संजय पाटील : नागपूर मीडिया प्रेस : 7 जुलै 2020 : महाराष्ट्राचे माजी कॅबिनेट मंत्री डी.आर.अनिस अहमद यांनी शनिवारी महाराष्ट्रातील उर्जामंत्री तथा नागपूर जिल्ह्याचे पालकमंत्री डॉ.नितीन राऊत यांची भेट घेतली व लॉकडाऊन कालावधीत तयार होणारी फुगवलेली वीजबिल बिले मागे घेण्याची विनंती केली. महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोगाने (एमईआरसी) १ एप्रिलपासून वीज दरात वाढ केली असून भारतातील साथीच्या आजाराचे दुष्परिणाम पाहता मागे वळावे अशी मागणी डॉ. अहमद यांनी केली.
“अशा परिस्थितीत‘ फुगवलेलं ’वीज बिल महाराष्ट्रातील जनतेला असभ्य धक्का देण्यासारखे आहे,” असे डॉ अहमद म्हणाले. डॉ अहमद म्हणाले, “दिल्ली सरकार असे एक मॉडेल घेऊन आले आहे जिथे २०० युनिट पर्यंतचा वापर मोफत आहे. केरळ सरकार वीज बिलात 50 टक्के मदत देत आहे. मध्य प्रदेश सरकारने घरगुती ग्राहकांच्या जागी वीज कंपनीच्या खात्यात अनुदान स्वरूपात 600 कोटी रुपयांची रक्कम जमा करण्याचे धोरण तयार केले आहे. ”300 युनिट्स वापरण्यापर्यंतची बिले माफ करावीत, बिलाच्या रकमेवर आकारण्यात आलेला अधिभार माफ करावा, जून महिन्यासाठीचे बिल काढून टाकावे व सुधारित बिल द्यावेत आणि बिल न भरणा people्यांचा वीजपुरवठा खंडित करू नये अशी मागणी त्यांनी केली. तसेच, राज्यभरातील त्यांच्या घरातून लहान पॉवरलूम्स सांभाळणा r्या पॉवरलूम कामगारांना कामावर नसल्याने लॉकडाऊनमध्ये सर्वाधिक त्रास सहन करावा लागला.
त्यांचे तीन महिन्यांचे वीज बिल माफ करण्याच्या स्वरूपात त्यांना दिलासा मिळालाच पाहिजे. डॉ. अहमद यांनी अशी मागणी केली की मंत्री आपली चांगली कार्यालये वापरु शकतील आणि केंद्र सरकारची मदत मंजूर करतील ज्यामुळे महाराष्ट्रातील नागरिकांना दिलासा मिळेल. डॉ. राऊत यांनी डॉ.अहमद यांना एक रुग्ण शिकवले आणि त्यांच्या मागण्यांकडे सकारात्मक दृष्टीने विचार करण्याचे आश्वासन दिले.
वीज देयकांबाबत ४० हजार तक्रारी
संजय पाटील : नागपूर मीडिया प्रेस : 7 जुलै 2020 : पुणे : उन्हाळ्यात वाढलेला वीजवापर आणि वीजदरवाढीच्या पाश्र्वभूमीवर टाळेबंदीच्या कालावधीतील वीज देयक वाढल्याने ग्राहकांमध्ये त्याबाबत निर्माण झालेल्या संभ्रमामुळे पुणे परिमंडलात ४० हजारांहून अधिक ग्राहकांनी महावितरणकडे तक्रारी केल्या. मात्र, ग्राहकांचा संभ्रम दूर करण्यासाठी सुरू करण्यात आलेल्या तक्रार निवारण केंद्रांच्या माध्यमातून ९८ टक्के ग्राहकांच्या शंका आणि तक्रारींचे जागेवरच निवारण करण्यात आल्याचा दावा महावितरणकडून करण्यात आला आहे.
टाळेबंदीत बंद केलेले मीटरचे वाचन (रिडिंग) आता बहुतांश भागात सुरू झाले असल्याने एकत्रित वीज देयके ग्राहकांना पाठविण्यात येत आहेत. दरम्यानच्या कालावधीत सरासरीनुसार देण्यात आलेली देयके ग्राहकाने भरली असल्यास स्थिर आकार आणि कर वगळून इतर रक्कम एकत्रित देयकातून वजा करण्यात आली आहे. त्याचप्रमाणे एकूण वीजवापराबाबत वीजदरांच्या टप्प्याचा लाभही ग्राहकांना देण्यात आला आहे. मात्र, याच दरम्यान वीजदरवाढ लागू झाली. त्याचप्रमाणे उन्हाळा आणि टाळेबंदीत बहुतांशजण घरातच असल्याने वीजवापरही वाढला. त्यामुळे वीज देयके वाढीव असल्याबाबत तक्रारी दाखल झाल्या. ग्राहकांचे शंका निरसन करून तक्रारी सोडविण्यासाठी पुणे, पिंपरी-चिंचवड शहरांसह हवेली, खेड, मावळ, जुन्नर, आंबेगाव, वेल्हे आणि मुळशी तालुक्यांमध्ये महावितरणच्या प्रत्येक कार्यालयात तक्रार निवारण कक्ष सुरू करण्यात आला आहे. गेल्या आठवडाभरात पुणे शहरात सुमारे २० हजार ५००, पिंपरी-चिंचवड शहरात ११ हजार २०० आणि हवेली ग्रामीण, खेड, मावळ, जुन्नर, आंबेगाव, वेल्हे व मुळशी तालुक्यांमध्ये ९१०० ग्राहकांनी महावितरणच्या कार्यालयांत जूनच्या वीजबिलासंदर्भात विविध प्रश्न उपस्थित केले होते. त्यापैकी सुमारे ४० हजार तक्रारकर्त्यांच्या शंका निरसन करण्यात आले. उर्वरित सुमारे ८०० ग्राहकांच्या वीज देयकांवर मीटर सदोष असणे, घर बंद असल्याने किंवा अन्य कारणांमुळे मीटर वाचन घेता न येणेआदी कारणे दिसून आलेली आहेत. या तक्रारींच्या निवारणाची कार्यवाही सुरू असल्याचे महावितरणकडून सांगण्यात आले.
स्वत:च वीज देयक पडताळा!
वीज देयकाबाबत तक्रारी आणि शंका दूर करण्यासाठी पुणे परिमंडलात महावितरणने आतापर्यंत १७९ सोसायटय़ांमध्ये प्रत्यक्ष जाऊन तसेच कार्यालयस्तरावर ७४९ वेबिनारचे आयोजन केले आहे. प्रत्येक ग्राहकाला घरबसल्या आपले देयक पडताळून पाहता येते. त्यासाठी https://billcal.mahadiscom.in/consumerbill/ हा दुवा (लिंक) उपलब्ध करून देण्यात आला आहे. ग्राहक क्रमांक दिल्यास टाळेबंदीतील तीन महिन्यांच्या देयकाचा तपशील त्यात उपलब्ध होतो आहे..
कोरोना काल का बिजली बिल करें रद्द
संजय पाटील : नागपूर प्रेस मीडिया : 6 जुलै 2020 : नागपुर. कोरोना संक्रमण लाकडाउन के 3 महीनों के बिजली बिल को रद्द करने और माफ करने की मांग अब विविध पार्टी व संगठनों द्वारा की जा रही है. कांग्रेस सरकार में ही मंत्री रहे अनीस अहमद ने भी ऊर्जामंत्री नितिन राऊत से भेंट कर बिजली बिल माफ करने की मांग की. उन्होंने कहा कि संकटकाल में लोगों के रोजगार व कमाई के स्रोत बंद हो गए. लोगों के वेतन में भारी कटौती की गई. मजदूरों, कामगारों, निजी संस्थानों में नौकरीपेशा लोगों का काम छिन गया ऐसे में ती महीने का बिजली आघात के रूप में उनके सामने आया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि मर्क ने 1 अप्रैल से बिजली दरों में वृद्धि की है जबकि महामारी के परिणाओं को देखते हुए बिजली बिल कम किया जाना चाहिए. उन्होंने केरल, दिल्ली, मध्यप्रदेश सरकारों द्वारा लोगों को बिल में दी गई राहत की तर्ज पर कुछ इकाइयों को बिजली बिल माफ करने की मांग की. साथ ही कहा है कि जो बिल नहीं भर सकते उनके बिजली कनेक्शन नहीं काटे जाएं.
राहत के साथ 10 किश्त की सुविधा
वंचित बहुजन आघाड़ी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मांग की है कि मजदूरों, बीपीएल कार्डधारकों, रिक्शा चालकों, सेलून, दूकानों के नौकरों, पेंटर व अन्य मजदूर वर्ग का कोरोनाकाल का बिजली बिल पूरी तरह माफ किया जाए. जो नौकरीपेशा वर्ग हैं और जिन्हें आधा वेतन मिला है. ऐसे सभी कर्मचारियो के बिल में 300 यूनिट तक की रकम माफ की जाए और शेष रकम को 10 समान किश्तों में जमा करने की सहुलियत दी जाए.
वंचित बहुजन आघाड़ी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मांग की है कि मजदूरों, बीपीएल कार्डधारकों, रिक्शा चालकों, सेलून, दूकानों के नौकरों, पेंटर व अन्य मजदूर वर्ग का कोरोनाकाल का बिजली बिल पूरी तरह माफ किया जाए. जो नौकरीपेशा वर्ग हैं और जिन्हें आधा वेतन मिला है. ऐसे सभी कर्मचारियो के बिल में 300 यूनिट तक की रकम माफ की जाए और शेष रकम को 10 समान किश्तों में जमा करने की सहुलियत दी जाए.
1.50 रुपये युनिट महंगी हुई बिजली
भाकपा नेता अरुण वनकर ने भी शिष्टमंडल के साथ ऊर्जामंत्री राऊत से मुलाकात की और कहा कि महावितरण से साहूकारी तरीके से बिल भेजा है. मार्च से मई महीने के बिल एक ही स्लैब रेट से भेजा गया है. उन्होंने कहा कि नियामक आयोग ने अप्रेल महीने से बिजली बिल का रेट 1.25 से 1.50 रुपये युनिट तक बढ़ा दिया है जिसके चलते बिल में भारी बढ़ोतरी हो गई है. कोरोना लाकडाउन के कारण लोगों के पास पैसे नहीं हैं. उन्होंने मांग की कि रेट वृद्धि वापस ली जाए. जनता को 100 युनिट की छूट दी जाए. बिल को किश्तों में जमा करने की सुविधा दी जाए. उनके साथ अनिल सहारे, ज्ञानदास गजभिये, संजय राउत, दिलीप तायडे, रवि पराते उपस्थित थे.
भाकपा नेता अरुण वनकर ने भी शिष्टमंडल के साथ ऊर्जामंत्री राऊत से मुलाकात की और कहा कि महावितरण से साहूकारी तरीके से बिल भेजा है. मार्च से मई महीने के बिल एक ही स्लैब रेट से भेजा गया है. उन्होंने कहा कि नियामक आयोग ने अप्रेल महीने से बिजली बिल का रेट 1.25 से 1.50 रुपये युनिट तक बढ़ा दिया है जिसके चलते बिल में भारी बढ़ोतरी हो गई है. कोरोना लाकडाउन के कारण लोगों के पास पैसे नहीं हैं. उन्होंने मांग की कि रेट वृद्धि वापस ली जाए. जनता को 100 युनिट की छूट दी जाए. बिल को किश्तों में जमा करने की सुविधा दी जाए. उनके साथ अनिल सहारे, ज्ञानदास गजभिये, संजय राउत, दिलीप तायडे, रवि पराते उपस्थित थे.
हर महीने का अलग बिल दें
एसिक कालोनी समिति के सचिव सचिन पवार ने नागरिकों की ओर से मांग की है कि मार्च से मई तक बिल हर महीने के अलग-अलग दिए जाएं. हर ग्राहक को तीन बिल दिए जाएं. कई ग्राहकों के बिलों से लाकडाउन के दौरान जमा की गई औसत बिल की राशि को घटाया नहीं गया है. जिन ग्राहकों के घर की हर महीने की खपत 80 यूनिट तक रहता है उनके भी हजारों रुपये के बिल आए हैं. बिल का रेट बढ़ा दिया गया, शुल्क बढ़ा दिया गया जिसे रद्द किया जाना चाहिए.
एसिक कालोनी समिति के सचिव सचिन पवार ने नागरिकों की ओर से मांग की है कि मार्च से मई तक बिल हर महीने के अलग-अलग दिए जाएं. हर ग्राहक को तीन बिल दिए जाएं. कई ग्राहकों के बिलों से लाकडाउन के दौरान जमा की गई औसत बिल की राशि को घटाया नहीं गया है. जिन ग्राहकों के घर की हर महीने की खपत 80 यूनिट तक रहता है उनके भी हजारों रुपये के बिल आए हैं. बिल का रेट बढ़ा दिया गया, शुल्क बढ़ा दिया गया जिसे रद्द किया जाना चाहिए.
10 हजार करोड़ पर केन्द्र का ब्याज
भाकपा के सहसचिव अरुण वनकर ने बताया कि ऊर्जामंत्री से भेंट के दौरान उन्होंने जानकारी दी कि केन्द्र सरकार से 10 हजार करोड़ रुपये की मांग की है. लेकिन केन्द्र से वह 10.5 फीसदी ब्याज पर उपलब्ध कराने की बात कह रही है. केन्द्र को कम ब्याज दर में अनुदान देना चाहिए तभी जनता को सहुलियत देना संभव हो पाएगा. आज की स्थिति में राज्य सरकार की आर्थिक हालत खस्ता है और अपने दम पर राज्य सरकार सहुलियत नहीं दे सकती. ग्राहकों को तीन किश्तों में बिल जमा करने की सुविधा दी जा सकती है.
भाकपा के सहसचिव अरुण वनकर ने बताया कि ऊर्जामंत्री से भेंट के दौरान उन्होंने जानकारी दी कि केन्द्र सरकार से 10 हजार करोड़ रुपये की मांग की है. लेकिन केन्द्र से वह 10.5 फीसदी ब्याज पर उपलब्ध कराने की बात कह रही है. केन्द्र को कम ब्याज दर में अनुदान देना चाहिए तभी जनता को सहुलियत देना संभव हो पाएगा. आज की स्थिति में राज्य सरकार की आर्थिक हालत खस्ता है और अपने दम पर राज्य सरकार सहुलियत नहीं दे सकती. ग्राहकों को तीन किश्तों में बिल जमा करने की सुविधा दी जा सकती है.
सीधे मुंह बात नहीं कर रहे बिजली कर्मी
इधर, काफी शिकायतें यह भी मिल रही हैं कि महावितरण के कार्यालयों में अपने बिजली बिल के बारे में जानकारी लेने जाने वालों से कर्मी सीधेमुंह बात नहीं कर रहे हैं. एक ग्राहक ने बताया कि वे अपने बिजली बिल के संदर्भ में समझने गए थे तो कर्मचारी ने बिल देखे बगैर ही कह दिया कि- यह तो आपको जमा करना ही होगा. केवल इसे 3 किश्तों में हम कर सकते हैं. कार्यालयों में भारी भीड़ उमड़ रही है और कोरोना काल में यह खतरनाक हो सकता है.
इधर, काफी शिकायतें यह भी मिल रही हैं कि महावितरण के कार्यालयों में अपने बिजली बिल के बारे में जानकारी लेने जाने वालों से कर्मी सीधेमुंह बात नहीं कर रहे हैं. एक ग्राहक ने बताया कि वे अपने बिजली बिल के संदर्भ में समझने गए थे तो कर्मचारी ने बिल देखे बगैर ही कह दिया कि- यह तो आपको जमा करना ही होगा. केवल इसे 3 किश्तों में हम कर सकते हैं. कार्यालयों में भारी भीड़ उमड़ रही है और कोरोना काल में यह खतरनाक हो सकता है.