Sunday, 19 April 2020

कृष्णा खोपडे भाजपा विधायक ने नागपुर के एक इलाके में सेना की तैनाती की मांग की ; संजय पाटील

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जिल्हाधिकारी रवींद्र ठाकरे यांना निवेदन देताना नगरसेविका आभा पांडे.

संजय पाटील : NBT : नागपुर, 13 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र में भाजपा के एक विधायक ने नागपुर के एक इलाके में सेना की तैनाती की मांग करते हुए दावा किया कि यहां पर कोरोना वायरस के कई मरीज हैं और कई बाशिंदों के तार दिल्ली के निजामुद्दीन में पिछले महीने हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े हैं । नागपुर पूर्व के विधायक कृष्णा खोपडे ने सोमवार को कहा कि उन्होंने निगम आयुक्त से बात की है और सतरंजीपुरा में सेना की तैनाती की मांग की है क्योंकि यहां के निवासियों ने शुरूआती दिनों में कोरोना वायरस की जांच के लिए चलाए गए अभियान के दौरान नगर निगम का सहयोग नहीं किया। खोपडे ने कहा, ‘‘सतरंजीपुरा में कोराना वायरस से संक्रमित कई मरीज मिले हैं। हालांकि, कुछ सप्ताह पहले जब नागपुर नगर निगम ने संक्रमण के लक्षण वाले लोगों का पता लगाना शुरू किया तो बाशिंदों ने सहयोग नहीं किया । अगर उस समय लोगों ने सहयोग किया होता तो आज हम ऐसे हालत का सामना नहीं करते। ’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘सतरंजीपुरा की घनी आबादी वाले इलाके को सेना के हवाले कर देना चाहिए। वह तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को बाहर निकालेगी। मैंने इस बारे में निगम आयुक्त से बात की है और सेना की तैनाती की मांग की है । ’’ बहरहाल, नागपुर नगर निगम ने सोमवार को राजीव गांधी नगर, नागपुर वार्ड नंबर-तीन, आशी नगर जोन-तीन और वार्ड नंबर पांच को ‘निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित किया और संक्रमण रोकने के लिए इन इलाकों को सील कर दिया।

सतरंजीपुऱ्यात सीआरपीएफ तैनात करा

नागपूर : करोना हॉटस्पॉट ठरलेल्या सतरंजीपुरा परिसरात आतापर्यंत ६७ पॉझिटिव्ह रूग्ण आढळले आहेत. त्यामुळे येथील नागरिकांना मोठ्या संख्येत विलगीकरणासाठी नेण्यात येत आहे. परिणामी याच भागातील इतर नागरिकांमध्ये संताप वाढत आहे. याचा संपूर्ण इतवारी परिसराला बसत आहे. त्यामुळे या संपूर्ण भागात तातडीने सीआरपीएफ तैनात करण्याची मागणी प्रभागाच्या ज्येष्ठ नगरसेविका आभा पांडे यांनी जिल्हाधिकारी रवींद्र ठाकरे यांना निवेदनातून केली.
सतरंजीपुरा भागातील नागरिकांच्या संपर्कात आलेल्यांचे प्रमाण वाढत आहे. नागरिकांना मनपा, पोलिस विलगीकरणसाठी नेत आहेत. त्यामुळे त्यांच्यातील संताप वाढत आहे. हा भाग कंटेनमेन्ट झोन असूनही इतवारी बाजारपेठेत लोक खरेदीसाठी येत आहेत. परिणामी सतरंजीपुऱ्याच्या आसपासच्या परिसरात असुरक्षिततेची भावना वाढत आहे. त्यामुळे येथे पोलिस बंदोबस्त वाढवावा, असे निवेदन पांडे यांनी जिल्हाधिकाऱ्यांनी दिले आहे. गेल्या काही दिवसांत इतवारीतील अनेक दुकानेही सुरू झाली आहेत. त्यामुळे गर्दीत वाढ होत आहे. सतरंजीपुऱ्यासह शहरातील अनेक भागात चोख कर्तव्य बजावणाऱ्या पोलिस, आशा कर्मचारी, मनपा कर्मचारी, डॉक्टर्स, परिचारिका आदींना पुरस्कृत करण्यात यावे, असेही पांडे यांनी नमुद केले आहे.

बिना भेदभाव सभी की मदद करें, कुछ लोगों की गलती पर पूरे समुदाय को जिम्मेदार न ठहराएं: भागवत


नागपुर, 26 अप्रैल (भाषा) : NBT: देश में कोरोना वायरस संकट के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि कुछ लोगों की गलतियों के लिए पूरे समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि संकट की इस घड़ी में बिना भेदभाव सभी की मदद की जानी चाहिए। संघ प्रमुख ने आगाह करते हुए कहा कि भारत के हितों की विरोधी शक्तियों को स्थिति का लाभ उठाने का अवसर नहीं दिया जाना चाहिए। उनकी टिप्पणियां तबलीगी जमात के सदस्यों से जुड़ी घटनाओं के संदर्भ में आई हैं जिसका दिल्ली स्थित केंद्र कोरोना वायरस का एक बड़ा हॉटस्पॉट बनकर उभरा है। यहां से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं के नाम अपने पहले ऑनलाइन संबोधन में भागवत ने कोविड-19 से उबरने के बाद देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अर्थव्यवस्था के ‘स्वदेशी मॉडल’ की वकालत भी की। संघ प्रमुख ने महाराष्ट्र के पालघर में हाल में दो साधुओं की पीट-पीटकर की गई हत्या की निन्दा की और पूछा कि पुलिस घटना को रोकने में क्यों विफल रही। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई डर या गुस्से की वजह से कुछ गलत करता है तो हमें पूरे समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए या उसे अलग-थलग नहीं करना चाहिए।’’ उनकी इस टिप्पणी को तबलीगी जमात के सदस्यों से जुड़ी हाल की घटनाओं के संदर्भ में देखा जा रहा है। संकट की इस घड़ी में दूसरे लोगों की धैर्य के साथ सहायता करने और डर या गुस्से की किसी भावना से बचने की आवश्यकता पर जोर देते हुए भागवत ने कहा कि कुछ भारत विरोधी मनोवृत्ति के लोग हैं जो संदेह उत्पन्न कर रहे हैं और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लागू लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों के खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं। भागवत ने कहा कि ऐसे समय में राजनीति भी बीच में आ जाती है, ‘‘लेकिन हमें प्रतिक्रिया नहीं करनी है और हर किसी की मदद कर अपना राहत कार्य जारी रखना है क्योंकि सभी 130 करोड़ भारतीय भारत मां की संतान हैं और वे हमारे अपने हैं।’’ संघ प्रमुख ने कहा कि इस संकट के बाद राष्ट्र निर्माण का एक नया चरण शुरू किया जाएगा और ‘‘हमें विकास के अपने नए मॉडल के साथ आना होगा जो हमें आत्मनिर्भर बनाए।’’ आने वाले दिनों में ‘स्वदेशी’ की पैरवी करते हुए भागवत ने लोगों से आग्रह किया कि वे स्वदेशी वस्तुओं का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें और आयातित सामान के इस्तेमाल के बिना रहने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति से निपटने और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए राष्ट्र प्रथम की बात करने वाली राजनीति और नागरिकों को संस्कार तथा सर्वश्रेष्ठ व्यवहार उपलब्ध कराने वाली शिक्षा प्रणाली अनिवार्य हैं। संघ प्रमुख ने कहा कि पारिवारिक मूल्य, स्वच्छता, पर्यावरण चिंता और ऑर्गेनिक खेती कोविड-19 के बाद की दुनिया का नया क्षितिज होंगे जहां न केवल सरकार और प्रशासन, बल्कि समाज को भी विशेष प्रयास करने होंगे। पालघर की घटना पर रोष व्यक्त करते हुए भागवत ने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखना प्रशसन का दायित्व था। उन्होंने कहा, ‘‘मानवता की कुशलक्षेम की कामना करने वाले संन्यासियों की पालघर में बर्बरता से हत्या की गई। पुलिस क्या कर रही थी? इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए थी।’’ आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संघ दोनों साधुओं को 28 अप्रैल को श्रद्धांजलि देने के लिए अन्य संगठनों के साथ है। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके चालक की 16 अप्रैल को भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। यह रेखांकित करते हुए कि राहत गतिविधियों के रूप में आरएसएस लॉकडाउन के दौरान सक्रिय है, भागवत ने कहा, ‘‘हमें महामारी के खिलाफ लड़ाई समाप्त होने तक राहत कार्य जारी रखना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि पूरा विश्व देख रहा है कि आरएसएस के कार्यकर्ता लोगों की मदद कर रहे हैं, लेकिन ‘‘हम यह राहत कार्य प्रसिद्धि के लिए नहीं कर रहे, हम यह कार्य अपने दायित्व के रूप में कर रहे हैं।’’ भागवत ने कहा कि भारत महामारी से प्रभावी ढंग से निपटा है क्योंकि सरकार और लोगों ने आगे बढ़कर कार्य किया है।

भेदभाव बिना सबकी मदद करें, देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करें: भागवत ने कोरोना संकट पर कहा


नागपुर, 26 अप्रैल (भाषा) देश में कोरोना वायरस के संकट के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि भारत के हितों की विरोधी ऐसी ताकतों के खिलाफ सतर्क रहने की जरूरत है जो स्थिति का फायदा उठाना चाहती हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रभावित सभी लोगों की मदद भेदभाव के बिना की जानी चाहिए और देश के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम किया जाना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के कार्यकर्ताओं के नाम ऑनलाइन संबोधन में कहा, ‘‘हमें धैर्य और शांति से काम करना होगा। कोई भय या गुस्सा नहीं होना चाहिए क्योंकि भारत विरोधी मनोवृत्ति रखनेवाले लोग इसका इस्तेमाल देश के खिलाफ कर सकते हैं।’’ संघ प्रमुख ने संभवत: तबलीगी जमात के लोगों से जुड़ी घटनाओं के संदर्भ में कहा कि यदि किसी ने कुछ गलत किया है तो हर किसी को अपराधी न मानें। कुछ लोग इसका दुरुपयोग करना चाहते हैं। भागवत ने संघ कार्यकर्ताओं से बिना भेदभाव लोगों की सेवा करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिन्हें भी सहायता की आवश्कता है, ‘‘वे हमारे अपने हैं।’’ आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘संकट की इस घड़ी में सहायता करना हमारा दायित्व है। सभी 130 करोड़ भारतीय अपने हैं।’’ यह उल्लेख करते हुए कि राहत गतिविधियों के रूप में आरएसएस लॉकडाउन के दौरान सक्रिय है, भागवत ने कहा, ‘‘इस महामारी का खतरा पूरी तरह खत्म होने तक हमें राहत कार्य जारी रखने चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने इस महामारी का सामना प्रभावी ढंग से किया है क्योंकि सरकार और लोगों ने आगे बढ़कर काम किया है। संघ प्रमुख ने कहा कि विकास का नया मॉडल होना चाहिए जो भारत को आत्मनिर्भर बनाए।उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक संभव हो, लोगों को स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करना चाहिए।’’


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I AM POST GRADUATED FROM THE NAGPUR UNIVERSITY IN JOURNALISM

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