांना खासगी बसेसद्वारे पाठवण्याची व्यवस्था केली. मध्यप्रदेश सरकारने यासाठी येणारा खर्च देण्याची तयारी दर्शवली. त्यानुसार शुक्रवारी संपूर्ण जिल्ह्य़ात अडकलेल्या एकूण ५३५ स्थलांतरितांना वीस बसेसद्वारे मध्यप्रदेशमध्ये रवाना करण्यात आले. यात जबलपूरचे ५६, बालाघाटचे ८९, छिंदवाडाचे ७२, सिवनीचे १६७ बैतूलचे ४३, दातिया १३, मांडला २८, सतना १५, सिद्धी २१, रिवा येथील ३१ नागरिकांचा समावेश होता.

उद्धव ठाकरे :  31 मई तक महाराष्ट्र को ग्रीन जोन में लाने का दिया अल्टीमेटम: संजय पाटिल

उद्धव ठाकरे : 31 मई तक महाराष्ट्र को ग्रीन जोन में लाने का दिया अल्टीमेटम: संजय पाटिल

उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

संजय पाटिल : मुंबई : कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के देखते हुए केन्द्र सरकार ने फिर से 4 मई के बाद से देश में लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि को दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है, जिसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकर (uddhav thackeray) ने 31 मई तक राज्य को कोरोना वायरस मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने राज्य के सभी अफसरों के साथ एक विडियो कॉन्फ्रेंस में अफसरों को साफ आदेश दिया है कि 31 मई तक पूरा महाराष्ट्र ग्रीन जोन में आ जाना चाहिए।

दरअसल उद्धव ठाकरे ने विभागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों पालिका आयुक्तों और पुलिस अधिकारियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि चाहे जितनी सख्ती बरतनी पड़े, सभी को अपने- अपने क्षेत्र जल्द से जल्द ग्रीन जोने में लाने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कलेक्टर स्थानीय स्तर पर हर जरूरी फैसला ले सकते हैं, लेकिन कोरोना वायरस को नियंत्रित करने में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सोशल डिस्टेंसिग का कराएं पालन
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गित देने के उद्देश्य से सरकार ने कुछ हद तक अलग-अलग जोन के अनुसार पाबंदियो में ढील जरूर दी है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन खत्म हे गया है और लोगों को घूमने की आजादी मिल गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस और प्रशासन को भीड़ को कंट्रोल करना होगा तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना होगा।

अधिकारी लें कड़े फैसले
उद्धव ठाकरे ने सख्त लहजे में कहा कि कोरोना से निपटने में प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी जितनी मेहनत कर रहे हैं, उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। लेकिन, अब मुझे आने वाले कुछ दिनों के भीतर ठोस रिजल्ट चाहिए। अधिकारी व्यवस्था पालन के लिए सख्त फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं।

31 मई तक ग्रीन जोन में चाहिए महाराष्ट्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन लागू करना आसान था। लेकिन अब असली परीक्षा होगी, जब लॉकडाउन धीरे-धीर खत्म करना है और पाबंदियों में ढील देनी है। मुख्यमंत्री ने अफसरों को साफ शब्दों में कहा कि इस तरह की शिकायतें आ रहीं हैं कि कुछ जिलों में लॉकडाउन का पालन सख्ती से नहीं किया जा रहा है। उद्धव बोले शिकायतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी मुझे हर हालत में 31 मई तक महाराष्ट्र का बहुत बड़ा हिस्सा ग्रीन जोन में दिखना चाहिए।